ऑफिस प्रेजेंटेशन और अफ्रीकन का मूसल लंड- 2

अंजलि शाह

10-07-2024

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देसी गर्ल अफ्रीकन पोर्न कहानी में एक नीग्रो क्लाइंट को खुश करने के लिए मुझे उसके रूम में भेजा गया था. इतना बड़ा लंड मैंने पहली बार देखा था. मेरी चूत गांड फट गयी.


यह कहानी सुनें.


दोस्तो, कैसे हैं आप सब!


मैं आपकी अंजलि अब आगे का किस्सा बताने फिर से आ गई हूं.


जैसा कि मैंने कहानी के पिछले भाग अफ्रीकन क्लाइंट के साथ एक रात में बताया था कि कार्ल के साथ धमाकेदार चुदाई के बाद हम दोनों एक दूसरे की बांहों में ही सो गए.


अब आगे देसी गर्ल अफ्रीकन पोर्न कहानी:


अचानक आधी रात को मुझे अपनी चूत में कुछ महसूस होने लगा. मैंने आंखें खोलीं तो दिखा कि कार्ल मेरे पैरों के बीच बैठा है और मेरी चूत से खेल रहा है.


मैंने उसे देखा और बोली- हेय कार्ल! उसने मुझे देखा और हाय बोला.


उसी पल उसने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगा.


उसकी जीभ मेरे चूत की होंठों को चाट रही थी. वह मेरी चूत के होंठों को अपने दांतो से खींच रहा था.


मुझे भी मजा आ रहा था.


वह ऐसे ही मेरी चूत देर तक चाटता रहा और मैं ‘ओ….ह … आह …’ करती रही.


फिर वह अपने अंगूठे से मेरी गांड की छेद पर रगड़ने लगा. मुझे थोड़ी तकलीफ हो रही थी.


वह फिर से तेजी से मेरी चूत चूसने लगा और इस बार उसने अपनी दो उंगलियां मेरी गांड में घुसा दीं. वह अपनी उंगलियों से ही गांड चोदने लगा.


मैं उसके हर धक्के का मजा ले रही थी.


तभी अचानक उसने चूत चाटना बंद कर दिया और उंगलियां भी निकाल लीं.


मैं जोर से चीखी- रुक क्यों गया बहनचोद?


वह हंसने लगा और जोर से चांटा मेरे चूचों पर मारकर बोला- चल उठ कुतिया और लंड चूस मेरा. और वह मेरे बगल में लेट गया.


मैं भी उठी और उसका लंड जो अभी आधा तना हुआ था, मैं मुँह में लेकर चूसने लगी.


धीरे धीरे उसका लंड तनने लगा और कुछ ही देर में वह नाग लगभग 11 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा हो गया.


वह मजे में था और बोल रहा था- आह चूस बहन की लौड़ी … आह… चूस … अच्छे से … मेरी कुतिया.


तभी अचानक मैंने उसका लंड बाहर निकाल दिया.


वह जोर से चीखा- मादरचोद रण्डी चूस न इसे! मैंने कहा- ठहरो यार!


मैं वहां से उठ कर उसके सिर पर बैठ गई.


मैं अपनी चूत उसके मुँह पर खोल कर बैठ गई और नीचे मुँह करके उसका लंड चूसने लगी. मैं बोली- चल मादरचोद … अब चूत चाट मेरी!


वह भी चाटने लगा. हम दोनों 69 पोजीशन में थे.


फिर उसने मेरा सर अपने लंड पर दबा दिया और मुँह में चोदने लगा.


उसका लंड मेरे गले तक चोट कर रहा था. मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी और वह मुझे छोड़ ही नहीं रहा था.


मैं उसके चेहरे पर बैठ गई. ये शायद उसने सोचा नहीं था और मेरा सर छोड़ दिया. उसने पहले मेरी गांड पर एक चांटा मार और साथ ही एक घूंसा भी मार दिया.


मुझे काफी दर्द हुआ और मैं उसके सामने गिर गई.


उसने मुझे फिर से खींच कर नीचे उतारा और बिस्तर पर झुका दिया. मेरी चूत उसके सामने थी और पूरी खुल गई थी.


उसने मेरी कमर को कस कर पकड़ रखा था. मुझे लगा कुतिया बना कर मेरी चूत मारेगा.


मैं ये सोच ही रही थी कि उसने अपना लंड जोर से मेरी गांड में घुसा दिया.


उसने मेरी कमर को इतना कस कर पकड़ रखा था कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी.


मैं दर्द से चीखी- बहनचोद तूने मेरी गांड फाड़ डाली! वह हंसते हुए बोला- अभी कहां फाड़ी है … अभी तो सिर्फ एक चौथाई ही अन्दर गया है!


यह कहकर वह मुझे जोर जोर से चोदने लगा.


मुझे काफी दर्द हो रहा था और मैं उससे गुहार करने लगी- छोड़ दो मुझे … प्लीज … बहुत दर्द हो रहा है!


पर वह सुन ही नहीं रहा था बल्कि अब तो वह और जोर से चोदने लगा.


उसका आधा लंड गांड में घुसा हुआ था. दर्द से मेरी आंखों से आंसू बह रहे थे और वह जानवर की तरह चोद रहा था.


उसने थोड़ा लंड बाहर खींचा और जोर से गांड में घुसा कर हंसने लगा.


मुझे लगा कि उसके लंड का कुछ ही हिस्सा मेरी गांड से बाहर है.


दर्द की वजह से मैं बेहोश होते होते बची.


वह धीरे धीरे अन्दर बाहर कर रहा था. मेरा दर्द भी अब कम हो गया था तो मैं भी मजे लेने लगी.


तभी मैं चीखी- धीरे धीरे क्यों चोद रहा है मादरचोद … स्पीड तेज कर!


यह सुनते ही वह खुश हो गया और तेजी से मेरी गांड मारने लगा.


मैं भी मजे लेती हुई झड़ गई. मेरा रस जांघों से होता हुआ पैरों में गिर रहा था.


वह जानवर हो गया था और लगातार मेरी गांड पर चांटे मार रहा था.


मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मजे में सब भूल गई.


ऐसे ही मेरी गांड चोदते हुए वह चीखा- आह मैं झड़ने वाला हूं अब!


उसने अपना लंड मेरी गांड में से निकाल लिया. मुझे घुटनों के बल बिठा कर लंड मेरे मुँह में डालकर चोदने लगा.


एक मिनट बाद वह रुक गया और झड़ने लगा.


ढेर सारा वीर्य उसने मेरी मुँह में छोड़ दिया. वह इतना ज्यादा माल था, जिसकी कुछ बूंदें मेरे गले और चूचों पर भी गिरी थीं.


तभी वह बोला- रण्डी कुतिया चाट जा इसे … एक भी बूंद नीचे नहीं गिरना चाहिए.


मैं भी उसका सारा वीर्य जो गले और चूचों पर था, मजे से चाट गई.


मुझे अपनी गांड में काफी दर्द हो रहा था. मैं बोली- कार्ल तुमने मेरी गांड पर बहुत जोर से मारी है. बड़ा दर्द हो रहा है. वह बोला- घबराओ नहीं, अभी ठीक करता हूं.


अब मुझे पेट के बल लिटा कर वह मेरी गांड को ऊपर से चूमने और चाटने लगा.


मुझे काफी अच्छा लग रहा था. तभी मैंने महसूस किया कि मेरे गांड का छेद थोड़ा ज्यादा फैल गया है.


वह अभी भी चाट रहा था और मैं थकान के चलते उसी के आगोश में सो गई.


ठहरो दोस्तो, अभी सुबह नहीं हुई है.


तब तक मर्द लंड हिलाकर और लड़कियां चूत में डिल्डो डाल कर अपना पानी निकाल सकती हैं.


जैसा कि गांड चुदाई के बाद हम दोनों सो गए थे.


सुबह करीब 8 बजे मेरी नींद खुली. तो मैंने मोबाइल देखा.


उसमें जॉन का मैसेज था और उसने सुबह 11 बजे तक मुझे दफ्तर आने को कहा था.


मैंने कार्ल को देखा, वह सीधा सो रहा था. मैंने उसके लंड को देखा जो पूरा तना हुआ नहीं था … फिर भी 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था.


फिर मैं उसके लंड से खेलने लगी और वह तनने लगा. मैं उसे मुँह में लेकर चूसने लगी.


तभी कार्ल ने आंखें खोलीं और मुझे देखकर हाई बोला.


मैंने भी गुड मॉर्निंग कहा और उसके चेहरे पर जाकर उसके होंठ चूसने लगी. उसने भी मेरे कंधों को पकड़ा और होंठ चूसने लगा.


मैंने मुँह खोला और अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर जीभ लड़ाने लगी.


हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे और मैं उसके सीने पर हाथ से रगड़ रही थी.


मैंने उसके निप्पल को पकड़ा और मसल दिया. यह उसे काफी अच्छा लगा.


मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर से हटा लिए तो वह भी उठने लगा.


तब मैंने उसे धकेल कर लिटाया और बोली- अब मेरी बारी है, तुम सिर्फ मजा लो! वह लेट गया और मैं उसके बड़े और काले निप्पल से खेलने लगी.


अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. उसे मजा आने लगा और वह बोला- हां औंजा…ली आह और तेज चूसो इसे आह!


मैंने एक निप्पल को दांतों में दबा दिया और एक हाथ से उसके लंड को पकड़ लिया.


अब मैं उसके दूसरे निप्पल को चूसने लगी और हल्का सा काट दिया. उसे अच्छा लगा.


तभी मैं नीचे बढ़ी और उसके नाभि को चूमने और चूसने लगी. एक हाथ से उसके लंड को रगड़ रही थी.


वह बस सिसक रहा था ‘उफ्फ … आह्ह्ह हां औं….जाली आह्ह्ह …’


अब मैं उसके पैरों के बीच में बैठ गई. मैंने उसके लंड को पकड़ा और उसे ऊपर उठा कर नीचे उसके आंड को चाटने लगी.


वह बोला- आह हां … चाट इसे आह्ह साली रण्डी … तेरे जैसी लंड चूसने वाली कुतिया मैंने आज तक नहीं देखी आह्ह … और तेज चूस इसे!


फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड में घुसा दी. तो वह तड़पने लगा- आह्ह्हज … हां हां ऐसे ही!


मैं उसकी दोनों टांगों को हवा में उठा कर उसकी गांड को देखने लगी.


नीचे जाकर मैंने उसकी गांड के छेद को चाटा. वह गुदगुदी से मस्त होने लगया.


मैंने कार्ल से कहा- अपनी टांगों को खुद पकड़ो और हवा में किए रहो. उसने अपनी दोनों टांगों को हवा में फैला दिया.


मैं अब अपनी दो उंगलियां उसकी गांड में घुसा कर चोदने लगी.


वह काफी मजे में था. मैंने उसे छोड़ कर पैरों को नीचे कर दिया.


उसका लंड बिल्कुल सीधा तना हुआ खड़ा था. मेरी चूत भी बह रही थी.


मैं उसके लंड पर बैठी तो उसने मुझे कंधे से दबा दिया और उसका लंड एक झटके में ही अन्दर चला गया और सीधे जाकर बच्चेदानी पर लगा.


मुझे इतने बड़े और मोटे लंड से हल्का सा दर्द हुआ लेकिन खुश भी थी कि मैं इतना बड़ा लंड खा गई.


फिर मैं उसके लंड पर कूदने लगी. मुझे महसूस हुआ कि मेरे गांड के कोने पर बार बार चोट लग रही है और मेरी चूत उसके लंड के हर हिस्से को रगड़ रही है.


यह एक अलग किस्म का अहसास था.


अब मैं काफी तेजी से कूदने लगी और अपने चरम पर पहुंच गई.


तभी अचानक से मैं झड़ गई, ढेर सारा रस मेरी चूत से बहने लगा.


मैंने देखा कि सारा रस उसके लंड पर लग गया है और बहता हुआ उसकी गांड में जा रहा है.


कार्ल ने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे होंठों को चूमने लगा.


इस बीच पता ही नहीं चला कि कब उसने अपना लंड मेरी चूत में से निकाल लिया.


उसने अपने लंड को मेरी गांड पर सैट कर दिया और अचानक से अन्दर घुसा दिया.


चूंकि उसका लंड मेरे वीर्य से काफी चिकना हो गया था इसलिए एक झटके में ही अन्दर चला गया.


मुझे भी उसका यह अंदाज पसंद आया.


उसका लंड अभी भी पूरा अन्दर नहीं जा रहा था, अभी भी कुछ हिस्सा बाहर ही था.


फिर उसने मुझे अपनी ओर खींचा और झुककर मेरे एक दूध को मुँह में ले लिया.


वह दोनों मम्मों को बारी बारी से अपने दांतों से चबाने लगा और नीचे से मेरी गांड मारने लगा. मुझे भी मजा आ रहा था.


तभी उसने अपनी स्पीड तेज कर दी और मेरी गांड में ही झड़ गया.


मैं उसके कंधों पर गिर गई. उसका लंड अभी भी मेरी गांड में ही था और उसने मुझे कसकर पकड़ रखा था.


मैं बोली- कार्ल मुझे 11 बजे तक दफ्तर पहुंचना है. कार्ल- घबराओ मत मेरी जान, मैं उधर ही जा रहा हूं, तुम्हें भी छोड़ दूंगा.


मैं- मुझे पहले गेस्ट हाउस जाना है अपना लैपटॉप और बाकी सामान लेने के लिए! कार्ल- ठीक है, पहले तुम्हें गेस्ट हाउस छोड़कर मैं दफ्तर चला जाऊंगा.


असल में मैं अपने कपड़े बदलना चाहती थी क्योंकि मैं इस गाउन में दफ्तर नहीं जाना चाह रही थी.


ठहरो दोस्तो, अभी कहानी खत्म नहीं हुई.


ऐसा आपको लग रहा होगा लेकिन अभी यहां और मजा आने वाला है.


फिर हम दोनों उठ गए मेरी गांड से उसका वीर्य बहने लगा. मैं भाग कर स्नानागार में गई.


उफ्फ … क्या शानदार बाथरूम था यार … जकूजी और बाथटब के साथ.


पहले मैंने खुद को साफ किया, फिर पेट खाली किया.


जैसे ही फ्लश दबाया मैंने तो गुलाब की खुशबू सी गंध आने लगी.


मुझे भी थोड़ी मस्ती छाने लगी.


तभी कार्ल भी अन्दर आ गया और बोला- और मेरी जान … फ्रेश हो ली? मैंने भी कहा- हां.


उसने कहा- चलो साथ में स्नान करते हैं. मैंने भी कहा. ओके जान.


फिर मैं टब में बैठ गई. उसने कई प्रकार की खुशबू टब में मिला दीं.


वह भी अन्दर आ गया, हम दोनों एक दूसरे के सामने थे. उसने जकुजी से गर्म भाप का पानी चालू किया.


तभी मुझे अपनी चूत पर कुछ महसूस हुआ. मैंने देखा वह अपने अंगूठे से मेरी चूत रगड़ रहा है.


मेरी बांहों से खींच कर उसने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया. उसका हथियार फिर से खड़ा होने लगा.


मेरा सर उसके कंधे पर था. मैंने मस्ती में आंखें बंद कर ली थीं.


उसने फोम लिया और मेरे बूब्स पर रगड़ने और उन्हें दबाने लगा.


पहले उसने मेरे निप्पल को खींचा, फिर चूत को दबाने लगा … फिर अपनी दो उंगलियां चूत में डाल दी.


मैं- उफ्फ कार्ल … हम तीन बार चुदाई कर चुके हैं. तुम्हारा मन अभी भी नहीं भरा है! कार्ल- नहीं जान!


मैं- कहां से इतनी ताकत आती है तुम में? कार्ल- मैं काफी मात्रा में मांस खाता हूं इसलिए इतनी ताकत है मुझमें. मैं सारे दिन और रात तुम्हें चोद सकता हूं.


फिर उसने मुझे खड़ा करके मेरी चूत और गांड को धोकर साफ किया.


मेरी चूत सूंघते हुए बोला- काफी अच्छी खुशबू है इसमें! मैं शर्मा कर रह गई.


वह अपनी जीभ से चूत चाटने लगा. वह मेरे नीचे के होंठों को चूस रहा था; कभी कभी काट भी लेता उस पर! मैं सिसकार रही थी- आह्ह … चाट कुते अच्छे से … साले … बहनचोद!


वह मेरी गांड पर चांटे मारने लगा जिससे मुझे जलन हो रही थी. पर अच्छा भी लग रहा था.


अब वह मेरी चूत को एक बच्चे की तरह खाने लगा. तभी अचानक उसने मेरी गांड पर चांटा मारा और मैं झड़ गई.


वह अभी भी चाट रहा था और सारा रस पी गया. उसका लंड अब पूरा कड़क हो गया था.


उसने मुझे घुमाकर खड़ा किया और अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया.


उसका लंड आसानी से चला गया क्योंकि वह मेरे रस से काफी चिकना हो गया था.


कार्ल मेरी बांहों को पीछे खींच कर मुझे चोदे जा रहा था.


मुझे बांहों में दर्द होने लगा लेकिन मैं चुदाई का मजा ले रही थी.


कुछ देर बाद मुझे झुकाकर वह कुत्ते की तरह चोद रहा था.


उसका लंड अभी भी काफी तना हुआ था और बार बार मेरी बच्चेदानी पर चोट कर रहा था.


वह मुझे गाली दे रहा था- रण्डी मादरचोद बहुत मस्त है तू … आह और ले … ले साली! अचानक उसने अपना लंड चूत में से निकाल कर मेरी गांड में एक झटके में ही घुसा दिया और अब वह गांड मारे जा रहा था.


मेरे बूब्स हवा में झूल रहे थे. उन्हें देख कर वह बोला- छिनाल रण्डी साली … तेरे बूब्स बहुत सुंदर हैं. मैं हमेशा इन्हें चूसना चाहूंगा!


मैं मजा लेती रही और वह मेरी गांड में ही झड़ गया.


इसके कुछ ही समय बाद उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और मुझे घुटनों पर बिठा कर सारा माल मेरे चेहरे पर गिरा दिया.


कुछ मेरे बालों पर भी गिरा.


अबकी बार उसके लंड पर काफी गाढ़ा और सफेद वीर्य था.


मैंने तुरंत ही उसका लंड मुँह में ले लिया और आखिरी बूंद तक चाट गई.


फिर हमने साथ में शॉवर लिया. उसने एक अच्छे से तौलिए से मुझे पौंछा और हम दोनों साथ में बाहर निकल आए.


मैं अपनी पैंटी ढूंढने लगी. मैंने देखा कि वह फट चुकी थी, तो मैंने उसे छोड़ दी.


सबसे पहले मैंने अपनी जूती पहनी फिर गाउन पहना, अपने बालों को सुखाया और कुछ मेकअप लगाया.


उसने भी एक भूरे रंग का सूट पहना. अब एक सभ्य व्यक्ति लग रहा था.


लेकिन यह सिर्फ मैं जानती थी कि कल सारी रात ये जानवर था.


फिर हम दोनों रूम से बाहर निकल गए और लिफ्ट तक पहुंचे.


एक सभ्य व्यक्ति की तरह उसने मुझे पहले चलने का आग्रह किया.


जब हम नीचे पहुंचे तो मैंने देखा कि हर व्यक्ति मुझे ही घूर रहा है.


मैंने उसकी बांह को पकड़ रखा था.


कार्ल ने अपनी गाड़ी मंगाई. वह लिमुसिन कार थी.


कार्ल ने दरवाजा खोल पहले मुझे बिठाया और मेरा गाउन उठा कर अन्दर किया.


चालक ने दूसरी ओर का दरवाजा खोला और उस तरफ से कार्ल बैठा.


मैंने देखा कि हमारी सीट और चालक के बीच एक कांच की दीवार थी जिस पर पर्दा लगा था. एक छोटा सा बार भी था.


मैं ऐसी आलीशान कार देखकर काफी खुश हो गई.


तभी कार्ल ने फोन से चालक से कहा- पहले गेस्ट हाउस जाना है, फिर माइक्रोसॉफ्ट के दफ्तर.


कार्ल मेरे पास सरक आया और मेरे एक दूध को दबाने लगा और दूसरे को चूसने लगा. उसका एक हाथ मेरी चूत में था.


वह इतनी जोर से चूस रहा था जैसे आज ही उसका सारा दूध पी जाएगा.


सारे रास्ते वह मेरे जिस्म को ऐसे मसलता रहा, जैसे मैं कोई खिलौना हूं.


जैसे ही गेस्ट हाउस आया तो चालक ने सूचित किया.


फिर उसने कार्ल का दरवाजा खोला.


कार्ल ने मुझे उतारा और एक जोरदार किस देकर चला गया.


मैं गेस्ट हाउस में गई तो वह बिल्कुल खाली था. वहां सिर्फ एक नौकर था.


मैंने उससे कुछ नाश्ता और कॉफी लाने को कहा. वह जल्द ही नाश्ता और कॉफी ले आया.


तब तक मैंने भी अपनी सफेद शर्ट और काली पैंट पहनी और जूते पहने. फिर तैयार हो गई.


अपना नाश्ता खत्म करके मैंने नौकर से कार मंगाई और दफ्तर के लिए निकल गई.


वहां मैंने जॉन के कमरे का दरवाजा खटखटाया.


तो उसने अन्दर आने को कहा.


मैंने देखा कि कार्ल पहले से ही मौजूद है. मुझे देख कर वह बोला- लो खूबसूरती और होशियारी एक साथ आए हैं. मैं हंस पड़ी.


जॉन ने मुझे दो लाख डॉलर चेक दिखाया और बोला- ये तुम्हारी वजह से हमें दुगनी रकम मिली है.


कार्ल का कहना है कि तुम इस कंपनी में उसकी पूंजी हो, इसलिए तुम यहां से कहीं मत जाना!


तभी कार्ल अपनी जगह से उठा और हाथ मिलाकर बोला- तुम्हारे साथ काम करके काफी अच्छा लगा. मैंने हंसते हुए जवाब दिया- मुझे भी!


फिर वह चला गया.


जॉन ने कहा कि मैंने अपने सचिव से कहकर तुम्हारे लिए हवाई जहाज से बोस्टन जाने की व्यवस्था करा दी है.


उसने मुझे बोनस के रूप में 20000 डॉलर का चेक दिया.


मैं वह चेक लेकर काउंटर पर गई, जहां मैंने कंपनी का प्लैटिनम कार्ड जमा किया और जो कपड़े खरीदे थे … उनके बिल भी.


अपना सामान और वह चेक लेकर मैं बोस्टन आ गई. ये मेरी एक छोटी सी यात्रा थी न्यू यॉर्क के दफ्तर के कार्य हेतु. जो शुरू से अंत तक काफी मजेदार रही.


दोस्तो, प्लीज बताइएगा जरूर कि देसी गर्ल अफ्रीकन पोर्न कहानी पढ़ते समय आपके लंड और चूत ने कितनी बार पानी छोड़ा. बाय बाय. अंजलि [email protected]


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