ऑफिस प्रेजेंटेशन और अफ्रीकन का मूसल लंड- 1

अंजलि शाह

09-07-2024

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इंडियन लड़की नीग्रो पोर्न कहानी में मैं अपना प्रेजेंटेशन देने गयी तो हमारा क्लाइंट अफ्रीकी था. उसने मुझे रात को डिनर के लिए इनवाईट किया. मैं इसका मतलब समझती थी.


यह कहानी सुनें.


दोस्तो, कैसे हैं आप सब! मैं आपकी अंजलि अपनी कहानी लेकर हाजिर हूं.


ट्रेन में अनजान लोगों संग फोरसम सेक्स के अगले भाग के साथ.


सभी मर्द अपना लंड पकड़ कर और लड़कियां चूत में उंगली डालकर ही इस इंडियन लड़की नीग्रो पोर्न कहानी को पढ़ें. ये मेरी पिछली सेक्स कहानी ट्रेन में चुदाई का अगला भाग है.


उस दिन मैं समय पर दफ्तर पहुंच गई थी. बॉस मुझे देख बहुत खुश थे, उन्होंने मुझे कॉन्फ्रेंस हॉल में चलने को कहा.


मैंने प्रोजेक्टर को लैपटॉप से जोड़ा और अपना प्रेजेंटेशन देने की तैयारी कर ली.


करीब दस मिनट बाद मेरे बॉस मिस्टर जॉन एक हट्टे-कट्टे काले इंसान के साथ आए. उसने फॉर्मल ड्रेस पहना था.


जॉन ने उसका परिचय कराया- ये मिस्टर कार्ल हैं कोलंबिया से!


वह देखने में काफी बड़ा था. उसका कद 6 फीट 8 इंच का था और काफी तंदुरुस्त भी था. उसकी उम्र 40 से ज्यादा नहीं थी.


मैं उसके सामने बिल्कुल बेबी डॉल लग रही थी. मैंने भी अपना परिचय दिया कि मैं इस प्रोजेक्ट की हेड अंजलि.


‘हैलो मि. कार्ल’ कहते हुए मैंने उससे हाथ मिलाया. उसके हाथ काफी मजबूत वा सख्त थे.


हाथ मिलाते हुए उसने कहा- औंजिली, मुझे सिर्फ कार्ल कहो और कुछ नहीं! मैंने भी जवाब में कहा- ठीक है कार्ल!


वह मेरी चूचियों के उभार देखते हुए बोला- तुम बिल्कुल गुड़िया जैसी खूबसूरत हो. मैं हंस कर रह गई.


फिर मैंने अपना प्रेजेंटेशन शुरू किया. लगभग डेढ़ घंटे तक मैं प्रोजेक्टर के साथ खड़ी रही.


वहीं कार्ल ने मुझसे ढेरों सवाल पूछे. मैंने भी पूरे विश्वास के साथ सभी का जवाब दिया.


अपना काम खत्म करके मैं बॉस के सामने बैठ गई.


तभी कार्ल उठा और मुझसे हाथ मिलाते हुए बोला- बहुत अच्छा प्रेजेंटेशन था! फिर वे दोनों बाहर निकल गए.


करीब 15 मिनट बाद जॉन ने मुझे अपने दफ्तर में बुलाया और कहा कि वह तुम्हारे काम से बहुत खुश हुआ है और कल एक लाख डॉलर का चेक देने वाला है. आज रात तुम्हें भी खाने पर बुलाया है. मैंने जॉन से कहा- मैं अपने साथ कोई कपड़े नहीं लाई हूं, सोचा था कि शाम की ट्रेन पकड़कर बोस्टन लौट जाउंगी.


जॉन ने कहा- ऐसे अवसर गंवाने नहीं चाहिए और कपड़ों की परवाह मत करो. अभी जाकर शाम के लिए कुछ नए कपड़े खरीद लो … इसका बिल कंपनी देगी. अकाउंट से कंपनी का क्रेडिट कार्ड ले लो मैं मंजूरी देता हूं. तुम गेस्ट हाउस में जाकर तैयार रहना, ठीक रात 9 बजे तुम्हें रिट्ज कार्लटन पहुंचना है.


मैंने एकाउंट विभाग से माइक्रोसॉफ्ट का प्लैटिनम कार्ड लिया, अपना लैपटॉप व बाकी सामान गेस्ट हाउस में रखकर मॉल चली गई. वहां मैंने एक नीले रंग का गाउन लिया जिसमें एक पैर काफी खुला था और पीछे से भी खुला हुआ था. गाउन को गले पर बांधना था.


फिर मैंने एक मोतियों का नकली हार पसंद किया और एक धागे वाली पैंटी भी ले ली, जिसमें मेरी सिर्फ चूत ढक रही थी. इसी के साथ मैंने अगले दिन दफ्तर के लिए एक फॉर्मल ड्रेस ले लिया, जिसमें सफेद शर्ट और काली पैंट थी.


फिर एक 6 इंच हाई हील वाली सैंडल ली, जिस पर सोने जैसे रंग से चित्रकारी बनी हुई थी.


फिर शाम 5 बजे तक मैं गेस्ट हाउस वापस आ गई. मुझे काफी भूख लगी थी, तो मैंने दफ्तर के लड़के से कुछ खाने का सामान लाने को कहा.


करीब 10 मिनट बाद वह सैंडविच और कॉफी लेकर आया. चूंकि मैं काफी थक गई थी इसलिए खाने के बाद सो गई.


शाम 7 बजे मेरी नींद खुली और मैं तैयार होने लगी.


मैंने बाथरूम में जाकर अपने कपड़े उतार दिए और पूरी नंगी हो गई.


खुद को आईने में देख कर मुझे काफी अच्छा लगा. मैंने देखा कि मेरे चूचे तन रहे हैं तो उसका भूरा रंग और आकार देखने के लिए अपने नाखून गड़ाने लगी.


फिर मैंने शॉवर चालू किया और बालों में शैंपू लगाया. कुछ देर बाद मैं अपने जिस्म पर साबुन लगा कर लूफा से रगड़ने लगी.


मैं अपने बूब्स को मसलने लगी. उस वक्त मेरी आंखें बंद थीं.


फिर लूफा को अपनी चूत पर रगड़ने लगी. ढेर सारे साबुन के साथ चूत को अन्दर तक साफ किया.


इसके बाद मैंने अपनी गांड पर भी साबुन रगड़ा और दो उंगलियां गांड के छेद में डाल कर अन्दर बाहर करने लगी.


मैं अपनी गांड को खोदती हुई सोच रही थी कि न जाने कार्ल का कितना बड़ा होगा.


मुझे उम्मीद यही थी कि उसका लंड तो हाथी के लंड जितना होगा.


मैं एक हाथ से अपनी गांड रगड़ रही थी तो दूसरे से मम्मों को मसल रही थी.


तभी अचानक मुझे समय का ध्यान आया. खुद को मैंने जल्दी से साफ किया और नहाकर नंगी ही कमरे में आ गई.


मैंने धागे वाली पैंटी पहनी, जो मेरी चूत और गांड को बड़ी मुश्किल से ढक रही थी. उसे मैंने कमर पर बांधा.


फिर मैंने अपना नीला गाउन पहना जो पीछे से बिल्कुल खुला हुआ था और मेरी गांड के ऊपरी भाग तक खुलता गया था.


मेरी एक टांग भी जांघों तक खुली थी. ध्यान से देखने पर मेरी चूत और पैंटी साफ़ दिख रही थी.


सामने से भी अधिक खुला था. मेरे बूब्स ढके हुए थे पर निप्पल काफी तन रहे थे जो सामने से ही महसूस हो रहे थे.


मैंने अपनी 6 इंच हील वाली जूती पहनी जिससे मेरा कद थोड़ा बढ़ गया.


इसके बाद मैंने थोड़ा मेकअप किया, बालों को सुखा कर तैयार हो गई.


मैं बिल्कुल राजकुमारी की तरह लग रही थी.


मैंने देखा रात के 8:30 बज चुके हैं तो दफ्तर से कार मंगाई.


कार का चालक बड़ी ही लालच से मुझे घूर रहा था.


फिर उसने मुझे कांच में से घूरते हुए ही रिट्ज कार्लटन पर पहुंचाया.


वहां कार्ल मेरा पहले से ही इंतजार कर रहा था. (चूंकि कार्ल कोलंबिया से था इसलिए हमारी बातें अंग्रेजी में हो रही थीं.)


कार्ल ने काले रंग का सूट पहना था, उसने कार का दरवाजा खोला और मुझे उतारा. उसका बर्ताव बिल्कुल एक सभ्य व्यक्ति जैसा था.


मुझे देखकर बोला- तुम काफी सुंदर लग रही हो, बिल्कुल परियों जैसी. आज तो कत्ल कर दोगी सभी लोगों का! मैं हंस कर रह गई.


फिर वह मुझे रेस्टोरेंट में ले गया. वह काफी लम्बा था.


मैं भी 6 फीट की हो गई थी अपनी सैंडल के कारण. वह मुझे अपनी रिजर्व्ड टेबल पर ले गया.


वहां एक सभ्य व्यक्ति की तरह पहले मुझे बिठाने के लिए उसने कुर्सी खींची, फिर वह भी सामने बैठ गया और हमारी बातें शुरू हुईं.


उसने कहा- तुम्हें हॉलीवुड में होना चाहिए था, देखो यहां हर दूसरा व्यक्ति तुम्हारे लिए मरने को तैयार है! मैं काफी खुश हो गई.


फिर उसने वेटर को बुलाया और पूछा- तुम क्या लोगी, मार्टिनी या कुछ और? मैंने कहा- मैं शराब नहीं पीती.


तो उसने कहा- बहुत अच्छा, मैं भी नहीं लेना चाहता. मैंने कहा- नहीं कार्ल, तुम पी लो … मैं बुरा नहीं मानूंगी.


तो उसने कहा- नहीं, आज तो मैं तुम्हारी खूबसूरती को चखना चाहूंगा. मैं शर्मा गई.


तब उसने कोई जूस पीने के लिए कहा. मैंने भी ऑरेंज जूस मांगा.


फिर हमने खाने का भी ऑर्डर दिया. खाते वक्त हमने ढेर सारी बातें की.


उसने मेरे परिवार के बारे में पूछा, फिर अपने परिवार के बारे में जानकारी दी.


उसने बताया कि उसकी दो बीवियां हैं और दोनों से एक एक बच्चे हैं. उसने उनकी तस्वीरें भी दिखाईं.


ऐसे ही बात करते और खाते हुए 11 बज गए.


कार्ल बोला- क्या तुम मेरे साथ कमरे में एक कप कॉफी पीना पसंद करोगी? तो मैं बोली- क्यों नहीं, बिल्कुल!


मैं समझ रही थी कि साला मुझे कमरे में क्यों ले जाना चाहता है!


उसने वेटर से अपने कमरे में दो कॉफी लाने को कहा.


जैसे ही मैं उठने लगी तो एक सभ्य व्यक्ति की तरह उसने मुझे उठाया और हाथ पकड़कर लिफ्ट तक ले गया.


पहले मुझे अन्दर चलने को कहा, फिर खुद आया और 18 वीं मंजिल का बटन दबा दिया. जल्द ही हम दोनों 18 वीं मंजिल पर पहुंच गए.


फिर उसने कमरा नंबर 1801 को खोला और हम अन्दर दाखिल हो गए. उफ्फ … क्या बड़ा सा कमरा था … हमारे नोएडा के फ्लैट से भी बड़ा.


क्या नहीं था वहां … एक बार, सोने के लिए कमरा, एक दफ्तर और एक थिएटर भी.


उसका बेडरूम काफी शानदार था जहां चारों तरफ आईना था और गोलाकार पलंग … जो काफी बड़ा था.


अब हम दोनों सोफे पर बैठ गए.


कार्ल बिल्कुल मुझसे चिपक कर बैठा था.


हम दोनों अपने प्रोजेक्ट पर बात करने लगे.


तभी घंटी बजी.


कार्ल ने दरवाजा खोला, वेटर कॉफी लेकर आया था.


वेटर ने पूछा- क्या मैं बना दूं? मैंने कहा- नहीं, ठीक है!


वेटर चला गया.


अबकी बार कार्ल मेरी बाईं तरफ बैठा.


मैं कॉफी बना रही थी. तो देखा कि वह मेरी जांघ के बगल से मेरी पैंटी और चूत में झांक रहा है. फिर ऊपर से मेरे चूचों को ताड़ने लगा.


अचानक से वह बोला- मैं कॉफी नहीं पियूंगा! मैं- तो तुम क्या पीना चाहोगे कार्ल? कार्ल- दूध! मैं- ओह पर वेटर ने दूध तो रखा ही नहीं है!


वह मेरे पास आया और बूब्स पर देखते हुए बोला- मैं इन बोतलों का दूध पीना चाहता हूं.


मैं अचानक से चौंक गई, फिर बोली- रुक जाओ कार्ल, ये सब सोचना भी मत … मैं एक शरीफ घर की लड़की हूँ!


उसने एक जोर का चांटा मेरे गाल पर मारा और बोला- साली कुतिया, शरीफ घर की लड़की और ऐसे कपड़े पहन कर बन कर आई है … मुझे मना कर रही है.


यह कहते ही वह मुझ पर कूद गया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये.


वह मुझे पागलों की तरह चूमने लगा.


उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, मेरी जीभ चाटने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा.


मैं तो पहले ही समझ गई थी कि आज रात मुझे इससे चुदना है. मैंने उसके सामने ड्रामा इसी लिए किया था ताकि वह अपनी मर्दानगी मुझ पर दिखा सके.


दरअसल कारपोरेट जगत में यह बात बहुत मायने रखती है कि चुदने वाली लड़की एक रंडी है या कोई घरेलू लड़की है.


घरेलू लड़की को चोदने की बात से ये अमीर ज्यादा खुश हो जाते हैं. मैंने इसी लिए उसके सामने खुद को चरित्रवान घरेलू लड़की जैसा शो किया था.


उसने मुझ पर हाथ उठा कर अपना पौरुष दिखाया और मैं चुपचाप उसके साथ चुदवाने को राजी हो गई.


यदि मैं सीधे तरीके से उसकी बांहों में झूल जाती तो शायद वह मुझे एक रंडी से ज्यादा अहमियत नहीं देता और मेरे बॉस को उससे वह सब हासिल नहीं होता, जो शायद अब हो जाएगा.


अब मैं भी उसका साथ देने लगी और अपनी जीभ फेरने लगी. मैं उसके लंड को ऊपर से ही रगड़ रही थी.


मुझे अहसास हुआ कि अभी उसका लंड खड़ा नहीं है लेकिन 6-7 इंच लम्बा और कुछ मोटा है.


तभी वह उठा और अपनी शर्ट उतार दी. उसने शर्ट के नीचे कुछ नहीं पहना था.


उसका भरा हुआ बदन देखकर मेरे मुँह से लार टपकने लगी. क्या कड़ियल जिस्म था उसका … आह पूरे आठ पैक्स एप. उसके मस्त ट्राइसेप्स तो कम से कम 18 से 20 इंच के होंगे.


यार उसने मुझे किसी फूल के जैसे अपनी गोद में उठा लिया और खड़ा कर दिया.


अब उसने मेरी ड्रेस की गांठ गले के पीछे से खोल दी और मेरा गाउन सर्रर से नीचे गिर गया.


मैं अब उसके सामने नंगी थी. मेरे बदन पर सिर्फ पैंटी, मोतियों का हार था और मैंने जूती पहनी थीं.


मैं बेडरूम की ओर भागी. मेरी जूती काफी शोर मचा रही थीं.


मैंने उसे उंगली से अपनी तरफ आने का इशारा किया. वह मेरे पीछे आया और हम दोनों बेडरूम में पहुंच गए.


वहां अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और पागलों की तरह चूमने लगा. मैंने भी उसकी पैंट खोल दी और नीचे गिरा दिया.


वह मेरे होंठों पर काटने लगा.


मैंने कहा- क्या कर रहे हो कार्ल? वह बोला- तुझे तो पूरा खा जाऊंगा कुतिया … चुप साली. यह कह कर उसने मेरे चेहरे पर एक जोर का थप्पड़ जड़ दिया.


मुझे काफी दर्द हुआ. मैंने कहा- मेरा चेहरा मत खराब करो, मुझे कल दफ्तर भी जाना है.


उसने कहा- ठीक है. लंड चूस!


मैं नीचे बैठ गई और उसकी चड्डी निकाल दी. ऐसा लगा जैसे राक्षस मेरे सामने आ गया.


उसका लंड अभी खड़ा भी नहीं था, तब 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था.


मैं उसके लंड को हाथों में लेकर सहलाने लगी जिससे वह हर पल तन रहा था. मैं अब उसके लंड को चूसने लगी, जिससे वह और बड़ा होने लगा.


कुछ ही देर में उसका लंड 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा हो गया.


मैं उसके इस मोटे मूसल जैसे लंड को किसी तरह चूस पा रही थी.


मेरे मुँह में उसका लंड पूरा जा ही नहीं रहा था … और गले में अटक रहा था. वह सिसकार रहा था- आह … ओह … हां … ऐसे … ही चूस … रण्डी … आह.


मैंने अब उसका लंड बाहर निकाल दिया जिससे वह और कामुक हो गया.


उसने मुझे गोद में उठाया और बिस्तर पर पटक दिया.


फिर वह अपने जूते उतरने लगा. मैं भी अपनी जूती इधर उधर फेंकने लगी.


वह मेरे पास आया और मेरे चूचों से खेलने लगा. वह काफी जोर से मेरे बूब्स दबा रहा था. मैं सिर्फ ‘आ…ह ओ…ह आ…ह’ कर रही थी.


तभी वह एक भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ा और उसने मेरे मम्मों पर जोर से चांटा मारा, जिससे मेरे बूब्स पर उसकी उंगलियां छप गईं.


मैं समझ गई कि कार्ल को रफ सेक्स पसंद है. तो मैं भी शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ी.


मैंने उसके सीने पर बैठ कर जोर का चांटा उसके लंड पर मारा. वह दर्द से चीख पड़ा- साली … कुति…या!


फिर उसने अपने पैर मोड़ कर मुझे पीछे गिरा लिया, अपनी तरफ झुका कर मेरे बूब्स पीने लगा. वह मेरे दूध ऐसे पी रहा था जैसे कोई छोटा बच्चा हो.


मैं भी मजे से बूब्स उसके मुँह में डाल कर पिलाने लगी.


वह बार बार उन्हें काट रहा था.


उसने मेरे एक निप्पल को दांतों से पकड़ा और अपना हाथ मेरी चूत पर रख दिया. मैंने उठना चाहा, तो उसने जोर से मेरे निप्पल को काट लिया.


मैं दर्द से चिल्ला उठी- आह क्या क…र रहा है … हरामी? उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और जोर से मेरे बूब्स पर चांटे मारने लगा.


उसके थप्पड़ों ने मेरे दोनों दूध पूरी तरह से लाल हो गए. अब तक मेरी पैंटी जो पूरी तरह गीली हो चुकी थी, कार्ल ने उसे फाड़ कर निकाल फेंकी.


अब मैं उसके सामने पूरी नंगी थी. वह नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा.


मेरी चूत बह रही थी. उसने अपनी जीभ चूत के अन्दर डाल दी और कुत्ते की तरह चाटने लगा.


मैं बस सिसकार रही थी- ओह … आह … हां मादरचोद … चा..ट इसे … आह!


उसने मेरी चूत में काटा तो मैं दर्द से चीख पड़ी- क्या कर रहा है बहन के लौड़े … साले बहनचोद! पर वह हिन्दी में गाली देने से कुछ समझा नहीं.


मुझे उसके काटने से मजा भी आ रहा था.


वह फिर से चाटने लगा और 5 मिनट बाद मेरी चूत से फव्वारा बह निकला. मैं पूरी तरह झड़ गई.


वह अभी भी चूत चाट रहा था. उसका चेहरा मेरे रस से भर गया था. वह आखिरी बूंद तक गटक गया.


अब उसने मुझे पीछे से उठाया और मेरी गांड चाटने लगा. फिर अपनी दो उंगलियां और जीभ मेरी गांड की छेद में डाल दीं.


मैं सातवें आसमान पर थी.


वह मुझे खींच कर बिस्तर के कोने पर लाया. मैंने देखा उसका लंड 10 से 11 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है और काफी सख्त हो गया है.


मैं सोच रही थी कि ये साला क्या खाता है कि ऐसा लंड हो गया है इसका?


फिर मैंने सोच लिया कि आज तो पक्का मेरी चूत का भोसड़ा बनने वाला है.


वह अपना लंड मेरी चूत पर घिसने लगा और अचानक से झटका लगाया जिससे उसका आधा लंड अन्दर घुस गया.


मैं दर्द से चीख पड़ी- भोस…डी वाले … आह मादरचोद ने मेरी चूत फाड़ दी … आह निकाल कुत्ते!


वह कुछ नहीं समझा.


मैं दोबारा से अंग्रेजी में चीखी- मादरचोद कार्ल … तूने मेरी चूत फाड़ … डाली! वह हंसने लगा और बोला- अभी नहीं.


उसने जोर लगाकर अन्दर तक पेल दिया.


अभी भी उसका लंड पूरा नहीं गया था पर मेरी बच्चेदानी पर चोट कर रहा था.


वह धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा. कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा.


तभी उसने अपनी स्पीड तेज कर दी और जोर जोर से चोदने लगा.


वह जब भी अन्दर घुसाता तो उसका लंड मेरी बच्चेदानी पर लग रहा था.


मैं भी मजे ले रही थी और कराहती हुई बोल रही थी- आह … ओ…ह … हां … मादरचोद … ऐसे ही … चो..द मुझे आ…ह फा…ड़ … डाल इसे … आह भोसड़ी … के आ…ह! तभी वह रुक गया और बोला- चल रण्डी … अब कुतिया बन, तुझे पीछे से चोदना है!


मैं भी कुतिया बन गई और उसने पीछे से आकर मेरे गांड पर दो चांटे मारे. फिर एक ही झटके में पूरा लंड चूत में घुसा दिया.


चूंकि मेरी चूत काफी गीली हो गई थी इसलिए आसानी से उसका लंड अन्दर चला गया.


अब वह काफी तेजी से चोदने लगा, साथ ही वह मेरे झूलते मम्मों को पकड़ कर खींच रहा था. कुछ देर बाद वह मेरी दोनों बांहों को पीछे खींच कर पेलने लगा.


मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मैं मजे ले ले कर चुद रही थी. मैं पागलों के जैसे बोल रही थी- हां मादरचोद … आह फाड़ दे मेरी चूत … आज आह…


तभी मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मैं चीखने लगी- आ..ह ओह … बहनचोद भोसड़ी के … छोड़ दे मेरा हो गया … आह छोड़ दे अब!


लेकिन वह अभी भी मुझे चोदे जा रहा था.


फिर उसने मुझे उठाया और अपने साथ खड़ा कर दिया. उसका लंड अभी भी मेरी चूत में था. मेरा सिर उसकी दाढ़ी पर लग रहा था.


अब वह खड़े खड़े ही लंड अन्दर बाहर करने लगा.


मैंने सामने लगे आईने में देखा. मेरे बूब्स हवा में उछल रहे हैं.


अचानक से वह चीख पड़ा- आह … ओह … मैं झड़ … रहा हूं … मेरी जा…न आ..ह!


यही सब कहते हुए उसने अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया.


उसका लंड वीर्य में सन गया था. उसने मुझे बिस्तर पर छोड़ दिया और अलग हुआ तो देखा कि उसका लंड वीर्य से सफेद हो गया था.


फिर वह मेरे सीने पर बैठ कर अपना लंड मेरे मुँह में डाल कर मुँह चोदने लगा.


वह बोला- चल कुतिया चाट इसे और साफ कर! मैं उसका सारा माल चाट गई.


अब वह मेरी चूत चाटने लगा और चाट कर साफ कर दिया. उसका लंड अब सिकुड़ कर छोटा हो गया था और वह मेरी बगल में लेट गया.


हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बांहों में सो गए.


ठहरो यार कहां जा रहे हो आप सब … अभी कहानी खत्म नहीं हुई है. अभी रात बाकी है. जल्दी ही अगला भाग भी बताऊंगी.


इंडियन लड़की नीग्रो पोर्न कहानी पर अपनी राय मुझे बताएं. बाइ बाइ. आपकी अपनी अंजलि [email protected]


इंडियन लड़की नीग्रो पोर्न कहानी का अगला भाग:


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