भाई की साली से प्यार में क्या क्या किया- 2

लव सिंह1

14-09-2024

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प्यार प्यार में भाई की साली के साथ मैंने चूमा चाटी की. चुलबुली सेक्सी बातें करते करते मैंने उसकी पैंटी उतारी तो उसकी लम्बी लम्बी झांटें थी. मैंने उसकी बुर की शेव की.


कहानी के पहले भाग भाई की साली से प्यार में चूमा चाटी में आपने पढ़ा कि भाभी की बहन हमारे घर में रह कर पढ़ रही थी. एक दिन उसका एक्सीडेंट हो गया तो मैंने उसकी बहुत मदद की. उसे मुझसे प्यार हो गया. हमने शादी का वादा कर लिया और मैंने उसके साथ चूमा चाटी की. रुचि ने शरमा कर मेरे सीने में अपना मुंह छुपा लिया।


अब आगे प्यार प्यार में क्या क्या हुआ:


अगले दिन हम उठे तो आज मैंने भाभी से बात करने की सोची. लेकिन भाई भाभी काम में बिजी थे तो बात हो नहीं पाई।


कुछ दिन ऐसे ही निकल गए.


फिर एक दिन भाई काम पर चले गए फिर भाभी भी एक ओल्ड एज होम में सेवा देने चली गई। हम दोनों अकेले थे घर में!


मैं- आज जंगल दिखा दो, भाभी भी नहीं है। रुचि शर्माती हुई- ठीक है।


फिर हम बाथरूम में गए. मैंने उसका कमीज उतार दिया, फिर उसकी सलवार उतार दी. वह अब सिर्फ ब्रा पैन्टी में थी वह काफी शरमा रही थी।


मैंने उसकी पैन्टी उतारने के लिए उसके पैंटी को छुआ तो रुचि बोली- तुम भी तो अपना उतारो. तुमने तो मुझे नंगा देख लिया, तुम भी तो दिखाओ।


तभी मैंने अपना सब कुछ उतार दिया. वह मेरा खड़ा लन्ड गौर से देखने लगी।


अब मैंने उसकी पैंटी उतार दी. उसकी झांट के बाल 2 इंच से भी ज्यादा लम्बे थे. मैं हंसने लगा। उसकी पूरी चूत ढकी हुई थी।


मैंने उसकी चूत पर शेविंग क्रीम लगाया और सहलाने लगा. वह आह आह करने लगी. फिर मैंने रेजर लिया और उसके बाल साफ कर दिए।


तब उसकी चूत एकदम चमक रही थी. उसकी चूत के होंठ फूले हुए थे. मैं उसे बार बार टच कर रहा था.


फिर मैं उसे गोद में उठा बेड कमरे में ले आया। उसने अपनी आंखें बन्द कर ली.


मैंने उसे बेड पर लिटा दिया. वह शरमा रही थी.


फिर मैंने उसकी आंखों में देखा और उसके होंठों से होंठ लगाकर चूसने लगा. मैंने उसके कान भी चूसे, उसकी गर्दन पर चुम्बन लिया, उसके गले को चूमा, उसकी ब्रा खोल उसके मम्मे चूसने लगा. वह सिसकारियां भरने लगी।


मैंने उसके निप्पल पर जीभ फिरा दी, उसके पेट को चूसा चाटा, उसकी नाभि चूसने लगा.


फिर मैंने उसके पेडू पर चूमा. फिर उसकी चूत पर जीभ फिरा दी.


वह ‘आह आह’ करती हुई मेरा सर हटाने लगी.


फिर मैं उसकी मोटी जांघें चूसने चूमने लगा।


कुछ पल बाद मैं प्यार प्यार में उसकी चूत चाटने लगा कुछ देर बाद वह ‘आह आउह’ करती हुई झड़ गई।


अब मैं उसके बगल में लेट गया. कुछ देर चुप रहने के बाद वह नॉर्मल हुई तो मेरे ऊपर चढ़ मुझे किस करने लगी.


वह मेरे निप्पल को काटने लगी मेरे पेट पर चूमते हुए मेरे लन्ड की ओर बढ़ गई.


मैंने उसे मना कर दिया और सिर्फ उसके हाथ में लन्ड पकड़ा दिया.


उसे कुछ नहीं आता था तो मैंने उसे चमड़ी पीछे कर सहलाने को कहा. उसने जब चमड़ी पीछे की तो मेरा गुलाबी सुपारा बाहर देख हैरान हो गई वह उसे टच करने लगी. जिससे उसका नाखून मेरे सुपारे पर लग गया, मुझे बहुत तेज जलन होने लगी।


अब मैंने उसे लन्ड आगे पीछे करने को कहा. कुछ देर बाद उसका हाथ दर्द होने लगा तो मैंने उसकी चूत पर लन्ड रख दिया.


तो वह चौंक गई- क्या कर रहे हो? तुमने वादा किया था कि ये सब शादी के बाद करेंगे। मैं- तुम चिंता मत करो।


फिर मैं उसके चूत पर लन्ड रख उसकी जांघों को जोड़ कर उसकी जांघों में लन्ड आगे पीछे करने लगा।


कुछ देर बाद मैं झड़ गया. अब मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू किया.


कुछ देर बाद वह झड़ गई।


मैंने पूछा- कैसा लगा? रुचि मेरी बांहों में सिमट गई।


अब हमने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ किया।


शाम को भाई भाभी आ गईं।


अगले दिन मैंने भाभी से बात करने की ठानी शादी के बारे में!


लेकिन रुचि ने कहा- मैं ही दीदी को बता देती हूं। वे मेरे घर पर बता देंगी।


तभी रुचि भाभी के कमरे में गई और बोली- दीदी एक बात बतानी है। भाभी- बता?


रुचि- मुझे ना … अंशु से प्यार है. तुम हमारी शादी की बात घर पर कर लो ना! भाभी- ये सब करने आई थी यहां? या पढ़ाई करने? मुझे यह रिश्ता मंजूर नहीं है। वे उसे डांटने लगी.


काफी कुछ कहासुनी हो गई दोनों में! रुचि काफी गुस्से वाली थी तो हो गई पैनिक!


मैं दरवाजे के बाहर से उनकी सारी लड़ाई सुन रहा था।


भाभी ने हमारा रिश्ता एकदम नकार दिया।


मैं एकदम शॉक्ड था भाभी का ऐसा रूप देखकर! रुचि को तो मैंने गुस्सा होते देखा था पर भाभी को आज मैं पहली बार गुस्सा होते देख रहा था।


भाभी- प्यार करने के लिए तुम्हें यही मिला था? दुनिया में लड़कों की कमी है क्या? और उसके लिए तू मुझसे लड़ रही है … अपनी सगी बहन से … जिसने तेरे लिए क्या नहीं किया। रूचि- क्या किया तुमने? अभी जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था तब कहाँ थी तुम? कितनी सेवा की तुमने? तुम तो सुबह चली जाती थी मीटिंग अटेंड करने! उसके बाद क्या? उसके बाद कौन करता था?


कुछ देर और बहस चली। फिर रुचि रोते हुए बाहर आ गई।


मैंने उस टाईम भाभी से बात करना सही नहीं समझा।


सारा दिन घर में एक दूसरे से कोई बात नहीं कर रहा था।


अगले दिन मैंने अपने भाई को बताने की सोची. लेकिन उसे दो दिन बाद 15 दिन के ट्रिप पर अंडमान निकोबार जाना था तो मैंने उसे टेंशन देना सही नहीं समझा। वह काम पर चला गया।


दिन में मैं भाभी से बात करने गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया।


अगले दिन जब भाई निकलने वाला था तो भाभी बोली- आप रुचि को घर पहुंचा दीजिए, बहुत पढ़ लिया इसने, अब नहीं पढ़ेगी। भाई- क्यूं क्या हुआ? अभी तो 1St ईयर में ही है।


भाभी- अब कितना पढ़ेगी। भाई- अरे अभी बहुत पढ़ना है, हां अगर मन नहीं लगता तो कुछ दिन कही घूम लेंगी। और अभी मैं ट्रिप पर जा रहा हूं, आता हूं तो बात करता हूं। फिर भाई चला गया।


तो आज मैं भाभी से हिम्मत कर बात करने गया।


मैं- भाभी एक बात करनी थी। भाभी- हां, मुझे पता है. एक बात सुन लीजिए, मेरे परिवार की किसी भी लड़की की शादी इस परिवार में नहीं होने दूंगी। मैं- आपके परिवार की? पर मुझे लगा कि हम एक ही परिवार के हैं। और क्या गलती हो गई हमारे परिवार से … जो आप ऐसा बोल रही हैं? मेरी आंखें डबडबा गई.


भाभी- मेरी ज़िंदगी तो बर्बाद हो ही गई, अब मैं किसी और की जिंदगी बर्बाद नहीं होने दूंगी। मैं- अगर आपको मुझसे दिक्कत है तो मेरे परिवार को क्यों बीच में ला रही हैं. और रुचि को जाने को क्यूं बोल रहे हैं, मुझसे दिक्कत है तो मुझे बोलिए, मैं ही चला जाता हूं।


फिर मैं अपने कमरे में आ गया.


रुचि ने हमारी बातें सुन ली थी. मेरी आंखों में आंसू देख वह गुस्से में भाभी के कमरे में गई।


मैंने अपने कमरे का दरवाजा बन्द कर लिया. उनके बीच कहा सुनी की हल्की आवाजें मेरे कमरे में आ रही थीं।


तभी मुझे पता नहीं क्या हुआ … मैं अपना सामान पैक करने लगा।


कुछ देर बाद रुचि मेरे कमरे में रोते हुए आई.


मुझे समान पैक करता देख उसने मेरा सारा सामान फिर से अलमारी में रख दिया, मेरे कपड़े, किताब सब! हम दोनों को ऐसा करता भाभी ने देख लिया।


भाभी गुस्से में- तुम दोनों को एक ही कमरे में सोने ही नहीं देना चाहिए।


मैं उनको देख बाहर चला गया। भाभी अपनी बहन का सारा सामान अपने कमरे में ले गई।


शाम को मैं घर आया तो रुचि के चेहरे पर चांटे का निशान दिखा. मुझे बहुत गुस्सा आया। मैं मन में गुस्सा पी कर रह गया.


रुचि का सारा सामान मेरे कमरे में ही था. शायद सामान को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ था, उसी में भाभी ने मारा होगा। रुचि मेरे कमरे में थी।


रात को मैंने खाना नहीं खाया, रुचि ने भी नहीं खाया। भाभी रुचि का हाथ पकड़ उठाते हुए- खाना नहीं खाना है? भूखी मरना है? जो करना है कर लेकिन चल … इस कमरे में नहीं सोना है, चल मेरे कमरे में!


रुचि ने उनसे अपना हाथ छुड़ाया, उन्हें धक्का दिया और मेरे कमरे में बन्द हो गयी।


भाभी- पता नहीं क्या मंत्र मारा है! वे अपने कमरे में चली गयी. मैं सोफे पर ही सो गया।


रात को रुचि मेरे पास आ लेट गयी और फफक कर रोने लगी।


मैं- रोना बन्द करो, भाभी आ जायेंगी तो वबाल करेंगी।


उसे चुप कराते हुए मैंने उसके चेहरे के निशान को चूम लिया।


मैं- लगता है कि ये हमारी शादी के लिए कभी राजी नहीं होंगी। मैं तुम्हारे भाई से बात करूं क्या? या मम्मी पापा से? रूचि- जब तक ये नहीं कहेगी तब तक वे भी नहीं मानेंगे। अब एक ही रास्ता है, भाग कर शादी कर लो मुझसे! मैं- नहीं … मैं करुंगा तो सबकी मर्जी से शादी करुंगा। नहीं तो नहीं करूंगा। यह बोलते हुए मेरा गला भर आया.


फिर वह मेरा हाथ पकड़ कमरे में ले गयी।


रुचि मुझे बांहों में भरते हुए- तो फिर … तुम मेरे साथ सेक्स कर मुझे प्रेग्नेंट कर दो तब ये सब मान जायेंगे। मैं- पागलों जैसी बात मत करो। रूचि रोते हुए- तो तुम ही बताओ, मैं अब क्या करूं? मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती, मैं तुम्हारे बिना मर जाऊंगी। वह मुझे किस कर रही थी रो रही थी,


मैं उसे बांहों में भर बेड पर लेट गया. वह रोती रही, मैं उसे चुप कराता रहा. फिर वह रोते रोते सो गई।


मैं कुछ देर में सोफे पर आकार लेट गया और सो गया।


मैं सुबह उठा तो मैंने भाभी से बात करनी चाही। फिर मैं सोचने लगा कि भाभी को दिक्कत क्या है मुझसे।


मैं- भाभी, आपने रूचि को मारा? भाभी कुछ नहीं बोली।


मैं- बोलिए, क्यूं मारा? भाभी- गलती करेगी तो मारूंगी ही!


मैं- तो फिर मुझे भी मारिए। भाभी कुछ नहीं बोली।


मैं- आप पहले तो ऐसी नहीं थीं, कितना प्यार करती थी. ओल्ड एज होम, अनाथ आश्रम जाकर सेवा देती हैं, और खुद के घर के बच्चों को मारती हैं. ऐसा क्या हो गया हमसे जो ऐसा कर रही हैं? मैं आपकी कितनी इज्जत करता हूँ. भाई आपसे कितना प्यार करते हैं, आप दोनों कितना खुश रहते हैं. हमारा पूरा परिवार कितना खुश रहता था। ऐसा क्या गलती हो गई जो आपने शादी के लिए सीधा मना कर दिया? कोई कमी है मुझमें? क्या मैं कमाता नहीं? शराबी हूं? अय्याशी करता हूं? जुआ खेलता हूं? बोलिए कुछ गलत करता हूं?


भाभी- सिर्फ ये सब होना काफी नहीं होता. जिन्दगी में पति का प्यार सबसे जरूरी होता है जो मुझे इस घर में नहीं मिलता। तो मैं अपनी बहन को इसी घर में कैसे ले आऊं उसकी जिंदगी बर्बाद करने के लिए? मैं- क्या बोल रही हैं? भाई इतना तो प्यार करते हैं आपसे, आपकी हर बात मानते हैं।


भाभी- एक औरत को इतना काफी नहीं होता, उसकी शारीरिक जरूरत भी कुछ होती है। मैं- मतलब आप कहना चाह रही हैं कि आप की मैरिड लाइफ़ में सब कुछ सही नहीं चल रहा है? भाभी- ये तुम अपने भाई से पूछो तो बेहतर होगा।


मैं- उससे तो मैं पूछूंगा ही … पहले यह बताओ अगर आप लोगों को कोई प्रॉब्लम है तो आपने मुझे बताया क्यों नहीं? भाभी- क्या बताती मैं तुम्हें? कि तुम्हारा भाई मुझे … मैं- हां, इसलिए तो हम परिवार कहलाते हैं. जब आप किसी को बताओगी नहीं, तो हल कैसे निकलेगा? कुछ देर वे चुप रहीं।


मैं- तो इन सबसे मेरी शादी का क्या लेना देना? हमारी शादी आप क्यों नहीं होने देना चाहती हैं। भाभी- क्योंकि जिस घर में मैं खुश नहीं हूं, उस घर में मेरी बहन कैसे खुश रह सकती है?


मैं- मतलब आप कहना चाहती हैं कि आप भाई के साथ खुश नहीं हो तो रूचि भी मेरे साथ खुश नहीं रहेगी। मतलब आपको मेरी सेक्सुअल कैपबलिटी पर शक है> भाभी- हां कुछ ऐसा ही समझ लो।


मैं काफी नाराज होकर चला आया। रूचि हमारी बातें सुन रही थी।


रात को फिर से वैसे ही सोये। रात में मैं रूचि से बात कर रहा था।


रूचि- कुत्ती कमीनी, हमारी शादी होने नहीं देना चाहती इसलिए उलजलूल बहाने बना रही है। मैं- सही कह रही हो. मेरे भाई को मैं जानता हूं. उसमें सेक्सुअल पॉवर, उत्तेजना कम हो ही नहीं सकती. हम दोनों इतने अच्छे दोस्त हैं, हर बात शेयर करते हैं. अगर कुछ प्रॉब्लम होती भी तो वह मुझे जरूर बताता।


रूचि- कमीनी कैसे अपने पति पर लांछन लगा रही थी।


मैं- मेरे दिमाग में एक आइडिया आया है। रूचि- कल मैं उन्हें मेरे साथ सेक्स करने बोलूंगा. अगर यही कारण है तो मेरी सेक्सुअल कैपेबीलिटी टेस्ट कर लो। फिर देखता हूं क्या बोलती हैं। तुम्हें कोई ऐतराज तो नहीं? रूचि- मुझे तुम्हारे साथ जीवन बिताना है, उसके लिए तुम जो भी करो। मैं- फिर ठीक है।


अब कुछ देर उसे किस करने के बाद मैं सोफे पर आकर सो गया।


प्रिय पाठको, अभी तक की प्यार प्यार की कहानी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं. [email protected]


प्यार प्यार में बनी स्टोरी का अगला भाग:


Teenage Girl

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