बीवी की शादीशुदा बड़ी बहन की चुदाई

आकाश 22

24-07-2024

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नंगी साली Xxx कहानी में मेरी बड़ी साली हमारे घर रहने आई. एक दिन बाथरूम से तौलिया लपेट कर निकली साली को मैंने अपनी पत्नी समझ कर पकड़ लिया और मसल दिया.


फ्रेंड्स, मेरा नाम डॉक्टर आकाश है. मैं 32 साल का हूँ और लखनऊ से हूँ. यहां लखनऊ में मैं और मेरी वाइफ ही रहते हैं. मेरी वाइफ की उम्र 30 साल की है.


मेरी वाइफ का फिगर बहुत ही सेक्सी है. उसके बूब्स 34 इंच के हैं, पतली कमर 30 इंच की और भरी हुई गांड 36 इंच की है. हमारी शादी को 3 साल हो चुके हैं. हम दोनों रोजाना चुदाई करते हैं.


यह नंगी साली Xxx कहानी अन्तर्वासना पर यह मेरी दूसरी सेक्स कहानी है.


कुछ महीने पहले की बात है, मेरी वाइफ की बड़ी बहन ममता छुट्टियों में हमारे साथ रहने के लिए मेरे घर लखनऊ आई थीं. दीदी मेरी पत्नी कविता से 4 साल बड़ी हैं.


ममता दीदी के बारे में मैंने कभी ग़लत नहीं सोचा था. हमारा रिश्ता भाई बहन की तरह था और मैं उन्हें दीदी ही बोलता था, अब भी उन्हें दीदी ही कहता हूँ.


बस हमारे बीच बस थोड़ा बहुत हंसी मज़ाक हो जाता था, पर अब तो सब कुछ खुल्लम खुल्ला होने लगा है.


ममता दीदी का फिगर भी मेरी वाइफ के जैसा ही है लेकिन दीदी के बूब्स बिल्कुल गोल और कड़क हैं. उनकी गांड भी मेरी वाइफ से थोड़ी बड़ी है.


उस दिन मैं रात 9 बजे क्लिनिक से काम खत्म करके घर आया तो नौकरानी ने दरवाजा खोला.


मैंने उससे पूछा- मैडम कहां हैं? उसने जवाब दिया- सर, वे ऊपर नहा रही हैं.


मैं सीधा ऊपर आया, कपड़े चेंज किए और उसके बाथरूम से निकलने का इंतजार करने लगा. बाथरूम से पानी टपकने की आवाज़ आ रही थी.


करीब 10 मिनट बाद आवाज़ बंद हुई, तो मैंने सोचा कि वाइफ को सर्प्राइज़ देता हूँ. मैं बाथरूम के दरवाजे के बाजू में छुपकर खड़ा हो गया.


जैसे ही वह बाथरूम से तौलिया लपेटे हुई निकली, मैंने पीछे से उसे दबा लिया और अपने दोनों हाथ सीधे उसके मम्मों पर ले गया. मैंने उसकी तौलिया खोल दी और अपने होंठ उसकी गर्दन पर रख कर बूब्स दबाने लगा.


यह सब इतना जल्दी हुआ कि वह कुछ समझ ही नहीं पाई.


उसके मुँह से बस चीख निकली- अरे … क्या कर रहे हो?


आवाज सुनकर मैं भी एकदम सन्न रह गया कि अरे ये तो कविता (वाइफ) नहीं है. ये तो ममता दीदी हैं … ये कब आईं?


मैं शर्मा कर झेंपता हुआ बोला- सॉरी दीदी … आप … व…वह मैं समझा कि कविता है!


उन्होंने कुछ नहीं बोला. मैं अपने रूम में चला गया.


मैं सोच रहा था कि वे मेरे बारे में क्या सोचेंगी? कहीं उन्होंने कविता को बता दिया, तो वह पता नहीं क्या समझेगी कि कहीं मैंने जानबूझकर तो नहीं किया?


वहीं दूसरी तरफ मेरी आंखों में ममता दीदी का नंगा जिस्म नाच रहा था और अभी भी हाथों में उनके कठोर बूब्स का अहसास हो रहा था.


खैर … रात को सबने साथ खाना खाया. मैं उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था. फिर भी हम तीनों बातें कर रहे थे.


दो दिन ऐसे ही बीत गए.


तीसरे दिन रात को 11-12 बजे मैं और बीवी दोनों चुदाई कर रहे थे लेकिन मेरे दिमाग़ में ममता दीदी का जिस्म घूम रहा था.


हम दोनों चुदाई करते वक्त कामुक बातें करते हैं … और मेरी वाइफ सीत्कार भी बहुत करती है.


मैंने कहा- थोड़ा धीरे आवाज़ करो, बाहर हॉल में दीदी सो रही हैं! वह बोली- तुम इतना अच्छा चोदते हो कि तेज आवाज़ ही निकलती है.


मैंने कहा- अरे यार … उन्हें सुनाई पड़ रहा होगा? वह बोली- तो क्या हुआ, वे नहीं चुदवाती होंगी क्या? … और दीदी तो मुझसे भी ज़्यादा आवाजें करती है. पूरी पूरी रात चुदवाती हैं.


यह सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया, लंड भी और ज्यादा टाइट हो गया. मैं और तेज़ी से उसकी चुदाई करने लगा.


मुझे महसूस हो रहा था कि मेरा लंड ममता दीदी की चूत में ही घुसा है.


करीब दस मिनट बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और हम दोनों थक कर सो गए.


अगले दिन से मुझे दीदी को चोदने का ख्याल दिमाग़ में रह रह कर आने लगा.


शाम को हम सब शॉपिंग करने गए तो मैं उन्हें टच करने का मौका ढूँढने लगा.


मैंने एक शर्ट पसंद की और इन दोनों से कहा- देखो आकर! वाइफ बोली- कुछ ख़ास नहीं लग रही है! तभी ममता दी बोल पड़ीं- अरे यह तो कुछ भी पकड़ लेते हैं, इन्हें सब अच्छा लग जाता है.


मैं आश्चर्य से दीदी की तरफ देखने लगा. उनके चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान थी. उनकी वह मुस्कान सीधी मेरे दिल पर आ लगी.


वापस आने लगे तो रास्ते में दीदी बोलीं- कुछ बियर शियर नहीं पिलाओगे? मैंने कहा- क्यों नहीं?


मैं और वाइफ कभी कभी बियर पी लेते हैं, लेकिन दीदी के साथ कभी नहीं पी थी.


मैंने 6 बियर ले लीं और घर आ गए.


हम तीनों साथ बैठ कर पी रहे थे और हँसी मज़ाक चल रहा था..


वाइफ बिना ब्रा के टॉप और और शॉर्ट्स पहने मेरे बगल में बैठी थी और ममता दीदी उसके सामने.


उन्होंने नाइटी पहनी हुई थी, जिसके कपड़े के ऊपर से ही उनके बूब्स का उभार पूरा पूरा नजर आ रहा था. दो दो जवान मस्त लड़कियां मेरे पास बैठी थीं.


एक बियर के हल्के शुरूर में ममता दीदी का देह दर्शन करना बहुत ही आनन्द दे रहा था. तभी वाइफ खाने के लिए कुछ लेने गई, तो दीदी बोलीं- सिगरेट नहीं है क्या?


मैंने कहा- है तो, लेकिन यहां कविता पीने नहीं देगी … ऊपर चलो. ममता दीदी ने कविता को आवाज़ लगाकर कहा- हम लोग अभी आए दस मिनट में … ऊपर जा रहे हैं.


ऊपर आकर दोनों ने सिगरेट सुलगाई और सामान्य बातें करने लगे. अब तक मेरी शर्म और झेंप खत्म हो चुकी थी तो हम दोनों सहज होकर बातें कर रहे थे.


उन्होंने पूछा- एक बात बताओ, उस दिन जो हुआ वह एक्सिडेंट ही था ना? आपका कोई प्री-प्लान तो नहीं था? मैंने कहा- अरे दीदी आप भी? मुझे कैसे पता लगता कि आप आई हो … वह तो बस ऐसे ही हो गया था.


उन्होंने हम्म करते हुए सिर हिलाया. कुछ सेकेंड का पॉज़ लिया, फिर बोलीं- तो क्या रोज ऐसे करते हो कविता के साथ?


मैं थोड़ा शर्माया, फिर हंस कर बोला- अरे नहीं … रोज नहीं, लेकिन अक्सर उसको छेड़ता रहता हूँ.


वह बोली- अच्छी बात है, ऐसे होना भी चाहिए. तुम दोनों को देख कर बहुत अच्छा लगता है.


तभी वाइफ भी ऊपर स्नॅक्स लेकर आ गई. ‘अच्छा तो सुट्टा लगाया जा रहा है तुम लोगों का? मैंने कहा- तुम पीती नहीं हो, तो पार्ट्नर तो ढूँढना पड़ेगा ना!


हम तीनों हंसने लगे.


दूसरी बियर भी खत्म होने वाली थी. हम तीनों ही मस्त हो गए थे.


रात भी काफ़ी हो गई थी. अभी तक छत पर ही खुले आसमान के नीचे बैठे थे.


तभी वाइफ बोली- चलो दी, खाना खा खाकर सोते हैं. ममता दीदी बोलीं- खाना यहीं ले आ … देख कितना अच्छा लग रहा है यहां … और वैसे भी आज मुझे ऊपर ही सोना है!


मैंने कहा- यहां आप अकेली सोओगी? वे बोलीं- तुम लोग यार बहुत शोर करते हो … सोने ही नहीं देते हो. कल मैं 3 बजे सो पाई थी!


वाइफ बोली- अच्छा, हम लोग ज़्यादा हल्ला करते हैं … और आप? आप दोनों लोग जब घर आए थे, तो पूरा घर उठ जाता था इतना शोर करती थीं … आं … ऊं … और पता नहीं क्या क्या! वैसे आज हम लोग करेंगे भी नहीं.


मैंने कहा- दीदी यह सच है क्या? तो वे बोलीं- इसे ज़्यादा पता होगा … सुनती होगी न कान लगाकर. उसी से तो सीखा होगा!


हम दोनों हंसने लगे.


दीदी बोलीं- वैसे कविता तेरी सिसकारियां कुछ ज़्यादा ही तेज थीं. बीवी बोली- दीदी ये निकाल ही देते हैं चीख … मैं क्या करूँ!


उसकी मासूमियत पर हम सब हंसने लगे. मेरी नज़र दीदी के बूब्स और घुटनों तक आने वाली उनकी नाइटी के नीचे नंगी गोरी गोरी टांगों पर टिकी थी.


मैं बातों बातों में मज़ाक का बहाना करके उनकी जाँघ पर हाथ मार दे रहा था. वे कुछ नहीं बोल रही थीं.


वाइफ बोली- तुम लोगों का खाना लाकर रख देती हूँ और मैं सोने जा रही हूँ. थोड़ी देर में उसने खाना लाकर रख दिया और चली गई.


हम दोनों बातें करते रहे. मैंने एक सिगरेट सुलगाई और दो कश लेने के बाद सिगरेट उनकी ओर बढ़ा दी.


उन्होंने भी दो कश लिए और मुझे वापस दे दी. मैंने अपने मुँह से सिगरेट लगाकर मज़ाक में कहा- इसका टेस्ट अब और अच्छा हो गया!


वे बोलीं- कैसे? मैंने कहा- आपके होंठों का टेस्ट जो मिल गया इसमें.


दीदी ने शरारत से मेरी जांघ पर एक चिकोटी काटी, पर बोलीं कुछ नहीं.


तभी उन्होंने फोन उठाया और मुझसे बोलीं- आओ कुछ सिखाती हूँ तुम्हें! मैंने अपनी चेयर उनसे सटा ली और फोन में देखने लगा.


वे अपने कॉलेज के दिनों की फोटो दिखा रही थीं … और बता रही थीं कि कैसे लड़के मुझ पर और कविता पर लाइन मारते थे. मैंने कहा- वैसे आप शुरू से ही पटाखा थीं. किसी से कुछ आगे हुआ भी था या केवल लाइन ही मरवाती रहीं?


वे बोलीं- असली पटाखा तो तुम ले गए … कविता तो शुरू से बहुत सेक्सी है. मैंने कहा- अच्छा?


वे बोलीं- तुम्हें अभी तक पता नहीं चला? मैंने कहा- पता चल गया … रोज लेकर सोती है. आज पता नहीं कैसे नींद आएगी उसे!


उन्होंने फिर से चिकोटी काटी और बोलीं- तुम भी ना! मैं जानबूझकर दीदी से सटने की कोशिश कर रहा था. अपना हाथ उनके हाथ से टच करा रहा था.


वे भी शांत आसमान में देखती हुई सिगरेट के कश मार रही थीं. मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स से टच किया. वे कुछ नहीं बोलीं, बस हल्के से मेरी ओर देखकर मुस्कुराईं.


इस मुस्कान से मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था. मैंने अपनी पूरी हथेली उनके एक दूध पर रख दी और नाइटी के ऊपर से दबाने लगा.


वे बोलीं- पहले और अब में कुछ अंतर लगा? मैंने कहा- पहले सीधे कॉंटॅक्ट में था, अभी कपड़े के ऊपर से है.


वे बोलीं- तो कोई बाहर से आएगा आपके लिए कपड़ा हटाने के लिए?


मैं समझ गया कि आज गर्मी अन्दर भरी पड़ी है. मैंने अपना हाथ नाइटी के गले से अन्दर डाल कर सीधा उनके एक दूध को पकड़ा और दबाने लगा.


वे चुपचाप आंखें बंद करके चेयर की टेक लगाकर बैठी रहीं.


मैंने उनके सामने खड़े होकर नाइटी पैरों को ओर से उठाकर पूरी निकाल दी. अब वे सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने बैठी थीं.


मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रखकर एक जोरदार स्मूच किया और हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोल दिया. उनके दोनों बड़े बड़े दूध मेरे सामने नंगे लटक रहे थे. मैं उन्हें हाथ में भरकर सहला रहा था.


वे आंख से कुछ इशारा करके बोलीं. तो मैं समझ गया और अपना मुँह लगा कर एक निप्पल को चूसने लगा. वे मादक सिसकारी भरने लगीं.


फिर एक हाथ नीचे पैंटी में ले जाकर चूत के ऊपर से सहलाने लगा. उनकी चूत गीली हो चुकी थी.


मैंने अपनी एक उंगली धीरे से चूत के छेद में घुसा दी. वे कराह कर बोलीं- आआह … सीईई … सब यहीं कर लोगे क्या?


मैंने कहा- खुले में यहीं करने दो. यह कहते हुए मैंने उनकी पैंटी भी निकाल दी.


वे अपना हाथ मेरे शॉर्ट के अन्दर ले गईं और मेरा लंड पकड़ कर बाहर निकाल लिया. लंड की साइज़ देख कर दीदी बोलीं- ओह माय गॉड … कितना मस्त है … कविता बहुत लकी है, जो रोज इसे लेती है.


एक पल उन्होंने लंड को अपनी मुट्ठी से भींचा और अगले ही पल दीदी ने झुक कर लंड को अपने मुँह में भर लिया. वे लंड को आइसक्रीम की तरह चूसने लगीं.


मैंने अपना शॉर्ट नीचे सरका दिया और पूरा नंगा हो गया. नंगे होकर लंड चुसवाने में बेहद मजा आ रहा था.


कुछ देर तक लंड को लपर लपर ककर चूसने के बाद Xxx साली बोलीं- अब डाल दो! मैंने कहा- कहाँ? वे बोलीं- जहां कविता की में डालते हो.


मैंने नंगी साली को तुरंत घोड़ी बनाया और अपना लंड पीछे से उनकी चूत के छेद पर सैट कर दिया.


जैसे ही मेरे लंड को चूत के छेद की गर्मी का अहसास हुआ, मैंने हल्का सा धक्का दे मारा. चिकनी चूत में मेरा पूरा लंड अन्दर घुसता चला गया.


उनकी चूत कविता की चूत से थोड़ी ढीली थी, लेकिन नई चूत का आनन्द ही अलग था.


कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैं चेयर पर बैठ गया और उन्हें अपनी गोद में बैठा कर लंड को छेद में डाल कर उन्हें उछालने लगा.


वह मस्ती से लंड को चूत से चबाती हुई बड़बड़ा रही थीं- अयाया … कितना मस्त चुदाई करते हो तुम … पूरा लंड अन्दर तक पेलो न … आआह … और कसके चोदो … फाड़ दो मेरी चूत को … जिस दिन कविता की चुदाई की आवाज़ें सुनी हैं, उसी दिन समझ गई थी कि तुम मस्त चोदते हो … बस तभी से तुम्हारे लौड़े से चुदवाने को तड़प रही थी … ऊऊहह … आआहह!


करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.


हम दोनों चिपके हुए चेयर पर बैठे रहे.


उस रात हम दोनों ने 3 बार चुदाई की. सुबह 5 बजे के आसपास मैं जाकर बीवी के पास लेट गया.


अगली सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने ममता दीदी और अपनी बीवी के साथ थ्रीसम सेक्स किया और फिर उनकी बड़ी बहन अनुपमा दीदी को भी चुदाई में शामिल करके ग्रुप सेक्स किया. अनुपमा दीदी तो इन दोनों से भी बड़ी चुदक्कड़ निकली थीं.


दोस्तो, यह नंगी साली Xxx कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज ज़रूर बताएं.


मेल आईडी है [email protected]


लेखक की पिछली कहानी थी: दीदी और जीजाजी की थ्रीसम चुदाई का खेल


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