पीजी में गांड मरवाने का आनन्द- 2

वालमिक्स

02-08-2024

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क्रॉस ड्रेस हॉट सेक्स का मजा मैंने अपनी पीजी मालिक की पत्नी बन कर उसके साथ सुहागरात में गांड मरवाई. एक बार उसके दोस्त को गांड मारने की ललक उठी तो …


कहानी के पहले भाग गांड मरवा कर मजा लिया में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपने पीजी में रूम मेट से गांड मरवाई. पर कुछ समय बाद उसका दिल भर गया तो उसने मेरी गांड मारनी बंद कर दी.


अब आगे क्रॉस ड्रेस हॉट सेक्स का मजा:


चोदते समय अनिल बोला– संतोष, मैं कुछ और महीने व्यस्त रहूँगा। तुम राजेश और विनय से यौन आनंद ले सकते हो, मुझे कोई आपत्ति नहीं। उनसे यौन बीमारी का खतरा भी नहीं है।


अगले शनिवार मैंने फुल बॉडी वैक्सिंग करवाई, काली शर्ट–पैंट पहनी।


रात को राजेश और विनय के साथ शराब पार्टी करते समय मैंने गे सेक्स वीडियो लैपटॉप में लगा दिया।


दोनों कामुक हो गए और मेरी चिकनी मांसल जांघ देखने लगे।


विनय बोला– काश ऐसा लड़का मिले जो मेरा लंड चूसे और अपने पीछे डालने दे। मैंने कहा– तुम दोनों की इच्छा है तो मैं तैयार हूँ।


तुरंत ही दोनों मेरी जांघ पर हाथ फेरने लगे। मैंने खड़ा होकर दोनों को उंगली के इशारे से अपने पास बुलाया।


दोनों मुझे चूमने लगे। फ़िर मेरी शर्ट उतार दी।


अनिल के चूसने और दबाने से मेरे चूचे कुछ बड़े हो गए थे। दोनों ने एक–एक चूचों पर कब्ज़ा कर लिया।


दोनों मेरे चूचों को दबाने और चूसने लगे। उन्होंने मेरी पैंट उतार कर मुझे नंगा कर दिया।


फ़िर दोनों मेरे एक–एक कुल्हों पर हाथ फेरने लगे।


राजेश बोला– मैं कॉण्डम खरीदकर लाता हूँ। मैंने बोला– मैंने सिर्फ अनिल के साथ सम्भोग किया है, वह भी तुम लोगों की तरह कुंवारा था। तो यौन बीमारी का खतरा नहीं है।


इतना सुनते ही दोनों अपने–अपने पैंट उतारकर नंगे हो गए। विनय ने अपनी शर्ट भी उतार दी। पर राजेश शर्ट पहने रहा।


राजेश और विनय दोनों पुराने दोस्त थे।


विनय हल्का सांवला और खिलाड़ी बदन का था। उसका लंड भी अनिल की तरह चार इंच लम्बा और सांवला पर ज्यादा मोटा था।


राजेश गोरा और भरे बदन का था। उसके शरीर पर सुनहरे छोटे–छोटे बाल थे। लंड लम्बा, गोरा और एकदम पतला था।


मैंने तकिया जमीन पर रखा और उसपर घुटनों पर बैठकर दोनों के लंड को बारी–बारी चूसने लगा। दोनों ‘सी … सी’ कर रहे थे!


थोड़ी देर बाद मैं कमर के नीचे तकिया लगाकर मिसनरी आसन में लेट गया। फ़िर पैर छाती की तरफ कर लिए।


राजेश ने अपने लंड पर तेल लगाया और धीरे–धीरे मेरी गांड मारने लगा। वह थोड़ी देर में ही झड़ गया।


विनय ने जब अपना लंड मेरी गांड में डाला तो उसका लंड मोटा होने के कारण मुझे थोड़ा दर्द हुआ। विनय धमासान गांड मार रहा था।


वह भी जल्दी झड़ गया। थोड़ी देर बाद मुझे घोड़ी के समान खड़ा किया।


फ़िर विनय मेरी गांड मार रहा था और राजेश मेरा मुंह चोद रहा था। इस बार चुदाई काफी देर तक चली।


विनय मेरी गांड में और राजेश मेरे मुंह में झड़ गया। मैंने राजेश का वीर्य पी लिया।


उसके बाद से दो महीनों तक लगातार मैं रात को राजेश और विनय के कमरे में जाता। दोनों मेरा मुंह और गांड चोदते।


मैं संतुष्ट होकर अपने कमरे में आ कर सो जाता।


राजेश को मुंह चोदने में ज्यादा मजा आता। वह मेरी गांड कभी–कभी ही मारता। पर विनय हर बार मेरी गांड मारता था।


एक रात मैं राजेश और विनय के कमरे में गया। तो पता चला विनय टूर पर गया हुआ था।


मैं नंगा होकर पलंग पर लेटा था। राजेश कमर के नीचे नंगा होकर मेरे होंठ चूस रहा था, वह शर्ट नहीं उतारता था।


वह मेरे चूचे दबाने और चूसने लगा; मैं आनंद से सिसकारी लेने लगा।


राजेश ने पूछा– क्या तुम्हें चूचे चूसवाने से मजा आता है? मैं बोला– हाँ, बहुत मजा आता है।


फ़िर मैंने राजेश की शर्ट के बटन खोल दिए। मैंने देखा राजेश के भरे बदन पर मस्त फूले हुए चूचे है।


उसके चूचे तो मुझसे भी बड़े थे। मैं राजेश के चूचे चूसने और दबाने लगा।


राजेश को मजा आ रहा था।


राजेश- संतोष, क्या गांड मरवाने में बहुत मजा आता है और तुमने शरीर के बाल कहाँ से साफ़ किए? मैंने कहा– गांड मरवाने में बहुत मजा आता है। पहले एक–दो बार दुखता है फ़िर मजा ही मजा। मैंने अमुक पार्लर से वैक्सिंग से शरीर के बाल साफ़ करवाए है।


मैं और राजेश 69 की अवस्था में एक–दूसरे का लंड चूसने लगे। मैंने अपनी उंगलियों में वैसलिन लगाकर एक उंगली राजेश की गांड में डाल दी।


फ़िर उंगली अन्दर–बाहर करने लगा। राजेश बोला– मजा आ रहा है।


फ़िर मैंने दो उंगली उसकी गांड में डाल दी। उसे थोड़ा दर्द हुआ फ़िर वह भी मजा लेने लगा।


हम हर रात 69 की खेल खेलते और एक–दूसरे का वीर्य पी जाते। राजेश मेरी गांड नहीं मारता था।


राजेश ने वैक्सिंग से अपने शरीर के अनचाहे बाल साफ़ करवा लिए थे। उसका बदन अब चिकना और सुन्दर लगता था।


शनिवार की सुबह विनय लौट आया। रात को मैं गांड आनंद लेने उनके कमरे में गया।


राजेश ने दरवाज़ा खोला। वह पैर फैलाकर बड़ी मुश्किल से चल रहा था।


राजेश मुझे गले लगाकर बोला– संतोष, तुम्हारा बहुत–बहुत धन्यवाद! तुमने बताया गांड मरवाने के आनंद के बारे में और आज दोपहर मैंने विनय से गांड मरवाई। पहले दर्द हुआ फ़िर बहुत मजा आया। मेरी गांड अभी भी दुख रही है! आज मैं आराम करूँगा, तुम विनय के साथ मजे करो।


उस रात विनय ने मेरी धुआँधार गांड मारी। इतने दिनों की कसर पूरी हो गयी।


अगली रात से विनय मेरी और राजेश की गांड बारी–बारी से मारता। हमारे चूचे दबाता और चूसता।


मैं और राजेश विनय का लंड चूसते। मिशनरी आसन में पास–पास लेटते।


विनय पहले एक की गांड मारता। फ़िर जब विनय को लगता कि वह झड़ने वाला है वह अपना लंड बाहर निकाल लेता और लंड को जड़ से कसकर पकड़ लेता और लम्बी–लम्बी सांस लेता।


उसका झड़ना टल जाता। फ़िर वह दूसरे की गांड मारने लगता।


मैं और राजेश घोड़ी के समान पलंग के किनारे खड़े हो जाते।


विनय एक की गांड मारते समय रूक कर दूसरे के कूल्हों पर बेल्ट से मारता। दूसरा मार से उत्तेजित होकर अपनी बारी का इन्तजार करता।


विनय के झड़ने के बाद मैं और राजेश एक–दूसरे का लंड चूसकर वीर्य पी जाते।


करीब बीस दिन बाद राजेश और विनय भाड़े के फ्लैट में चले गए। उन्होंने बताया– वहां हम दोनों पति–पत्नी की तरह रहेंगे।


मैं अब अपने रूम पार्टनर अनिल के प्रोजेक्ट ख़त्म होने का इन्तजार करने लगा। अनिल का प्रोजेक्ट ख़त्म हुआ।


उसे प्रमोशन भी मिला और उसकी बदली दूसरे शहर में हो गयी। मुझ पर जैसे बिजली गिर गई।


पीजी का मालिक विशाल 25 साल का हट्टा–कट्टा जवान था। उसका तलाक हो गया था।


विशाल ग्राउंड फ्लोर पर रहता था। ग्राउंड फ्लोर पर किचन और डाइनिंग रूम था। ऊपर की मंजिलों में करीब तीस लड़के रहते थे।


ग्राउंड फ्लोर रसोइया खाना बनाता था। मुझे खाना बनाने का शौक है तो मैं नए–नए खाना बनाना उसको सिखाता।


ग्राउंड फ्लोर पर आने–जाने से विशाल से मेरे अच्छे सम्बंध बन गए थे। मैं अक्सर विशाल से कहता– मैं पैसा जमा करके एक पीजी खोलूँगा।


अब मैं ज्यादा से ज्यादा समय विशाल के साथ बिताने लगा।


एक दिन जब मैं उदास बैठा था। तब विशाल बोला– संतोष, मुझे तुम्हारी उदासी का कारण मालूम है। मुझे पता है तुम बॉटम हो, तुम्हारा टॉप साथी चला गया है इसलिए तुम उदास हो। क्या तुम मेरे साथ मेरी पत्नी की तरह रहना चाहोगे?


आगे वह बोला– यदि हाँ, तो पहले डॉक्टर से तुम्हारी जाँच करवाऊंगा कि तुम्हें कोई यौन रोग तो नहीं है। यदि हमारी जोड़ी अच्छी जमी तो मैं तुम्हें अपने पीजी का पार्टनर बना लूंगा, तुम्हारा पीजी खोलने का सपना भी पूरा हो जाएगा।


डॉक्टर की रिपोर्ट आयी मुझे कोई यौन रोग नहीं था। विशाल ने मेरी मांग में सिंदूर लगाकर मुझे पत्नी बना लिया।


मैं घाघरा–चोली पहने रहता था। जब मैं कोई टॉप के साथ रहता मुझे लगता कि मैं लड़की हूँ।


घाघरा–चोली में तो मैं मन से पूरी लड़की बन गया था।


सुहागरात को विशाल ने मुझे चूमा। जब विशाल ने मेरे कपड़े उतारे तब मेरा नंगा–चिकना बदन और थोड़े फूले चूचे हुए देखकर खुश हो गया।


विशाल का लंड काला, पांच इंच लम्बा और मोटा था। उसने बड़े प्यार से मेरी गांड बहुत देर मारी। मैं तृप्त हो गया।


मैं लड़कों के कपड़े ही पहनता था दिन में, सिर्फ रात को बेडरूम में लड़कियों कपड़े पहनता। एक साल तक हमने क्रॉस ड्रेस हॉट सेक्स का खूब आनंद लिया।


हम दोनों में खूब प्यार हो गया था।


विशाल ने मुझे पीजी का पार्टनर बना लिया। मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी।


हम रोल प्ले खेलते। कभी मैं विशाल के कहने पर गुलाम बन जाता, कभी रंडी।


मुझे हल्की पिटाई में भी मजा आता। ऐसे ही दो साल बीत गए।


मैं तरह–तरह के खाने पीजी में बनाता। हमारा पीजी अच्छे खाने के लिए मशहूर हो गया।


हमने पीजी का भाड़ा बढ़ा दिया। फ़िर भी हरदम पीजी भरा रहता।


सेक्स के समय मैं सोचा करता कि काश मेरी चूत होती तब मैं विशाल को ज्यादा मजा दे पाता।


हम एक बार अन्तर्वासना3 पर कहानी पढ़ी। एक दिन हमने अन्तर्वासना पर बीवी की अदला–बदली की कहानी पढ़ी।


विशाल को अपने दोस्त राजन की बात याद आयी। राजन की शादी को 3 साल हो गए थे।


राजन की बीवी उसे गांड मारने नहीं देती थी। वह हमारे घर अपनी बीवी के अक्सर साथ आता रहता था।


राजन और उसकी बीवी को मेरे और विशाल के संबंधों के बारे में मालूम था।


राजन अक्सर कहा करता– यदि किसी की बीवी गांड मारने दे तो मैं बीवी की अदला–बदली के लिए तैयार हूँ। विशाल ने बीवी की अदला–बदली के लिए मुझे राजी कर लिया।


मैंने सोचा विशाल को चूत चोदने का मौका मिलेगा और मुझे स्वाद बदलने का। राजन ने अपनी पत्नी को बीवी की अदला बदली के लिए मना लिया था।


उनका यौन जीवन नीरस हो गया था तो बीवी सोची कुछ मजा हो जाए। पर राजन ने अपनी बीवी को यह नहीं बताया कि किसके साथ अदला–बदली करेंगे।


दिवाली की छुट्टी में पीजी के सभी लड़के अपने–अपने घर गए थे। यौन आनंद से मेरा बदन भर गया था।


मेरे चूचे विशाल ने दबाकर, चूसकर, ब्रेस्ट पम्प लगाकर बड़े कर दिए थे। मैंने लड़कियों का रूप धरा, सेक्सी ब्रा, बैकलेस ब्लाउज, नाभि दर्शना साड़ी, मेकअप गहने और मांग में सिंदूर से मैं सेक्सी लड़की की तरह लग रहा था।


हमने राजन और उसकी पत्नी को रात पार्टी पर बुलाया।


पहले राजन और उसकी पत्नी मुझे पहचान नहीं पाए। राजन मेरे सेक्सी बदन और सुंदर चेहरे को देख रहा था।


फ़िर राजन मुझे पहचान कर बोला– अरे संतोष, तुम तो बहुत सुंदर लग रहे हो। दो पैग सभी ने पिए।


राजन अपनी बीवी को बोला– इनके साथ ही अदला–बदली का प्रोग्राम है। राजन की बीवी तुरंत राजी हो गयी।


उसे दूसरे की बीवी से अपने पति छिन जाने का खतरा हो सकता था पर मुझसे नहीं।


विशाल राजन की बीवी को एक बेडरूम ले गया। मुझे राजन दूसरे बेडरूम ले गया।


उस रात हम सभी ने बहुत मजे किए। दोनों कमरों से सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी।


कुछ दिनों बाद हम चारों एक ही बेडरूम में सम्भोग करने लगे जैसे जुगलबंदी हो रही हो। हम बीवी अदला–बदली का खेल 5 साल से खेल रहे है। हम चारों खुश है।


यह क्रॉस ड्रेस हॉट सेक्स कहानी आपको कैसी लगी बताएं? मेल भेजते समय कहानी का नाम बता दिया करें! धन्यवाद! [email protected]


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