किरायेदार भाभी की तेल लगा कर पीछे से ली

वरुण 022

02-08-2024

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हॉट भाभी डबल सेक्स का मजा दे गयी मुझे. वे मेरी किरायेदार थी. मैं उन्हें पटाने का यत्न कर रहा था. कई बार उन्होंने मुझे फटकारा लेकिन अंत में मैंने उन्हें चूत और गांड में पेला.


फ्रेंड्स, मेरा नाम वरुण है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैं 28 साल का हूँ और मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है. मेरा लंड भी काफी बड़ा है.


यह हॉट भाभी डबल सेक्स की बात 4 साल पहले की है जब मैं 24 साल का था.


हमारे घर में ऊपर की मंजिल पर दो कमरे का सैट किराए के लिए खाली था. मेरे मम्मी पापा गांव में रहने चले गए थे और इधर का मकान मैं ही देख रहा था। अपनी पढ़ाई के साथ साथ घर से रह कर ऑनलाइन वाला काम भी करता था।


एक दिन एक कपल मकान देखने आया. उनका एक छोटा बच्चा भी था.


उस जोड़े में जो लेडी थी, वह बहुत हॉट थी. हालांकि दिखने में वह थोड़ी सांवली थी लेकिन अपने बड़े-बड़े चूचों के कारण वह बड़ी हॉट दिखती थी.


उसकी हाइट भी लगभग 5 फुट 5 इंच की रही होगी जिस वजह से उसकी खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ गई थी. उसे देखकर उसे देखकर तो मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.


मेरा मन हुआ कि काश ये लोग रूम रेंट पर ले लें और इस भाभी से मेरी बात बन जाए, तो मज़ा ही आ जाएगा.


ऐसा ही हुआ. वे लोग देख कर चले गए.


कुछ दिन बाद उस भाभी के पति का कॉल आया. उसने कहा- मुझे रूम पसंद आ गया है और हम लोग इसी वीक शिफ्ट हो जाएंगे! मैंने भी ओके कहा.


वे लोग शिफ्ट हो गए और धीरे-धीरे उनसे बात होना शुरू हो गई.


भाभी का नाम संगीता था और उनके पति का नाम विकी. मैं दोनों को भैया भाभी बुलाने लगा.


बातों बातों में पता चला विकी किसी इंटरनेशनल कंपनी में काम करता है और हर महीने विदेश ट्रिप पर जाता है.


यह बात सुनकर मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे और मैं मन ही मन सोचने लगा कि भाभी आसानी से सैट की जा सकती है.


पर अब दिमाग में यह चल रहा था कि भाभी को कैसे पटाया जाए. मैं घर पर ही रहता था, जॉब में ज्यादा समय नहीं देता था.


उन दिनों सर्दियों का टाइम था तो मैं छत पर जाकर बैठ जाता था. उधर ही संगीता भाभी आ जाती थीं.


तो हम दोनों बैठकर काफ़ी देर तक बातें करते रहते थे.


मुझे सिगरेट पीने की आदत है तो मैं सिगरेट पीता रहता था. भाभी को भी कोई दिक्कत नहीं थी.


एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? मैंने कहा- कोई नहीं है.


उन्होंने कहा- क्यों? मैंने कहा- बस अभी तक कोई आपके जैसी मिली ही नहीं!


संगीता भाभी हंस कर बोलीं- मेरी जैसी का क्या करोगे … कोई अच्छी सी ढूंढो!


मैंने कहा- आप भी तो अच्छी सी हो, मुझे तो आप ही मिल जाओ तो मेरी किस्मत चमक जाए!


भाभी बोलीं- मेरा क्या करोगे? मैंने बोला- जो जो मेरे मन में है, वह सब करूँगा.


वे बोलीं- और क्या क्या है मन में? मैंने कहा- वह सब वक़्त आने पर बता दूँगा.


उस दिन हम दोनों के बीच यही सब बातें होती रहीं.


बाद में मैं नीचे आ गया और शुरू से सोचने लगा कि भाभी ने मुझसे यह बात शुरू ही क्यों की थी! क्या उनके मन में मेरे लिए कुछ है! अब मुझे कुछ कुछ समझ में आने लगा था कि मामला सैट हो सकता है.


फिर एक दिन हम दोनों धूप में बैठे थे. मैं कुर्सी पर बैठा था और आज वे मेरे सामने नीचे ज़मीन पर बैठ गई थीं.


भाभी ने लो नेक वाला कुर्ता पहन रखा था और उनके बड़े बड़े चूचे बाहर निकलते दिख रहे थे. उनके सिल्की बूब्स देख कर मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया.


मेरा मन कर रहा था कि भाभी के बड़े बड़े चूचों को अभी के अभी उनके कुर्ते से खोल कर बाहर निकाल लूँ और चूसने लगूँ!


लेकिन मैं एकदम से ऐसा नहीं कर सकता था. मैं बस उनके बड़े-बड़े चूचों को देखता रहा.


भाभी ने भी शायद मेरी कामुक नजरों को देख लिया था कि मैं उनकी चूचियां देख रहा हूँ.


फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों छत से उठ कर नीचे चले गए.


नीचे आकर मैंने भाभी के मम्मों को याद करके अपना लंड खूब हिलाया.


मेरी आंखों के सामने उनके बड़े-बड़े चूचे ही आ रहे थे. मैंने दो बार लंड हिलाया.


अगले दिन हम दोनों फिर से छत पर बैठे. आज फिर से भाभी नीचे ही बैठ गई थीं. उनकी चूचियां तो मानो बाहर भाग रही थीं.


मेरा लंड आज फिर से एकदम खड़ा हो गया था. भाभी ने ध्यान दिया कि मैं बार-बार लंड पर हाथ रख रहा हूँ.


आज मेरा मन हुआ कि भाभी की चूचियों कैसे भी करके दबाई जाएं.


मैंने कहा- भाभी आपका सूट तो बड़ा अच्छा लग रहा है, कौन सा कपड़ा है? वे बोलीं- कॉटन है.


मैंने बोला- कॉटन तो नहीं लग रहा! वे बोलीं- पकड़ कर देख लो!


मैंने सोचा कि यह इनके बूब्स दबाने का अच्छा मौका है. तब मैंने अपना हाथ सीधा उनकी चूचियों की तरफ बढ़ाया और सूट देखने के बहाने उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों पर हाथ फेर दिया … और हल्का सा दबा दिया.


वे तुरंत गुस्से में आग बबूला हो गईं और बोलीं- कपड़ा ऐसे चेक होता है?


मैंने कहा- सॉरी, ग़लती से टच हो गया! उन्होंने कहा- ग़लती से टच नहीं हुआ जानबूझ कर किया है आपने!


मैं डर गया और सॉरी बोल कर नीचे आ गया.


अब दो-तीन दिन मैं ऊपर ही नहीं गया.


फिर मेरे पास व्हाट्सैप पर एक मैसेज आया. मैंने डीपी देखी तो वह संगीता भाभी की थी.


उनसे मैंने पूछा- नंबर कहां से मिला? वे बोलीं- पति के मोबाइल से निकाल लिया. मैं कुछ नहीं बोला.


भाभी ने मैसेज किया- ऊपर नहीं आते अब? मैंने कहा- हां, टाइम नहीं होने की वजह से ऐसा है.


वे बोलीं- आज आ जाना, मैं अकेली बैठी हूँ … मन नहीं लग रहा.


कुछ देर बाद मैं ऊपर जा रहा था तो मेरी नज़र भाभी के दरवाजे की तरफ पड़ी. वह हल्का सा खुला हुआ था.


मैंने देखा तो भाभी व्हिस्की की बोतल से पैग बना रही थीं.


मैं चुपचाप देखने लगा और जब वे पी रही थीं मैंने अचानक से कमरे का दरवाजा खोल दिया. एकदम से दरवाजा खुलने की वजह से वे डर गईं और दारू की बोतल छुपाने लगीं.


मैंने कहा- अरे भाभी कोई बात नहीं, मैं किसी को नहीं बताने वाला हूँ और वैसे भी आजकल तो सब चलता है!


उन्होंने कहा- क्या तुम भी पीते हो? मैंने कहा- नहीं मैं तो नहीं पीता लेकिन आप पिलाएंगी, तो जरूर पी लूँगा. भाभी मुस्कुरा दीं.


उसके बाद हम दोनों ने दो-दो ग्लास पिए और पहली बार होने से मुझे नशा होने लगा. मैंने सिगरेट भी पी, तो भाभी ने मेरी सिगरेट से ही दो तीन कश खींचे.


मैं समझ गया कि भाभी सर्वगुण सम्पन्न हैं.


नशे में मुझे भाभी के वही बड़े चूचे याद आने लगे. मैंने सोचा कि आज सही मौका है, आज इन्हें चोद ही दिया जाए!


बस मैंने नशे में होने का फायदा उठाया और भाभी को पकड़ कर उनके होंठों पर किस करने लगा. वे मुझे धक्का देने लगीं.


मैंने उन्हें छोड़ा ही नहीं बल्कि अपनी गोद में उठा कर बेड पर लेटा दिया. मैं उनके पेट पर किस करने लगा.


भाभी ने वापस मुझे धक्का दिया और गुस्से में बोलीं- यह सब क्या कर रहे हो … मेरी भी कोई इज़्ज़त है! मैं यह सब नहीं कर सकती. निकल जाओ तुम मेरे कमरे से! मैं डर गया और सॉरी बोलने लगा.


उन्होंने कहा- चले जाओ. मैं उनके कमरे से बाहर आ गया.


मैंने अब ऊपर जाना बिल्कुल ही बंद कर दिया.


कुछ दिन बाद भाभी के पति विदेश यात्रा पर गए थे. तभी भाभी का मैसेज व्हाट्सैप पर आया. वे मुझसे सामान्य बातें करने लगीं.


कुछ देर बाद बोलीं- काफ़ी दिन से तुम्हें देखा नहीं, कहीं बाहर हो क्या? मैंने कहा- नहीं, यहीं हूँ नीचे.


वे बोलीं- आते नहीं हो ऊपर? मैंने कहा- हां उस दिन की बात तो याद होगी आपको!


भाभी ने कहा- कोई बात नहीं, ऐसा हो जाता है कभी कभी! मैंने फिर से सॉरी बोला.


वे बोलीं- आ जाना ऊपर! मैंने कहा- मैं नहीं आ पाऊंगा, मेरा मन भटकने लगता है.


वे बोलीं- मतलब? मैंने कहा- मुझे आप अच्छी लगती हो और आपका फिगर देखकर मेरा मन कुछ करने को हो जाता है!


वे एक पल चुप रहने के बाद बोलीं- लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकती, मुझे डर लगता है, कहीं किसी को कुछ पता चल गया तो क्या होगा? मैंने कहा- ना आप किसी को बताओगी और ना ही मैं … तो पता कैसे चलेगा?


वे बोलीं- ऐसी बातें बताई नहीं जातीं, खुद ब खुद फैल जाती हैं. मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं होगा! फिर फोन कट हो गया.


उस रात हम दोनों व्हाट्सैप पर सामान्य बात कर रहे थे.


भाभी ने कहा- मैंने तुम्हें दिन में बुलाया था, तुम आए नहीं? मैंने मज़ाक में कहा- अब आ जाऊं … आज तो भैया भी नहीं है! उन्होंने कहा- हां आ जाओ.


मैंने कहा- मज़ाक तो नहीं कर रही हो आप? उन्होंने कहा- नहीं, आ जाओ.


मेरा तो मानो सपना सच हो गया था. मेरे पास कंडोम थे. मैं एक तीन कंडोम का पैक ले गया.


मैं जैसे ही ऊपर पहुँचा, तो मैंने मैसेज किया कि दरवाजा खोलो. दरवाजा खुला, तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.


भाभी ने ऊपर सिर्फ़ ब्रा पहनी थी. उनके मोटे-मोटे चूचों को देख कर मैं तुरंत गर्मा गया.


वे दूध दिखाती हुई बोलीं- तुम्हें मेरे फिगर में मेरे चूचे सबसे ज़्यादा पसंद है ना! मैंने कहा- हां भाभी … पर आपको कैसे पता? वे बोलीं- तुम्हारी नज़र हर वक्त मेरे मम्मों पर ही टिकी रहती है. मैंने कहा- हां भाभी, आपके दूध हैं ही इतने हॉट … मेरी आंखों के सामने हमेशा यही घूमते रहते हैं.


वे बोलीं- अब क्या प्रॉब्लम है … अब तो सामने हैं! मैंने भाभी का इशारा समझते ही उनको पकड़ा और किस करना शुरू कर दिया.


मैं भाभी के होंठों को चूसने लगा और पीछे से उनकी ब्रा का हुक खोल दिया. ब्रा हटते ही उनके दोनों चूचों को मैंने ब्रा से आज़ाद कर दिया और खुलने के बाद उनके खुले हुए चूचे मेरी आंखों के सामने फुदकने लगे थे.


भाभी के दूध देखकर मैं पागल ही हुआ जा रहा था, इतने बड़े-बड़े चूचे मैंने पहले कभी नहीं देखे थे.


मैंने कहा- मेरी जान, आपने तो मुझे जन्नत ही दिखा दी … आज तो आपकी चुदाई में मज़ा आ जाएगा! वे बोलीं- मन तो मेरा भी शुरू से था लेकिन मैं डरती थी कि कहीं कोई बात ना बन जाए!


मैंने फिर से उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया और इस बार वे भी मेरा साथ दे रही थी.


वे बोलीं- चलो दूसरे कमरे में चलते हैं. यहां मेरा बच्चा सो रहा है.


कमरे में जाते ही मैंने उन्हें गोदी में उठा लिया और उनके चूचे चूसने लगा. वे भी कामुक सिसकारियां भरने लगीं- आह आह.


फिर मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उनको गर्दन पर किस करने लगा, उनकी पैंटी भी उतार दी.


अब मैंने अपनी उंगली उनकी चूत में डालना शुरू की और साथ ही उन्हें किस भी करता रहा.


वे अपनी कामुक आवाजें निकालती रहीं- आह ह्म ऑश आह आ.


मैंने कहा- आज रात के लिए मैं ही तुम्हारा पति हूँ, आज मैं तुम्हें जन्नत दिखाऊंगा.


वहीं पास में टेबल पर चॉकलेट रखी थी. मेरी नज़र चॉकलेट पर गई तो मैंने कहा- मुझे तो आज चॉकलेट वाली चूचियां चूसनी हैं. वे बोलीं- कैसे?


मैंने चॉक्लेट उठाई और उनकी चूचियों पर रगड़ कर लगा दी. अब मैंने उनकी एक चूची को चूसना शुरू की और दूसरी के निप्पल पर अपनी उंगली फेरने लगा.


भाभी के चॉक्लेट लगे दूध को चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. वे लगातार कामुक आवाजें निकाल रही थीं.


मैं ऊपर से भाभी के दूध चूस रहा था और नीचे से मेरी उंगली उनकी चूत में चल रही थी.


उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.


फिर मैंने भाभी की दोनों चूचियों के बीच में अपने लंड को रगड़ा, तो भाभी की मीठी कराहें निकलने लगी थीं.


मुझे भी उनकी गर्म गर्म चूचियों के बीच में लंड डाल कर मुँह तक लंड को आगे पीछे करने में बड़ा मज़ा आ रहा था.


उनकी चूचियों पर लगी चॉक्लेट मेरे लंड पर भी लग गयी थी. मैंने कहा- जान, इसे चाटो न!


पहले तो भाभी मना करने लगीं, फिर मान गईं और मेरा लंड चूसने लगीं.


मुझे भाभी से लंड चुसवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था. वे भी खूब मज़े से चूस रही थीं और उनके मुँह से मस्त आवाज़ भी निकल रही थी ‘हम्म ह्म गॅप गॅप.’


लंड चुसवाने के बाद मैंने भाभी की दोनों टांगें खोल दीं और उनकी चूत चाटने लगा.


अपनी चूत चटवाते ही वे तो एकदम से सेक्स में डूब गईं और तरह तरह की कामुक आवाजें निकालने लगीं ‘आह आह ह्म ह्म ऑश यस्स.’


काफ़ी देर तक भाभी अपनी चूत चटवाने के बाद बोलीं- अब बस करो … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मैंने कहा- मेरी जान, आज तो मैं तुम्हें तड़पा तड़पा कर चोदूंगा.


भाभी लंड के लिए तड़प रही थीं और मैं अपना लंड उनकी चूत के अन्दर नहीं डाल रहा था.


मैंने भाभी को औंधा लेटा दिया और उनकी कमर पर किस करने लगा. वे लंड के लिए तड़प रही थीं और मैं उनकी चूत में उंगली करके उन्हें तड़पा रहा था.


अब तो वे चिल्लाने लगी थीं और कामुक आवाजें निकाल रही थीं- आह आह आ चोद दो यार प्लीज … क्यों तड़फा रहे हो?


मैंने अब भाभी को सीधा लिटाया और उनकी दोनों टांगों को खोल कर अपना लंड उनकी चूत पर रख दिया. वे अचानक से बोलीं- रूको … कंडोम लाए हो न … मैं बिना कंडोम के कुछ नहीं करूँगी!


मैंने कहा- मैं सब तैयारी से आया हूँ मेरी जान … कंडोम भी है और लंड भी कड़क है. तब मैंने लंड पर कंडोम लगा लिया.


फिर धीरे-धीरे मैंने भाभी की चूत में लंड डालना शुरू किया.


जैसे ही एक ज़ोर का झटका मारा, मेरा लंड भाभी की चूत में पूरा समा गया और वे चिल्ला दीं- आह आह फट गई आह!


भाभी की चूत में लंड डालते टाइम लग रहा था कि काफ़ी टाइम से उनकी चूत में लंड नहीं गया.


लंड लेते ही वे मुझसे चिपक गईं और कहने लगीं- आह बहुत ही आराम से करो … मुझे दर्द हो रहा है.


मैंने धीरे-धीरे चुदाई करना शुरू किया, उनके होंठों को चूसना शुरू किया और धीरे-धीरे चूत में झटके देने लगा. वे चिल्ला रही थीं- आह आह इश!


मैंने कुछ देर में लंड को बड़ी आसानी से अन्दर बाहर करते हुए चोदना चालू कर दिया था. भाभी को भी लंड लेने में मजा आने लगा था.


अब मैंने उन्हें अपने लंड के ऊपर बैठाया और उनकी चूत में लंड पेल कर चूत चुदाई शुरू कर दी.


अब तक चूत पूरी चिकनी हो चुकी थी तो लंड बड़े आराम से आ जा रहा था.


वे मेरे लौड़े के ऊपर बैठकर उछलने लगीं और उनकी चूचियां मेरे सामने उछल रही थीं. मैं भाभी की चूचियों को दबा रहा था, तो कभी चूस रहा था.


उनकी चूत काफ़ी गीली हो गई थी, लंड चूत की रगड़ से सफेद पानी फैन बन कर बाहर निकल रहा था. लंड एकदम फिसल कर अन्दर बाहर हो रहा था.


वे बोलीं- जान मैं काफ़ी दिन की प्यासी हूँ … आज तुम मेरी सारी प्यास मिटा दो. मैंने कहा- चलो भाभी अब घोड़ी बन जाओ. वे बोलीं- जैसे तुम बोलो राजा.


भाभी घोड़ी बन गईं और उनकी बड़ी सी गांड मेरे सामने आ गई थी. मेरा मन हुआ कि आज मौका है भाभी चुदासी हैं, आज ही इनकी गांड मार लेता हूँ.


मैंने चुपचाप लंड से कंडोम निकाल दिया और लंड पर थूक लगा कर उनकी चूत पर लंड लगाने लगा.


भाभी को चुदास के मारे यह होश ही नहीं था कि क्या कांड होने वाला है. मैंने लंड को चूत में पेल कर निकाला और उनकी गांड के छेद पर रगड़ने लगा.


भाभी जब तक कुछ समझ पातीं कि अचानक से मैंने अपना लंड उनकी गांड में पेल दिया. वे ज़ोर से चिल्लाईं और आगे की तरफ को हुईं.


वे मुझसे अलग होकर कराह कर बोलीं- आह यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा- अरे भाभी, वह उधर ग़लती से चला गया.


वे बोलीं- ग़लती से नहीं गया … तुमने पहले कंडोम उतारा, फिर लंड मेरे पीछे डाला!


मैंने उनसे सॉरी बोला, फिर चुदाई के लिए मना लिया. वे भी मान गईं और फिर से घोड़ी बन गईं.


इस बार मैंने कंडोम पहन कर घोड़ी बनाकर उनकी चूत में लंड पेला, झटके देने शुरू किए. भाभी की आवाज़ें फिर से आनी शुरू हो गईं ‘आह आह आश इश.’


पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ आ रही थी- टप्पाटप पक टप्पा पटपट.


अब मेरे लंड में से माल निकालने वाला था, तभी मैंने लंड बाहर निकाला. लंड पर से कंडोम हटाया और उनसे कहा- चूस मेरी जान!


वे भी रंडी की तरह मेरे लंड को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगीं और लंड को चूसने लगीं. जैसे ही मेरा माल बाहर निकलने वाला था, भाभी ने अपने चूचे आगे कर दिए और सारा माल चूचों पर निकलवा लिया.


कुछ टाइम बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. लेकिन मैंने चुदाई के लिए नहीं बोला.


इस बार उन्होंने खुद ही बोल दिया- तुम्हारा खड़ा हो गया है … चलो फिर से करें. मैंने कहा- इस बार मेरे तरीके से करेंगे.


वे बोलीं- और क्या है वह तरीका? मैंने कहा- मुझे पीछे से करना है भाभी आपकी गांड मारनी है! वे बोलीं- ऐसा नहीं हो सकता … दर्द होता है. मैंने कहा- आराम से करूँगा दर्द नहीं होगा … आपको मज़ा आएगा.


बड़ी मुश्किलों से वे गांड मरवाने के लिए मान गईं.


मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और अपने लंड पर तेल लगा कर उसकी मालिश की.


धीरे धीरे से भाभी की गांड के छेद पर सुपारे को रखा और आराम आराम से गांड में लंड पेला.


वे चिल्ला रही थीं और रो रही थीं- आह मत करो ऐसे … आह दर्द हो रहा है! मैंने कहा- थोड़ी देर में मज़ा आएगा.


कुछ देर बाद लंड अन्दर चला गया और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. वे दर्द से कराह रही थीं- आह आह … फाड़ दी आह दर्द हो रहा है आह!


फिर उनकी दर्द भरी आवाज बन्द हो गईं और उनकी गांड मटकने लगी.


मैंने काफ़ी देर तक भाभी की गांड मारी और चूत की पुत्तियों को मसलता रहा. इससे भाभी को बेहद मजा आने लगा था. मैं भी हॉट भाभी डबल सेक्स का मजा ले रहा था.


कुछ देर बाद मैं भाभी की गांड में ही झड़ गया और हम दोनों थक कर लेट गए. बाद में भाभी ने पैग बनाए और हम दोनों ने शराब पी कर कुछ खाया और एक सिगरेट पीकर हम दोनों दुबारा से चुदाई की तैयारी करने लगे.


दोस्तो, मैं आज भी भाभी की गांड मारता हूँ और उनकी चूत की चुदाई भी करता हूँ. वे भी मेरे लंड की दीवानी हैं.


हम दोनों जब भी मिलते हैं, खूब चुदाई करते हैं.


आपको अपनी चुदाई की कहानी का अगला जायका अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा. हॉट भाभी डबल सेक्स का मजा कहानी पर प्लीज अपने विचार जरूर भेजिए.


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