जवान लंड को पहली चूत मिली मौसी की

अमिताभ कुमार उत्तर प्रदेश

06-06-2024

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खेत चुदाई देसी मौसी की कहानी में मैंने अपनी गोरी चिट्टी सेक्सी मौसी को गन्ने के खेतों में चोदा. हम मामा के घर जा रहे थे. मौसी ने पेशाब के बहाने मुझे खेत में बुलाया.


दोस्तो, मेरा नाम अमित कुमार है. मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहता हूँ.


यह खेत चुदाई देसी मौसी की कहानी मेरे और मेरी सगी मौसी के बीच की चुदाई को लेकर है.


मेरी मौसी का घर मेरे घर से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर ही है, इसी वजह से मेरा वहां आना-जाना लगा रहता है.


मेरे मौसा जी और मौसी मुझ पर बहुत ज्यादा विश्वास किया करते थे. उन्हें कुछ भी काम करवाना होता था तो वे लोग सिर्फ मुझे याद करते थे.


मौसी की एक लड़की और दो लड़के हैं. उनकी उम्र अभी छोटी है.


एक बार मेरे मामा के घर में कोई बड़ी पूजा होनी थी, उस वजह से सबको आने को निमंत्रण दिया गया था. मैं भी सपरिवार वहां पहुंच गया था.


उसी वक्त किसी जरूरी काम के कारण मेरे मौसा को दिल्ली जाना पड़ा. बड़े मामा ने मुझे मौसी को लाने के लिए भेजा.


मैं अगले दिन तैयार होकर बस पकड़ कर मौसी के यहां आ गया. वैसे तो मौसी की हाइट बहुत कम है और फिगर भी कुछ खास नहीं है, लेकिन वे एकदम गोरी हैं.


मैं जैसे ही घर पहुंचा तो मौसी तैयार बैठी थीं. वे लाल रंग के साड़ी में थीं.


जब मैंने उनको देखा तो देखता ही रह गया. मौसी एकदम हुस्न की परी लग रही थीं.


उनकी चूचियां और गांड की तो बात ही निराली थी. मुझको लगा कि मौसी को वहीं पटक कर चोद दूं.


मैंने किसी तरह अपने आपको संभाला और मौसी से कहा- एक घंटे बाद की बस है, इसलिए हमें अभी निकलना पड़ेगा. बस स्टैंड घर से दूर था, तो जल्दी जाना जरूरी था.


एक घंटा बाद हमारी बस आई. मैं और मौसी उसमें बैठ गए.


बस पूरी खाली ही थी इसलिए मनपसंद सीट मिल गई.


हम दोनों लोग पीछे से दूसरी सीट पर बैठ गए. एक ही सीट पर हम दोनों बैठ गए थे.


मौसी का जिस्म मेरे जिस्म से टच हो रहा था तो मुझे कुछ मजा सा आने लगा.


आज वैसे ही मौसी की लेने का मन कर रहा था तो उनका स्पर्श और भी ज्यादा मादक लग रहा था.


मैं मौसी के साथ चिपका रहा और उन्हें चोदने के ख्याल में खो गया. दो स्टॉप के बाद बस और भी खाली हो गई. अब बस में सिर्फ चार लोग रह गए थे.


मुझे मौसी को छूने के लिए मौका अच्छा लगा. जैसे ही बस चली, मैंने अपना हाथ खिड़की की तरफ बढ़ा दिया.


मौसी तो खिड़की पास ही बैठी थीं, इस वजह से मेरा हाथ मौसी की गर्दन को छूने लगा. मुझे और मजा आने लगा.


इसी मजा का अहसास करने के लिए मैंने आंखें बंद कर लीं ताकि उनकी चुदाई की याद अच्छे से आए और भरपूर मजा मिले. यही सब मजा लेते लेते मेरा लंड कब खड़ा हो गया, मुझे पता ही नहीं चला.


तभी ड्राइवर में ब्रेक मारा और बस झटका खाती हुई रुक गई. उस झटके के कारण मौसी का हाथ सीधे मेरी जांघ पर आ गया और उन्होंने बहुत जोर से मेरी जांघ को पकड़ लिया.


मैंने आंख खोल कर देखा तो मौसी मेरे तने हुए लंड की तरफ ही देख रही थीं.


तभी कंडक्टर आया और बोला- भैया, बस खराब हो गई है … पीछे से कोई साधन आता है, तो आप उससे निकल जाना. इस रोड पर जीपें भी चलती हैं. यदि आप लोग चाहें तो जीप में चले जाएं, पैसे मैं दे दूंगा. मैं बोला- ठीक है.


जीप को आने में टाइम लग रहा था. मैं और मौसी एक दूसरे को चोरी चोरी नजरों से देख रहे थे.


काफी देर बाद एक जीप आई जिसमें बैठ कर हम लोग मामा के घर को चल दिए.


जीप ने गांव के बाहर हम दोनों को उतार दिया और उधर से करीब 3 किलोमीटर का रास्ता बचा था.


वहां से हम दोनों को पैदल ही जाना था.


उस वक्त शाम के करीब 7 बज रहे थे.


जैसे ही हम लोग पैदल चलने लगे, मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. उन्हें सुनसान रास्ते पर डर लग रहा था.


मौसी के गोरे नाजुक हाथ मेरे हाथ में थे और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी नाजुक कली के फूल मेरे हाथ में आ गए हों. मुझे फिर से मजा आने लगा.


कुछ दूर जाने के बाद मैंने मौसी से कहा- अब हम लोग खेतों में से चलेंगे तो जल्दी पहुंच जाएंगे. मामा के गांव के लोग ज्यादातर जल्दी पहुंचने के लिए खेतों में से जाते थे, यह बात मौसी को मालूम थी … इसीलिए वे तैयार हो गईं.


कुछ दूर चलने के बाद मौसी ने कहा- मुझको पेशाब करना है. मैंने कहा- आप थोड़ी दूर जाकर कर लो.


लेकिन मौसी बोलीं- मुझे डर लग रहा है … इसीलिए तुम मेरा हाथ पकड़े रहो और मेरे साथ तुम भी बैठ जाओ.


मैंने सोचा कि इसी बहाने मौसी की गांड दिख जाए तो मजा आ जाएगा. मैं भी मौसी के साथ बैठ गया.


मौसी अपनी साड़ी ऊपर करके बैठ गईं.


कसम से दोस्तो … उतने अंधेरे में भी हल्की रोशनी में मौसी की गांड क्या लग रही थी.


अब मुझसे बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था … मैंने दूसरे हाथ से मौसी की गांड को छू लिया.


मौसी ने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गई. मैंने फिर से छू लिया और इस बार दबा भी दिया.


मौसी ने मेरी तरफ देख कर कहा- क्या कर रहे हो? मैंने तुरंत सॉरी बोला.


मौसी ने कहा- तेरी गर्लफ्रेंड नहीं है, जो तू इस आंटी पर लाइन मार रहा है? इतना कह कर वे हंसने लगीं.


मैंने कहा- कौन उम्रदराज … मौसी आप तो किसी जवान लड़की को भी फेल कर दोगी! इतना कह कर मैंने मौसी की गांड को दुबारा रगड़ दिया.


अब मौसी खड़ी हो गईं और बोलीं- लगता ही तेरी गर्लफ्रेंड तुझे देती नहीं है. देसी मौसी की इस बेबाकी पर मैं तो हैरान हो गया.


फिर मौसी ने कहा कि बोलता क्यों नहीं है … नहीं देती है न? मैंने कहा- नहीं मौसी, आजकल की लड़कियां देती कहां हैं, सिर्फ खर्चा करवाती हैं.


मौसी यह सब सुन कर हंसने लगीं. उनकी हंसी में अलग की शरारत झलक रही थी.


मौसी बोलीं- अच्छा, इसका मतलब तूने अब तक कुछ भी नहीं किया है? मैंने कहा- मौसी, लेने के अलावा सब कुछ किया है.


मौसी बोलीं- अच्छा बता, क्या क्या किया है? मैंने कहा- मौसी उसको किस किया है. उसके दोनों बूब्स को भी दबाया है.


इतना बोलते बोलते मैंने मौसी के गाल पर एक किस कर दिया. मुझे लगा कि मौसी गुस्सा करेंगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ.


उन्होंने कहा कि अच्छा तो तूने गाल पर किस किया है! मुझको लगा कि सिग्नल ग्रीन है.


मैंने बिना कुछ बोले मौसी के होंठों पर अपने होंठ रखे और चूसने लगा. मौसी ने कुछ नहीं कहा.


करीब दो मिनट तक चूसने के बाद मैंने उनको छोड़ दिया और कहा- मौसी, मैंने ऐसे भी किस किया था.


मौसी कुछ नहीं बोलीं. वे कुछ पल चुपचाप खड़ी रहीं.


उनके यूं मौन रहने से मुझे डर लगने लगा. मैं मौसी को सॉरी बोलने लगा.


मौसी ने कहा- चुप हो जा और यहां से चल!


कुछ दूर चलने के बाद एक गन्ने का खेत आ गया था.


मौसी मेरा हाथ पकड़ कर खेत के अन्दर ले गईं और किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ीं.


मैंने कहा- अरे मौसी रुक जाओ. उन्होंने मुझे चुप रहने का इशारा किया और मुझे चूमने लगीं.


मुझे भी सेक्स चढ़ने लगा. मैं मौसी के बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा और उनका साया उठा कर दोनों हाथों से उनकी मस्त गांड को दबाने लगा.


कुछ देर किस करने के बाद मौसी ने पैंट निकालने का कहा.


मैंने तुरंत अपना पैंट निकाल दिया और मौसी तत्काल अपने घुटनों पर बैठ कर किसी माहिर खिलाड़िन की तरह मेरे लंड को चूसने लगीं. मैं तो एकदम से जन्नत में चला गया था.


मौसी ने मेरे टट्टों को सहलाते हुए उन्हें जीभ से चाटा तो लंड की मां चुदने लगी. लंड इतना अधिक कड़क होने लगा था मानो बस अभी फट जाएगा.


तभी मौसी ने धीरे से मेरे एक टट्टे को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं. अब तो और भी अधिक आनन्द आ रहा था. मैं उनके सर को अपने लौड़े पर दबाने लगा.


उसी वक्त मौसी ने टट्टे को अपने दांतों से हल्का सा काट लिया.


मुझे मीठे दर्द के साथ मजा भी आया. मेरी आह के साथ एक गाली भी निकल गई- उई मादरचोद … क्या मजा दे रही है साली रांड!


मौसी ने यह सुना और हंस कर लंड को गप कर लिया और हाथ से सहलाती हुई लंड चूसने लगीं. मैं मस्ती से लौड़े की चुसाई करवाता रहा और उनके दोनों मम्मों को दबाता रहा


मौसी कुछ देर तक लंड चूसने के बाद नीचे लेट गईं और बोलीं- ले भोसड़ी के … अब मेरी चूत चाट मादरचोद रंडी के जने … आ जा! उन्होंने मुझे गाली देकर अपना बदला पूरा कर लिया था.


उस वक्त काफी अंधेरा हो गया था और उसी अंधेरे में जैसे ही मैंने मौसी की चूत पर हाथ लगाया, मौसी ने कामुक सिसकारी भरी. मुझे उनकी चिकनी चूत का अहसास करते ही समझ में आ गया कि मौसी अपनी झांटों की नियमित सफाई करती हैं.


मैं भी एक भूखे शेर की तरह उनकी चूत को चाटने लगा और दाने को होंठों से दबा कर काटने लगा. मौसी ‘आह ऊह … आह चूस ले बहन के लंड आह … मजा आ गया आज तो …’ करने लगीं.


कुछ देर बाद मैंने उनकी चुत से मुँह हटाया. तो मौसी ने कहा- चल अब ज्यादा टाइम नहीं है. जल्दी से अपना लंड चुत में डाल दे.


मैंने बिना देर किए पोज बनाया और अपना लंड उनकी चूत पर लगा दिया.


लंड का सुपारा चुत को पुचकारने लगा. चुत भी लंड से लाड़ करने लगी.


मैंने थोड़ा सा धक्का मारा ही था कि मेरा पूरा लंड मौसी की चुत के अन्दर घुसता चला गया. मौसी मुझे गाली देने लगीं- आह मां के लौड़े … साले लंड पेल रहा है या गर्म सरिया पेल रहा है कमीने … मेरी चुत फाड़ देगा क्या?


मैं हंस दिया और मैंने एक दो झटकों में अपना पूरा लंड उनकी चुत की जड़ में ठांस दिया.


अब देसी मौसी खेत चुदाई का मजा लेने लगीं और उन्होंने अपनी गांड उठाते हुए कहा- जल्दी जल्दी पेलो … मजा आ रहा है.


मैं अपनी पूरी ताकत से मौसी की चुत में धक्के देने लगा और उनके बूब्स को पकड़ कर मसलने लगा. मुझे उस वक्त ऐसा लग रहा था कि मैं उनके बूब्स उखाड़ ही लूँगा.


करीब पांच मिनट की खेत चुदाई के बाद मैं मौसी की चुत में ही झड़ गया. देसी मौसी भी झड़ गई थीं.


अब मौसी उठीं और अपनी साड़ी ठीक करके बोलीं- तेरा पहला परफॉर्मेंस अच्छा था … पर इसमें अभी सुधार की काफी जरूरत है! मैंने कहा- आप सुधार कर देना!


उन्होंने हल्की सी मुस्कान बिखेरी और कहा- घर पर किसी को मत बताना तो परफॉर्मेंस पक्का सुधार दूंगी! मैंने मौसी को अपनी बांहों में लेकर उन्हें एक किस किया और हम दोनों घर की तरफ चल दिए.


इसके बाद जब भी मुझे मौका मिलता, मैं मौसी के घर पहुंच कर अपना परफॉर्मेंस सुधारने की कोशिश करता हूँ.


अब तक मैं बीस मिनट की दौड़ लगाने लगा हूँ; पीछे से भी मस्त चुदाई करना सीख गया हूँ.


आपको मेरी खेत चुदाई देसी मौसी की कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं. [email protected]


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