छोटी बहन ने मेरा लंड चूमा

सुरेश सोलमिया

16-08-2024

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कुंवारी फुद्दी सेक्स कहानी मेरी चचेरी बहन की सीलतोड़ चुदाई की है. वह मेरे साथ बेड पर सोयी थी. बीच रातमें उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उस पर चुम्मी करने लगी.


नमस्कार दोस्तो! भाई–बहन की इस सच्ची सेक्स कहानी में आपका स्वागत है!


मेरा नाम सुरेश है। मैं गुजरात का रहने वाला हूँ। मैं अभी 21 साल का हूँ।


यह जो सेक्स कहानी लिखी हुई है, वह सच्ची है। यह कुंवारी फुद्दी सेक्स कहानी मेरी और मेरे चाचा की बेटी के बीच में है।


मेरे चाचा हमारे साथ संयुक्त परिवार में रहते हैं। मेरे चाचा की तीन बेटियां हैं।


यह कहानी उनमें से सबसे छोटी वाली बेटी यानि मेरी छोटी बहन की है। मेरी छोटी बहन का नाम माया है।


माया अभी–अभी हाल ही में 19 साल की हुई है। उसका आकार तो मुझे नहीं पता पर वह बहुत ही हॉट है।


माया की बड़ी–बड़ी गांड और चूचियां मुझे बहुत पागल कर देती है।


मेरे मन में मेरी बहन की चुदाई करने का कोई ख्याल नहीं था। लेकिन जब से अन्तर्वासना पर मैंने सेक्सी कहानियां पढ़ी है। तब से मुझे अपनी बहन माया के साथ सेक्स करने की इच्छा हो रही है।


मेरे दिमाग में पहले कभी ऐसा विचार नहीं आया करता था कि मैं अपनी बहन की भी चुदाई करूंगा। पर अब तो दिन भर उसी के बारे में सोचता रहता हूँ।


चलो दोस्तो, ज्यादा बोर न करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ।


हमारे घर में मैं और मेरी बहन ही ज्यादा पढ़े लिखे हैं।


मेरा राजकोट शहर के एक कॉलेज में 1 साल पूरा हो गया था।


मेरी बहन ने भी बारहवीं पास कर लिया था। अब माया को आगे की पढ़ाई लिए कॉलेज में जाना था।


मैं तब राजकोट में कमरा लेकर पढ़ाई करता था।


तो मेरे चाचा ने मुझसे कहा– सुरेश, तुम माया का एडमिशन अपने ही कॉलेज में करवा दो। मैंने कहा– ठीक है चाचा!


फ़िर मैंने चाचा को कहा– चाचा, मैं माया का एडमिशन अपने कॉलेज करवा दूंगा। मेरे साथ कमरे में रहेगी तो हॉस्टल की फीस भी बच जाएगी। तब चाचा ने कहा– ठीक है, तो फ़िर तुम दोनों जल्द से जल्द बस से जा कर एडमिशन ले लो।


उस टाइम मेरी बहन छत पर थी।


मैं उसके पास गया और उसे सारी बात बताई।


तो मेरी बहन खुश हो कर बोली– सच! मैं तुम्हारे साथ पढ़ाई करूँगी? मैंने कहा– हाँ, और तुम मेरे साथ मेरे कमरे में ही रहोगी।


मेरी बहन ने खुश हो कर मुझे जोर से गले लगा लिया। उस टाइम उसने टीशर्ट और उसके अंदर ब्रा पहन रखी थी।


माया की चूचियां मेरे छाती से दब गए। दोस्तो, मुझे पहली बार किसी लड़की ने हग किया था।


मैं तो बहुत खुश हो गया। फ़िर माया बोली– भाई, मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मुझे जीवन में पहली बार शहर में रहने को मिलेगा।


क्योंकि हम गांव में रहते है तो उसके लिए शहर में रहना ही बहुत बड़ी बात थी।


थोड़े दिन बाद हम बस में बैठ कर राजकोट आ गए। मैंने माया का एडमिशन अपने कॉलेज में करा दिया।


फ़िर हम वहीं से अपने कमरे पर आ गए।


जैसे ही रात हुई हम एक होटल में खाना खाने चले गए। फ़िर खाना खाकर वापस अपने कमरे पर आ गए।


मेरे कमरे में एक ही पलंग था तो मैंने माया से कहा– तुम ऊपर सो जाओ, मैं नीचे बिस्तर लगा कर सो जाता हूँ। तब माया बोली– भैया हम दोनों साथ में ही सो जाते हैं। बिस्तर है ही और डबल बेडशीट भी है।


फ़िर वह आगे बोली– हमें अब साथ में ही तो रहना है। मैंने कहा– ठीक है माया।


हम दोनों पलंग पर अगल-बगल में सो गए। कुछ देर बाद माया बोली- भैया, मैं आज बहुत खुश हूँ! थैंक यू सो मच!


फ़िर वैसे ही हमने नॉर्मल बातें की और दोनों एक साथ सो गए।


रात के 2:00 बजे के करीब मुझे अपने लंड पर किसी के हाथ का स्पर्श महसूस हुआ। मैंने आँख खोल कर देखा तो माया मेरे लंड को धीरे–धीरे से दबा रही थी।


मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था। पर मेरा लंड बहुत सख़्त हो गया था।


मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। तो मैं वैसे ही सोने का नाटक करता रहा।


फ़िर मेरी बहन ने धीरे से मेरे पैंट की चैन नीचे कर दी। मैंने अंदर अंडरवियर नहीं पहनी थी।


तब माया ने धीरे से मेरे लंड को बाहर निकाला। फ़िर धीरे-धीरे उसे हिलाने लगी।


दोस्तो, मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मेरा मन कर रहा था कि अभी नींद से उठकर माया को चोद दूं।


पर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और देखने लगा कि वह आगे क्या करती है!


मेरी बहन ने अपना मुंह मेरे लंड के पास ले कर गई। फ़िर धीरे से अपने होंठ से मेरे लंड पर एक चुंबन दिया।


उसके बाद माया ने लंड को वापस पैंट में डाल दिया और मेरे गाल पर एक चुम्मा दे दी। फ़िर वह मुझे जोर से हग कर के मुझसे चिपक के सो गई।


फ़िर करीब आधे घंटे तक उसने कुछ नहीं किया। उसे शायद नींद आ गई और वह सो गई थी।


फ़िर मुझे भी नींद लग गई। तो मैंने भी कुछ नहीं किया और वैसे ही मैं सो गया।


सुबह मैं उठ कर फ्रेश हुआ। फ़िर मैंने मेरी बहन को जगाया।


माया से मैंने कहा– नहा लो और चलो हम घूमने चलते हैं। मैंने रात के किस्से के बारे में उससे कुछ भी बात नहीं की।


माया बोली– ठीक है भैया।


हम एक पार्क में घूमने आए। तब मैंने वापस घर जाने के लिए ऑनलाइन रात की एक ट्रेन की दो टिकट बुक कर ली।


फिर मैंने माया को बताया– रात की ट्रेन की दो टिकट बुक कर ली है मैंने! माया बोली– ठीक है भाई!


फ़िर हम दोनों पार्क में एक जगह पर बैठे। तभी हम दोनों की नजर एक युगल पर गई जो कि रोमांस कर रहे थे।


तब मेरी बहन मुझे देख कर मुस्कुराई। फ़िर माया बोली– देखो भाई, आपकी भी गर्लफ्रेंड होती तो आप भी मजे लेते ना!


मैं तब बोला– अगर तेरा भी बॉयफ्रेंड होता तो तू भी मजे लेती न! माया बोली– क्या भाई आप भी, मुझे कहां बॉयफ्रेंड की जरूरत है? मैं बोला– क्यों?


तब माया बोली- छोड़िए ना भाई, चलो चलते है। यह कह कर माया ने मुझे एक आँख मारी और एक स्माइल दी।


फ़िर हम दोनों पार्क से बाहर निकलने के लिए चल पड़े।


पाक से बाहर निकलकर हम दोनों ने बस पकड़ी अपने कमरे की ओर आने के लिए! लेकिन बस में बहुत भीड़ थी.


मैं और मेरी बहन भीड़ में ही बस में चढ़ गए। फ़िर बस वहां से निकल गई।


अगली स्टॉप पर बस में और भी 6-7 लोग चढ़ें। अब बस में और भी भीड़ हो गई।


मैं अपनी बहन के पीछे भीड़ के कारण जोर से सट गया। मेरा लंड मेरी बहन की गांड पर पूरी तरह से सट रहा था।


मुझे तो बहुत मजा आ रहा था। क्या मुलायम गांड थी माया की!


मेरी बहन को भी बहुत मजा आ रहा था। उसने मेरी तरफ मुंह करके मुझे स्माइल दी।


तो मैंने भी एक स्माइल दी और बोला– बहुत भीड़ है।


तब माया बोली– कोई बात नहीं 10-15 मिनट की ही तो बात है।


मैंने सोचा कि ‘अभी स्टॉप को आने में 10-15 मिनट की देरी है तो क्यों ना थोड़ा और मजे लिया जाए। तब मैंने अपना एक हाथ मेरी बहन की कमर तक ले गया।


फ़िर थोड़ी देर तक अपनी हाथ से माया के कमर को पकड़े रखा और फ़िर उसे सहलाने लगा। थोड़े समय बाद मैंने अपने हाथ को कमर से उसकी चूचियों की तरफ ले गया।


क्या चूचियां थी दोस्तो, एकदम मुलायम–मुलायम मक्खन के जैसे। मैं वैसे ही थोड़ी देर तक उसकी चूची को दबाता रहा।


मेरी बहन कुछ नहीं बोल रही थी। वह बस मुस्कुरा रही थी।


फ़िर हमारा स्टॉप आ गया।


तब हम दोनों उतर गए और अपने कमरे पर आ गए।


हम दोनों के अंदर अन्तर्वासना जाग गई थी। पर हम दोनों एक–दूसरे से कह नहीं पा रहे थे।


ट्रेन रात के 8:00 बजे की थी।


मैंने सोचा अभी दोपहर का टाइम है तो सो जाते हैं। बाहर धूप भी बहुत थी तो घूमने में मजा नहीं आता हमें!


फ़िर मैं और माया एक साथ दोनों सो गए। मुझे नींद नहीं आ रही थी।


मैंने सीधे ही माया को हग कर लिया। माया– भाई, आप क्या कर रहे हैं?


मैं– वही मेरी बहन, जो तुम रात को मेरे साथ कर रही थी। माया– क्या मैं आपके साथ कर रही थी?


मैं– अच्छा मुझे बेवकूफ मत समझो! रात को क्या कर रही थी मुझे सब पता है। माया– मुझे पता था कि आप तब जगे हुए थे इसलिए तो मैंने आपका वो बाहर निकाला था.


मैं– वो क्या? माया– वो … वो… आपका लंड।


मैं– अच्छा कैसा लगा? माया- भैया, मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ। मैंने आपका लंड बहुत बार देखा है। मैं– कहां पर? माया– जब आप बाथरूम में नहाने जाते थे। तब मैं बाथरूम के दरवाजे में छोटे से एक छेद से आपको और आपके लंड को देखती थी।


आगे वह बोली– आप नहाने जाने से पहले बहुत बार अपने लंड को हिलाते थे, वह भी मैंने देखा है। पता नहीं कैसे, पर तब से मैं आपसे बहुत प्यार करने लगी हूँ।


एक मिनट तक चुप रहने के बाद माया फ़िर बोली– मैं राजकोट शहर में आने से खुश नहीं थी पर आपके साथ सोने से खुश थी भैया! मैं– अच्छा इसलिए उस दिन तुमने मुझे हग किया था जोर से!


माया– मुझे पता था, मेरे भाई से तो कुछ नहीं होगा। इसलिए मैंने ही तुम्हारे लंड को पकड़ा। मैं– आई लव यू माया! माया– आई लव यू टू सुरेश!


मैं– अच्छा भाई से सीधे सुरेश? माया– अब तो तुम मेरे बॉयफ्रेंड हो।


मैं– अच्छा तुम लड़कियों को भी सेक्स करने की इच्छा होती है? माया- हम लड़कियों को तुम लड़कों से ज्यादा सेक्स करने की इच्छा होती है, पर हम लड़कियां किसी को बताती नहीं हैं।


फ़िर मैं और मेरी बहन दोनों एक–दूसरे के होंठ को चूसने लगे। करीब 20 मिनट तक हमने एक–दूसरे के होंठों का रसपान किया।


फ़िर माया बोली– भैया, अब रहा नहीं जा रहा! तब मैंने मेरी बहन का ड्रेस उतरा और नीचे फेंक दिया।


उसने अंदर काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी। दोस्तो, देखने में क्या गजब की लग रही थी वह!


मैंने ब्रा के ऊपर से ही माया की चूचियों को दबाने लगा और उन्हें चूमने लगा। अब माया सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही थी।


मैंने माया से कहा– क्या लग रही हो यार, तुम बहुत ही सुंदर हो। माया बोली– भैया, आप भी उतारिए अपने कपड़े! तब मैंने माया को बोला– तुम ही मेरे कपड़े उतार दो!


फ़िर उसने मेरा पैंट और शर्ट निकाल दिया। मैंने अंदर अंडरवियर नहीं पहना था तो मैं पूरा नंगा हो गया।


फ़िर मैंने माया के पूरे बदन को चूमा। कभी कमर पर तो कभी उसके होंठ पर, कभी गाल पर कभी पीछे पीठ पर।


फ़िर नीचे बैठ कर माया के पैर को चाटने लगा। पैर को चाटते–चाटते ऊपर गांड के उभार को चाटने लगा।


मेरी बहन जोर-जोर से सिसकारियां ले रही थी– आह भाई … और चूमो … मजा आ रहा है! फ़िर मैंने मेरी बहन को सीधा सुलाया और उसके ऊपर आ गया।


मैंने मेरी बहन के होंठों को वापिस से चूमना शुरू किया। उसके होंठ चूमते–चूमते उसकी ब्रा को नीचे से निकाल दिया।


दोस्तो, मैं क्या बताऊं क्या चूचियां थी माया की! सफेद रंग के गोरे-गोरे चूचे, उस पर काला सा तिल और भूरे रंग की निपल्स मुझे पागल कर रही थी!


मैंने अपने होंठ मेरी बहन की मुलायम सी एक चूची पर रखा और एक चुम्बन दिया। फ़िर दूसरी चूची पर एक चुम्बन दिया।


मेरी बहन तो जाने सातवें आसमान पर थी। वह जोर–जोर से सिसकारियां ले रही थी।


मैं अपनी बहन की एक चूची को चूसने लगा। दूसरी तरफ एक हाथ से उसकी एक चूची को दबाने लगा।


तब माया सिसकारियां लेती हुई बोली– भाई और जोर से चूसो … मजा आ रहा है … भाई चूसो लो … मेरे पूरी चूची का रस! आज तक किसी को मैंने अपनी चूचियां दिखाई भी नहीं है पर ये आज और आज से सिर्फ तुम्हारे लिए हैं।


करीब 10 मिनट तक में अपनी बहन की चूचियों चूसता रहा। कभी दायीं चूची तो कभी बायीं चूची।


बीच–बीच में चूचियों को अपने दांत से काट भी लेता था। तब माया दर्द में मजा लेती हुई बोलती– भाई, धीरे से चूसो ना! अब तो में आपकी ही हूँ!


फ़िर मैंने अपनी बहन की पैंटी निकाल दी और उसे पूरी नंगी कर दिया। फ़िर मैंने भी अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए।


अब हम दोनों पूरे नंगे हो गए थे। फ़िर मैंने मेरी बहन को कहा– 69 के पोजीशन में आ जाएगी क्या?


माया- आज तक किसी का लंड चूसा नहीं है मैंने भैया! मैं– अरे मेरी जानू, आज तक मैंने भी किसी की चूत नहीं चूसी। चल ना, दोनों साथ में मजे लेते हैं।


फ़िर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।


माया ने मेरे लंड को मुंह में लिया। तब मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए।


दोस्तो, पहली बार मैंने किसी की चूत चूसी थी। जो मुझे मजा आया दोस्तो क्या ही बताऊं मैं!


मेरी बहन भी मेरा लंड पूरा अपने मुंह में ले रही थी।


हम दोनों ने 10 मिनट तक मजे किए। फ़िर दोनों एक साथ झड़ गए।


मैं मेरी बहन का पूरा पानी चाट गया। फ़िर हम दोनों ने ऐसे ही 10 मिनट तक पलंग पर पड़े रहे।


अब मेरा लंड फ़िर से सख़्त होने लगा था।


मैंने मेरी बहन को सीधा लेटाया। फ़िर मैं बीच में आ गया और अपना लंड माया की चूत पर रखा और धीरे से लंड अंदर डालने लगा।


पर मेरी बहन की चूत बहुत कसी थी। तो मेरा लंड उसकी छोटी सी और कसी हुई चूत में नहीं जा रहा था।


तब मैंने एक जोरदार झटका लगाया और अपना 3 इंच लंड माया की चूत में घुसा दिया।


मेरी बहन एकदम जोर से चिल्लाई– ओह माँ … मर गई … साले निकाल तेरे इस लंड को! पर मैं अपना लंड ऐसे ही डालकर पड़ा रहा। मेरी बहन बस छटपटा रही थी।


2 से 3 मिनट तक ऐसे ही मैं माया के ऊपर लेटा रहा। फ़िर मेरी बहन का दर्द थोड़ा कम हुआ।


तब मैंने मेरी बहन के होंठों को चूमा। ऐसे ही होंठों के चूसते हुए एक जोरदार झटका लगाया और अपना पूरा का पूरा लंड माया की चूत में उतार दिया।


मेरी बहन की आँखों से आंसू निकल रहे थे और चूत से खून निकल रहा था।


कुंवारी फुद्दी सेक्स के दर्द से बहन का रो–रो कर बुरा हाल हो गया था। वह बस यही कह रही थी– भैया, प्लीज निकालो … बहुत दर्द हो रहा है!


पर मैं कहां मानने वाला था। 2 – 3 मिनट तक वैसे ही लेटा रहा।


माया का जब दर्द थोड़ा सा कम हुआ तब मैंने झटके लगाने शुरू किए।


10 मिनट के बाद मेरी बहन को भी मजा आने लगा। अब वह खुद बोल रही थी– और डालो भैया … जोर–जोर से चोदो मुझे, जोर…जोर से चोदो! बहुत मजा आ रहा है भैया … चोदो … चोदो और जोर–जोर से! वह खूब सिसकारियां ले रही थी।


फ़िर मैं नीचे सो गया और मेरी बहन को अपने लंड के ऊपर बिठाया। मेरे लंड पर कूदती हुई माया खूब सिसकारियां ले रही थी।


वह बोल रही थी– मेरी जान आई लव यू! मैं भी उसे बोला– माया, आई लव यू! तो फ़िर माया बोली– आई लव यू सुरेश, आई लव यू!


हम ऐसे ही 10 मिनट तक ऐसे ही चुदाई करते रहे।


उसके बाद मैंने मेरी बहन को डॉगी स्टाइल में किया। फ़िर पीछे से उसकी चूत में अपने लंड को डालने लगा।


करीबन 10 से 15 झटके के बाद में ही मेरा पूरा का पूरा पानी उसकी चूत के अंदर गिर गया। तब वह भी झड़ गई। फ़िर मैं और मेरी बहन ऐसे ही लेटे रहे।


रात को मैंने ट्रेन में भी चुदाई की। वह मैं अगली कहानी में बताऊंगा आपको!


तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी और मेरी बहन की चुदाई की एक सच्ची कहानी? कुंवारी फुद्दी सेक्स कहानी पर कमेंट करके जरूर बताएं! [email protected]


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