मेरी पत्नी को दो मजदूरों ने ट्रेन में चोदा- 2

आर बी

08-07-2024

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बैड वाइफ डर्टी स्टोरी में मेरी बीवी ट्रेन में दो मजदूरों से चुद गयी. मैंने वो पूरा नजारा देखा था. पर मेरी बीवी ने खुद पूरी घटना मुझे सुनाई कि यह खेल शुरू कैसे हुआ.


दोस्तो, कहानी के पहले भाग मेरी पत्नी को दो मजदूरों ने ट्रेन में चोदा- 1 में आपने पढ़ा कि मेरी बीवी की ट्रेन के अन्दर दो हट्टे-कट्टे मजदूरों के बड़े बड़े लंड से चुदाई हुई.


अब आगे बैड वाइफ डर्टी स्टोरी:


ट्रेन के सफर के बाद हम दोनों घर आ गए.


एक हफ्ते तक मेरी बीवी की चूत और गांड में सूजन बनी रही. वह अपनी गांड और चूत में मलहम लगा कर बिना पैंटी के लेटी रहती और चलते वक्त अपनी दोनों टांगों को फैला कर चलती.


मैं उसे देखता और हँसता हुआ उसकी तरफ देखता तो वह झेंप जाती.


वह कहने लगती- यह सब तुम्हारे कारण ही हुआ है. न तुम मुझसे एक साथ दोनों तरफ से लेने की मंशा जाहिर करते और न ही मैं इस बारे में सोचती.


इस तरह से एक हफ्ते बाद जब मैं अपनी बीवी के साथ बिस्तर में उसे चोदने के लिए मना रहा था. तब उसने मुझसे अपनी चुदाई की कहानी सुनाई.


आइए मेरी पत्नी की जुबानी बैड वाइफ डर्टी स्टोरी सुनिए कि दो हट्टे-कट्टे मजदूरों से मेरी पत्नी ने किस तरह से अपनी सैंडविच चुदाई करवाई.


मैं जैसे ही बर्थ में चढ़ गई, तो उसने मुझे हाथ पकड़ कर चढ़ने में मदद की.


यह आपने अंधेरे के कारण नहीं देखा था कि उसने मुझे हाथ से सहारा दिया था.


उसका बलिष्ठ हाथ का अहसास करते ही मेरे अन्दर एक झनझनी सी दौड़ गई. पहली बार किसी गैर मर्द के हाथों ने मुझे छुआ था.


मैं ऊपर चढ़ कर बैठ गई और मैं उन दोनों के बीच में बैठ गई.


जब कुछ देर बाद आप जैसे ही सो गए, उस मजदूर ने मुझसे बातें करना शुरू कर दीं.


वह मुझसे कहने लगा- भाभी आप बहुत माल और सेक्सी लग रही हो! मैंने उससे कहा- अरे ऐसा मत कहो, कहीं मेरा पति सुन ना लें.


यह सुनकर शायद उस मजदूर ने मेरी कामना को समझ लिया था. वह मुझसे बोला- सच बता रहा हूं भाभी जी, आज तक मैंने आपकी जैसी सेक्सी औरत नहीं देखी है. मैंने भी मुस्कुरा कर कह दिया कि बस करो, अब कितना मक्खन लगाओगे!


दोनों मुझसे चिपक कर बातें करने लगे. मुझे भी ठंड में गर्मी का अहसास होने लगा.


मैं भी उन दोनों से चिपक कर बातें करने लगी. इतने में पहले वाले मजदूर ने अपनी पैंट नीचे सरका दी और वह अपना मोटा लंबा लौड़ा मेरी कमर पर टच करवाने लगा.


जैसे ही उसका मूसल सा लंड मेरी कमर पर टच हुआ, मैं तुरंत ही गर्म होने लगी. मेरे प्यारे पति देव, उसका मूसल लंड आपसे भी बहुत लंबा और मोटा लगा.


मैंने उस मजदूर से पूछा- यह क्या कर रहे हो? वह हंसकर बोला- मैडम क्या करें … आपकी कयामत जैसी फिगर देखकर हमारा ईमान डोल गया.


मैं भी हंसकर बोली- ईमान डोल गया या फिर कुछ और ही डोल गया! इतना सुनते उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने मोटे लंड पर रखवा दिया.


मैं भी उसका लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी.


उतने में उसके दोस्त मेरे बूब्स दबाने लगा और मैं गर्म होने लगी.


फिर उसके दोस्त ने मेरे साड़ी के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगा. मैं बहुत गर्म होने लगी.


उतने में उसका दोस्त बोला- ऐसे करोगे, तो सबको मालूम चल जाएगा. एक काम करो तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरा दोस्त को तुमको पीछे से चादर उढ़ा देगा. मैं बोली- नहीं नहीं, मेरे पति को पता चल जाएगा.


वह बोला- प्लीज एक बार लेकर तो देखो भाभी जी, आप अपने पति को भी भूल जाओगी.


उसकी बात तो सही थी कि मुझे उसका लंड भा गया था और मुझे उसी वक्त आपकी वह कामना भी याद आ गई जो आप मुझे चोदते वक्त हमेशा करते थे कि एक साथ दो लंड से मेरे दोनों छेद खुलवाना है. यह याद करते ही मैं भी मान गई.


उन दोनों ने एक साथ बोला- हम दोनों को आप पहले अपनी गांड और चूत चाटने दो. मैं बोली- वह कैसे होगा? वे दोनों बोले- आप यहां बीच में लेट जाओ.


मैं उन दोनों के बीच में करवट लेकर लेट गई. उन दोनों का मुँह मेरी गांड और चूत की तरफ था.


उन दोनों के बड़े बड़े लौड़े मेरे मुँह की तरफ थे. एक ने मेरी साड़ी पर उठाकर मेरी मोटी गांड को मसला और धीरे-धीरे चांटा मारने लगा.


फिर उसने मेरी चड्डी उतारकर मेरी गांड को और मेरी चूत को नंगी कर दिया. दोनों ने मेरी गांड और चूत छेद में अपनी नाक घुसेड़ दीं.


अब वे मेरी चूत और गांड के छेद की खुशबू लेने लगे. मैं भी गर्म होकर उनके बड़े बड़े लंड को मुँह से चाटने लगी. मेरे होंठों पर उनके लौड़ों के लाल लाल टोपे रगड़ मारने लगे.


मैं भी उनके दोनों मोटे लंड पकड़ कर मुँह में लेने लगी और चूसने लगी. आह क्या मोटे और तगड़े लंड थे.


उनके लौड़ों के टोपे में से कितनी हॉट खुशबू आ रही थी. बहुत मजा आने लगा था.


वे दोनों में एक साथ लग गए. एक मेरी गांड के छेद में और दूसरा मेरी चूत के छेद में उंगलियां घुसेड़ने लगा. मैं तड़पने लगी.


ऐसा लगने लगा कि मानो यह दोनों आज मेरी हालत खराब कर देंगे. एक साथ चूत और गांड में दो उंगली जाते ही मैं दर्द के साथ साथ गर्म भी होने लगी.


मेरे दोनों यार एक साथ मेरी चूत और गांड में जीभ डाल कर चाटने लगे. सच कहूं मेरे प्यारे पति, क्या मस्त अहसास मिल रहा था.


आज मैं दो गैर मर्दों से एक साथ चूत गांड चटवाने का सुख भोग रही थी. वे भी काले मजदूरों के साथ … जैसे ब्लू फिल्म में काले हबशी गोरी लड़कियों को चोदते हैं.


उसी तरह से मेरा गोरा जिस्म मैंने उन दोनों के हवाले कर दिया था और अपने प्यारे पति की कामना को पूरा करने के लिए उन पराए मर्दों की रानी बन चुकी थी.


वे दोनों मेरी चूत गांड चाट कर सीधे हो गए.


उसमें से एक मजदूर, जिसका मोटा और बहुत लंबा लंड था, उसने मेरी चूत पर सैट कर दिया और मुझे अपने ऊपर खींच लिया.


वह अपना टोपा मेरी छोटी चूत पर रगड़ने लगा.


मैंने गर्म होकर उसको अपनी बांहों में भर लिया. उसने अपना पूरा मोटा लौड़ा एक ही झटके में मेरी छोटी सी चूत में घुसेड़ दिया.


मैं चिल्लाने को हुई कि तभी उसने मेरे मुँह को बंद कर दिया.


मेरे मुँह से दबी हुई आवाज निकली- आह आह हरामी कुत्ते … कमीने ऐसा झटका किसने देने को बोला था. मेरी अभी बहुत छोटी सी है. मैंने तो अपने पति के अलावा किसी और का लंड खाया भी नहीं है … आह तेरा मोटा और लंबा लंड मेरी चूत फाड़ रहा है … आह निकाल ले … अब रहा नहीं जा रहा … बहुत दर्द हो रहा है. थोड़ा रहम कर और धीरे धीरे से अन्दर बाहर कर!


अभी मैं उससे कह ही रही थी कि तभी उसका दूसरा दोस्त भी मेरे ऊपर चढ़ गया. उसने पीछे से मेरी गांड के छेद में अपना भी मोटा लवड़ा टिका दिया और अन्दर धक्का देने लगा.


मैंने आज तक कभी भी अपनी गांड मरवाई ही नहीं थी … तो उसका सुपारा अन्दर ही नहीं जा रहा था.


उसने थोड़ा सा थूक लंड पर लगाया और दबाकर मेरे छेद में डाल दिया. मैं और तेज आवाज में चिल्लाने को हुई मगर मेरा मुँह दबा हुआ था.


मेरी दबी सी आवाज में कराह निकली- आह … क्या कर रहे हो हरामियों … मैं कोई रंडी नहीं हूं … आह एक सीधी-सादी घरेलू औरत को छोड़ दो. आह मैं तुम्हारे इस बर्ताव को कभी नहीं भूल पाऊंगी आह प्लीज रहम कर दो … एक साथ मत करो. मगर इतने में उन दोनों ने पूरे के पूरे दो मोटे खूंटे जैसे लंबे तगड़े चौड़े पत्थर जैसे कड़क लंड मेरी चूत और गांड में ठांस दिए और मुझे दोनों तरफ से चोदने का मजा लेने लगे.


धीरे-धीरे मेरे दर्द कम होने लगा. अब मैं भी उनका साथ देने लगी.


मैं उनके दोनों मोटे लंबे लंड को अपने दोनों छेदों में अच्छी तरीके से फिट करके बैठ गई और हम तीनों ने चादर ओढ़ ली.


उतनी देर में आगे वाले ने मेरे ब्लाउज को खोल दिया. वह मेरे बूब्स और निप्पलों को काटने चूसने लगा.


दूसरे वाले ने भी एक हाथ आगे कर दिया और वह मेरा एक दूध दबाने लगा.


दोनों भूखे भेड़िए मुझे बीच में लेकर खाने लगे, नोचने लगे, मुझे दबाने लगे. ऐसा सुख मैंने आज नहीं भोगा था.


मेरे पति से भी मोटे मोटे लंड मेरे दोनों तरफ चल रहे थे. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा भी कभी होगा.


मेरे पति का लंड तो इनके आगे कुछ भी नहीं था. उनका तो बस एक छोटी सी नुन्नी सा लग रहा था.


वे दोनों बेरहमी से मुझे ठोकने लगे. मैंने चिल्लाने की कोशिश की मगर मेरे मुँह को दबा कर मेरी चुदाई चल रही थी.


मैं दबी आवाज में कह रही थी- हाय हाय … धीरे धीरे डालो … तुम दोनों के खूंटे तो मेरी फाड़ कर ही मानेंगे कुत्तों कमीनों … साले पराई बीवी को कोई ऐसा चोदता है क्या! वे दोनों हंस-हंसकर मुझे चोदते हुए बोलने लगे- हां कमीनी, हम चोदते हैं पराई औरतों को … अब तुझे भी अपनी रखैल बनाकर तेरी प्यास बुझाएंगे … भोसड़ी की तू बहुत कड़क माल है. तेरे दोनों छेद बहुत टाइट हैं, तेरे पति ने तुझे सुख दिया ही नहीं है. असली सुख अब हम दोनों देंगे.


वे ऐसा गंदा बोल बोल कर मुझे दबा दबा चोदने में लगे रहे.


उनकी चुदाई इतनी जोरदार थी कि मैं कई बार झड़ चुकी थी. उनके लौड़े इतने गर्म थे मेरी चूत की अच्छी तरह से चुदाई करके उसे ठंडा कर दिया था.


मेरी गांड के छेद को भी बहुत बड़ा गड्डा सा कर दिया था. वे दोनों मुझसे बोले- भाभी हम अपने लंड का माल कहां निकालें?


मैंने उनको अपनी बांहों में जकड़ कर बोल दिया- अब तो मैं आपकी रखैल हो गई हूँ, आप दोनों चाहो तो मेरे अन्दर ही रस निकाल दो और अपनी इस रखैल को ठंडा कर दो.


यह सुनते ही दोनों ने एक साथ मेरी गांड और चूत में अपने अपने लंड झाड़ दिए और लंड निकाल कर मुझे अलग कर दिया.


बस यही मेरी चुदाई की कहानी थी, आगे जाकर मेरे पति आपने मुझे पकड़ लिया.


दोस्तो, मेरे पति भी मेरी सेक्स कहानी सुनकर एकदम से गर्मा गए और वे मेरी चूत में तेज तेज लंड पेलने लगे. मुझे तो उनके लंड से कोई खास अहसास हो ही नहीं रहा था.


मेरे पति मेरी चूत में ही झड़ गए. वे कहने लगे- कैसा लगा?


मैं हंस दी और मेरे पति समझ गए कि मैं क्यों हंसी हूँ.


सच में अब तो ऐसा लगता है कि उन दोनों के मोटे लंड के आगे मेरे पति से चुदने में कुछ अहसास ही नहीं होता है.


मेरे पति अब मेरी गांड भी मारते हैं, लेकिन मेरी गांड का छेद खोलने वाले कोई और थे. उन्होंने मेरी गांड को न केवल खोल दिया बल्कि गड्डा बना दिया.


हम दोनों पति-पत्नी अपनी सेक्स लाइफ में बहुत खुश हैं.


उसके बाद मैंने अब तक किसी और के साथ सेक्स नहीं किया है. हालांकि मेरे पति की तरफ से मुझे पूरी छूट है.


आगे यदि कुछ भी होता है, तो मैं आपको जरूर अपनी सेक्स कहानी लिखूँगी. बैड वाइफ डर्टी स्टोरी पर आप अपने विचार मुझे बताएं. [email protected]


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