मेरी पत्नी को दो मजदूरों ने ट्रेन में चोदा- 1

आर बी

07-07-2024

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Xxx वाइफ ट्रेन फक कहानी में मैं मेरी बीवी को ब्लू फ़िल्में दिखा कर पराये मर्द से सेक्स, गांड सेक्स के लिए तैयार करने की कोशिश करता था. उसे भी मोटे लम्बे काले लंड देख के उत्तेजना होती थी.


दोस्तो, यह सेक्स कहानी मेरी पत्नी संस्कारी औरत की चुदाई की है.


यह हमारी एक सच्ची घटना है जो हम पति पत्नी के साथ बीती है. इस घटना के बाद हम दोनों बहुत खुश हैं और खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.


हमारी नई नई शादी हुई है. हमारी शादी को अभी तक 6 महीना ही हुआ है.


शुरुआत में उसको सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ मालूम नहीं था.


पर मैं चुदाई के मामले में जरा ज्यादा ही कामुक किस्म का व्यक्ति हूँ. मैं उसे चुदाई के अलग अलग तरीके सिखाता रहता और यह सब सिखाने के लिए उसे पॉर्न वीडियो दिखाता था.


उन फिल्मों में बड़े बड़े लौड़े वाले काले अफ्रीकन लड़के, गोरी लड़कियों को चोदते हैं. वह सब बड़े आश्चर्य से देखती थी.


उस समय मेरी बीवी बहुत गीली हो जाती है और मुझसे पूछती है कि क्या सच में से इतने मोटे मोटे लंड होते हैं!


मेरा लंड साढ़े चार इंच का है. शायद इसी वजह से मेरी पत्नी ऐसे सवाल करती थी.


हालांकि उसने आज तक मेरे अलावा किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.


आप सोचिए कि अगर ऐसी संस्कारी पत्नी, जिसने कभी अपने पति के अलावा किसी के साथ सेक्स नहीं किया हो, कभी अपनी गांड के छेद में उंगली तक नहीं डलवाई हो. उसके जैसी टाइट गांड में मोटा लंबा और तगड़ा लंड चला जाए, तो क्या हो!


अगर उसको कोई लंबे तगड़े और मोटे दो खूंटे मिल जाएं, तो समझ लो उसकी हालत क्या हुई होगी.


पहले तो उसकी चूत में लंड जाएगा ही नहीं … और वह खूंटा रगड़ रगड़ कर उसकी चूत में डालेगा तो पत्नी कितना तड़पेगी. उसकी चुदाई कितनी बेरहमी होगी.


ऐसा ही मेरी पत्नी के साथ हुआ. मेरी पत्नी के साथ दो मजदूरों ने शारीरिक संबंध बना लिए.


मेरी पत्नी ने उन दोनों के लंड, जो मेरे लंड से दोगुने लंबे तगड़े और मोटे थे, उन दोनों के लौड़ों को मेरी पत्नी ने अपनी चूत और गांड के छेद में एक साथ फिट करवा लिए थे.


Xxx वाइफ ट्रेन फक कहानी का मजा लें.


हुआ यूं कि हम पति-पत्नी एक दिन ट्रेन से लंबे सफर के लिए जा रहे थे. हम दोनों ट्रेन में चढ़ गए. हम शाम को करीब 6:00 बजे ट्रेन में चढ़े थे, हमको ट्रेन में पूरी रात निकालनी थी.


ट्रेन में बहुत भीड़ थी. अन्दर कहीं भी जगह नहीं मिली थी. हम दोनों थोड़ी देर खड़े रहे. फिर हम स्लीपर में पहुँच गए.


उस दिन मेरी पत्नी ने पीले रंग की साड़ी पहनी थी जिसमें उसका फिगर एकदम साफ दिख रहा था. एकदम उभरी हुई गोरी गांड मस्त लग रही थी.


सब लोग उसे आँखों से चोद रहे थे.


मेरी पत्नी हमेशा साड़ी को अपनी गहरी में नाभि के नीचे ही बांधती है.


उस दिन भी उसने ऐसी ही साड़ी पहनी थी. वह बहुत सेक्सी लग रही थी.


तब ठंड का मौसम चल रहा था. ट्रेन चल दी.


फिर एक जरा सी जगह मिली, उसमें एक ही जन आ सकता था.


मैंने अपनी पत्नी से कहा- तुम उस सीट पर चली जाओ. लेकिन मेरी पत्नी बोली- नहीं नहीं, तुम बहुत थके हो … तुम उस पर बैठ जाओ.


उसके सामने दो काले से रंग के मजदूर बैठे थे. उनकी उम्र लगभग 26-28 साल की होगी.


मैंने उनसे कहा- आप मेरी पत्नी को आपकी बर्थ में थोड़ी जगह दे दो. मजदूर बोला- कोई बात नहीं, आप भाभी जी को यहीं बर्थ में बैठने दो. मैं और मेरा दोस्त भी एडजस्ट करके इसी बर्थ में सो जाएंगे.


मुझे मजदूर बहुत अच्छे स्वभाव का लगा इसलिए मैं खुश हो गया. मेरी पत्नी भी खुश होकर उसकी बर्थ में उसके साथ बैठ गई.


दोस्तो, ठंड का मौसम था और ठंड भी बहुत लग रही थी. रात भी गहरी हो गई थी.


धीरे धीरे कब आंख लग गई, मुझे पता ही नहीं चला.


रात के करीब एक बजे मेरी नींद खुली, तब पूरी ट्रेन में सन्नाटा सा था. कुछ भी आवाज नहीं आ रही थी लेकिन कोई औरत की गर्म गर्म सिसकारियों की आवाज आ रही थी.


पहले तो मैं कुछ समझा नहीं … लेकिन जब मेरी नजर सामने वाली बर्थ पर गई, तब मैं एकदम से डर गया. मेरी पत्नी की पूरी साड़ी उठी हुई थी और मेरी पत्नी का एक पैर उस मजदूर के कमर के ऊपर था.


मेरी पत्नी की पैंटी नीचे सरकी हुई थी और उसकी चूत में उस काले मजदूर का मेरे से दुगना मोटा लंबा और तगड़ा लंड घुसा हुआ था.


उसका लंड मेरी पत्नी की चूत में खंजर की तरह अन्दर बाहर हो रहा था. मेरी पत्नी भी अपनी मोटी गांड हिला हिला कर उस काले मजदूर का मोटा लंड अपनी छोटी सी चूत में डलवा रही थी.


यह देखकर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था. मैं समझ नहीं पा रहा था कि यह मेरी पत्नी है या कोई रंडी.


इसकी चूत में मेरा साढ़े चार इंच का लंड लेने में दर्द होता है पर आज इतना मोटा लंड अपनी छोटी सी चूत में कैसे मजे ले रही है!


दोस्तो, यह नजारा देखकर मैं बहुत ही ज्यादा हैरान हो गया था कि यह मेरे सामने ही क्या हो रहा है. मेरी पत्नी और मजदूर ने ऊपरी हिस्से पर पूरी चादर ढक रखी थी. बस मेरी पत्नी का पिछवाड़ा ही हिल रहा था. यह पता नहीं चल रहा था कि वह मजदूर मेरी पत्नी के गोरे और मखमल जैसे मुलायम चूचों मुँह में लेकर निप्पल को काट रहा होगा या नहीं!


मेरी जवान पत्नी को आज यह क्या हो गया? जो मुझसे बहुत प्यार करती थी; आज एक पराए और गैर मर्द से वह अपनी जवानी की प्यास बुझवा रही थी.


मुझे यह बात बार बार समझ से बाहर हो रही थी कि मेरी पत्नी जैसी एक संस्कारी औरत … जो मुझसे भी चुदवाने में शर्माती है, आज कैसे एक रंडी की तरह इस काले मजदूर की बांहों में अपनी जवानी लुटवा रही है.


मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं कि मेरी बीवी आज क्या करवा रही थी. पर मैं दुबका हुआ यह सब देखता रहा.


इतने में ही दूसरे मजदूर ने भी मेरी बीवी की गांड की तरफ से अपना मोटा लंड सैट किया और वह मेरी बीवी की गांड के छेद में लंड का टोपा रखकर पेलने लगा. कुछ ही देर में उसने भी अपना पूरा खंभा गांड में अन्दर तक ठोक दिया.


मेरी पत्नी की दबी हुई कामुक सिसकारियों की आवाज लगातार आ रही थी. ऐसा साफ समझ आ रहा था मानो उसके मुँह को दबाया गया हो.


अब तक मुझे अंधेरे में थोड़ा थोड़ा दिखने लगा था. वे दोनों काले मजदूर अपने मोटे लंबे तगड़े लौड़ों से मेरी पत्नी की गांड और चूत की अच्छी तरह से सेवा कर रहे थे.


मेरी पत्नी वह मजदूरों के बीच में ऐसी फंसी थी, जैसे वह उन दोनों की रखैल या रंडी हो. वे दोनों मजदूर पूरी शिद्दत से मेरी पत्नी की चूत और गांड एक साथ मार रहे थे.


यह देखकर अब धीरे-धीरे मेरे लंड में भी तनाव आने लगा. आज पहली बार ऐसा हुआ कि मेरी पत्नी को कोई और चोद रहा था और इसे देखकर मेरे लंड में में तनाव आ रहा था.


मैं बस अंधेरे में चुपचाप चुदाई देखता रहा. शायद अब उन दोनों ने मेरी पत्नी की गांड और चूत में अपना अपना रस छोड़ दिया था और दोनों उससे अलग हो गए थे.


एक मजदूर सो गया. ऊपर वाला मजदूर करवट बदल कर सो गया.


मेरी पत्नी ने भी धीरे से अपने कपड़े ठीक किए और टॉयलेट में जाने के लिए खड़ी हुई. जैसे ही वह टॉयलेट की तरफ गई, मैं भी उसके पीछे चल दिया.


मैं पीछे से देख रहा था कि मेरी पत्नी को चलने में भी दिक्कत हो रही थी. वह लंगड़ाती हुई चल रही थी.


मैं उसके पीछे चुपचाप चल रहा था. उसको यह पता नहीं था कि मैं उसके पीछे आ रहा हूँ.


जैसे ही उसने टॉयलेट का दरवाजा खोला, मैं भी टॉयलेट में घुस गया और मैंने अपनी पत्नी के मुँह को दबा कर अन्दर खींच लिया. मैंने झट से अन्दर से टॉयलेट के दरवाजे को बंद कर दिया.


मुझे देखकर मेरी पत्नी डर गई.


मैंने अपनी बीवी को पकड़ लिया. वह बहुत घबरा गई और उसकी आंखों में आंसू आने लगे थे.


उसके ब्लाउज के बटन भी थोड़े खुले हुए थे और उसका पूरा बदन लाल हो चुका था.


मुझे देखकर मेरी पत्नी को अंदाजा तो हो गया था कि मुझको सब पता चल गया है.


मेरी पत्नी मुझसे चिपक गई और रोने लगी- प्लीज मुझे माफ कर दो, मेरे से बहुत बड़ी गलती हो गई. मैं जाने अनजाने में क्या करवा बैठी, मुझे कुछ पता नहीं चला. वह मुझे पकड़ कर रोने लगी.


अब मुझे उस पर दया आने लगी. मैंने उससे गाल पर एक किस किया और कहा- प्लीज चुप हो जाओ और जो भी हुआ वह मुझे सच सच बता दो. मैं तुमसे कुछ नहीं कहूंगा.


वह सुबक रही थी.


मैंने फिर से कहा कि पहले मुझे देखने तो दो कि तेरे नीचे क्या क्या हुआ है?


वह मुझसे ना बोलने लगी- नहीं यार, आप ना ही देखो तो अच्छा है. मैं जिद करने लगा.


कुछ देर बाद वह मान गई. मैं नीचे बैठ गया और मेरी पत्नी की साड़ी ऊंची उठा कर देखने लगा.


उसकी पूरी जांघ पर लाल लाल निशान थे. यह देखकर मुझे मालूम चल गया कि आज मेरी पत्नी ने तगड़े मर्दों से प्यास बुझवाई है.


मैंने धीरे से उसकी पैंटी नीचे कर दी. नीचे करते ही उसकी चूत को देखकर मैं हैरान रह गया.


चूत एकदम फट चुकी थी और खून के लाल लाल निशान थे. चूत पूरी चौड़ी हो कर भोसड़ा बन गई थी.


मैं सोचने लगा कि यह वही चूत थी, जिसमें मेरा लंड जाते ही इसे दर्द होने लगता था. पता नहीं आज साली ने इतने मोटे मोटे लंड कैसे झेले होंगे.


मैंने फिर अपनी एक उंगली धीरे से उसकी चूत के छेद पर घुमाई, तो मेरी पत्नी तड़प उठी. वह मुझसे बोली- आह बहुत दर्द हो रहा है प्लीज … उंगली बाहर निकाल लो.


मैंने देखा कि उसकी चूत में से उस मजदूर का बहुत सारा सफेद रस बह रहा था. मैंने उससे कहा- एक बार अपनी गांड भी दिखाओ!


वह फिर से नानुकुर करने लगी. लेकिन फिर मान गई.


अब जैसे ही उसने अपनी मोटी गांड मेरे मुँह की तरफ करके घुमाई, दोस्तों मैं सकपका गया. मेरी पत्नी की गांड का छेद इतना छोटा सा था कि उसमें उंगली तक नहीं जाती थी. आज वही छेद इतना चौड़ा हो गया था कि मेरी पूरी कलाई घुस जाए.


यह नजारा देखकर मैं हैरान रह गया. मैंने उसकी गांड के खुले हुए खड्डे में अपनी 3 उंगलियां एक साथ अन्दर डाल दीं. तीनों उंगलियां बड़े आराम से अन्दर चली गईं.


मेरी पत्नी दर्द से आह भरती हुई बोली- अब जो हो गया सो हो गया. प्लीज अब भूल भी जाओ, मुझे माफ कर दो. मैंने कहा- एक शर्त पर … मुझे पहले सब चाट कर साफ करने दे.


वह हंसकर मान गई और मुझसे बोली कि गैरों का पानी है, जो आपकी बीवी के दोनों छेदों में से बह रहा है. इसमें मुँह मार कर क्या करोगे? मैंने कहा- मुझे इसमें ही मुँह मारना है, अब तो यह मेरी बीवी का माल हो गया है.


यह कह कर मैं धीरे-धीरे अपनी पत्नी की चूत और गांड को चाटने लगा. कुछ ही देर में मैंने अच्छी तरह से चाट कर साफ़ कर दिया.


फिर मैंने उसकी चूत और गांड पानी से अच्छी तरह से धो दी और कपड़ों को ठीक करके हम दोनों बाहर निकल आए. बाहर जाकर देखा तो दोनों मजदूर गायब थे, शायद वे दोनों डर के मारे ट्रेन में से कहीं उतर गए होंगे क्योंकि एक स्टेशन पर ट्रेन रुकी थी.


रात को हम दोनों ही उनकी बर्थ में सो गए. मैंने अपनी पत्नी का एक पैर अपने ऊपर रख दिया और उसके माथे पर एक किस करके पूछा- साली मेरी रंडी, सच-सच बता … यह सब कैसे हुआ?


मेरी पत्नी मेरे सामने मुस्कुरा कर बोली- आपकी नूनी वह काम नहीं कर पाई जो उन दोनों मर्दों ने चुटकी बजाते ही कर दिया. मेरे दोनों छेदों को अच्छी तरह से खोल कर रख दिया. मैं नूनी शब्द सुनकर अवाक था.


वह मेरे गाल को सहला कर बोली- क्यों क्या हुआ … आज आप खुश नहीं हो क्या? आप ही तो चाहते थे कि कोई ऐसा मर्द मिले, जो आपकी बीवी की गांड और चूत एक साथ चोद कर खोल दे!


मैं उसकी बात सुनकर हंस दिया और खुश होकर अपनी पत्नी के होंठों पर किस करने लगा. वह भी खुश होकर मुझसे चिपक गई.


मैंने पूछा- वह राज कब बताओगी कि यह सब कैसे हुआ था?


वह मुझे पकड़ कर बोली- जब हम दोनों घर पर जाएंगे और तुम मेरी चूत में लंड डालना. तब मैं आपको पूरा राज बताऊंगी कि कैसे इन दोनों ने मेरे साथ यह सब किया.


दोस्तो, मेरी बीवी की बड़े लंड वाले मजदूरों से चुदवाने की कहानी का अगला भाग आपको पत्नी की जुबानी पढ़ने मिलेगा. तब तक आप Xxx वाइफ ट्रेन फक कहानी पर अपने ख्याल मुझे बताएं. [email protected]


Xxx वाइफ ट्रेन फक कहानी का अगला भाग :


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