ब्रेकअप के बाद नया ब्वॉयफ्रेंड बनाकर मजा लिया

मेघा कपूर

09-06-2023

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सेक्स इन कार पोर्न स्टोरी मेरी अन्तर्वासना की है. एक्स बॉयफ्रेंड से चुदकर मैं चुदक्कड़ हो चुकी थी। ब्रेकअप के बाद लंड की कमी लगने लगी। फिर कैसे मेरी चूत के लिए लंड का जुगाड़ हुआ, कहानी में जानें।


यह कहानी सुनें.


नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम मेघा है। यह कहानी मेरे ब्रेकअप के बाद नये बॉयफ्रेंड से चुदाई की है।


मेरी सेक्स कहानी में मैं बताऊंगी कि कैसे मैंने नये बॉयफ्रेंड को पटाया और उसके साथ चुदाई का मजा लिया।


इस सेक्स इन कार पोर्न स्टोरी मैं अपने फिगर से शुरू करती हूं। मेरा रंग गोरा है और 34 की भारी छाती है मेरी … मखमली सफेद चूचे हैं, जिनके नीचे गोरा पेट और पतली 28 इंच की कमर है। उसके नीचे चौड़ी होकर फैली हुई 38 की मोटी गांड है।


मेरे इस चोदने लायक फिगर ने मेरा बहुत साथ दिया और अभी भी दे रहा है। पहले मैं इतनी चोदू माल नहीं थी, लेकिन कुछ तो पहले बॉयफ्रेंड से चुदने के बाद में, और कुछ नये बॉयफ्रेंड ने रगड़ कर मुझे पेला, जिसके कारण ये फिगर अब और ज्यादा सेक्सी हो गया है।


पहले बॉयफ्रेंड के 7 इंची लंड से मैं बहुत चुदी हूं इसलिए लंड लिये बिना अब नहीं रहा जा रहा था। एक्स बॉयफ्रेंड के सामने जब मैं स्कर्ट पहन कर जाती थी तो मेरी मोटी गोरी जांघें देखकर उसकी हवस सातवें आसमान पर पहुंच जाती थी और वह मुझे जमकर चोदता था। कई बार तो स्कर्ट यूं कि यूं ऊपर उठाकर मुझे घोड़ी बनाकर पेलता था।


चुदाई करते वक्त वह इतना जोश में आ जाता था कि मार मारकर मेरी गांड लाल कर देता था।


तो अब नई चुदाई की बात करते हैं.


हुआ यूं कि पहले बॉयफ्रेंड से मस्त चुदते हुए मैं काफी खुश रहती थी।


फिर जब ब्रेकअप हुआ तो लंड की बहुत कमी खली और मैं उदास रहने लगी।


कहीं पर भी मेरा मन नहीं लगता था।


मेरी मास्टर की डिग्री पूरी हो चुकी थी। मैं अब घर में ही रह रही थी।


टाइम पास करने के लिए मैंने आईएएस के लिए कोचिंग जॉइन कर ली। सोचा कि कोई लड़का मिल जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हो रहा था। फिर धीरे धीरे मेरी दोस्ती क्लास में होने लगी।


मेरे नये दोस्तों में एक लड़के का नाम निखिल था। वह काफी खुले विचारों वाला था। वह हर तरह के टॉपिक पर खुलकर बात कर लेता था।


धीरे धीरे हम दोनों गहरे दोस्त बनते चले गए। अब हम दोनों आपस में सबकुछ शेयर करने लगे थे। अपने एक्स बॉयफ्रेंड के किस्से भी मैं उसको बताने लगी थी। वह मुझे दिलासा भी दे देता था।


धीरे धीरे निखिल की ओर मेरा आकर्षण बढ़ने लगा। मैं अब उसके साथ चुदाई के बारे में सोचने लगी थी क्योंकि लंड लिये बहुत दिन हो चुके थे।


एक दिन की बात है कि सुबह से ही बारिश हो रही थी। मैं घर में तो रुक नहीं सकती थी क्योंकि मेरा मन ही नहीं लगता था। मैं जैसे कैसे कोचिंग जा पहुंची।


क्लास में बहुत कम छात्र आये हुए थे। शाम तक चलती रही बारिश। फिर क्लास खत्म हुई तो घर लौटने का सवाल पैदा हुआ।


निखिल पूछने लगा- कैसे जाओगी? तो मैंने बताया- ऑटो वाला आता ही होगा।


वह कहने लगा कि वह ही मुझे कार से ड्रॉप कर देगा। मैं भी तैयार हो गई कार में जाने के लिए।


उस दिन बहुत सुहाना मौसम था। निखिल के साथ बैठे हुए मेरा बहुत मन कर रहा था कि वह मुझे किस करे और मेरे ऊपर आकर मेरे चूचे दबाये, प्यार करे और लंड चूत में डालकर मुझे संतुष्टि दे। लेकिन शायद वह भी अभी आगे बढ़ने में कतरा रहा था।


ऐसे ही दिन बीतते गए। हम दोनों अब कई बार क्लास बंक कर लिया करते थे और बाहर कहीं जाकर घंटों साथ बैठे रहते थे।


अब मैं उसको खुलकर सेक्स की बातें बता दिया करती थी। वह भी रुचि लेकर सुनता था कि कैसे मेरा बीएफ मेरे हाथ बांधकर मेरे मुंह में लंड दिया करता था। कैसे वह अपने लंड का सारा माल मुझे पिलाया करता था; कैसे रात भर मेरी चूत मारा करता था।


ये सब बातें सुनते हुए उसका लंड उसकी जीन्स में एकदम से टाइट होकर तना हुआ दिखने लगता था। फिर एक दिन मैंने पूछा- तुमने दिया है कभी किसी लड़की के मुंह में लंड? वह बोली- नहीं, मेरी गर्लफ्रेंड मुंह में नहीं लेती थी।


इस बात पर हम दोनों हंसने लगे। फिर हम घर जाने के लिए निकल गये।


निखिल का दायां हाथ स्टेयरिंग पर था और बायां हाथ गियर पर। मैंने उसके गियर पर रखे हाथ पर अपना हाथ रख दिया। मैं उसके हाथ को धीरे धीरे सहलाने लगी।


उसने मेरी तरफ थोड़ा हैरानी से देखा। फिर वह मेरा हाथ भी सहलाने लगा।


ऐसे देख रहा था जैसे अभी गाड़ी साइड में लगाकर मुझे चोद देगा।


लेकिन फिर जल्दी ही मेरा घर आ गया और वह मुझे ड्रॉप करके चला गया।


अगले दिन मैंने बहुत टाइट कपड़े पहने, टाइट ब्लू जींस और ब्लैक कसा हुआ टॉप। मेरा गोरा रंग उसमें और ज्यादा चमक रहा था।


निखिल मुझे लेने आया तो उसने भी तारीफ की कि बहुत अच्छी लग रही हो। मैंने उसको थैंक्स बोला।


फिर मैंने कहा- आज क्लास जाने का मन नहीं कर रहा। वह बोला- कोई बात नहीं, बंक कर लेते हैं।


मैंने पूछा- लेकिन जायेंगे कहां? वह बोला- लॉन्ग ड्राइव पर चलते हैं। मैं बोली- ठीक है।


मैं सीट पीछे खोल कर लेट गई और पैर डैश बोर्ड पर फैला दिए। निखिल मेरे ऊपर उठ गए टॉप में से मेरी गोरी कमर देखता तो कभी मेरे उभरे हुए चूचे।


निखिल का हाथ गियर पर से हटकर धीरे से मेरे पेट पर आ गया। मैंने कुछ नहीं कहा। उसकी तरफ देखकर मैं चुदासी रंडी की तरह मुस्करा दी।


उसने अब हाथ ऊपर लाकर मेरे चूचों पर रख दिया, हल्के हल्के वह मेरे दूधों को दबाने लगा। अब मुझे भी मजा आने लगा।


फिर उसका जोश बढ़ा और उसने हाथ अंदर डाल दिया। लेकिन बीच में मेरी ब्रा आ गई।


वह बोला- खोल दो ना इसे! बिना देर किये मैंने ब्रा खोल दी।


उसका हाथ अब मेरी नंगी चूचियों को महसूस कर सकता था और मैं उसके मजबूत हाथ को अपनी चूचियों पर महसूस कर सकती थी। मेरी भी चूत में कुलबुली मची और मैंने हाथ साइड ले जाकर उसके लंड पर रख दिया।


उसका लौड़ा एकदम से सख्त हो चुका था। मेरे हाथ लगते ही लंड ने उछल कर झटका दे दिया। पैंट के अंदर तना हुआ उसका लंड काफी लंबा और मोटा लग रहा था मुझे।


इधर उसने मेरे टॉप को उठाकर चूचियों को नंगी कर लिया और निप्पलों से खेलने लगा। वह बोला- यार मेघा, क्या मस्त सॉफ्ट चूचियां हैं तेरी! चूसने का मन कर रहा है।


यह कहकर उसने चूचियों से हाथ हटाकर जींस के बटन को खोलना शुरू कर दिया।


मैंने जींस खोली और नीचे कर दी। उसने जल्दी से मेरी पैंटी में हाथ दे दिया। मेरी गीली चूत को वह तेजी से मसलने लगा।


फिर उसने उंगली चूत में कर दी और अंदर बाहर करने लगा। अब मेरी चुदास मेरे बस के बाहर होने लगी; चूत में तूफान उठने लगा।


मेरी टांगें जैसे बिल्कुल चौड़ी होकर खुल जाना चाहती थीं। मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- इस्स … आह्ह … इस्स! इतने दिनों के बाद किसी लड़के के साथ मजा करने का मौका मिल रहा था।


मैं जोर से उसके लंड को पैंट के ऊपर से ही दबाने लगी। वह बोला- बाहर निकाल लो इसे, बहुत परेशान हो रहा है ये!


मैं तो बस इसी इंतजार में थी। जल्दी से उसकी पैंट का हुक खोला और चेन खोलकर हाथ अंडरवियर में दे दिया। मैंने उसके लंड को पहले एक दो बार पकड़ कर देखा, फिर अंडरवियर को हल्का सा हटाकर लंड को बाहर निकाल लिया।


लंड का मुंह गीला हो चुका था। बहुत ही मस्त लंड था उसका देखने में, खूबसूरत सा। साइज में लगभग 6 इंच या हल्का सा ऊपर ही था।


गाड़ी अपनी स्पीड में दौड़ती जा रही थी। मेरे कोमल हाथ का स्पर्श पाकर उसका लंड और कड़ा हो गया। मैंने लंड पर हाथ चलाना शुरू कर दिया।


उत्तेजित होकर उसने भी मेरी चूत में तेजी से उंगली चलानी शुरू कर दी। चुदाई का पूरा माहौल बनता आ रहा था। मुझे इतना मजा आने लगा कि मैं दो मिनट बाद झड़ गई।


निखिल का लंड अभी भी फटने को हो रहा था।


मैंने पैंट नीचे खींचना चाही तो वह समझ गया। उसने गांड उठाकर सहयोग किया और मैंने उसे जांघों तक नंगा कर लिया।


झुक कर मैं लंड को मुंह में लेने लगी लेकिन स्टीयरिंग बीच में आ रहा था। तो उसने अपनी सीट भी थोड़ा पीछे कर ली जिससे मेरे स्टीयरिंग के नीचे आने की जगह बन गई।


मैंने बेसब्री से उसका लंड मुंह में भर लिया और एकदम से मेरी आंखें बंद हो गईं। बहुत दिनों के बाद लंड चूसने को मिल रहा था।


मैं पूरी रंडी बनकर उसका लौड़ा चूस रही थी। उसे भी पूरा मजा आ रहा था क्योंकि वह मेरे सिर को सहलाने लगा था। उसके मुंह से हल्के सीत्कार फूट रहे थे- आह्ह … हाए … जान … इस्स … आह्ह।


वह ज्यादा देर टिक नहीं पाया और मेरे मुंह में उसका माल निकल गया। मैं सारा माल अंदर ही गटक गई।


फिर लंड पर से मुंह हटाया और मैंने उसका लंड टिश्यू पेपर से साफ कर दिया। उसके बाद हम आराम से बैठ गए। अभी घर लौटने में काफी टाइम था।


फिर एक जगह रुक कर हम कैफे में गए। हमने वहां पर कॉफी पी और कुछ स्नैक्स खाए।


आज मुझे काफी अच्छा लग रहा था। निखिल के साथ टाइम बिताकर काफी फ्रेश महसूस कर रही थी।


उसके बाद हम फिर से अपने सफर पर निकल पड़े। हम शहर से बाहर निकल गए।


बीच सड़क से साइड होकर निखिल ने गाड़ी एक सुनसान से एरिया में रोक दी। मैं भी समझ गई कि उसका मूड फिर से बन गया है; मैं भी अंदर से चुदासी ही थी।


वह उठकर मेरे ऊपर आ गया और सीट पीछे करके मुझे लिटा लिया। फिर मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे बदन पर हाथ फिराने लगा। मैं भी उसकी पीठ को सहलाने लगी।


उसने टॉप को ऊपर किया और चूचियों में मुंह लगाकर बारी बारी से पीने लगा। अबकी बार मुझे और ज्यादा मजा आ रहा था। बहुत दिनों के बाद इतने मस्त तरीके से चूचे चुसवा रही थी।


मैं लगातार निखिल के सिर पर हाथ से सहला रही थी और उसे प्यार से चूम रही थी।


वह नीचे से गांड हिला हिलाकर मेरी चूत को जींस के ऊपर से ही चोदने में लगा था। मैंने नीचे हाथ ले जाकर उसके लंड को रगड़ना शुरू कर दिया।


लेकिन फिर उसने चूचों को छोड़ दिया और मेरी जींस खोलकर नीचे सरका दी।


मुझे उसने नीचे से पूरी नंगी कर लिया और पैंटी समेत पैंट को एक तरफ डाल दिया। फिर मेरी टांगें सीट पर चौड़ी फैलाकर मेरी चूत में मुंह देकर चाटने लगा।


मैं तो पगला गई। मैं उम्मीद नहीं कर रही थी कि निखिल इतना कामुक हमला करेगा।


वह मेरी चूत को जीभ से खोदने लगा और मैं सेक्स में बावली सी होने लगी। उसकी जीभ मेरी चूत की गहराई को नापने लगी।


पांच मिनट के भीतर ही उसने मेरी चूत का फिर से पानी निकलवा दिया। मैं बुरी तरह से हाँफ रही थी और निखिल भी।


सेक्स इन कार पोर्न के बाद मैं सामान्य हुई।


इतने में निखिल उठकर ड्राइविंग सीट पर पहुंच चुका था।


मेरा मन अब उससे चुदने का कर रहा था; सोच रही थी कि वह अब चोदेगा।


लेकिन ऐसा नहीं हुआ; उसने गाड़ी स्टार्ट कर दी, बोला- अब चलना चाहिए, नहीं तो लेट हो जाओगी और घरवालों को शक होगा।


मेरा मन तो नहीं था बिना लंड लिये जाने का, लेकिन उसकी बात भी ठीक लगी। हम चल पड़े।


फिर शहर में घुसने से पहले निखिल ने कार साइड में लगाई और मुझे किस करने लगा।


वह मेरे चूचे लगातार दबा रहा था। वह बोला- मैं समझ गया कि तुम्हारे एक्स बॉयफ्रेंड ने तुम्हें चोद चोदकर सेक्स एक्सपर्ट चुदक्कड़ बना दिया है। तुम्हारे साथ काफी मजा आने वाला है।


फिर हम अलग हुए और कपड़े ठीक किये। कुछ ही देर में मैं घर के पास पहुंच गई। उसने मुझे ड्रॉप किया और चला गया।


उस दिन के बाद हम दोनों खुल कर पूरा मजा लेकर चुदाई के मौक़ा की तलाश में थे.


दोस्तो, अभी इस कहानी में इतना ही बता पाऊंगी, कहानी लम्बी हो जाएगी। वैसे भी, इंतजार का फल और ज्यादा कामुक होता है। आप प्लीज मेरी अगली कहानी का इंतजार करें, जिसमें मैं बताऊंगी कि कैसे मेरे नये बॉयफ्रेंड ने मेरी चूत का पानी चोद चोदकर निकलवाया। सेक्स इन कार पोर्न स्टोरी पर अपना फीडबैक देना न भूलें। [email protected]


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