दोस्त की दीदी को उसी के घर में पेला

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13-08-2024

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हॉट गर्ल Xxx डर्टी स्टोरी में मेरी दोस्ती फेसबुक पर मेरे दोस्त की रिश्तेदार दीदी से हो गयी. मुझे पता लगा कि वह सेक्स की भूखी है. बस मैंने उसे सेक्स के लिए मना लिया.


फ्रेंड्स, मैं रोशन सिंह आपके सामने अपनी जिन्दगी की एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ। मैं पिछले 3 सालों से कहानी पढ़ रहा था तो मैं ने सोचा आज अपनी भी हॉट गर्ल Xxx डर्टी स्टोरी सुनाई जाये.


पहले मैं आप सब लोगों को अपने बारे में बता देता हूँ. मैं 26 साल का एक जवान लड़का हूँ. मेरी हेल्थ थोड़ी कम है लेकिन ठोकने की क्षमता बहुत ज्यादा है और जब तक नीचे लेटी दो बार नहीं झड़ जाती है, तब तक मेरा इंजन चालू रहता है.


दोस्तो, मैं उस समय इंदौर में रहता था … पर अब मैं भोपाल के पास के शहर में रह कर सरकारी नौकरी कर रहा हूँ.


जब मैं इंदौर में था, तब फेसबुक पर एक लड़की से मेरी दोस्ती हुई. वैसे वे मेरे एक दोस्त की बहन की ननद थीं.


मैंने जब उनसे अपनी सैटिंग जमाई तो मैं उन्हें दीदी कहने लगा था.


मैंने उन्हें फेसबुक पर हैलो का मैसेज किया तो उधर से दो दिन बाद जवाब आया धीरे धीरे हमारी बात होने लगी.


फिर धीरे धीरे ही फ्रेंडशिप में सेक्सी बातें भी होने लगीं.


एक दिन उन्होंने बताया कि वे अपने पति से खुश नहीं हैं. मैंने समझ लिया कि उनको लंड की जरूरत है.


मौके का फायदा उठाते हुए मैंने भी उनसे दोस्ती बढ़ाई और पहले उनकी फैमिली के बारे में सब जाना. उनकी सास, जेठ-जेठानी, पति, बच्चे सबके बारे में जानकारी निकाली.


फिर धीरे धीरे मैं दोस्ती में उन्हें अपना प्यार जताने लगा. हम दोनों पास आते गए.


आखिर एक दिन मैंने बोल दिया- मैं आपसे मिलना चाहता हूँ!


वे भी मुझसे मिलना चाहती थीं, तो उन्होंने भी मुझे अपने शहर अहमदाबाद बुला लिया.


कुछ दिन के लिए उनकी सास जेठ व जेठानी को शादी में दो दिन के लिए ललितपुर जाना था. यह मौका हम लोगों के मिलने के लिए सही था.


हम दोनों ने भी मिलने का प्लान भी बना लिया था. जिस दिन उन सभी को शादी में जाना था, उस दिन सुबह 10 बजे ही वे लोग घर से निकल गए.


उनके पति अपनी शॉप पर 10 बजे चले जाते थे और वे एक बजे खाना खाने आते थे. खाना खाकर वे तुरंत वापिस भी चले जाते थे, फिर सीधे रात को 10 बजे घर वापिस आते थे.


उनके पति के जाते ही मैं उनके घर पहुंच गया.


माफी चाहता हूँ मैंने आपको उनका नाम ही नहीं बताया उनका नाम पिंकी है.


वे दिखने में जरा सांवली थीं लेकिन फिगर लाजवाब थी. एक बच्चे की मां होने के बाद भी उनके चूचे एकदम कड़क थे, जरा भी नहीं ढलके थे.


नीचे गांड पूरी भरी हुई थी. उन्हें कोई एक बार देख भर ले, तो उसका उसी वक्त लेने का मन हो जाए.


मुझे तो उन्हें देख कर हैरानी हुई थी कि इनके पति बिना चुदाई करे कैसे सो जाते होंगे.


मेरे पास ऐसी औरत हो तो मुझे तो पूरी पूरी रात नींद ही न आये.


मैं जब उनके घर पहुंचा, तब वे एक नीले रंग की कुर्ती और सफेद रंग की लैगी पहनी हुई थीं.


जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, एक पल के लिए तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. क्या क़यामत लग रही थीं वे!


मेरा तो वहीं दरवाजे पर ही खड़ा हो गया … मैं भूल ही गया था कि मैं अभी घर के बाहर हूँ.


उन्होंने हाथ पकड़ कर मुझे अन्दर खींच लिया और डांट कर बोलीं- अन्दर आना चाहिए न पहले … अभी कोई देख लेता तो!


मैंने इसके लिए सॉरी बोला और झट से उन्हें अपनी बांहों में भर लिया. शायद वे भी बहुत दिन की प्यासी थीं, उन्होंने भी मुझे कसके अपने सीने से चिपका लिया.


कुछ देर तक एक दूसरे से चिपके रहने के बाद हम दोनों अलग हुए और वे मुझे सोफ़े पर बैठने का कह कर मेरे लिए चाय बनाने किचन में गईं.


थोड़ी देर बाद मैं भी उनके पीछे किचन में आ गया और पीछे से हग करके बोला- मुझे चाय नहीं, दूध पीना है! उन्होंने कहा- थोड़ा इंतजार तो करो … अभी सब मिलेगा!


लेकिन मेरी तो हालत पतली हो रही थी, मुझसे तो कंट्रोल ही नहीं हो पा रहा था.


मैं आपको बता दूँ कि यह मेरी लाइफ का दूसरी बार का सेक्स था. पहली बार एक कामवाली को पैसे देकर चोदा था. तब जल्दबाजी वाला और बिना कपड़े उतारे वाला सेक्स हुआ था तो खास मजा नहीं आया था.


आज पूरी तरह से नंगी करके चोदने के लिए चूत मिली थी. मैंने पिंकी जी को पलटा कर एक हाथ गले में डाला और वहीं किचन में ही किस करना शुरू कर दिया. वे भी मेरा साथ देने लगीं.


पिंकी दीदी थोड़ी ज्यादा ही तेज तेज किस कर रही थीं … जैसी सालों की प्यासी हों. मैंने भी उनकी प्यास को समझ लिया था. उन्हें वहीं किचन की स्लैब पर बिठाया और किस करने लगा. वे भी पूरा साथ दे रही थीं.


हम दोनों का किस अब गर्म हो चला था. कभी वे अपनी जुबान मेरे मुँह में डालतीं, तो कभी मैं अपनी जीभ उनके मुँह में डाल देता.


दीदी अपनी उम्र से छोटी उम्र के लड़के के साथ अच्छे से मस्ती कर रही थीं.


कुछ देर बाद उन्होंने मुझे रोकते हुए कहा- बेडरूम में चल कर करते हैं!


वे मेरा हाथ पकड़ कर मुझे ले जाने लगीं तो मैंने उनका हाथ झटक दिया.


दीदी मेरी तरफ देखने लगीं तो मैंने अपनी पैंट की चैन खोली और अपना 6 इंच लंड उनके सामने कर दिया.


वे समझ गईं, पहले तो वे वहीं नीचे बैठ कर अपने हाथ से धीरे धीरे मेरे लंड को हिलाने लगीं. मैं मस्त कामुक निगाहों से दीदी की आंखों में देखने लगा.


वे बड़े प्यार मेरी आंखों में देख रही थीं और आराम से एक अनुभवी रांड की तरह लंड हिला रही थीं. मुझे असीम सुख प्राप्त हो रहा था.


फिर मेरी आंखें अपने आप बंद होने लगी थीं. मुझे होश ही नहीं था कि कब लंड दीदी के मुँह में चला गया.


बस मुझे तो पहली बार असली जन्नत का सुख मिल रहा था.


कुछ देर बाद मेरे हाथ पांव कड़क हो गए और मैं डिस्चार्ज होने लगा. जब मेरा हो गया और मैंने देखा कि मेरा लंड अभी भी उनके मुँह में था. तो मैंने पूछा- माल? वे हंस कर बोलीं- कीमती चीजों को बर्बाद नहीं जाने देते!


दीदी हंसती हुई खड़ी हुईं और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर बेडरूम में ले गईं.


बेडरूम में पहुंचते ही मैंने उन्हें बेड पर धक्का दे दिया और सीधा उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें किस करने लगा … उनके होंठों को चूसने लगा.


वे भी मेरा साथ दे रही थीं. किस करते में एक हाथ से मैं उनके चूचे दबाने लगा और मैंने ब्लाउज के बटन खोल कर उसे निकाल दिया.


ब्रा में कसे उनके चूचे मस्त लग रही थे. मैंने ब्रा भी हटा दी और चूचों को आज़ादी दे दी. वे चूचे हिला कर चूसने का न्यौता देने लगीं.


मैं सीधे ही दीदी के चूचों पर टूट पड़ा. एक को हाथ से दबाते हुए और दूसरे को मुँह में लेकर पीने लगा.


दीदी के मुँह से लगातार कामुक सिसकारियां निकल रही थीं. वे मेरे सर को अपने चूचों पर दबा रही थीं.


वे बार बार जल्दी से एक बार डालने के लिए बोलने लगीं.


मुझे भी चुदाई किए बहुत समय हो गया था इसलिए मैं भी कंट्रोल नहीं कर पा रहा था. मैंने उठ कर दीदी की साड़ी निकाली और साथ ही उनका पेटीकोट को भी निकाल दिया.


उन्होंने भी जोश जोश में मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. मैंने अपनी चड्डी निकाल कर दूर फेंकी और उनको बेड पर लिटा कर उनकी टांगों से पैंटी को खींच कर निकाल दिया.


मेरे सामने बिना झांटों वाली क्लीन चूत थी. मुझसे रहा नहीं गया. मेरे मुँह में पानी आने लगा था.


मैंने अपना मुँह दीदी की चूत पर लगा दिया और अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा.


वे अपना आपा खोती जा रही थीं और मेरा सर अपनी चूत पर दबाए जा रही थीं.


साथ ही चूत में मस्ती आने से दीदी अपना सर बिस्तर पर पटक रही थीं और आह आह कर रही थीं. उस वक्त वे एक बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थीं.


अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने सीधा उठ कर अपने पैंट से कंडोम निकाला.


तो वे मेरा हाथ पकड़ कर बोलीं- इसके बिना करते हैं, मजा आएगा. मुझे डर लग रहा था.


वे बोलीं- मैं गोली खा लूँगी, तुम करो.


मैंने भी आव देखा न ताव, सीधा चढ़ गया पेलने के लिए.


तब मैंने उनसे कहा- एक बार मुँह में लेकर गीला कर दो इसे! उन्होंने उठ कर सीधा मुँह में लेकर थोड़ी देर में मेरे लंड को अपने थूक से गीला कर दिया.


फिर वे सीधा लेट गईं और अपने पैर खोल कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया. मैंने भी अपने हाथ से लंड को उनकी चूत पर रखा और एक जोरदार झटका दे मारा.


उनके मुँह से तेज आवाज निकली. मैंने ताव ताव में एक ही झटके में आधा लंड चूत में पेल दिया था.


उन्होंने मुझे रुकने को बोला, मैं भी उनकी आवाज सुन कर डर गया था तो रुक गया.


कुछ ही देर मैं दीदी का दर्द कम हुआ तो वे भी नीचे से हरकत करने लगीं. मैं समझ गया और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा.


फिर जब लंड ने थोड़ी जगह बना ली, तब एक और कड़क झटका मार कर लंड पूरा अन्दर तक घुसेड़ दिया.


दीदी के मुँह से फिर से ‘आह मर गई …’ की आवाज निकली. लेकिन इस बार मैं नहीं रुका, अपने झटके देते रहा.


कुछ ही देर बाद उन्होंने साथ देना शुरू कर दिया था और खुद को ऊपर आने के लिए कहने लगी थीं.


मैंने हां कहा और उन्होंने मुझे अपने नीचे ले लिया. वे मेरे ऊपर चढ़ गईं.


दीदी खुद अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में सैट करके बैठ गईं और मेरे लंड पर कूदने लगीं.


क्या बताऊं दोस्तो, वह इतना असीम आनन्द था, जो शायद मैं पहले कभी नहीं ले पाया था. आज मुझे असली सुख मिल रहा था.


थोड़ी देर बाद वे वापिस नीचे आने के लिए कहने लगीं.


मैंने अब उन्हें कुतिया बनाया और खुद बेड के नीचे खड़े होकर पीछे से उनकी चूत चोदने लगा.


जब मैं झटके मार रहा था, तब मेरी नजर दीदी की गांड पर गयी. मैंने बिना सोचे एक उंगली उनकी गांड में डालनी चाही.


हॉट गर्ल Xxx डर्टी सेक्स का पूरा मजा ले रही थीं लेकिन अचानक से हुए गांड के छेद पर हुए हमले से वे छिटक कर आगे को बढ़ गईं.


दीदी बोलीं- उधर अभी नहीं, एक बार चूत की प्यास बुझा दो … फिर उसे भी ले लेना.


मैंने भी समझदारी दिखाते हुए वापिस उनकी चूत पर फोकस किया और चुदाई करने लगा.


वे अब अपनी चरम सीमा पर आ गई थीं और तेज तेज आवाजें निकालने लगी थीं. मैंने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और तेज तेज झटकों के साथ उन्हें पेलने लगा.


वे लगातार आवाज किए जा रही थीं. मैं भी अपने चरम पर आ गया था.


हम दोनों एक साथ तेज धार के साथ खाली होने लगे. वे भी बहने लगीं और मैंने भी अपना माल उनकी चूत में छोड़ दिया.


झड़ने के बाद हम दोनों वहीं बेड पर कुछ देर आराम करने लगे.


फिर समय देख कर मैं उठ गया और उनके पति के खाना खाने आने से पहले ही निकल गया.


बाहर जाकर मेडिकल स्टोर से मैंने टैबलेट ले ली और उनके पति के निकलते ही वापिस उनके पास आ गया.


उनकी सास और जेठ जेठानी दो दिन बाद आने वाले थे, तो मैंने दो दिन तक दीदी की अच्छे से ली और उन्हें भी जवान लंड का मजा दिया.


तो दोस्तो ये थी मेरी सेक्स कहानी, उम्मीद करता हूँ कि हॉट गर्ल Xxx डर्टी स्टोरी आपको पसंद आएगी. प्लीज अपनी राय मुझे कमेंट्स जरूर करें!


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