कुंवारी क्लासमेट की सीलफाड़ चुत चुदाई- 2

सत्यम 95

05-07-2024

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वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में मैंने अपनी क्लास की एक देसी लड़की को गर्लफ्रेंड बनाया और उसे चोदने के लिए अपने घर बुला लिया. उसे मैंने कैसे सेक्स के लिए मनाया और उसकी कोरी बुर पेली.


फ्रेंड्स, मैं सत्यम आपको अपने साथ पढ़ने वाली अस्मिता की कुंवारी बुर की सीलफाड़ चुदाई की कहानी सुना रहा था. कहानी के पहले भाग देसी लड़की से वासना भरा प्यार में अब तक आपने पढ़ा था कि वह मेरे साथ मेरे सूने घर में मुझसे चुदने के लिए आ गई थी. मैं उससे मूवी देखने के लिए पूछ रहा था.


अब आगे वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी:


जब मैंने उससे मूवी देखने के लिए पूछा. तब वह बोली- कौन सी मूवी देखेंगे?


मैंने कहा- टाइटॅनिक! तो उसने हामी भर दी और हम दोनों सोफे पर बैठ कर मूवी देखने लगे.


अब उसमें वही ऐतिहासिक रोमांटिक सीन चल रहा था. तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया.


वह मेरी तरफ़ देखने लगी. मैं उसकी आंखों में हवस साफ साफ देख पा रहा था.


बस बिना एक पल की देर किए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.


गुलाब से पंखुड़ियों जैसे कोमल होंठ … सच में इतने रसीले थे जैसे उनमें से शहद टपक रहा हो.


मैं उसके होंठों का रस पान कर रहा था और वह भी मेरा साथ दे रही थी.


हम एक दूसरे के होंठों का रस पान कर रहे थे और हमारी जीभ एक दूसरे से जीतने की जद्दोजहद कर रही थीं.


करीब दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे और इसी बीच मैं उसके बूब्स को भी उसके कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने दबाने लगा था.


जब मैं उसके निप्पल को जोर से मींज देता, तब वह चिहुंक उठती थी.


उसके बूब्स को दबाते हुए मैंने उसका टॉप उतार दिया. अब वह मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा में थी.


उसके तने हुए बूब्स मुझे आवाज़ देकर बुला रहे थे कि हमें इस क़ैद से आज़ाद करो.


मैंने भी बिना ज़्यादा देर किए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.


उसके दूध अब आज़ाद थे और मैं अपने दोनों हाथों से उन्हें मसलने लगा, दबाने लगा.


वह मादक आवाज में सीत्कार करने लगी- आह … आह … क्या कर रहे हो आह जान प्लीज करो … आह आह!


मैं और जोर से से उसके मम्मों को मसलने लगा और एक दूध के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा, दूसरे दूध को मसलने लगा.


इस तरह से मैं बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को चूसने लगा और मसलने लगा.


वह ‘आह आह …’ की कामुक आवाज़ें निकाल रही थी और जोर जोर से सिसकारियां भर रही थी.


उसके दोनों दूध दबाने और चूसने की वजह से एकदम लाल हो गए थे.


मैं फिर से उससे किस करने लगा.


इसी बीच मैंने अपना एक हाथ उसकी जींस के अन्दर डाल दिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर को सहलाने और मसलने लगा. जिसकी वजह से उसे और उत्तेजना आने लगी.


वह जोर जोर से ‘आह … आह … अहहा’ करने लगी. तभी मैंने उसकी जींस को उतार दिया और उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए.


अब हम एक दूसरे के सामने सिर्फ़ अंडरवियर और पैंटी में थे.


मेरी अंडरवियर में से लंड के उठे हुए आकार को देख कर वह घबरा गई और बोली- इतना बड़ा मैं नहीं सह पाऊंगी! मैंने उससे कहा- कोई बात नहीं मेरी जान घबराओ मत … तुम आराम से इसे सह लोगी और तुम्हें मज़ा भी बहुत आएगा!


वह कुछ नहीं बोली.


अब ज़्यादा देर ना करते हुए मैंने उसको अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा.


धीरे धीरे किस करते हुए मैं उसकी गर्दन से होते हुए नीचे आता गया. उसकी नाभि में किस करते हुए उसकी बुर के ऊपर वाले हिस्से तक पहुंच गया.


फिर मैंने एक ही झटके उसकी पैंटी को उसकी टांगों से नीचे सरका दिया. उसने भी अपनी एक टांग से पैंटी को निकाल कर बुर को खोल दिया.


आह क्या लग रही थी वह बिना कपड़ों के … मन कर रहा था कि बस मैं इसकी बुर को कच्चा ही खा जाऊं.


एकदम गुलाब की कली की तरह बुर ऐसी लग रही थी मानो रति से साक्षात्कार हो रहा हो. बस फिर क्या था. मैं उसकी कोमल सी बुर पर टूट पड़ा और किस करने लगा.


मेरे ऐसा करने से वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी और आहें भरने लगी. उसके कंठ से ‘आह आह अहह …’ की आवाज़ें जोर जोर से निकलने लगीं.


मेरे चूमने चाटने की वजह बुर पूरी तरह से गीली हो गई थी. उसकी बुर एकदम सील पैक थी.


अगर मैं सीधे लंड घुसेड़ देता तो उसे बहुत ज़्यादा दर्द होता. इसलिए पहले मैंने एक उंगली को घुसेड़ा और अन्दर बाहर करने लगा.


कुछ देर में मैंने दूसरी उंगली भी घुसेड़ दी और अन्दर बाहर करने लगा.


उसके मुँह से बस ‘उहह आह आहा.’ की आवाज़ें आ रही थीं.


वह खुद अपने हाथ से अपने मम्मों को मसल रही थी. धीरे धीरे मैंने अपनी उंगली को रफ़्तार दे दी और वह ‘अहह … उहआ …’ करती हुई अपने शरीर को अकड़ाने लगी.


अगले कुछ ही पलों में वह बुर रस को झाड़ती हुई एकदम निढाल हो गई.


मैंने उसके पूरे माल को जीभ से चाट कर साफ कर दिया. उसका माल एकदम नमकीन और जबरदस्त था.


उसका तो एक बार हो गया था. अब मेरी बारी थी.


मैंने उसको अपना लंड पकड़ाया, उसने डरते हुए पकड़ा और बोली- मैं इसका क्या करूँ? मैंने कहा- इसको मुँह में लेकर चूसो!


उसने कहा- नहीं, यह गंधा रहा है … मुझे घिन आ रही है. मैं इसे मुँह में नहीं लूँगी. मैंने कहा- देखो अभी मैंने तुम्हरी बुर चाटी है न … और तुम्हारा रस भी पिया है. तो अब यह सब करने की तुम्हारी बारी है!


उसने कहा- यार मैं ये नहीं कर सकूँगी. मेरे ज़्यादा जोर देने पर वह मान गई और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.


कुछ ही पलों बाद उसे लंड चूसना अच्छा लगने लगा और वह काफी देर तक मेरे लौड़े को कुल्फी की तरह चूसती रही. करीब 5 मिनट बाद चूसते चूसते ही व मेरे लंड को अपने गले तक लेने लगी थी.


उसी वक्त मुझसे रुका न गया और मेरा माल उसके मुँह में ही निकल गया. वह गले तक लंड लिए हुए थी, तो लंड रस सीधा उसके कंठ से होते हुए अन्दर चला गया.


अब हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लिया और पड़े रहे. मैं उसको अपनी बांहों में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया.


मैं उसको किस करने लगा. वह फिर से गर्म होने लगी और मैं किस करते हुए उसके जिस्म को पुनः उत्तेजित करने लगा.


उसकी नाभि पर किस करते हुए मैं दोबारा से उसकी बुर तक पहुंच गया. बुर पुनः भकभकाने लगी और वह मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे अपने ऊपर खींचने लगी.


अब मैं अपना लंड उसकी बुर के ऊपर रख कर बुर की फांक में रगड़ने लगा. अपना हाथ नीचे ले जाकर उसकी बुर के दाने को मसलने लगा.


वह एकदम पागल हुई जा रही थी और अजीब अजीब सी आवाज़ें निकाल रही थी. ‘आह जान फाड़ दे आह अब सहन नहीं हो रहा है आह पेल दो न आह.’


मुझे समझ आ गया था कि यह पूरी तरह से गर्म हो गई है और अब ज़्यादा देर नहीं करना चाहिए.


मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और बुर के छेद पर टिका कर धक्का लगा दिया.


लंड फिसल गया. उसकी आह निकल गई.


अब मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में लेते हुए अपना हथियार उसकी बुर पर सैट किया और एक तेज धक्का दे मारा.


मेरा आधा लंड अन्दर घुसता चला गया. उसकी दबी हुई चीख निकल गई.


होंठ लॉक होने की वजह से उसकी आवाज़ तेज नहीं निकल सकी, लेकिन उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.


मैं थोड़ी देर उसी पोज़िशन में रुका रहा. जब मुझे लगा कि अब वह शांत है, तो मैंने दूसरा धक्का मार दिया.


इस बार मेरा लंड उसकी बुर को चीरता हुआ अन्दर तक घुस गया.


वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स में उसकी जोर से चीख निकल गई और वह छटपटाने लगी.


उसका मुँह मेरी गिरफ्त से छूट गया और वह जोर जोर से चिल्लाने लगी कि निकालो इसे … उई मां मैं मर गई … निकालो इसे … मां चुद गई मेरी बुर की आह फट गई मेरी. लेकिन वह मेरे नीचे दबी होने के कारण कुछ कर नहीं पाई. बस रोती हुई थोड़ी देर बाद शांत हो गई.


फिर सही मौका देख कर मैं लंड धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.


धीरे धीरे उसका दर्द कम हो गया और वह अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.


ये देखते हुए मैंने भी ये अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी. अब उसकी मस्त आवाज़ें पूरे कमरे में गूंजने लगीं.


कमरे में सिर्फ़ फच फ़च की कामुक आवाज़ें सुनाई दे रही थीं या उसकी कामुक आवाजें सुनाई दे रही थीं. ‘आहहा अह और जोर से चोदो मुझे मेरे राजा … आह फाड़ दो मेरी बुर आह मेरे राजा … भोसड़ा बना दो इसका … आहा आ आ हहा मज़ा आ रहा है!’


मैं उसके दूध चूसते हुए उसे धकापेल चोदता रहा.


करीब बीस मिनट तक लगातार रफ्तार से धक्का देने के कारण वह दो बार झड़ चुकी थी. मैं उसे धक्का मारे जा रहा था. वह भी मेरा साथ दे रही थी.


कुछ मिनट बाद तेज रफ़्तार में धक्का देते हुए मैं उसके अन्दर ही झड़ गया और मेरे साथ ही वह भी तीसरी बार झड़ गई थी.


हम दोनों एक दूसरे पर एकदम निढाल चिपके पड़े रहे.


थोड़ी देर में जब वह उठने लगी, तो उसने देखा कि उसकी बुर से खून बह रहा है, तो वह घबरा गई और रोने लगी.


मैंने उसे समझाया कि जब पहली बार कोई सेक्स करता है, तो ऐसा ही होता है.


वह इस बात को जानती थी, तो चुप हो गई और उठ कर वॉशरूम की तरफ़ जाने लगी. लेकिन उससे चलते नहीं बन रहा था और उसे दर्द भी काफ़ी हो रहा था.


मैंने उसे सहारा देकर बाथरूम तक पहुंचाया. कुछ देर बाद वह बाथरूम से खुद को साफ करके वापस आई और लेट गई.


उसके बाद मैंने दूसरी बार में उसे कई आसनों में चोदा. उसे घोड़ी बना कर पेला, मिशनरी में पेला और अपने लंड पर भी कुदवाया.


उस रात हम दोनों ने दो बार और सेक्स किया और एकदम निढाल होकर, एक दूसरे से लिपटे हुए कब नींद के आगोश में चले गए कि हमें पता ही नहीं चला.


सुबह 8 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि वह मेरी बांहों में कितने सुकून से सो रही थी. मैंने उसके माथे पर हल्के से किस किया, जिससे उसकी नींद टूट गई और वह उठ गई.


हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा दिए. फिर कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे.


थोड़ी देर में उठकर वह फ्रेश होकर और शॉवर लेकर आई और अपने कपड़े पहनने लगी.


तब तक मैं भी फ्रेश होकर रेडी हो गया था. चाय नाश्ता करके अब मैं उसको उसके घर छोड़ने गया और रास्ते में मेडिकल शॉप से गर्भनिरोधक और एक दर्द निवारक दवा लेकर उसे दे दी.


मैंने कहा- इससे ध्यान से खा लेना. इससे तुम्हारा दर्द दूर हो जाएगा और किसी भी तरह की टेंशन भी नहीं रहेगी.


वह मुस्कुरा दी. मैं उसे उसके घर छोड़कर वापस अपने घर आ गया.


कल रात की घटना याद करके मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था.


तो दोस्तो, यह थी मेरी अपनी पहली चुदाई की कहानी, उसके बाद से जब भी हम दोनों को मौका मिलता, हम दोनों खूब चुदाई करते. इसी बीच मैंने उसकी गांड भी मारी, वह आपको फिर कभी लिखूँगा.


आपको मेरी यह वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी कैसी लगी, आप ज़रूर बताएं. मुझे आपके फीडबैक का बेसब्री से इंतजार रहेगा.


Teenage Girl

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