मौसी की बेटी की जवानी का मजा- 1

अनुज सिंह

26-04-2023

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सेक्सी कुवारी लड़की की कहानी में पढ़ें कि मुझे मेरी मौसी की जवान बेटी बहुत पसंद थी. जब वो मेरे घर आई तो मैंने उसे चोदने के लिए क्या तरकीब अपनाई.


नमस्कार दोस्तो, मैं अनुज आज आपके सामने फिर से एक नई कहानी लेकर हाजिर हुआ हूं. उम्मीद है पिछली कहानी शादीशुदा चचेरी बहन को चोदा उनके घर में की तरह यह सेक्सी कुवारी लड़की की कहानी भी आपको पसंद आएगी।


दोस्तो, एक दिन मैं रूम पर लेटा हुआ था कि अचानक मौसी का फोन आया- अनुज, नीलम का बी एस सी एंट्रेंस की परीक्षा तुम्हारे शहर में ही है और परीक्षा के एक दिन पहले वह तुम्हारे पास चली जाएगी. तुम उसे परीक्षा दिलवा देना।


नीलम से मेरी बातचीत होती रहती थी। एक बार मेरे हाथ उसकी मोबाइल लगी तो मैंने देखा कि अन्तर्वासना की साइट खुली हुई थी।


परीक्षा के एक दिन पहले सुबह नीलम की कॉल आई कि वह शाम पांच बजे तक स्टेशन पर आ जाएगी. मैंने कहा- ठीक है, आकर तुम कॉल करना।


शाम को पांच बजे मैं स्टेशन पर पहुंच गया और उसके कॉल का इंतजार करने लगा.


कुछ देर बाद ट्रेन स्टेशन पर आ गई. थोड़ी देर बाद नीलम ने मुझे कॉल किया और बात करते हुए मेरे पास आ गई।


दोस्तो, मैं नीलम के बारे में आपको बता दूं. वह गेहुआ रंग की छरहरे बदन की तीखे नयन नक्श वाली खूबसूरत लड़की थी। उसने नीली जींस और नारंगी कुर्ती पहनी हुई थी जिसमें वह बहुत ही सुंदर लग रही थी।


उसे देखते ही मेरा मन बहक गया और मैं उसे चोदने के बारे में सोचने लगा।


मैं नीलम को बाइक पर बैठा कर अपने रूम पर लेता आया. रास्ते में मैं ब्रेकर पर जानबूझकर अचानक ब्रेक मारता था जिससे नीलम की चूचियां मेरी पीठ पर दब जाती थी।


रूम पर आकर हम दोनों फ्रेश हुए और कुछ देर बातें करने के बाद मैंने नीलम से कहा- तुम अपनी पढ़ाई करो, मैं खाने के लिए कुछ लेकर आता हूं.


मैं मार्केट में चला आया. होटल से मैंने खाना पैक करवा के मैं वापिस अपने रूम पर गया तो नीलम अपनी पढ़ाई कर रही थी।


कुछ देर के बाद मैंने नीलम से कहा- नीलम, चलो खाना खा लो. अब सुबह पढ़ना.


उसके बाद हम दोनों ने खाना खाया।


रूम में एक ही तख्त था जिस पर बिस्तर लगा था.


मैं बिस्तर पर लेट गया और नीलम से कहा- अपने कपड़े बदल लो और आओ आराम करो. नीलम मेरे सामने कपड़े बदलने में शरमा रही थी. वह बोली- मैं ऐसे ही सो लूंगी.


तो मैंने नीलम से कहा- इतने टाइट कपड़े पहन कर आराम से नहीं सो पाओगी। नीलम बोली- भैया, आप रूम से बाहर से जाइए, मैं कपड़े बदल लूं. तो मैंने कहा- रूम में तो सिर्फ मैं और तुम ही है, बाहर जाने का मन नहीं है, यहीं कपड़े बदल लो, मैं तुम्हें खा थोड़ी जाऊंगा.


मेरी बात सुनते ही नीलम शरमा गई और बोली- भैया, आप भी ना कुछ भी बोलते हैं। उसकी तरफ से कोई प्रतिरोध होते ना देख मैंने भी आगे बढ़ने का फैसला किया और उससे कहा- अब शर्माओ मत और कपड़े बदल कर आओ आराम करो।


नीलम बोली- आज तक मैंने किसी के सामने कपड़े नहीं बदले हैं, मुझे शर्म आ रही है. यह सुनते ही मैं समझ गया कि गाड़ी पटरी पर आ रही है डरने की जरूरत नहीं है।


मैंने मुस्कुराते हुए नीलम से कहा- क्यों अभी तक किसी के सामने कपड़े नहीं बदले? नीलम ने कहा- नहीं!


तो मैंने कहा- बॉयफ्रेंड के सामने भी नहीं? उसने तो तुम्हारे कपड़े भी उतारे होंगे। यह सुनते ही नीलम ने अपने दोनों हाथों से शरमा कर अपना चेहरा ढक लिया और बोली- भैया, मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है. तो मैंने कहा- झूठ बोल रही हो. इतनी खूबसूरत लड़की … और उसके पास बॉयफ्रेंड न हो … यह तो हो ही नहीं सकता!


नीलम ने कहा- भैया, मैं कहां खूबसूरत हूं? क्यों झूठ बोल रहे हो? तब मैंने कहा- तुमको खूब पता है कि कितनी खूबसूरत हो. नहीं तो तुम्हारे आगे पीछे यूं ही लड़के नहीं घूमते रहते।


अब नीलम थोड़ा इठलाते हुए मुझसे बोली- सही से देखिए न … आपको गलतफहमी हुई, मैं एकदम खूबसूरत नहीं हूं. तब मैं मौका पा गया और कहा- कपड़े तो उतारो अपने, फिर बताता हूं।


थोड़ा सा और दबाव कपड़े उतारने का नीलम पर बनाया तो नीलम ने इठलाते हुए मेरी तरफ पीटकर धीरे धीरे अपनी कुरती उतार दी। अब वह मेरे सामने नीले रंग की ब्रा और नीली जींस में खड़ी थी


उसने धीरे धीरे अपने जींस के बटन खोल कर अपनी जींस पर उतार दी। अब दीवाल की तरफ मुंह करके ही नीलम ने कहा- अब खुश हो गए तो मैं कपड़े पहन लूं? मैंने कहा- कि अभी एक बार सामने की तरफ तो घूमो!


नीलम धीरे-धीरे घूम कर मेरे सामने खड़ी हो गई और मेरी तरफ देखते हुए बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा- देख रहा हूं कि अब तुम कितनी बड़ी और खूबसूरत हो गई हो, आओ बेड पे बैठ जाओ। नीलम ने कहा- ऐसा क्या देख लिया जो आप कह रहे हो कि मैं बड़ी हो गई. पहले क्या मैं बच्ची लग रही थी?


अब गाड़ी पटरी पर आ गई थी तो मैंने भी माहौल को सेक्सी बनाने के लिए सीधा बोला- समीज के अंदर तो नींबू समझ में आ रहा था. अब लग रहा है कि संतरा है. तो नीलम भी हंसते हुए बेड पर बैठते हुए बोली- कुछ देर बाद यह मत कहना कि अब तो बेल जैसा है।


मैंने भी कहा- अब तो खोल कर देखना पड़ेगा कि संतरा है अभी या बेल? और लेटे हुए ही नीलम को अपनी तरफ खींचा. तो वह सीधा मेरे सीने पर गिर पड़ी और मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसकी ब्रा को निकाल दिया.


और नीलम को बिस्तर पर लिटाकर उसके दोनों टांगों के बीच घुटने पर बैठ गया और नीलम से बोला- मैं तो सच में बेल जैसे हैं। अब मैं नीलम की दोनों चूचियों को दोनों हाथों से दबाते हुए बोला- दोनों बेल तो बहुत रसीले हैं. अब तो इनको निचोड़ कर इनका रस पीना पड़ेगा.


और बोला- नीलम, क्या तुम्हारी जवानी का रस तुम्हारी चूचियों से पी लूं? तो नीलम ने कहा- पी लीजिए भैया, रोका किसने है।


अब मैंने नीलम की दोनों चूचियों के निप्पल को दोनों हाथों से मसलते हुए बोला- भैया नहीं, जानेमन … आज से तुम्हारा सैंया हूं. तुम बोलो कि सैंया जी मेरी जवानी का रस मेरी चूचियों से पी लीजिए। थोड़ी देर रिक्वेस्ट करने के बाद नीलम ने शर्माते हुए कहा- सैंया जी, मेरी जवानी का रस मेरी चूचियों से पी लीजिए।


अब मैंने नीलम की बाईं चूची की निप्पल को अपने होठों में लेकर चूसने लगा और दाहिने हाथ से उसकी दाहिनी चूची को मसलने और निप्पल को रगड़ने लगा. नीलम आंखें बंद कर धीरे धीरे आहें भरने लगी.


थोड़ी देर बाद मैंने नीलम की दाहिनी चूची की निप्पल को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और बाएं चूची के निप्पल को रगड़ने और चूची को मसलने लगा।


करीब दस मिनट तक दोनों चूचियों को बारी-बारी मसलने और पीने के बाद मैं एक बार फिर से घुटने के बल उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ गया और बोला- नीलम, आई लव यू! तो नीलम भी मेरी तरफ देखती हुई बोली- आई लव यू भैया!


मैंने कहा- नीलम, बहुत दिन से मैं तुम को चोदना चाहता था! तो नीलम बोली- जानती हूं भैया, जब भी कभी आप मेरी तरफ देखते थे तो आपकी निगाहें बता देती थी कि आपके मन में क्या चल रहा है. और अक्सर आप मेरे सीने की तरफ ही देखते रहते थे. मैं खुद ही आपको पसंद करती थी पर आपने कभी पहल ही नहीं की।


तब मैंने नीलम के गाल पर हल्की सी चपत लगाते हुए प्यार से कहा- मैंने पहल नहीं की तो तुम ही कर देती. तो बहुत पहले ही मेरे लंड के नीचे आ गई होती और कली से फूल बन जाती। नीलम ने कहा- भैया, लड़की कहां पहल करती है. पर कोई बात नही आपके नीचे आज भी एक कली है उसे आप फूल बना दो।


मैंने झुक कर नीलम के माथे को चूमा और कहा- जानेमन, आज आपको चोद कर कली से फूल बना दूंगा. आज तुम लड़की से औरत बन जाओगी. और नीलम के चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकर उसके गालों, नाक, आंखों, माथे और गर्दन को चूमने और चाटने लगा.


नीलम ने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और आंखें बंद कर आहें भर रही थी।


आज मेरी बाहों में एक कच्ची कली थी और मैं अपनी चुदाई का सारा अनुभव उसे चोदने के लिए प्रयोग कर रहा था. मैं किसी भी प्रकार की जल्दबाजी में नहीं था.


अब अब मैंने नीलम की होठों को अपने होठों में ले लिया और प्यार से उसे चूसने लगा. नीलम भी मेरे होठों को चूसते हुए मेरा साथ देने लगी।


थोड़ी देर बाद मैंने अपनी जीभ नीलम के मुंह में डाल दी और नीलम प्यार से चूसने लगी. कुछ देर बाद नीलम से उसकी जीभ अपने मुंह में डालने के लिए कहा तो उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और मैं उसकी जीभ को प्यार से कुछ देर चूसता रहा।


अब मैं उसके गर्दन और कंधे को चूमता हुआ एक बार फिर से उसकी चूचियों पर आ गया. मैं उसकी बाईं चूची को चूसने लगा और दाएं के निप्पल को मसलने लगा.


कुछ देर बाद मैं दाईं चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा और बाई चूची के निप्पल को उंगलियों में लेकर मसलने लगा.


इतने में नीलम ने कसके मुझे अपनी बाहों में भर लिया और एक गहरी आह भरी. मैं समझ गया की नीलम स्खलित हो चुकी है।


अब नीलम की चूचियों से होते हुए उसके पेट को चूमने चाटने लगा, उसकी ठोढ़ी के किनारे को अपनी जीभ से चाटने लगा.


मैं धीरे-धीरे पेट से नीचे चूमते हुए उसकी कमर को चूमते हुए दाई जांघ को चाटते हुए घुटनों से होते हुए उसके पंजे तक आ गया और उसके पैर के तलुओं और ऐड़ियों को चूमने लगा। फिर पैर की सारी उंगलियों को बारी बारी मुंह में लेकर चूसने लगा.


मैं नीलम की बाएं पैर को अपने हाथों में लेकर उसकी अंगुलियों को भी मुंह में लेकर चूसने लगा। फिर मैं उसके घुटनों से होते हुए उसकी जांघ तक आया.


अब तक नीलम पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और तेजी से आहें भरना शुरू कर चुकी थी।


नीलम ने मुझसे कहा- भैया, कुछ हो रहा है! जल्दी कुछ करो! तो मैंने मुस्कुराते हुए नीलम से कहा- क्या करूं? नीलम ने कहा- भाई, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, कुछ करिए! तो मैंने कहा- ऐसे नहीं … पहले कहो कि मेरे भैया आज मेरे सैंया बनकर इस कली को फूल बना दो. नीलम को लड़की से औरत बना दो. अपना लंड मेरी बुर में डालकर मेरी बुर का भोसड़ा बना दो।


नीलम ने मुझसे कहा- आप बहुत गंदे हो भैया, मुझे शर्म आ रही है! तो मैंने कहा- इसमें शर्माने की क्या बात है? आज तो तुम्हारा भाई ने ही तुम्हारे कपड़े उतार कर तुमको नंगी किया है. और कुछ देर बाद अपना लंड तुम्हारी बुर में डालकर तुम्हारी सील तोड़ेगा. तब तुम कली से फूल और लड़की से औरत बन जाओगी. तो जानेमन शरमाओ मत और जो मैं कह रहा हूं, बोलो. जितना बेशर्म बनोगी चुदाई में उतना ही मजा आएगा।


मैंने कुछ देर नीलम को और तड़पाया. तो हार मान कर उसने कहा- भैया, मेरे सैयां बनकर मुझे कली से फूल बना दो. मुझे लड़की से औरत बना दो और अपना लंड मेरी बुर में डालकर मेरी बुर का भोसड़ा बना दो।


मैंने नीलम की दोनों टांगों को फैला कर पैंटी के ऊपर से उसकी बुर पर एक प्यारा सा किस किया और पेंटी को दोनों हाथों से पकड़ कर धीरे-धीरे सरकाते हुए उसके पैरों से निकाल दिया।


अब नीलम आंखें बंद कर बिस्तर पर मेरे सामने बिल्कुल नंगी लेटी थी. वह बहुत ही प्यारी लग रही थी.


मैंने नीलम की दोनों टांगों को फैला कर अपना मुंह उसकी बुर पर ले जाकर प्यार से चूमा और अपनी जीभ उसकी बुर के अंदर डाल कर उसे चूसने लगा. क्योंकि नीलम एक बार झड़ चुकी थी इसलिए उसकी बुर पूरी तरह उसके रस से भीगी हुई थी और मैं प्यार से उसको चूस रहा था।


नीलम ने कसकर अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ लिया और मेरे सर को अपनी बुर की तरफ कसकर खींचने लगी और पूरी तरह उत्तेजित होकर आहें भरने लगी।


कुछ देर तक उसकी बुर चूसने के बाद मैं खड़ा हो गया और मैंने भी अपने सारे कपड़े निकाल दिए और अंडरवियर में बेड पर ही खड़ा हो गया. तब मैं नीलम से बोला- जानेमन आंखें खोलो और बैठ जाओ।


नीलम भी आंखें खोल कर मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गई और सर उठा कर मेरी तरफ देखने लगी. मैंने उससे कहा- जानेमन, मेरा अंडरवियर निकालो.


प्रिय पाठको, आपको मेरी सेक्सी कुवारी लड़की की कहानी में आपको मजा आ रहा होगा. मुझे अपने विचारों से अवगत कराएँ. [email protected]


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