दोस्त की बहन की चूत और गांड फाड़ दी

राहुल पवार

19-06-2023

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देसी गर्ल टीनएज सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे दोस्त की दुकान पर उसकी बहन भी बैठती थी. एक दिन मैंने उसे घर में नंगी नहाती देख लिया. उसने भी मुझे देख लिया. फिर क्या हुआ?


दोस्तो, कैसे हो आप लोग! मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 22 साल है. मेरी हाईट साढ़े पांच फुट की है और मैं गुजरात के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ.


लड़कियों की उत्सुकता के लिए बताना चाहूँगा कि मेरे लौड़े की साइज काफी अच्छी है. ये 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है. मैं दिखने में भी अच्छा खासा हीरो जैसा लगता हूँ.


यह देसी गर्ल टीनएज सेक्स कहानी मेरी और मेरे दोस्त की बहन की है.


मेरे दोस्त की किराने की दुकान थी. उस दुकान पर उसकी छोटी बहन शीतल भी बैठा करती थी.


शीतल जरा नाटे कद की है, उसकी हाईट 4 फुट 7 इंच है. उसका फिगर 34-30-36 का है. चेहरा छोड़ दें तो वो एक मस्त माल थी. हम दोनों की अच्छी जमती थी.


एक दिन मैं उसके घर में गया; वहां कोई नहीं था. मैंने आवाज लगाई लेकिन किसी ने मेरी आवाज सुनी ही नहीं.


मैंने पीछे बने बाथरूम की तरफ जाकर देखा तो वहां शीतल नहा रही थी. वह पूरी नंगी थी.


मैं उसे देखता रहा. पानी गिरने से शोर हो रहा था जिस वजह से उसका ध्यान न तो मेरी आवाज की तरफ़ गया था और न ही वह उस वक्त भी मेरी तरफ देख रही थी.


उसके बड़े बड़े बूब्स देख कर मेरा लौड़ा एकदम से खड़ा हो गया. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. बड़ा ही मस्त नजारा था.


कुछ देर देखने के बाद मुझसे रहा न गया और मैं बाथरूम के अन्दर ही चला गया.


अब उसने मुझे देखा तो वो शर्म के मारे अपने शरीर को ढकने लगी. मैं वहां से बाहर चला गया.


कुछ मिनट बाद में दुकान पर माजा की बोतल लेने आया. तब शीतल दुकान में अकेली थी.


वह मुझे देख कर शर्मा रही थी. मैंने उससे कहा- शर्माओ मत, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा. यह बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी.


उसने मुझे स्माइल दिया और माजा की बोतल ले आई. मैंने हिम्मत करके उससे कहा- क्या लग रही थी यार तुम!


उसने शरमाते हुए स्माइल दी. इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई.


मैंने उससे कहा- क्या तुम मेरी जीएफ बनोगी? शीतल जवाब देने की जगह दुकान छोड़ अन्दर चली गई.


मुझे लगा कि पता नहीं क्या हुआ इसको!


मैं अन्दर गया, तो वो एक कोने में खड़ी थी. मैंने उससे कहा- तुम भी सिंगल हो और मैं भी … हां बोल दे न! थोड़ी देर बाद उसने हां बोला.


मैंने उसे हग किया और उससे पूछा- मेरा मोबाइल नंबर है तेरे पास? उसने न में सर हिला दिया.


मैंने एक कागज पर अपना नंबर लिखा और उसे देकर वहां से चला गया.


अब हम दोनों कॉल पर बात करने लगे.


दो दिन बाद ही मैंने उसको रात को मिलने बुलाया.


उसके घर के पास मेरे दोस्त का एक कमरा था, वहां कोई नहीं रहता था. वह दोस्त बाहर रहता था. इस कमरे में सब सुविधा थी.


रात को एक बजे करीब शीतल वहां आ गई. मैंने उसे कमरे के अन्दर बुला लिया और दरवाजा बंद करके बत्ती जला दी.


अब सुनसान कमरे में हम दोनों अकेले थे. शीतल ने गाउन पहना था.


वो बोली- आप मेरे साथ क्या करोगे? मैंने जवाब दिया कि तेरे रसीले होंठों का सारा रस पियूंगा.


ऐसा बोल कर मैंने उसके होंठों पर उंगली फिराई.


शीतल बोली- मुझे डर लग रहा है. मैंने कहा- किस बात का डर?


उसने कहा- मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया है. मैंने कहा- कोई बात नहीं. तुम डरो नहीं … मैं तुम्हें आज स्वर्ग की सैर कराऊंगा. मैं जितना बोलूँ, तुम बस उतना करती जाना. आज बिल्कुल मत शर्माना. तुम अपने आपको मेरे हवाले कर दो.


वह चुप थी और मुझे ही देख रही थी.


धीरे से मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिया और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.


मैंने शीतल के मुँह में अपनी जीभ डाल दी और शीतल के मुँह को अपनी जीभ से चखने लगा. वह भी बड़ा ही सुख का अनुभव कर रही थी और मेरे मुँह से मुँह लगा कर चुम्बन का पाठ सीख रही थी.


मैं जब भी अपनी जीभ को उसके मुँह से बाहर निकालता तो उसकी नशे में डूबी हुई आंखों को देखता और उस वक्त उसके मुँह से लार निकलने लगती थी. बड़ा ही कामुकता भरा सीन था.


अब मैंने उसके गाउन को उतार दिया तो शीतल को शर्म लगने लगी. वो ब्रा पैंटी में मस्त डीजल माल लग रही थी.


नाटे कद की लड़कियों को हम लौंडे अपनी बोलचाल की भाषा में डीजल माल कहते हैं. शीतल भी एक कांटा माल होने के साथ साथ डीजल माल थी.


मैंने उसकी मादक जवानी को ब्रा पैंटी में कैद देखते हुए कहा- मैंने तो तुम्हें पूरी नंगी देखा है. अब ब्रा पैंटी में क्या शर्माना! वह हंसने लगी.


मैंने शीतल को बेड पर धक्का दिया और उसे बेड पर गिरा दिया, उसकी ब्रा उतार दी और उसके एक दूध को पीने लगा. वह भी मेरे सर पर अपना हाथ फेरती हुई मुझे अपना दूध पिलाने लगी.


उसके निप्पल पर मैंने अपनी जीभ रख कर उसे कुरेदा तो जैसे उसको करंट सा झटका लगा.


मैंने उसके दूध को चूसना और दबाना जारी रखा. कुछ देर बाद दूसरे दूध के साथ भी चुसाई की मस्ती की.


वह अंह आह करती रही और मुझे अपने दोनों मम्मों का रस पिलाती रही.


अब मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया. मेरे सामने उसकी नंगी चूत थी.


उसकी चूत देखकर मुझे मुझसे कंट्रोल नहीं रहा था. साफ चिकनी झांट रहित चुत देख कर मैंने उस पर झपट्टा सा मारा और उसकी नमकीन चूत को चाटना शुरू कर दिया.


शीतल अपनी चुत पर मेरा मुँह का अहसास पाते ही कंपकंपा गई. उसके मुँह से ‘ऊह आह ओह मम्मी मर गई … आह.’ की आवाज निकलने लगी. वह देसी गर्ल टीनएज सेक्स काका मजा लेने लगी.


थोड़ी देर बाद मैंने उसे छोड़ दिया. मैंने अब अपने सारे कपड़े उतार दिए.


मेरा नब्बे डिग्री में खड़ा लंड देख कर शीतल की गांड फट गई.


शीतल मेरे लौड़े को हैरत से देख रही थी. उसके चेहरे पर डर साफ साफ दिख रहा था.


मैंने लंड हिलाते हुए उससे पूछा- क्या हुआ मेरी रानी? वो सहमती हुई बोली- इतना बड़ा मेरी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा?


मैंने समझाया- चला जाएगा, तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो. आज तुझे मैं पक्के में चोदूंगा.


वो मेरे मुँह से ये सुनकर और ज्यादा घबरा गई कि अब तो उसका बच पाना मुश्किल है.


मैंने उसके मुखड़े पर डर देख कर उसे समझाया- तुम परेशान न हो, सब अच्छे से ही होगा. चलो पहले तुम बिस्तर से नीचे आओ.


जैसे ही वो बेड से उतरी, मैंने उसे किस कर लिया और धीरे से नीचे बिठा दिया.


फिर मैंने कहा- चल मेरी रानी अब अपना मुँह खोल दे. उसने ऐसा ही किया.


शीतल को कुछ पता नहीं था कि उसके साथ क्या होने वाला है. मैंने उसके मुँह में मेरा पूरा लौड़ा डाल दिया.


उसने छूटने की बहुत कोशिश की मगर मैंने नहीं छोड़ा.


वह लौड़े को जीभ से सहलाने लगी. शायद उसे अच्छा लगने लगा था.


कुछ देर बाद मैंने लंड को बाहर निकाला और उसकी आंखों में झांका. वह तनिक गुस्से से बोली- अरे यार बता तो देते कि क्या करना है. मैं एकदम से डर गई. मैंने कहा- सॉरी मेरी जान .. ले तू फिर से चूस ले.


उसने अब लंड हाथ से पकड़ा और उसको चूसना शुरू कर दिया.


मैंने उसको बेड के किनारे पर दोनों पैर ऊपर करके लेटा दिया और खुद उसकी टांगों के बीच में आ गया.


मैं अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. मुझे पता था कि इतनी आसानी से लंड अन्दर नहीं घुसेगा.


मैंने लंड को बुर पर सैट किया और एक ही धक्के में सुपारा अन्दर तक डाल दिया.


सुपारा खाते ही शीतल के मुँह से चीख निकल गई- ओय मम्मी मार दिया … प्लीज मुझे छोड़ दो. मगर मैंने उसकी चीख पुकार पर कोई ध्यान नहीं दिया. मुझे मालूम था कि बाद में ये खुद लंड पकड़ने दौड़ेगी.


मैंने फिलहाल उसके मुँह से तेज आवाज को बंद करने के लिए उसकी पैंटी मुँह में डाल दी. फिर जब वो चुप हो गई तो मैंने पूरा लंड चुत के अन्दर डाल दिया.


थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ और मैंने उसको चोदना शुरू कर दिया.


मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक जा रहा था. उसे भी मेरे लौड़े से चुदने में मजा आ रहा था.


कुछ देर बाद वो अकड़ गई और मुझे अपनी टांगों में कसने लगी. मैं समझ गया कि बंदी झड़ने को है.


अगले ही पल वो झड़ गई और निढाल हो गई. मैं रुक गया और एक मिनट बाद वापस धकापेल मचाने लगा.


कुछ देर बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया.


उस रात मैंने उसके साथ दो राउंड फायरिंग की और उसे घर चले जाने को कह दिया.


मैंने उससे कहा- आज पहला दिन था, इसलिए जाने दे रहा हूँ. अब कब आओगी? शीतल बोली- अगले हफ्ते से मेरे एग्जाम आ रहे हैं, तो मुझे शहर जाना पड़ेगा. आप वहां आ जाना और मुझे रोज मजे दे देना.


मैं हंसा और बोला- मुझे अपना परमानेंट ठोकू बना ले. मैं तुझे रोज पेलूंगा. वह हंसने लगी और बोली- मेरे साथ घर तक चलो. बाहर अंधेरा है, मुझे डर लगेगा.


मैंने शीतल को उसके घर छोड़ा और मैं भी अपने घर चला गया.


सुबह 9 बजे मैं सो कर उठा. शीतल की दुकान पर गया.


वहां शीतल नहीं थी. पूछने पर पता चला कि वह नदी किनारे कपड़े धोने गई है.


मैं फटाफट वहां गया और देखा तो दूर दूर तक कोई नहीं था, सिर्फ शीतल ही थी.


मैं उसके करीब गया तो शीतल की आंखों में चमक आ गई. उसने दौड़कर मुझे गले से लिपटा लिया और किस करने लगी.


वो कहने लगी- मैं अभी आपके ख्यालों में ही डूबी थी. आज यहां कोई नहीं है. आप जैसे मन चाहे मुझे चोद दो.


मैंने उसे नीचे बिठाया और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया.


फिर मैंने सारे कपड़े उतार दिए और उसे जमीन पर लिटा कर लंड पेल दिया.


उसके मुँह से हल्की सी चीख निकली. मैंने भी उसकी चीख को अनसुना किया और चोदना शुरू कर दिया.


मैं दे दना दन दे दना दन पेल रहा था. शीतल गांड उठाती हुई बोली- आह और जोर से पेलो … और जोर से.


कुछ देर बाद मैंने उसे कुतिया बनाया और उसकी गांड में थूक लगा कर पीछे से झटका लगा दिया. वह एकदम से हुए इस प्रहार से घबरा गई और आगे को होकर छूटने की कोशिश करने लगी. वो रोने लगी.


मैंने उसे मनाया और पेलने लगा. पूरे 20 मिनट बाद उसकी गांड में गड्डा बना दिया. फिर मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.


उसके बाद हम दोनों एक साथ नहाए और नहाते समय भी उसकी चूत को चोदा.


फिर मैंने उसको घर छोड़ दिया.


अब तक शीतल मुझसे बहुत बार चुद चुकी है. मैंने उसे चोद चोद कर कली से फूल बना दिया था. एक दो बार वो पेट से भी हो गई थी लेकिन मैंने उसे दवा देकर बचा लिया था.


आपको मेरी ये देसी गर्ल टीनएज सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे बताएं. [email protected]


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