मम्मी के साथ साथ मैं भी चुदी पापा के दोस्त से

राखी कम्बोज

04-01-2023

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कॉलेज गर्ल हॉर्नी सेक्स कहानी मेरी कुंवारी बुर की पहली चुदाई की है. मेरी मम्मी पापा के दोस्त से चुदती थी तो मेरा मन भी अंकल का लंड लेने को करने लगा.


यह कहानी सुनें.


दोस्तो, मेरा नाम राखी है. मैं 19 साल की हूं. मैं इस वेबसाइट की बहुत बड़ी फैन हूं मैं रोजाना इस पर आकर सेक्स कहानियां पढ़ती हूं और बहुत मजे लेती हूँ. इसलिए आज मैंने भी सोचा कि मैं भी आपको अपनी सच्ची सेक्सी कहानी सुनाऊं ताकि आप भी मेरी चूत चुदाई के मजे ले सकें.


मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूं और यह मेरी पहली कॉलेज गर्ल हॉर्नी सेक्स कहानी है.


दोस्तो, एक महीने से मैं चुद कर खूब मजे ले रही हूं, वह भी अपने मम्मी के यार से चुदवाकर मैं अपनी चूत का भोसड़ा बनवा रही हूँ. दरअसल मेरी मम्मी की हरकतों ने मुझे उनके यार से चुदने को मजबूर कर दिया था.


अब आप खुद सोचिए कि कोई गैर मर्द आए और मम्मी के साथ कमरे में बंद हो जाए. मैं उस समय दूसरे कमरे में रहूं और थोड़ी देर बाद ही उनके कमरे से आती हुई कामुक आवाजों ‘आ आ और जोर से … और जोर से चोदो मेरी चूत को …’ सुनूँ, तो मेरी चूत कब तक लंड की डिमांड नहीं करेगी.


रोजाना का यही हाल हो गया था. मेरी मम्मी रोज बिंदास गैर मर्द से चुदवाती थीं और चुदाई के मजे लेती थीं.


इधर मैं उनकी चुदाई की आवाजों को सुन सुन कर परेशान होती थी. मम्मी इस बात को समझती ही नहीं थीं कि मैं भी जवान हो चुकी हूं तो मुझे भी तो लंड की जरूरत है.


मैं करीब एक महीने तक अपने आपको संभाल कर रखा और अपने आपको किसी तरह से रोक कर रखे रही. मम्मी की कामुक आवाजों को सुनकर मैं सिर्फ अपनी चूचियां दबा दबा कर और अपनी पानी छोड़ती चूत में उंगली करके अपना काम चला रही थी.


पर ऐसा कितना दिन चलता. धीरे-धीरे मैं काफी ज्यादा कामुक हो गई थी.


मैं इस वेबसाइट पर आकर कहानियां पढ़ने लगी. उस वजह से मेरा रोज रात को 2:00 से 3:00 बज जाता था.


मुझे नींद नहीं आती थी. नींद आए भी कैसे, दिन में जो होता था, वह सब रात में मेरे मस्तिष्क में घूमता रहता था.


वो मम्मी का ‘आह आह …’ करना और जोर जोर से चिल्लाते हुए चुदाई करवाने की कहना, मुझे अन्दर तक गर्म कर देता था. उस वक्त मुझे उनकी आवाजें बार बार दिमाग में गूँजती थीं.


मेरी मम्मी बोलती थीं- आह खूब अच्छे से चोदो मुझे … आह चोद चोद कर संतुष्ट कर दो मुझे … आह कितना अच्छा और कितना बड़ा है तुम्हारा लंड … आज फाड़ ही दो मेरी चूत … आह चोद चोद कर चूत का भोसड़ा बना दो.


जब मेरी मम्मी ऐसे बोलती थीं तो दोस्तो आप खुद सोचिए कि मेरा क्या हाल होता होगा. सच में मैं तो पागल हो गई थी.


अब मैं बताती हूं कि वह बंदा कौन था जो रोजाना आता था और मेरे मम्मी को चोदता था. फिर बाद में मैं भी उससे चुदने लगी थी.


वो मेरी मम्मी का यार था. मगर अब वह मेरा प्यार बन गया था.


असल में मेरे पापा के एक दोस्त हैं जो हमेशा मेरे घर आया करते थे. मम्मी और पापा उनसे सलाह लेते थे.


वो मेरी मम्मी को ज्यादातर उस वक्त सलाह देते थे जब भी मम्मी पापा के बीच झगड़ा होता था.


जब बात ज्यादा बढ़ जाती थी तो वही मामला निपटाने आते थे. झगड़ा होने की वजह से मम्मी-पापा में कभी प्यार नहीं रहा और एक दिन मेरे पापा, मम्मी को छोड़कर चले गए थे.


पापा तो मम्मी को छोड़कर चले गए पर अंकल मम्मी को छोड़कर नहीं जा पाए. धीरे-धीरे मम्मी उनसे प्यार करने लगीं और फिर जब बात आगे बढ़ गई तो उनके बीच सेक्स सम्बन्ध बन गए.


जब मैं कॉलेज जाती थी तो वह घर पर आ जाते थे. फिर दिन भर अंकल मम्मी के साथ रहते थे. जब मैं घर वापस आती थी, तब वे मेरे घर से जाते थे.


मैं धीरे-धीरे सब बातों को समझने लगी थी क्योंकि कई बार मैंने डस्टबिन में इस्तेमाल हुए कंडोम देखे थे. मैं समझ गई थी कि मम्मी की अंकल से रोजाना चुदाई हो रही है.


फिर जब से करोना आ गया तो मैं घर में रहने लगी. पर अंकल तब भी घर आते रहे और धीरे-धीरे मम्मी ने भी मुझे विश्वास में ले लिया.


अंकल ने भी मुझे विश्वास में ले लिया. मम्मी कहने लगीं- किसी मर्द का घर में होना बहुत जरूरी होता है ताकि समाज की गलत नजर नहीं पड़े.


जबकि मम्मी और अंकल खुद ही गलत थे. जब वो किसी गैर मर्द के साथ रोजाना सो रही थीं, तो फिर समाज के किसी दोष के लिए क्या कहना.


मैं भी धीरे धीरे बातों को समझने लगी और मैंने उन दोनों को स्वीकार कर लिया कि सेक्स मम्मी की जरूरत है. इसलिए मैं कुछ नहीं बोलती थी.


धीरे-धीरे बात बढ़ती गई.


अप्रैल माह के बाद तो ऐसा लगने लगा कि मम्मी अंकल के बिना रह नहीं सकती थीं. वह बार-बार फोन करके अंकल को हॉर्नी सेक्स के किये बुलाती थीं.


मई महीने में उनका संबंध इतना ज्यादा बढ़ गया कि जब वे आते थे, तो थोड़ी ही देर कमरे के बाहर बैठते थे, कुछ खाते व चाय आदि पीते थे, फिर वो मम्मी के बेडरूम में चले जाते थे.


उनके अन्दर जाते ही थोड़ी देर के बाद मम्मी की आवाज आने लगती थी- और जोर से आह और जोर से … तुमने मुझे खुश कर दिया आह तुमने मुझे खुश कर दिया.


ये सब सुनकर मेरा सेक्सी बदन गर्म हो जाता था, मेरी चूत गीली हो जाती थी. मेरी चूचियां तन जाती थीं.


मैं कामुक हो जाती थी पर कुछ नहीं कर सकती थी क्योंकि आपको पता है.


धीरे-धीरे मैं भी अंकल के प्रति आकर्षित होने लगी क्योंकि जब मम्मी कहती थीं ‘तुमने खुश कर दिया, ऐसा मुझे कभी पति ने चोदा नहीं था जैसा कि तुमने चोदा …’


तो मैं वो सब साफ़ साफ सुनने के लिए उनके कमरे की खिड़की के पास कान लगाकर सुनती थी. मुझे सब साफ़ सुनाई देता था.


मैं समझ सकती थी कि अंकल मम्मी को संतुष्ट कर देते हैं. उनकी चुदाई की ताकत से मम्मी को ज्यादा मजा आता है. शायद मेरे पापा ने मम्मी को कभी ऐसे नहीं चोदा होगा.


इस सबसे मुझे भी लगने लगा कि अंकल मुझे भी सही से संतुष्ट कर देंगे क्योंकि अब मैं भी मजे लेना चाहती थी. मैं भी चाहती थी कि कोई मुझे चोदे.


मैंने मन पक्का कर लिया था और मैं मौके की तलाश में रहने लगी थी.


इसी बीच मैंने अंकल के सामने अपने बदन की नुमाइश करना भी शुरू कर दिया था ताकि अंकल भी मुझे चोदने के लिए मन बना लें.


फिर एक दिन की बात है कि नानी की तबीयत खराब होने पर मम्मी उनको देखने चली गईं.


जब वो वहां पहुंची तो पता चला कि नानी की तबियत ज्यादा खराब है. इसलिए वह एक दिन वहीं रुक कर आएंगी. सुबह 10:00 बज गए थे.


उस दिन मेरी मम्मी अंकल को बताना भूल गई थीं. अंकल 11:00 बजे घर पर आ गए. मैं तब अकेली थी.


मुझे बहुत खुशी हुई कि आज मुझे अंकल से अकेले में मिलने का मौका मिल गया था.


अंकल सोफा पर बैठ कर मुझे बार-बार ताड़ रहे थे. मैं जब चलती थी तो मेरी गांड देखते थे, मेरी चूचियां निहार रहे थे.


इससे मैं समझ गई कि अंकल मुझे ताड़ रहे हैं और शायद मुझ पर उनका दिल आ गया है.


चूंकि मुझे भी अच्छा लग रहा था तो मैं और ज्यादा अपनी गांड मटका कर चलने लगी थी.


कुछ देर के बाद मैंने उनके लिए चाय बनाई और चाय देने गई. जैसे ही मैं झुकी, मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां बाहर को झलक गईं क्योंकि मैंने जानबूझ कर गहरे गले वाला टॉप ही पहना था.


वे मेरे मम्मे देखकर एकदम से मस्त हो गए. उनका मन मचल गया. मुझे ऐसा लगा कि उनका लंड खड़ा होने लगा था.


वे लगातार मेरे मम्मों को निहारे जा रहे थे, अपनी नजर तक नहीं हटा रहे थे. मैं भी उधर ही बैठ गई और अंकल से बात करने लगी.


फिर मैंने अंकल से कहा- एक बात पूछूं आपसे? अंकल बोले- हां हां पूछो न? “जब आप कमरे में अन्दर जाते हैं, तो मम्मी को क्या करते हैं?”


हालांकि मुझे सब पता था कि वह क्या करते हैं, पर मैं उनके मुँह से सुनना चाहती थी. मैं मजे लेना चाहती थी.


अंकल बोले- मैं तुम्हारी मम्मी को खुश रखता हूं, वैसे खुश करता हूं, जो तुम्हारे पापा नहीं दे पाए, वही प्यार मैं उन्हें दे रहा हूं. तुम्हारे यहां जो लड़ाई होती थी, वो इसी वजह से होती थी कि तुम्हारी मम्मी तुम्हारे पापा से खुश नहीं थीं. एक औरत को जो चाहिए होता है, वह तेरे पापा नहीं दे पा रहे थे.


मैं बोली- क्या आप मुझे भी खुश कर देंगे? अंकल ने पूछा- तेरी मम्मी कब आएगी? मैंने बोल दिया कि मम्मी कल आएंगी.


ये सुनकर अंकल खुश हो गए और अपने पास बैठा कर मेरी पीठ सहलाने लगे. धीरे-धीरे हम दोनों गर्म होने लगे.


मैं उनकी तरफ देखने लगी और मैं अपने आप खुद ही उनकी तरफ झुकने लगी. क्योंकि मैं पहले से ही भरी हुई थी.


मैं चाहती थी कि अंकल मुझे अपनी बांहों में भर लें और मुझे किस करें मेरे मम्मों को चूमें और चूसें. मेरा वो सपना आज पूरा हो रहा था.


अंकल ने मुझे अपनी तरफ खींचा तो मैं उनकी गोद में गिर गई. उसके बाद धीरे-धीरे अंकल ने मेरी चूचियां पकड़ लीं और मेरे गाल पर चूमने लगे. मेरे होंठ पर चूमने लगे.


मैं पागल होने लगी. मैंने उन्हें गले से लगा लिया.


उसके बाद बहुत देर तक हम दोनों ने चूमाचाटी का मजा लिया. अंकल बोले- चलो कमरे में चलते हैं.


उनकी बात सुनकर मैं भी उठ गई और हम दोनों मम्मी के बेडरूम में चले गए. वहां जाकर उन्होंने सबसे पहले मेरा सारे कपड़े उतार दिए. उसके बाद मुझे लिटा दिया.


अंकल मेरी चूचियां दबाने लगे, मेरे निप्पल को दांत से काटने लगे, मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूसने लगे. मैं पागल होने लगी.


उन्होंने मेरे बाल खोल दिए. उसके बाद अंकल ने मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत चाटने लगे.


दोस्तो, क्या बताऊं, बड़ा मजा आ रहा था. करीब आधा घंटे तक उन्होंने मुझे सहलाया, मेरे जिस्म को देखा, इधर उधर खूब मजे लिए.


अब मेरी बर्दाश्त के बाहर हो गया था क्योंकि मैं बहुत ज्यादा ही गर्म हो गई थी. मैंने कहा- अंकल अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है, मैं चाहती हूं कि आप जल्दी से मेरा काम तमाम कर दो. मैं रुक नहीं पाऊंगी. मैं बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी हूं. मेरी अंतर्वासना भड़क चुकी है.


उसके बाद उन्होंने मेरे दोनों टांगों को अलग अलग किया और बीच में बैठ गए. अंकल ने अपना लंड निकाल कर मेरी चूत पर सैट किया और जोर से धक्का दे कर घुसा दिया.


लंड घुसवाते ही मैं दर्द से छटपटा उठी, मेरे पांव कांपने लगे और बदन थरथराहट के मारे हिलने लगा. मेरी आंख में आंसू आ गए थे क्योंकि उनका मोटा लौड़ा मेरी चूत में घुस चुका था.


कुछ देर के दर्द के बाद सब कुछ नॉर्मल हो गया और मेरा दर्द खत्म हो गया. अब वह मुझे खूब पेलने लगे, जोर-जोर से मेरी चूचियां दबाते हुए चोदने लगे.


अंकल जोर जोर से धक्के दे रहे थे, पूरा बेड हिल जाता था.


उन्होंने मुझे आगे से पीछे से ऊपर से नीचे से जैसे मन हुआ सो खूब चोदा. वो करीब आधा घंटा तक मुझे चोदते रहे, मेरी चूचियों को दबाते रहे और मेरी चूचियों को पीते रहे, मेरी गांड में उंगली करते रहे.


अंकल ने मेरे जवान जिस्म के खूब मजे लिए. यह मेरी पहली चुदाई थी, तो मुझे भी हॉर्नी सेक्स में मजा आ गया था.


फिर वह मुझे बाथरूम में ले गए हम दोनों नंगे होकर साथ नहाए. उनके लौड़े को पकड़कर मैंने साबुन लगाया. उन्होंने भी मेरी चूचियों पर खूब साबुन लगाया, मेरी गांड में साबुन लगाया, गांड में उंगली भी घुसाई.


उसके बाद हम दोनों सो गए.


उस दिन रात को भी अंकल अपने घर नहीं गए थे. उन्होंने अपने बीवी को फोन करके बोल दिया था कि मैं अचानक से बिजनेस के काम से कहीं बाहर जा रहा हूं, मैं आज घर नहीं आ पाऊंगा.


रात में मुझे अंकल ने फिर से चोदा था. रात भर अंकल मेरी चूत में लंड पेलते रहे. दूसरे दिन शाम को मम्मी घर वापस आ गई थीं.


फिर अंकल मम्मी को भी चोदते थे और कई बार बहाना बनाकर मम्मी को कुछ लाने के लिए बाहर भेज देते थे या उन्हें कुछ पैसे देकर कुछ सामान खरीदने के लिए भेज देते थे. उस समय वह घर में रहते थे और मेरी चुदाई करते थे.


अब तो ऐसा हो गया है कि मम्मी का यार मेरा प्यार बन गया है. मम्मी को अंकल जितना चोदते हैं, उतना ही मुझे भी चोदते हैं. वो हम दोनों के खूब मजे ले रहे हैं.


मैं आशा करती हूं कि मैं दूसरी अपनी कहानी जल्द ही आपके लिए लिखने वाली हूं, जिसमें मैं और मम्मी एक साथ अंकल के लंड से चुदाई का मजा लेंगे. तब तक के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया. मुझे कमेंट्स करके बताएं कि आपको मेरी कॉलेज गर्ल हॉर्नी सेक्स कहानी कैसी लगी. [email protected]


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