छोटी साली की चुदाई कहानी

गौतम अरोरा

22-07-2024

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हॉट सेक्स विद वर्जिन साली का मजा मुझे मेरी बीवी की ममेरी बहन ने अपने घर बुलाकर दिया. वह फों पर मुझसे बात करती थी। कुछ समय बाद वह सेक्सी बातें करने लगी और मुझसे चुदने की मिन्नत करने लगी.


नमस्कार दोस्तो! मेरा नाम नितिन है। मैं एक 30 साल हृष्ट–पुष्ट युवक हूं।


मैं अब सीधे हॉट सेक्स विद वर्जिन साली कहानी पर आता हूं। यह कहानी बिल्कुल सत्य है।


मेरी मामी सास की बेटी का नाम संजना है। वह अभी तो कमसिन है पर उसकी कद–काठी पूरी गठीली बदन की है। उसका आकार 36–30–36 का है।


वह मेरे साथ फोन पर शुरू से ही बात करती थी। हमारी फोन पर खूब चैटिंग होती थी।


हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। हम एक–दूसरे से बहुत खुल गए थे।


धीरे–धीरे हम सेक्स पर बात करने लग गए।


वह भी कुछ समय बाद मजा लेने लगी और हमेशा वह कहा किया करती थी– मुझे भी सेक्स करना है आपके साथ! तो मैंने एक बार उससे पुछा– पहले कभी सेक्स किया है या नहीं तुमने? वह बोली– नहीं, पर मैंने अपनी सहेली को अपने भाई के साथ सेक्स करते हुए देखा है। वह क्या मस्त चोद रहा था उससे और उसका लंड भी बार लंबा, मोटा और मस्त था। तब से ही उसे देख कर मेरा भी मन करने लग गया है!


मैंने कहा– ठीक है, कल मैं तुम्हारे घर आऊंगा और तुम्हारी मुराद पूरी कर दूंगा! वह बोली– ठीक है, मैं कल तबीयत खराब का बहाना बनाकर स्कूल नहीं जाऊंगी।


उसके घर में सिर्फ उसके माता–पिता और वह रहती थी। उसके माँ–पापा खेत पर काम करने सुबह–सुबह ही चल जाते थे।


वह घर पर अकेली रहा करती थी। तो दूसरे दिन मैं दोपहर को उसके घर पहुँच गया।


उसके घर का दरवाज़ा खुला था तो मैं सीधे अंदर चला गया। वह मुझे देखते ही नमस्ते की।


मैंने आँख मार कर इशारा किया तो वह भी मुस्करा दी। फिर वह बाहर का दरवाजा बंद कर के अंदर आ गई।


मैंने वहीं दरवाजे के पास ही उसे अपनी बाँहों में ले लिया। वह भी मेरा पूरा साथ देने लग गई।


फिर उसने अपने आप को मुझसे छुड़ाया और अंदर की ओर भाग गई। मैं भी उसके पीछे–पीछे गया और एक कुर्सी पर जाकर बैठ गया।


वह थोड़ी देर बाद किचन से मेरे लिए चाय बना कर लाई और मुझे पेश की। मैंने एक हाथ से चाय का कप लिया और दूसरे हाथ से उसकी हाथ को पकड़ कर अपने जांघों के ऊपर बैठा लिया।


फिर मैं उसके गरदन को चूमने लगा। वह बोली– क्या कर रहे हैं, थोड़ा सब्र कीजिए!


मैंने बोला– अब कोई सब्र नहीं! और उसे उठाकर सामने वाले कमरे ले गया, फिर उसे पलंग पर पटक दिया।


मैं भी उसके ऊपर कूद गया और उसके शरीर के साथ खेलने लगा।


तब उसने टीशर्ट और निकर पहने हुई थी। उसकी सांसें बहुत ही गर्म चल रही थी।


मैंने उसे जमकर चूमा। तब मैंने ज्यादा देर करना उचित नहीं समझा क्योंकि मामी सास कभी भी आ सकती थी।


मैंने उसकी टीशर्ट उतार दी। अब वह ब्रा में एकदम और भी मस्त लग रही थी।


उसके चूची तो मेरे बीवी से भी मस्त लग रहे थे। मैंने उन्हें खूब चूसा।


फिर उसकी निकर भी उतार दी। क्या मस्त चूत थी … उसकी एकदम गुलाबी, क्लीन शेव।


फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए।


मेरे लंड को देख कर उसकी आँखें फटी की फटी रह गई।


लंड को देखते ही वह बोली– बहुत बड़ा है कैसे होगा, सहेली के भाई का तो आपसे छोटा था। मैं अभी इसकी फोटो ले लेती हूं।


मैंने कहा– जल्दी करो, कोई आ जायेगा। तो वह बोली– ठीक है!


फिर मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा। वर्जिन साली की चूत पूरी गीली हो गई थी। वह मस्त होने लगी।


फिर मैं उसके ऊपर आकर उसकी चूचियों को कभी मरोड़ता कभी चूमता और जब इससे मन भर गया तो उसके होंठों को खाने लगा। कुछ देर बाद मैं थोड़ा नीचे आ कर उसकी पेट और नाभि पर हल्की–हल्की अपनी जीभ चला दी।


वह आनंद के मारे पागल हो गई। फिर वह हॉट सेक्स का मजा पाने के लिए मुझसे भीख मांगने लगी।


तब मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत पर लगाया और एक झटके में ही पूरा लौड़ा उसकी चूत में उतार दिया।


उसकी चीख निकल गई और चिल्लाने लगी– बहुत दर्द हो रहा है, मुझसे नहीं होगा। उसकी जान निकल गई थी।


मैंने उसे शांत करते हुए कहा– आराम से करूंगा! तो वह मान गई। मैंने दुबारा धक्के देने शुरू कर दिया।


कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वह ‘उम्म … उम्म … आह … आह’ की आवाज निकालने लगी। मैंने उसके चूची को अपने मुंह में भर लिया।


उसकी चूचियां बहुत टाइट थी। उसकी सिसकारियों की आवाज घर के बाहर तक जा रही थी।


मैंने कहा– कोई आ जायेगा? तो वह कहने लगी– कुछ भी हो आप मुझे चोदते रहो बस! मैंने सोचा– ठीक है, अपने को क्यों डरना!


मैंने उसको दस मिनट तक हचक कर पेला। तब तक उसकी चूत दो बार पानी–पानी हो गई।


फिर मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वह झट से बन गई। मैंने उस चोदना चालू किया।


पूरे कमरे में फच–फच की आवाज गूंजने लगी।


कुछ देर बाद बाहर से कोई पड़ोस की आवाज़ आई। उसने आवाज लगाई तो पता चला कि वह उसकी कोई पड़ोस की भाभी था।


मैंने कहा– अब क्या होगा? संजना ने भाभी को कहा– मैं दरवाजा खोल रही हूं भाभी, आप रुको।


मैं अच्छे से कपड़े पहन कर आराम से पलंग पर बैठ गया। तब संजना टीशर्ट और निकर पहन कर बाहर दरवाज़ा खोलने गई।


भाभी अंदर आ गई और मुझे देख कर थोड़ा सा उन्हें शक हुआ।


पर उन्होंने स्माइल देकर मुझे नमस्ते किया। मैंने भी नमस्ते किया।


मेरा लंड अभी भी खड़ा था और पलंग पर संजना की ब्रा थी।


तो भाभी ने मजाक में पूछा– क्या कर रहे थे जीजू? मैंने कहा– कुछ नहीं … बस बातें कर रहे थे।


भाभी बोलीं– अच्छा कौन सी बातें? मैंने कहा– वैसे ही पढ़ाई की। संजना भी कहने लगी– हाँ, आप कैसे आई भाभी?


तो भाभी बोलीं– मुझे तो चाची से काम था। फिर वे कमरे में पलंग पर बैठ गई।


अब मैंने सोचा पूरा काम कैसे करे उधर संजना भी तड़प रही थी। तो वह इशारे से मुझसे पूछी– क्या करूं मैं इनका? वह इशारे में कह ही रही थी कि तभी भाभी ने उसे कहते हुए देख लिया।


तो वह हँसकर कहने लगी– मैं जाऊं यहां से, अगर आप लोग को कोई जरूरी बात करनी है तो? मैंने लंड पर हाथ रखकर कर मन में कहा– जा, कोई जरूरी काम रह गया है वही पूरा करना है।


फिर वे बोलीं– मुझे सब पता है तुम लोग क्या कर रहे थे। वे मुझे देखते हुए बोलीं– तुम संजना को चोद रहे थे?


हम दोनों स्तब्ध रह गए कि भाभी क्या बोल रही है।


तभी भाभी हँसकर बोलीं– जीजू आराम से करना, अभी बच्ची है संजना, बहुत चीख मार रही थी। संजना भी अब खुल गई और बोली– मुझे सब पता है पर आपको कैसे पता चला?


भाभी बोलीं– तुम्हारी आवाज बाहर तक आ रही थी तो मुझे शक हुआ। तब मैंने खिड़की से देखा तो अंदर तुम दोनों लगे हुए थे। मैंने अंदर देखा तो बहुत मस्ती चल रही थी।


मैंने भाभी को बोला– अब तो आप हमें पूरा करने दो जो काम अधूरा रह गया, संजना बेचारी शर्माने लगी। तो भाभी बोलीं– ठीक है पर जल्दी कर लो!


तब मैंने संजना को पकड़ा और नंगी कर दिया। फिर अपना लंड निकाल कर चूत पर सेट करके तुरंत ही उसे चोदना शुरू कर दिया।


तभी भाभी बोलीं– मैं यही हूं, कुछ देखो तो सही! पर मैंने संजना को चोदना चालू रखा।


भाभी कमरे के बाहर चली गई तो संजना भी खुल कर मजे लेने लगी। उसकी ‘आह … ओ … आह’ की आवाज निकलने लगी थी।


मैंने देखा कि भाभी बड़े मज़े से मेरे लंड को देख रही थी। मैं संजना को और मस्ती में झटके मारने लगा। वह आँख बंद कर के सिसकारियां ले रही थी। उसकी चूचियां बहुत हिल रही थी।


ऐसे लग रहा था जैसे मैं जन्नत का कर रहां हूं, इतनी कम उमर में उसमें इतनी आग थी।


करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने संजना के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया। अब वह भी बहुत खुश हो गई थी।


फिर वह अपने कपड़े पहन कर बाहर भाभी के पास गई और बोली– भाभी, प्लीज आप किसी को बताना मत! तो भाभी ने कहा– नहीं कहूंगी! यह बता पहली बार किया है?


तब संजना बोली– जी हाँ, बहुत मजा आया! तो भाभी बोलीं– हाँ मजा तो आयेगा ही जीजू का लंड मस्त जो है।


तभी मैं बाहर आया. तो भाभी बोलीं– क्या जीजू … साली को बहुत मस्ती में चोदे हो, दीदी का क्या होता होगा? पर उनको पता चल गया तो? मैंने कहा– संजना की आग बहुत थी, कई दिन से कह रह थी, सो आज चोद दिया।


भाभी बोलीं– हाँ बहुत हॉट है। चूचियां देखो तो लगता नहीं है अभी सिर्फ 19 साल की है। संजना उस समय बाथरूम में थी।


मैंने कहा– हाँ शुरू से ही चूचियां दिखाती आ रही है यह मुझे! भाभी बोलीं– ठीक ही है साली आधी घरवाली होती है, मजे लीजिए बहुत गदरायी है अपनी माँ की तरह!


आगे भाभी बोलीं– एक बात बोलूं, बहुत मस्त लंड है आपका! मैंने कहा– आप भी बहुत मस्त हो! थैंक्यू आपका, आपने हमारा साथ दिया।


तब भाभी बोलीं– ऐसी कोई बात नहीं है, जब तुम दोनों राजी तो मैं क्यूं बुरी बनूँ।


मैंने पूछा– कैसे लगी चुदाई? भाभी बोलीं– बहुत खूब यार! तो मैंने कहा– आप बहुत गौर से देख रही थी।


भाभी बोलीं– हाँ जीजू, एकदम फिल्म की तरह था। मेरे घर पर आ जाना कभी मन हुआ तो, इसको मैं बुला कर ले आऊंगी। इसकी मम्मी को भी शक नहीं होगा तब! मैंने देखा भाभी की चूचियां बहुत अच्छी थी।


भाभी ने मुझे उनकी चूचियों को घूरते हुए भांप लिया और बोलीं– मेरी उसके जैसी नहीं हैं। मैंने कहा– नहीं, बहुत खूब हैं!


तभी भाभी बोलीं– क्यों साली को पेल कर मन नहीं भरा है, जो अब मुझे मस्का लगा रहे हो। मैंने कहा– आप का मन नहीं है क्या?


तो वे बोलीं– मन तो बहुत है पर अब आंटी आ जायेगी। तभी मैंने भाभी की चूची को अपने हाथ में लिया।


उस समय संजना बाथरूम गई हुई थी। तभी वे बोलीं– संजना आ रही है। मैंने कहा– तो क्या हुआ?


मैंने भाभी को चूमना शुरू किया तो वे भी मुझे चूमने लगी। फिर वे बोलीं– अब कोई आ जायेगा इससे पहले तुम मुझे जल्दी से चोद दो।


मैंने संजना को कहा– ध्यान रखना। वह ‘ठीक है’ कह कर बाहर देखने चली गई और हम कमरे के अंदर आ गए।


तभी मैंने भाभी को वहीं पर जोर से गले लगा लिया। फिर उनकी चूत पर हाथ लगाया तो वह पूरी गीली हो चुकी थी।


भाभी ने मेरा लंड निकाला और अपने चूत पर रखने लगी। मैंने भाभी को वहीं झुका कर पेल दिया।


दस मिनट बाद मामी सास का फोन आया। वे कह रही थी– हम लोग आज जल्दी आ रहे हैं बेटा, बाजार का कुछ काम है।


मैं और भाभी तुरंत कमरे से बाहर आ गए। फिर मैं झट से तैयार हुआ और जल्दी से संजना के घर से निकल कर अपने घर चल आया।


अगली कहानी में बताऊंगा मैंने कैसे संजना और भाभी को एक साथ मस्त तरीके से चोदा। यह हॉट सेक्स विद वर्जिन साली की कहानी आपको कैसी लगी? मेल और कमेंट्स में बताएं. धन्यवाद! [email protected]


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