कई तरह से सेक्स का मजा लिया मैंने

अंकिता सिंह 3

26-08-2024

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मल्टीपल सेक्स एन्जॉय कहानी में मैं अपने क्लासमेट के साथ सेक्स करने उसके एक दोस्त के रूम में गयी. वहां उसके दोस्त की GF भी थी. वहां क्या क्या हुआ?


यह कहानी सुनें.


दोस्तो, कैसे हो आप सब! मेरा नाम अंकिता है।


मैं पढ़ाई के बहाने अपने क्लासमेट दीपक से चुद गयी थी।


दीपक और मैं जब सेक्स करने के लिए प्रकाश (दीपक का दोस्त) के दोस्त के फ्लैट पर ही जाते थे क्योंकि फ्लैट पर प्रकाश का दोस्त अकेला ही रहता था। जो अकसर नौकरी के सिलसिले में बाहर रहता था।


तो हमें वहां कोई रोक–टोक करने वाला नहीं था। मकान मालिक भी वहां नहीं रहता था।


इसलिए जब भी प्रकाश का दोस्त कहीं बाहर जाता तो वह प्रकाश को चाबी दे जाता था।


प्रकाश और सपना (प्रकाश की गर्लफ्रेंड) भी वहीं सेक्स करते थे। हमारे पास और कोई दूसरी जगह भी नहीं थी सेक्स करने के लिए।


इसलिए सपना यानि प्रकाश की गर्लफ्रेंड ने उसको कह कर प्रकाश के दोस्त के फ्लैट में हमारे लिए जुगाड़ कर दिया था।


यह मल्टीपल सेक्स एन्जॉय कहानी तभी की है.


रविवार का दिन था। मैं घर से बोल कर निकली थी– मैं अपनी सहेली सपना के घर पर जा रही हूँ।


दीपक और मैं प्रकाश के दोस्त के फ्लैट पर मिले। सपना और प्रकाश भी हमें वहीं पर मिले।


हम लोगों ने वहीं पर मिलने का प्लान बनाया था।


फ्लैट पर कुछ देर बातचीत हुई। फिर थोड़ा मस्ती मज़ाक हुआ।


उसके बाद प्रकाश और दीपक कुछ खाने पीने के लिए बाहर चले गए और समोसे और कोल्ड्रिंक लाए।


दीपक और प्रकाश साथ में पीने के लिए दारू भी ले कर आए थे। अक्सर वे लोग वहां अकेले में ड्रिंक करते थे।


दोनों पक्के दोस्त जो बन गए थे क्लास में और बाहर भी! पर आज कुछ समझ में नहीं आया कि वे इस समय ड्रिंक क्यूं ले कर आए।


थोड़ी देर में दोनों ने पीना शुरू किया। हमने भी नाश्ता की और कोल्डड्रिंक पी।


फिर प्रकाश ने सपना को बोला– चलो अब सेक्स करना है!


तभी दीपक ने सेक्स की गोली निकाली और खा ली। प्रकाश ने भी एक गोली खा ली।


तब सपना और प्रकाश दोनों कमरे में चले गए।


अब मैं और दीपक हॉल में अकेले थे। दीपक भी अब तक सेक्स के मूड में आ चुका था।


तब दीपक ने बोला– आज मैं बहुत मूड में हूँ और कुछ नया ट्राई करने वाला हूँ। मैंने पूछा– क्या?


फिर दीपक ने अपने मोबाइल में पोर्न मूवी लगा दी। हम दोनों बैठ कर पोर्न मूवी देखने लगे।


कुछ ही देर में मेरी चूत गीली होने लगी। उधर दीपक का भी लंड तन चुका था।


फिर मैं अपने पूरे शरीर को सहलाने लगी। कुछ ही देर में मेरी हाथ धीरे–धीरे चूत तक पहुँची और अपने आप ही चूत को सहलाने लगी।


थोड़ी देर बाद दीपक बिल्कुल मेरे पास आ गया, उसने मुझे हग कर लिया।


मैंने भी उसे हग कर लिया। फिर हमने स्मूच किया।


मेरे होंठों में दीपक के होंठ थे। वह मेरे होंठों को चूस रहा था। मैं भी उसके होंठों को चूसने लगी।


मेरी चूचियां दीपक की छाती से चिपके हुई थी। उसने मुझे बहुत कस कर हग किया हुआ था।


कुछ ही देर में दीपक ने मेरा बहुत बुरा हाल कर दिया था। मेरे होंठों में दर्द होने लगा था।


एक–दो बार तो दीपक ने मेरी चूचियों पर हाथ भी रखा। फिर वह उन्हें ऊपर से ही दबाने लगा। धीरे–धीरे मैं भी जोश में आ रही थी।


दीपक ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। फिर अपने बेल्ट से मेरे हाथों को बाँध दिया।


मैं घबरा गई। मैंने दीपक को तुरंत ही बोला– यह नहीं करना मुझे! तब वह बोला– मजा आएगा इसमें!


दीपक ने मेरे हाथों को बेल्ट से बाँध कर मेरी जीन्स को खोल दिया। फिर मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को चाटने लगा।


मेरे हाथ बंधे थे। दीपक ने मेरे हाथों को पलंग की पाइप से बेल्ट की मदद से बांध दिया था। मेरे हाथों में हथकड़ी लग गयी हो, ऐसा मुझे अनुभव हो रहा था।


अब दीपक ने अपना एक हाथ मेरी पैंटी के अन्दर डाल दिया। फिर उसने मुझे चूमते हुए मेरे दोनों चूचों पकड़ लिया, दीपक उन्हें धीरे–धीरे दबाने लगा।


फिर उसने मेरे टॉप को भी उतार दिया। मैंने अंदर एक काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी।


अब दीपक ने मेरी पैंटी उतार दी। फिर वह मेरी चूत को चाटने लगा। तभी अचानक उसने मेरी ब्रा भी उतार दी।


अब हम 69 की अवस्था में थे। दीपक अपना लंड मेरे मुंह में दिए जा रहा था।


मैं कुछ भी नहीं कर सकती थी। उधर वह मेरी चूत चाट रहा था।


फिर दीपक मेरे ऊपर बैठ गया। तब उसने मेरी चूचियों को अपने लंड से चोदा।


फिर दीपक ने अपने लंड को मेरे मुंह में होंठों से लगा कर मुझसे कहा– मुंह में लंड ले! उसका लंड चूस कर मैं थक चुकी थी।


मैंने कहा– दीपक मुझे चोद ले! पर वह कहां मानने वाला था। उसने पी हुई जो थी।


फिर से दीपक ने ज़बरदस्ती मेरे मुंह में अपना लंड घुसाया और ज़ोर–ज़ोर से लंड को आगे–पीछे करने लगा।


मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ हो क्या रहा है। मुझसे सांस भी लेते नहीं बन रही थी। मुझे उल्टी जैसा भी लग रहा था।


फिर कुछ देर में दीपक ने अपना पानी मेरे मुंह के अंदर ही छोड़ दिया। मैंने कभी भी वीर्य नहीं पिया था। मेरा यह पहली बार था तो थोड़ा गंदा लगा।


मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी।


फिर उसने कहा– अंकिता, आज तेरी चूत फ़ाड चुदाई होने वाली है।


मैं डर गई और सोचने लगी ‘पता नहीं यह क्या करने वाला है आज?’


गोली का असर कुछ देर में हुआ और दीपक का लंड तंबू की तरह खड़ा हो गया।


अब वह मुझे चाटने लगा। उसने मेरे पूरे नंगे बदन को चूमा, निप्पल पर दांती काटा, चूचियों पर भी दांती काटा जिससे उन पर लाल निशान हो गए थे।


अब वह मेरी चूत को ज़ोर–ज़ोर से चाटने लगा। मैं एक बार झड़ गई।


फिर से वह मस्ती में आ गया। तब वह मेरी चूत को और जोश में चाटने लगा। मेरे मुंह से तेज–तेज सिसकारियां निकल रही थी।


करीब 5 से 7 मिनट तक चूत को चाटने के बाद दीपक ने मेरे पैरों को बिल्कुल ऊपर खड़ा कर दिया। फिर दीपक बैठकर मेरी चूत पर अपना लंड लगाया। मैं सिहर गई।


लंड मेरी चूत में घुसा तो मेरे मुंह से तेज आवाज़ निकल गई दर्द के कारण। मैंने उससे कहा– रूको!


पर वह अब कहां मानने वाला था। वह तो ज़ोर–ज़ोर से अपने लंड को मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा।


मेरे मुंह से आह … आह की आवाज निकल रही थी बस।


फिर एक जोरदार धक्का मारकर दीपक पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वह मुझे जोर–जोर से चोदने लगा। मैं अब मस्त होकर मजे से कराहने लगी।


इसी बीच मैं 1 बार झड़ गई।


तभी सपना और प्रकाश सेक्स कर के बाहर आ गए और हमें चुदाई करते हुए देखने लगे।


मुझे शर्म आ रही थी, मैं पहली बार सपना और प्रकाश के सामने नंगी थी। पर दीपक को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था।


वे दोनों मुझे देख कर हँस रहे थे।


मैंने दीपक से कहा– मेरे हाथ तो खोल दो कम से कम! पर उसने मेरी एक ना सुनी।


फिर प्रकाश और दीपक ने एक दूसरे को आँखो ही आँखों में कुछ इशारा किया। तब प्रकाश सपना को लेकर मेरे पास आ गया।


सपना भी सकपका गई कि यह क्या हो रहा है। फिर प्रकाश सपना के कपड़े उतरने लगा।


सपना जब तक कुछ समझ पाती तब तक वह सिर्फ ब्रा में आ चुकी थी। तभी उसके हाथों को दीपक ने पकड़ लिया।


प्रकाश ने सपना के सारे कपड़े उतार कर उसे पूरी नंगी कर दिया।


तब उन दोनों ने हमें देख कर कहा– यह हमारी प्लानिंग थी, हम दोनों तुम दोनों को चोदना चाहते थे। सपना ने मेरी ओर देखा।


वह बहुत खुश हो गयी कि उसे नया लंड मिलेगा। वह तुरंत ही दीपक का लंड चूसने लग गयी।


फिर प्रकाश ने मेरे हाथ खोले और मुझे चूमने लगा। वह मेरे पूरे बदन को चूमने लगा।


मुझे भी मज़ा आने लगा। उसने अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए।


तब प्रकाश ने मुझे अपना लंड चूसने को कहा। मैं उसके लंड चूसने लगी।


फिर प्रकाश ने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। एकाएक उसने मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया।


मेरी चूचियां उसकी छाती से दब रही थी। वह मुझे ज़ोर–ज़ोर से चोदे जा रहा था।


कुछ देर आराम करने के बाद फिर उसने मुझे डॉगी स्टाइल में किया। फिर से वह मुझे चोदने लगा।


उधर सपना को दीपक मज़े दे रहा रहा था। फिर दीपक मेरे पास आया और मेरे मुंह में लंड डाल दिया।


नीचे प्रकाश मुझे पेले जा रहा था। फिर दोनों ने अदला–बदली कर के मुझे करीब 25 मिनट तक चोदा।


मैं इस बीच 2 बार झड़ चुकी थी।


उन दोनों ने अपना वीर्य मेरी चूचियों पर निकाला और मुझसे कहा– अब सपना की बारी है तुम जाओ! मैं बाथरूम में आ गयी।


फिर अपने आप को साफ किया और बाहर आकर कपड़े पहनने लगी।


तब तक वे दोनों सपना को चोदे ही जा रहे थे।


15 मिनट और चोदने के बाद फिर वह भी फ्रैश होकर आई और कपड़े पहनने लगी।


सपना को देख कर लग रहा था कि उसे बहुत ही मजा आया। दोनों लड़के भी बहुत खुश थे।


फिर उनके मन में मस्ती आई कि सपना और मैं दोनों समलैंगिक सैक्स करें। अब इतना चुदने के बाद हम दोनों में कोई शर्म नहीं रह गई थी।


हमने फिर कुछ खा–पी कर पॉर्न मूवी देखा कि समलैंगिक सेक्स कैसे करते है।


फिर हम दोनों तैयार हो गई।


तब हम दोनों लेट गई, मैं उसे चूमने लगी और वह भी मुझे चूमने लगी। कुछ देर तक ऐसे ही चला।


तो मैं गर्म हो गई और वह भी गर्म हो गई। वह मुझे और जोश में चूमने लगी।


काफी देर तक ऐसे ही चलता रहा। फिर मैंने उसके टॉप को ऊपर किया और उतार दिया।


अब वह सिर्फ पारदर्शी ब्रा में थी। जिस कारण उसकी भूरी निप्पल साफ दिख रहा था।


मेरा मन तो कर रहा था कि बस इसकी ब्रा उतार कर इसकी चूची चूस लूं। फिर मैं सपना की नाभि पर चूमने लगी।


वह तो एकदम मदहोश हुई जा रही थी। वह बस सिसकारियां ले रही थी– अंकिता … और मजे से चूस, आह … आह।


फिर मैंने सपना की जीन्स के बटन को खोल दिया और उतार दिया। जिसके नीचे काली पैंटी थी और वो भी पारदर्शी थी।


सपना को ब्रा और पैंटी में देखकर मुझे अपनी चुदाई की याद आ गई। दीपक और प्रकाश दोनों पूरे नंगे होकर अपने लंड से खेल रहे थे।


जैसे वे दोनों समलैंगिक सेक्स का मज़ा ले रहे हो।


फिर सपना ने धीरे-धीरे करके मुझे पूरी नंगी कर दिया। अब हम दोनों नंगी हो गई थी।


वह मेरी चूचियों को मसले जा रही थी। एक चूची को वह चूसे जा रही थी।


कुछ देर बाद मैं भी उसकी चूचियों को चूसने लगी। अभी उसके चूचे कुंवारी लड़की की तरह ही थे, ठोस और तने हुए।


15-20 मिनट तक हम दोनों ने एक-दूसरे की चूचियों को चूसा।


फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गयी और एक दूसरी की चूत को चूसने लगी।


चूत चटवाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं अपनी चूत को उठा-उठा के चुसवा रही थी।


मैं भी उसकी चूत को चाट रही थी। उसकी चूत का रस बहुत ही मजेदार था।


हाय, वह मेरी चूत को ऐसे खाए जा रही थी जैसे कि मौसमी का फल हो।


15 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा। वह मेरी चूत को चाटे ही जा रही थी।


फिर एकाएक वह तेजी से मेरी चूत में उंगली पेलने लगी और साथ में चूत को चाटने भी लगी। वह अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा रही थी।


मुझ इस वजह से बहुत उत्तेजना हो रही थी और मजा भी आ रहा था।


आखिरकार मैं उसके मुंह में सिसकारियां लेते हुए झड़ गई– आह … उफ … हह … ओह … सपना आ … इई! मैं उसके मुंह में अपना सारा रस छोड़ दिया।


सपना ने भी बड़े मजे से मेरी चूत का सारा रस पी लिया। फिर मैंने सपना की चूत को मुंह से रब किया, जीभ घुमाई और अपने दांतों को उसकी चूत पर गड़ा दिया।


जिससे उसे मज़ा आया और वह झड़ गई। मैंने उसका भी सारा रस पी लिया।


उधर उन दोनों का लंड खड़ा ही था। तो फिर एक बार हम दोनों को उन दोनों ने ठोका।


शाम हो चुकी थी।


मल्टीपल सेक्स एन्जॉय करके हम सब अपने घर चले आए।


आगे भी हम इसी तरह से चुदाई करते रहते थे।


दोस्तो, आपको ये मल्टीपल सेक्स एन्जॉय कहानी कैसी लगी आप मुझे ज़रूर बताए। [email protected]


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