भैया का मोटा लंड चूसकर गांड मरवाई

शुभम 61

05-05-2024

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बॉटम गे गांड कहानी में मुझे लड़कों के लंड देखना अच्छा लगता था. एक बार मेरी बुआ का बेटा हमारे घर पर था. मैंने कैसे उसका लंड देख कर उससे गांड मरवाई?


दोस्तो, मेरा नाम रवि है. मैं दिल्ली से हूँ.


मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच की है और मैं पतला व गोरा हूँ.


मुझे अपने गे होने का पता जब ही चल गया था जब मैं किशोर उम्र का था.


मेरी बॉटम गे गांड कहानी मेरी बुआ के लड़के के साथ की है. वह 20 साल का है. उसकी हाइट 5 फुट 10 इंच है और लंड 7 इंच का है.


जो पाठक मेरी तरह से गे होंगे तो वे समझ सकते हैं कि एक समलैंगिक होने पर क्या क्या देखना और करना अच्छा लगता है. मुझे लंड देखने का बहुत शौक है.


मैं राह चलते उन आदमियों के लंड देखने की कोशिश जरूर करता था जो सड़क के किनारे अपने लंड को निकाल कर मूतने लगते थे. उस वक्त अक्सर मैं उनके बिल्कुल बाजू में खड़ा होकर अपनी नुन्नू निकाल कर मूतने की कोशिश करने लगता था.


एक दिन की बात है. उस दिन मेरी छुट्टी थी और मेरे परिवार वाले कहीं बाहर जाने वाले थे. घर पर मेरे साथ मेरे भैया रहने वाले थे.


जब मेरा परिवार बाहर चला गया तो मैं और मेरे भैया घर में बिल्कुल अकेले थे.


मेरा कुछ गलत करने का इरादा तो नहीं था लेकिन अन्दर ही अन्दर एक चुल्ल थी कि किसी तरह से भईया का लंड देखा जाए और मौका मिल जाएगा तो मैं उनका लंड चूस भी लूँगा और उनसे गांड मरवा भी लूँगा.


मैंने भैया को देखा तो सब ठीक था. वे अपने लॅपटॉप पर कुछ कर रहे थे. शायद पॉर्न देख रहे थे.


मैं भी मोबाइल में एक गे स्टोरी पढ़ कर अपने अन्दर हवस की एक नई लहर पैदा कर रहा था.


मैंने देखा कि भैया के शॉर्ट्स के अन्दर एक उभार बन गया है और वह उभार कुछ अजीब सा था.


उनके उभार से मुझे पता चला कि भैया ने अंडरवियर नहीं पहना है. यह देखने के बाद मेरे दिमाग़ में कुछ ज्यादा ही खलबली होने लगी.


मैंने सोचा कि जब भैया भी मूड में दिख रहे हैं तो आज तो पक्के में इनका लंड लेकर रहूँगा.


अभी तक मैंने उनका लंड नहीं देखा था लेकिन उन्हें भी अपनी तरफ़ खींचने के लिए मुझे कुछ करना होगा.


मैं उनके सामने अपनी गांड दिखा दिखाता हुआ झुक रहा था. एक बार तो उनके बाजू से पेन लेने के बहाने से मैंने उनके लंड को हल्का सा टच भी कर लिया था.


अब वे भी बहुत गर्म से हो रहे थे और मैंने देख लिया था कि वे पॉर्न ही देख रहे थे.


फिर मैं उनके सामने एक और बार झुका और इस बार मैंने अपनी पैंट थोड़ी नीचे करके झुका था ताकि उन्हें मेरी गोरी गांड दिख जाए.


यही हुआ … उन्होंने मेरी गोरी मखमली गांड को देख लिया.


उनसे अब रहा नहीं गया और उन्होंने मेरी गांड पर हल्का सा एक थप्पड़ मारते हुए कहा- ठीक से रख पेन को.


मैंने आनंदित भाव से कहा- जी भैया ठीक है … आप भी अपने पेन (लंड) को ठीक से रखो न!


वह शायद समझ गए कि मैं किस पेन की बात कर रहा हूँ. उन्होंने एक कंटीली सी मुस्कान बिखेर दी.


अब वे मेरी गांड पर हाथ फेरने लगे. जैसे ही उन्होंने मेरी गांड पर हाथ फेरा तो मुझे मजा आने लगा और मैं जानबूझ कर अपनी गांड उनकी तरफ किये खड़ा रहा.


वे मुझसे कहने लगे- अब तो तू बड़ा हो गया है. मैंने कहा- हां भैया, आप चाहें तो चैक कर सकते हैं. वे हंसने लगे और बोले- हां कभी चैक करके देख भी लूँगा.


मैं कुछ नहीं बोला.


अभी हमारे बीच इतना ज्यादा खुलापन नहीं हुआ था कि मैं भैया से अपने आपको चैक करने के लिए उनसे कुछ खुल कर कह सकता था.


कुछ ही देर बाद वह वॉशरूम की तरफ चले गए. वे मेरी गांड को थपथपा कर गए थे तो मुझे उनका यह करना एक इशारा सा लगा.


हालांकि अभी यह तय नहीं था कि उन्होंने मुझे अपने साथ आने का कहा था.


वैसे भी हम दोनों घर में अकेले ही थे. उन्हें यदि कुछ करना होता तो वे कमरे में भी मेरे साथ कुछ कर सकते थे.


खैर … मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया. मुझे अब उनके लंड को देखने की चाहत बढ़ गई थी.


मैं उनकी नजर बचा कर गया था जिससे उन्हें पता नहीं चल सका था कि मैं उनके पीछे पीछे आया हूँ.


वे वॉशरूम में गए और बिना दरवाजे की तरफ ध्यान दिए अपना लंड निकाल कर मूतने लगे. उन्होंने दरवाजा उड़का दिया था तो वे समझ रहे थे कि उन्हें कोई नहीं देख रहा है.


मैं दरवाजे की झिरी से उनके बड़े से लंड से मूत की धार निकलते देख रहा था. उनका लंड देख कर मेरी गांड में चुनचुनी होने लगी थी.


तभी उनके लंड से मूत की धार निकलना बंद हो गई. मैं समझ गया कि अब वे बाहर निकलने वाले हैं.


मैंने एकदम से गेट के बाहर घुटने के बाल होकर कुछ ढूँढने की एक्टिंग करने लगा था.


हालांकि उनको अभी भी नहीं पता चल सका था कि मैं गेट के बाहर हूँ. भैया ने मूतने के बाद जैसे ही गेट खोला और बाहर निकलने के लिए पीछे को घूमे.


उन्हें लगा था कि बाहर कोई नहीं होगा. इसलिए भैया ने अपना लंड पैंट से बाहर ही निकाल रखा था.


ऐसा उन्होंने क्यों किया था यह तो नहीं समझ सका था. लेकिन शायद उनका लंड पॉर्न देखने के कारण अकड़ा हुआ था तो वे उसे खुली हवा में ही रखना चाह रहे थे.


जैसे ही गेट खुलने की आवाज़ आई, मैंने सिर ऊपर किया और वह मुझसे टकरा गए.


मुझे उनके कड़क लंड से एक ज़ोर का चांटा पड़ा. उनके लंड की फटकार पड़ने से उसमें से मूत की कुछ बूंदें मेरे ऊपर भी आ गिरीं,


उनके लंड का चांटा इतना सेक्सी था कि क्या ही कहूँ. मजा आ गया.


उनका लंड एकदम तनतनाया हुआ था और अपनी औकात में आकर सवा सात इंच के करीब का हो गया था. उस वक्त सीन कुछ यूं था कि भैया का लंड मेरी नाक और होंठों के बीच में था.


मैंने तुरंत अपना मुँह खोला और उसे अपने मुँह में ले लिया. यह सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ कि भैया को कुछ समझ में ही नहीं आया.


वे अपने लंड के मेरे मुँह में जाने से एकदम से चिल्ला पड़े- ये क्या कर रहा है अहह … आह! मैंने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया और लंड के सुपारे को चूसने लगा.


काफी बड़ा सुपारा था, मेरे मुँह में मुश्किल से गया था. दूसरी तरफ उनकी काम वासना से युक्त सिसकारियां निकलने लगीं.


आप खुद ही सोचिए कि आप गे ब्लू फिल्म देख कर उठे हों और आपका लंड मेरे जैसे किसी चिकने लौंडे के मुँह में चला जाए तो आपको कैसा लगेगा.


यही हाल भैया का था, उन्हें अपने लंड को चुसवाने में बहुत अच्छा लग रहा था.


वे मेरा सर सहलाने लगे और मैं मज़े से उनका लंड चूसता रहा. उनके आंड भी मेरे हाथ से प्यार पाने लगे. अब वह मेरे मुँह को मस्ती से चोदने लगे थे.


कुछ ही देर में उनको दुबारा से पेशाब आ रही थी. उन्होंने कहा- मुझे पेशाब आ रही है; लंड मुँह से बाहर निकाल!


मैंने इशारे से कहा- मेरे मुँह के अन्दर ही कर दो. उन्होंने मेरे मुँह में लंड को अन्दर बाहर करते हुए ही मेरे मुँह के अन्दर ही मूत छोड़ना शुरू कर दिया.


मैं सारा मूत्र मज़े से पी गया.


उनका लंड मूत के प्रेशर से हल्का हो गया और वे बहुत वाइल्ड हो गए थे.


भैया अभी तक अपने लंड का बस 5 इंच तक का हिसा मेरे मुँह में डाल रहे थे. पर अब वे पूरा 7 इंच लंड अन्दर डालना चाहते थे.


मैंने अपना हलक खोल दिया और उनके लंड को अन्दर आने की रास्ता दे दिया तो भैया ने अपना पूरा लंड अन्दर डाल दिया. मैं चिल्ला भी नहीं पाया और उनका पूरा लंड मेरे गले तक घुस गया था.


मेरी सांसें रुक गई थीं.


एक दो पल बाद उन्होंने मेरे मुँह से अपना लंड बाहर निकाला और मुझको कुतिया बनने के लिए कहा.


मैं कुतिया बन गया. भैया ने मेरा पैंट नीचे खींचा और बहुत सारा थूक मेरी गांड पर लगा दिया.


मैं उनके हाथ के स्पर्श से मस्त होने लगा. तब तक उन्होंने अपने लंड पर भी थूक चुपड़ लिया.


अब उन्होंने बड़े प्यार से अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर रखा और अन्दर पेलने की कोशिश करने लगे.


भैया के मोटे लंड के लिए मेरी गांड एकदम कोरी थी. अभी तक मैंने सिर्फ मोमबत्ती से ही अपनी गांड ढीली की थी.


भैया लंड पेलने लगे. काफी कोशिशों के बाद उन्होंने अपना सुपारा मेरी गांड के अन्दर डाल दिया.


मेरी गांड में लंड का सुपारा घुसा तो मेरी चीख निकल गई. वे थोड़ी देर रुक गए लेकिन शायद उन पर हवस भारी थी.


उन्होंने एक तौलिया लिया और मेरे गले से लगाते हुए कुछ इस तरह से पकड़ लिया जैसे घोड़ी को लगाम से पकड़ते हैं. उसके बाद उन्होंने एक बहुत ज़ोर का झटका मारा, जिससे आधा लंड अन्दर चला गया.


दर्द के मारे मेरी चीख निकल गई. लेकिन इस बार वे नहीं रुके और लगातार चोदते रहे.


वे उस तौलिया से मुझे अपनी तरफ खींचते तो उनका लंड मेरी गे गांड में और अन्दर चला जाता. इस तरह से मुझे घोड़ी बनाकर भैया ने बहुत देर तक चोदा.


मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो वे मेरी सवारी कर रहे हैं.


करीब 20 मिनट तक सवारी करने के बाद भैया वे मेरे ही अन्दर मेरी गांड में झड़ गए. फिर अपना लंड निकाल कर वहीं लेट गए.


इतनी देर चुदवाने बाद भी मुझे चैन नहीं मिला था. मुझे अभी और चुदवाना था.


शायद वे थकान के मारे सो गए थे.


मैंने उनका लंड फिर से हिला कर और चूस कर खड़ा किया. जैसे ही लंड खड़ा हुआ, मैं उसके ऊपर अपनी गांड टिका कर बैठ गया और खुद ही ऊपर नीचे करके झूला झूलने लगा.


मैं खुद ही अपनी गांड मरवाने लगा.


भैया की कुछ मिनट बाद आंख खुली और वह सीन देख कर बहुत खुश हुए कि मैं उनके लंड की सवारी कर रहा हूँ.


उन्होंने हंस कर बोला- ये हुई ना बॉटम गे जैसी बात मेरी रंडी! उन्होंने मुझे पूरा दिन खूब चोदा.


अगले दिन मेरे से हिला भी नहीं जा रहा था.


अब जब भी मैं उनके घर जाता हूँ तो उनसे जरूर चुदवाता हूँ. वे मुझे अपने दोस्तों से भी चुदवाते हैं.


अब उनका लंड और बड़ा हो गया है. वे सिर्फ़ मुझे ही अपना लंड चूसने देते हैं क्योंकि और कोई इसे सही से नहीं ले सकता है.


ये सेक्स कहानी मैंने पहली बार लिखी है. मैं आगे भी ऐसी सेक्स स्टोरी लाता रहूँगा. बस आप अपने कमेंट्स जरूर दें कि बॉटम गे गांड कहानी कैसी लगी. [email protected]


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