शादी के बाद सुहागरात की सीलतोड़ चुदाई

इनोसेंट गर्ल 9

21-06-2024

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इनोसेंट गर्ल फर्स्ट नाईट सेक्स कैसे हुआ? मैंने कभी सेक्स नहीं किया था तो मुझे सेक्स का क्रेज़ था, भाभी से मैंने सब जान लिया था. मेरे पति ने मुझे पहली रात यानि सुहागरात में चोदा.


यह कहानी सुनें.


दोस्तो, मुझे नहीं मालूम कि अपनी बात को किस तरह से आपके सामने रखूँ. इसलिए सब कुछ सीधे सीधे ही रख रही हूँ.


यह इनोसेंट गर्ल फर्स्ट नाईट सेक्स की बात उस समय की है, जब मैं 21 साल की थी. मेरी शादी की बात चल रही थी.


रोज़ कोई ना कोई मुझे देखने आता था. तीन बार मुझे नापसंद किया गया, फिर चौथी बार में मैं पसंद आ गयी.


मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. यह लगा कि अब तो मज़े ही मज़े हैं.


दिन रात पति देव के सपने आते थे. पर एक डर भी लग रहा था कि मैं सुहागरात से बिल्कुल अनजान थी. शादी की पहली रात क्या होता है, उसके बारे में मुझे कुछ भी पता नहीं था.


उस समय पोर्न देखना इतना सहज सुलभ नहीं था और टीवी पर जो देखती थी, वह तो सब जानते हैं.


हीरो हीरोइन को किस करने लगा और उसको लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गया. कुछ देर किस आदि करने के बाद कैमरा हट जाता था और कभी फूल कुचला हुआ दिखाया जाता, तो कभी कोई पक्षी चिचियाता दिखाया जाता था.


हालांकि उतने से यह तो समझ आ जाता था कि कुछ न कुछ हुआ है. अब वह क्या हुआ है और कैसे किया गया है, यह कुछ भी नहीं मालूम था.


खैर … मैंने भाभी की मदद ली.


वे भी 26-27 की ही थीं लेकिन उनकी शादी को दो साल बीत गए थे, वे सब जान चुकी थीं.


मैंने जब उनसे कहा तो बोलीं- छोटी आज रात जब तेरे भैया और मैं कर रहे होंगे, तो तू दरवाज़े से झाँक लेना. एक ही बार में सब समझ जाएगी.


रात में बारह बजे के करीब उनका मैसेज आया- आ जा … तेरे भैया मस्त मूड में हैं. मैंने अन्दर झांक कर तो देखा दोनों पास ही खड़े किस कर रहे थे.


भाभी की साड़ी का पल्लू गिर चुका था. भैया पूरे नंगे खड़े थे.


उनका लिंग खतरनाक तरीके से खड़ा था और फुंफकार रहा था.


लिंग का ऐसा स्वरूप मैंने अभी तक नहीं देखा था.


अब तक सामने से मैं या तो किसी बच्चे की नूनी देख चुकी थी या छिपी हुई नजरों से दीवार के किनारे लग कर मर्दों को मूत्र विसर्जन करते देखा था.


उस वक्त मैंने किसी के भी लिंग को इतना टनटनाता हुआ कभी नहीं देखा था.


कमरे में भाभी धीरे से बिस्तर पर जाकर सीधी लेट गयीं. भैया उनके ऊपर चढ़ कर पेट के बल लेट गए.


उन्होंने भाभी को चूमना व चूसना शुरू किया. कुछ ही देर में भैया ने भाभी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके स्तनों को बुरी तरह चूस डाला.


भाभी की कामुक सिसकारियों से कमरा गूंज उठा. फिर भैया ने भाभी का ब्लाउज एक झटके में खींच दिया. अगले ही ब्रा भी हटा दी और वे भाभी के नंगे स्तनों को चूसने लगे.


उन्होंने भाभी को चित कर रखा था, भाभी के दोनों हाथ अपने हाथों से दबा लिए थे. भाभी भी भैया की मर्दानगी के दबाव से पगला रही थीं.


कुछ देर बाद भैया उठे और उनके पैरों के बीच में चाटने लगे. भाभी इस हमले के लिए तैयार ना थीं.


वे सिहरने लगीं पर कुछ दस सेकंड बाद भाभी सहज हो गईं और भैया का सर अपनी टांगों के जोड़ पर दबाने लगीं.


भाभी की टांगों का जोड़ मुझे दिख नहीं रहा था पर इतना तो पता ही था कि उधर योनि होती है और भैया भाभी की योनि चाट रहे हैं. कुछ देर तक योनि चाटने के बाद ही भाभी एकदम से इकड़ीं और आह भरती हुई ढीली पड़ गयीं.


भाभी बोलीं- अब तुम चुदाई कर लो, लूट लो मुझे … कुचल दो मेरी जवानी को अपनी मर्दानगी से … आह सच में खा गए हो आज तुम मुझे! भैया मुस्कुरा दिए और बोले- आज बड़ा मुँह चल रहा है. पहले मुँह में तो ले लो.


भाभी ने कुछ नहीं कहा.


भैया ने उठ कर अपना लिंग भाभी के मुँह में दे दिया. भाभी भैया का लिंग चूसने लगीं.


यह सब मेरे लिए अकल्पनीय था. मुझे कुछ कुछ घिन भी आ रही थी और कुछ अच्छा भी लग रहा था.


मेरी योनि से पानी टपकने लगा था और मेरा हाथ बरबस ही मेरे अपने दूध पर आ गया था. मैं अपने हाथ से अपने एक दूध को मींजने लगी.


सामने देखा तो भैया ने अपना कड़क लिंग भाभी के मुँह से निकाला तो वह अब पूरी तरह से थूक से सना हुआ था और चमक रहा था. भैया वापस सीधे होकर भाभी के ऊपर आ गए थे.


भाभी बिल्कुल आत्मसर्पण की मुद्रा में लेटी थीं.


भैया ने हाथ से अपना लिंग भाभी की योनि में लगाया और अपनी कमर को जुंबिश देते हुए अन्दर पेल दिया.


जैसे ही भैया का लिंग भाभी की योनि में घुसा, भाभी आह आह करने लगीं. भैया ने कहा- क्या हुआ?


वे बोलीं- धीरे करो न … लगती है.


भैया ने कहा- अच्छा आज ‘लगती है’ तो ऐसे कह रही हो जैसे पहली बार लंड ले रही हो. भाभी ने कहा- लंड तो रोज ही लेती हूँ जान … पर आज न जाने क्यों आपका लंड मोटा लग रहा है.


मुझे भैया भाभी के मुँह से लंड शब्द सुनकर बड़ी शर्म आई. जबकि मुझे मालूम था कि मर्द के लिंग को लंड या लौड़ा कहा जाता है.


यह सब मैंने सब्जी मंडी में कुछ सब्जी बेचने वालों को गाली देते हुए सुना था. वे एक दूसरे को मां का लौड़ा या बहन के लंड जैसी गालियां देते थे. वे बहन की चुत भी कह कर गाली देते थे तो मुझे योनि के बारे में भी जानकारी हो गई थी कि योनि से ही चुत कहा जाता है.


अब भैया भाभी की चूत में झटके देने लगे.


भाभी कराहती रहीं और भैया लंड पेलते रहे.


अब भाभी ने अपने दोनों पैर घुटनों से मोड़ कर भैया के पैरों के आजू बाजू कर लिए थे. भैया भी पूरे वेग में आ गए थे और वे बुलडोज़र की तरह भाभी की चूत में हमले कर रहे थे.


भाभी भी अपना नाजुक बदन बचाने की कोशिश नहीं कर रही थीं. वे भी भैया का साथ दे रही थी.


कुछ देर इसी तरह हमला करने के बाद भैया ने मैदान जीत लिया.


भाभी उनसे हार कर उनके नीचे लेटी रहीं. दस सेकंड बाद भैया उठे और अपने लंड से कुछ उतार कर लेट गए.


वह बाद में भाभी से मालूम हुआ था कि भैया ने लंड पर कंडोम पहना हुआ था. इसके लगाने से बच्चा नहीं होता है.


अब भाभी ने मेरी तरफ देखा और आंख मारी.


फिर वे भी भैया से नंगी ही लिपट कर सो गयीं.


अगली सुबह जब भैया ऑफिस चले गए तो भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- देखा तुमने मुझे, कल रात को कैसे किया था?


मैं बोली- हां देखा था लेकिन ज्यादातर तो सब कुछ भैया ने किया था. आप तो बस उनके सामने बिछी रहीं. भाभी बोलीं- हां, मुझे उनके नीचे रहना पसंद है. शादी की रात ही हमने यह पक्का कर लिया था कि मैं हमेशा नीचे रहूंगी … और हम दोनों सेक्स मिशनरी पोज में ही करेंगे!


मैं बोली- ओके मतलब यह सेक्स था और मिशनरी पोज में किया था. भैया बिस्तर में हमेशा आप पर हावी रहते हैं! भाभी बोली- हां … हमेशा वे ही ऊपर चढ़ कर मुझे चोदेंगे.


उनके मुँह से ‘चोदेंगे’ शब्द सुनकर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था. खैर … इसी तरह से मैंने कुछ दिन तक भैया और भाभी की चुदाई को देखा.


फिर जब मेरी शादी हो गई तो शादी की बाद सुहागरात वाली रात आ गई. विदाई के समय ही भाभी ने मेरे कान में बोल दिया था कि आज तेरी जवानी पर भी एक मर्द की मुहर लग जाएगी.


मैं समझ गई कि आज मेरी चूत में मेरे पति का लंड जाएगा. इसी चुदाई के खेल के द्वारा मेरी कमसिन जवानी पर मेरे मर्द के लंड की मुहर लग जाएगी.


मैं अपनी ससुराल आ गई.


रीति रिवाजों के पूरा होने के बाद मुझे लाल साड़ी में सजा कर सुहागरात वाले कमरे में भेज दिया गया.


कमरे को बड़ा ही सुंदर तरीके से सजाया गया था. मैं मंत्र मुग्ध सी लाल जोड़े में लिपटी अपने बिस्तर पर बैठा दी गई.


मुझे ऐसा लग रहा था कि पतिदेव के लिए थाली में पकवान की तरह मुझे सजा दिया गया था.


कुछ देर बाद कमरे का दरवाजा खुलने की आहट आई और मैं किसी हिरनी से चौकन्नी हो गई. मुझे लगा कि सिंह आ गया है और वह मुझे कच्चा खा जाएगा.


मेरे पति मेरे पास आए और पलंग पर ही बैठ गए. उन्होंने कहा- मेरी तरफ देखोगी?


मैं कुछ नहीं बोली, बस सर झुकाए चुपचाप बैठी रही.


पति ने कुछ देर मुझसे एक तरफा बातें की और मैं बस ‘हूँ हां’ करने में लगी रही. कुछ देर बाद पति ने मेरी ठोड़ी को उठाया और मेरी तरफ देख कर कहा- सिर्फ हूँ हां ही करती हो या कुछ बोलोगी भी?


मुझे हंसी आ गई. इस पर उन्होंने एकदम से मुझे धक्का दे दिया, जिससे मैं पीठ के बल लेट गयी.


मैं शर्मा गयी, वे मेरे बराबर में लेट गए. मैंने सोचा कि इन्हें तो मेरे ऊपर लेटना था … ये बराबर में क्यों लेट गए?


तभी वे मेरे कान में बोले- ऊपर कौन रहेगा? मैं झट से बोली- आप ही चढ़ जाओ!


वे भी बिना एक पल जाया किए मेरे ऊपर चढ़ गए. अब पोजीशन यह थी कि मैं सीधी सीधी लेट गयी थी.


मेरे दोनों हाथ तकिये पर रखे थे और मैंने अपने मुँह को एक तरफ घुमा रखा था … आंख बंद कर ली थीं. वे मेरी कमर पर बैठे थे.


फिर वे झुके और मेरे होंठों को जीभ से चाटने लगे. मैं सिहर गई.


पतिदेव किस करने लगे.


मैं जरा भी हिल-डुल नहीं रही थी. जो भी कर रहे थे, वे ही कर रहे थे.


तभी उन्होंने एक कड़क आवाज़ में मुझे आदेश दिया- पूरी नंगी हो जाओ.


मैंने घबरा कर अपनी साड़ी पेटीकोट उतार दिया. मैं नीचे से पैंटी और ऊपर ब्लाउज व ब्रा में रह गई थी.


पति ने ब्लाउज को पकड़ कर खींचा तो ब्लाउज में लगे चिटकनी बटनों ने चिट चिट करके हार मान ली और ब्लाउज के दोनों सामने हवा में झूल गए.


मेरे तने हुए ठोस दूध ब्रा में कसे हुए पतिदेव को भा गए. उन्होंने मुझे वापस धक्का देकर लिटा दिया और मेरी पैंटी निकाल कर अलग कर दी.


अब वे मेरी योनि चाटने लगे. ऐसा मज़ा मुझे कभी भी नहीं मिला था.


सच में … आज अहसास हुआ था कि भाभी क्यों मस्त होकर अपनी टांगें फैला कर भैया से चूत चटवा रही थीं.


मेरी चूत में कीड़ा सा कुलबुलाने लगा था जो पति की जीभ से निरंतर लड़ रहा था.


कुछ देर में ही मैं झड़ गयी. अब उनकी बारी थी.


उनका लिंग काफ़ी बड़ा था. उन्होंने अपने लिंग को मेरी योनि पर रखा.


मैं उनके लिंग मुंड का अहसास अभी कर ही रही थी कि पतिदेव ने एक ही झटके में लिंग अन्दर पेल दिया.


मैं ज़ोर से चीख पड़ी- आह … मार डाला आपने … आह! अभी मैं कुछ और चीखती तब तक पतिदेव ने मेरे मुँह को अपने एक हाथ से दबा लिया और गाली देते हुए कहा- चुप रह साली … सबको जगाएगी क्या?


मैं तड़फ रही थी और उनकी पकड़ से छूटने को छटपटा रही थी. लेकिन वे ना रुके.


उनकी मर्दागी हिलौरें मार रही थी. वे मुझे कुचल रहे थे और मैं कमज़ोर सी लड़की उनको झेले जा रही थी.


उनके ताकतवर मसल्स देख कर मैं और गीली हुई जा रही थी.


कुछ देर चली इस कुश्ती के बाद उन्होंने अपनी जीत की मोहर मेरे मुँह पर लगा दी. वे मेरे ऊपर ही कुछ देर लेटे रहे.


फिर एक तरफ हटे और निढाल होकर लेट गए.


मैं भी दर्द से निजात पाकर अपने पति के बाजू में पड़ी अपनी चूत को हाथ से सहला रही थी. उसमें से खून निकला था.


वह तो भाभी ने बता दिया था कि खून निकलेगा वरना तो मैं डर कर मर ही जाती.


इनोसेंट गर्ल फर्स्ट नाईट सेक्स के बाद न जाने कब नींद आ गई.


सुबह भाभी का फ़ोन आया. उन्होंने पूछा- क्या रहा? तो मैं बोली- ये बहुत ही ताक़तवर हैं भाभी … कम से कम 80 किलो के हैं. रात भर मेरे ऊपर चढ़े रहे. मुझसे अब चला भी नहीं जा रहा है!


हालांकि मेरे पति ने मुझे सिर्फ एक बार चोदा था, पर मैंने अपनी शेखी बघारते हुए भाभी से सारी रात का कह दिया था.


भाभी हंस कर बोलीं- ठीक हो जाओगी, मर्द ऐसे ही होते हैं. अब सुबह का भी एक डोज़ दे दो उन्हें!


मैं उन्हें जगाने गयी, तो वे बोले- चाय का कप ज़रा टेबल पर रख कर इधर आना!


मेरे दिमाग़ में आ गया कि ये मुझे फिर से लिटाने वाले हैं.


मैं चाय का कप रख कर उनके पास आई तो उन्होंने हाथ पकड़ कर मुझे अपने ऊपर गिरा लिया.


वे बोले- फिर से करें! मैंने हां में सर हिला दिया.


वे बोले- अब तुम करो. मैं बोली- मैं उस तरह की लड़की नहीं हूं. मां कहती हैं कि औरत को हमेशा मर्द के नीचे ही रहना चाहिए!


वे बोले- ठीक है. यह कह कर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए.


वे बोले- मुँह खोलो. मैंने मुँह खोला, तो उन्होंने अपना लिंग मुँह में रख दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगे.


जब उनका लंड खड़ा हो गया, तो उन्होंने मेरी साड़ी ऊपर उठाई और लंड अन्दर पेल दिया. मुझे फिर से दर्द हुआ.


दूसरी बार में ही कोई इंजन थोड़े एकदम से रवां हो जाता है.


वे मेरे नाजुक बदन पर कूदने लगे. मैं एक हारे हुए सिपाही की तरह सीधी लेटी रही.


कुछ ही देर मुझे मजा आने लगा और वे तो एकदम हवा से बात कर रहे थे.


पलंग ज़ोर से चूं चूं करने लगा था.


पांच मिनट बाद उनका काम हो गया और वह मेरे अन्दर से लिंग निकाल कर एक तरफ लेट गए.


मैं अभी इस कुश्ती से हार ही नहीं सकी थी इसलिए सीधी ही लेटी रही. मुझे लगा कि पतिदेव अभी और करेंगे.


लेकिन वे अपने लिंग के साथ वापस मुझ पर नहीं चढ़े.


कुछ पल बाद वे उठे और मेरी योनि चाटने लगे. मुझे राहत मिलने लगी.


कुछ देर तक मेरी चूत चाटने के बाद मेरे अन्दर से एक ज्वालामुखी सा फटा और मैं मज़े के समुन्दर में समा गयी.


पतिदेव ने मेरे लावा को चूस लिया और उठ कर चले गए.


मैं अब सोच रही थी कि यह क्या हुआ? दोपहर में भाभी से मैंने इस बात की चर्चा की.


उन्होंने मुझे जो बताया, वह मैं आपको जरूर बताऊंगी … लेकिन अगली बार.


आप मेरी इस सच्ची इनोसेंट गर्ल फर्स्ट नाईट सेक्स कहानी पर अपने विचार जरूर भेजें. [email protected]


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