सुहागरात में मिली पड़ोसन लड़की की गुलाबी चूत

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12-06-2023

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हॉट सुहागरात Xxx कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी पड़ोसन सेक्सी लड़की की चुदाई करना चाहता था। मैंने उसे प्यार का इजहार भी किया लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। मुझे उसकी चूत कैसे मिली?


मेरा नाम विक्रांत सिंह है, मेरी उम्र 23 साल है। मैं दिखने में बहुत हैंडसम लगता हूं।


यह हॉट सुहागरात Xxx कहानी मेरी पड़ोसन लड़की की है। उसका नाम जिया सिंह है। उसका घर हमारे बगल में ही था।


वह बहुत सेक्सी लड़की है। उसके होंठ गुलाबी, चूचे बड़े-बड़े, और गांड भी एकदम मस्त है।


जिया और मैं काफी अच्छे दोस्त बन गए थे। हम दोनों एक दूसरे के घर आया जाया करते थे।


वह भी जवान हो गई थी और मैं भी जवान हो गया था। ‌‌


चूंकि जवानी की आग बदन में जलने लगी थीइसलिए गुप्तांगों में भी वासना हिलौंरें मारने लगी थी।


मैं पोर्न मूवी भी देखा करता था इसलिए मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया। कई बार तो जिया के नाम से मुठ मारता था।


मैंने अब तक किसी लड़की की चूत नहीं देखी थी। मैं किसी देसी लड़की की चूत देखने के लिए तड़प रहा था।


जिया जब हमारे घर आती तो मेरी नज़र उसके चूचों पर रहती थी। उसके चूचों के बीच की क्लीवेज मुझे उसकी ओर खींचती थी।


उनकी और हमारे छत मिली हुईं थीं। गर्मी का सीजन था। वे अपने घर की छत पर ही सोते थे।


हम लोग भी अपने घर की छत पर ही सोते थे। मैं उसकी पैंटी भी चुरा लिया करता था।


एक रात को पोर्न मूवी देख कर मैं लौड़ा हिला रहा था। रात के बारह बज चुके थे।


मुझे कुछ आवाज सुनाई दी। वो आवाज सी … सी करके आ रही थी।


मैं उठ कर देखने लगा तो मेरी आंखें खुलीं रह गईं। जिया अपनी छत पर पेशाब कर रही थी।


वहीं मैं छुप कर देखने लगा। मुझे उसकी गान्ड दिख रही थी। उसे देख मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था।


पेशाब करने के बाद फिर वो सोने के लिए जाने लगी। उसकी गांड देखने के बाद अब मुझे कहां नींद आने वाली थी।


मेरी वासना भभक उठी थी। मन तो कर रहा था कि उसको जाकर अभी नंगी करके चोद दूं।


लेकिन ऐसा करने में गांड भी फट रही थी। मैंने तेजी से लंड रगड़ना शुरू किया।


अभी अभी जवान लड़की को पेशाब करते देखा था, उसकी गांड देखी थी। सोच सोचकर मैं तेजी से लंड को फेंट रहा था। दो मिनट में ही लंड ने उल्टी कर दी।


माल निकलने के बाद मन कुछ शांत हुआ। लेकिन वासना इतना जोर मार रही थी कि वही सीन याद करके एक बार फिर से मुठ मार डाली।


दो बार लगातार माल निकालने के बाद लंड की नसें भी दुखने लगीं। वीर्य निकल जाने के बाद अब ऊर्जा भी कम हो गई थी इसलिए फिर जल्दी ही मुझे नींद आ गई।


अगले दिन सुबह उठ कर मैं जिया के बारे में ही सोचने लगा। बस मैं किसी तरह उसकी चूत मारना चाह रहा था।


इसके लिए मुझे रात से बेहतर कोई समय नहीं सूझ रहा था। मैं बस आज की रात का इंतजार करने लगा।


दिन बहुत लम्बा बीता। किसी तरह फिर रात आई।


मैं छत पर पड़ा उसकी चूत से निकलती मूत की धार की सी … सी … की आवाज के लिए ही ध्यान लगाए बैठा था।


बहुत मन कर रहा था कि उसकी चूत से निकलते मूत के आगे हाथ अड़ा दूं, उसकी चूत को गर्म पेशाब में भिगा दूं और वहीं उसको मथने लगूं, जिससे जिया लंड लेने के लिए खुद ही मुझे अपने ऊपर खींच ले। लेकिन ये सिर्फ कल्पना थी।


सोचकर बस मैं अपना मनोरंजन ही कर रहा था। फिर मुझे किसी के उठने की आहट सुनी।


मैं देखा तो जिया ही थी और वो सलवार का नाड़ा खोलते हुए पेशाब करने ही आ रही थी।


इस बार मैं उसकी चूत देखना चाहता था। वह अपनी सलवार उतारने लगी।


उसने गुलाबी पैंटी पहनी थी। पैंटी हटते ही मुझे उसकी चूत दिखाई देने लगी। क्या गोरी चिकनी चूत थी उसकी! मैं उत्तेजित होने लगा था।


मुझे उसकी चूत की एक झलक भर ही मिल पाई लेकिन बस मजा आ गया।


इतनी वासना उठी कि वहीं मैंने मुठ मारनी शुरू कर दी। दो मिनट में लंड ने माल झाड़ दिया।


अब ये रोज़ ही होने लगा था। मैं रोज रात को जिया का इंतजार करता था। वह भी जैसे पेशाब को मेरे लिए ही बचाए रखती थी।


फिर पता नहीं कैसे उसे भनक लग गई कि मैं उसको रोज पेशाब करते हुए देखता हूं।


उस रात वह रोज की तरह आई और पेशाब करने लगी। मैं उसी को मूतते हुए देख रहा था।


मूतने के बाद वह सीधे मेरी तरफ आने लगी। मेरी तो हवा टाइट हो गई। मैं जैसे बुत बन गया। मैं हिल नहीं सकता था। मुझे समझ नहीं आया कि करूं क्या अब!


इतने में वो मेरे सामने आकर खड़ी हो गई, बोली- क्या देख रहे थे? मैं डर गया, बोला- कक… क … कुछ नहीं, कुछ भी तो नहीं!


वो बोली- नहीं, मैंने देख लिया है तुम्हें, तुम रोज ही देखते हो। अब मैं फंस गया था। मैं उससे माफी मांगने लगा।


घबराहट में मैं रोने ही लगा, मैंने उसके पैर पकड़ लिए, उससे मिन्नतें करने लगा कि वह इस बात के बारे में किसी को कुछ न बताए।


किसी तरह हाथ-पैर जोड़कर मैंने उसको मनाया। फिर मैंने उसको बताया कि मैं उसको पसंद करता हूं और उससे प्यार भी करता हूं। वह बोली- क्या बोले जा रहे हो विकी, हम दोनों अच्छे दोस्त हैं!


दोस्तो, मैं जानता था कि वह भी मुझे पसंद करती थी लेकिन वह बता नहीं रही थी। कारण यह भी हो सकता था कि हमारी फैमिली बहुत पैसे वाली है और मैं देखने में भी काफी हैंडसम हूं, इसलिए शायद वह हिम्मत नहीं कर पा रही थी।


फिर मैं उससे बोला- तुम चाहो तो अपना टाइम ले लो, अच्छे से सोच लो। वह कुछ नहीं बोली और चली गई। मैं भी फिर जाकर सो गया।


लेकिन आज मन में सुकून सा था कि मैंने मन की बात जिया को कह दी। अब आगे जो होगा, देखा जाएगा।


कई दिन बीत गए। जिया का अब तक जवाब नहीं आया था।


फिर मैं बिजनेस के काम से बाहर चला गया और चार महीने के बाद लौटा।


मैं सबसे मिला लेकिन जिया की तरफ मैंने देखा भी नहीं। नाराज था मैं उससे!


वह भी समझ गई कि मैं उससे बात नहीं करना चाह रहा हूं। इसलिए वो मेरे पास आई, बोली- क्या बात है, नाराज हो मुझसे? मैं बोला- नहीं तो! उसने एक दो बार पूछा और फिर चली गई।


उधर मेरे आने के बाद मेरे घरवाले मेरी शादी की बात चलाने लगे। अगले दिन लड़की देखने जाना था।


सब लोग सुबह उठे और जाने की तैयारियां करने लगे।


तैयार होने के बाद मैंने कहा- कार निकाल लेता हूं। वे बोले- ज्यादा दूर नहीं है, पास में ही है, पैदल भी जा सकते हैं। बात मेरी समझ से बाहर थी।


फिर हम लोग जाने लगे। घर से बाहर निकले तो जिया के घरवाले हमारे स्वागत के लिए खड़े थे। मैं तो सन्न सा रह गया।


मेरा परिवार उनके घर के अंदर चला गया।


वे लोग मुझे दामाद जी बुला रहे थे और हँस रहे थे।


फिर उन्होंने बताया कि जिया ने उन लोगों को सब बता दिया था कि हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं।


सात दिन के बाद हमारी शादी तय कर दी गई थी। ये दिन कैसे बीते पता भी नहीं चला। शादी भी हो गई।


अब हमारी सुहागरात होने वाली थी। मैं एक अरसे से इस पल के इंतजार में था। मुझे जिया की चूत चोदने को मिलने वाली थी आज!


उसकी गोरी, गुलाबी चूत को चाटने, चूसने और चोदने के लिए मैं मरा जा रहा था।


फिर वह कमरे में दूध का गिलास लेकर आई। उसने गहरा गुलाबी लहंगा पहना हुआ था जिसमें वह गुलाबी परी जैसी लग रही थी।


मैं तो सोच रहा था कि इसकी चूत कितनी रसीली और मस्त होगी। वो बेड पर आई। थोड़ा शर्मा रही थी।


लेकिन मैं उसे लेकर नीचे लेट गया और सीधे उसके होंठों को चूसने लगा।


धीरे धीरे उसने भी होंठ खोल दिए। होंठ चूसते हुए मैंने उसे नंगी करना शुरू कर दिया।


मैंने उसकी गर्दन को चूमा और फिर उसका ब्लाउज खोल दिया। अंदर गुलाबी ही ब्रा पहनी थी उसने!


मैंने ब्रा खोलकर उतार दी और उसकी गोरी गोरी-मोटी चूचियां बाहर आ गईं। चूचियों को दबाते हुए मैं उनको पीने लगा।


धीरे धीरे जिया गर्म होने लगी, उसकी सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं।


मैं अब जोर जोर से दबाते हुए दूधों को पीने लगा। काफी देर तक मैंने चूचियों को पिया और उनको लाल कर दिया।


फिर मैं नीचे की ओर बढ़ा और पेट पर किस करते हुए नाभि को चूमा। मैंने नाभि में जीभ दे दी।


फिर मैं नीचे की ओर आने लगा। मैंने लहंगे का नाड़ा खोला और फिर पेटीकोट का नाड़ा भी खोलते हुए दोनों को साथ में नीचे सरका दिया।


अब जिया केवल गुलाबी रंग की पैंटी में अपने नंगे चूचे लिये, जिनके निप्पल तन गए थे, मेरे सामने थी।


मैं नीचे चूत की ओर मुंह ले गया। यही वह पल था जिसके लिए मैं इतना तड़पा था।


मैं पैंटी के ऊपर से जिया की चूत की खुशबू लेने लगा। मैंने पहली बार किसी लड़की की चूत की खुशबू ली थी।


जिया की चूत की खुशबू से मैं पागल सा होने लगा।


फिर धीरे से मैंने उसकी पैंटी उतार कर उसकी चूत को भी नंगी कर दिया। जिया की चूत बिल्कुल गीली हो गई थी और लाइट में चमक रही थी।


उसकी चूत पानी छोड़ रही थी। मैंने जीभ बाहर निकाली और चूत को चाटना शुरू कर दिया।


आह्ह … नमकीन सी चूत, एकदम गुलाबी और नर्म … चाटने में बड़ा मजा आ रहा था। उधर जिया की भी एकदम से सिसकारियां निकलने लगीं।


उसने टांगें चौड़ी खोल दीं ताकि चूत को मेरे होंठों के सामने अच्छे से परोस सके। मैंने उसकी जांघों को थाम लिया और शिद्दत से उसकी फुद्दी को खाने लगा।


वह बौखलाने सी लगी। उसका बदन जैसे बिजली के झटके देने लगा था।


मैंने उसकी चूत के दाने को अपने होंठों के बीच में दबा लिया और चूसने लगा। जिया चिल्लाने लगी- आह्ह … होह्ह्ह … उफ्फ … उईईई … ओओ ओओ … होहोहो … इस्स्स … आह्ह्ह … आह्ह्ह। वह मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।


उसकी चूत के होंठ बहुत रसीले और मोटे थे। मेरा पूरा मुंह उसकी चूत के होंठों के बीच में आ रहा था।


अब वो चूत को मेरे मुंह की ओर धकेलने लगी। उसकी चुदास अब चरम पर थी। अब मैं उसकी चूत में उंगली डाल कर चोदने लगा। चूत में उंगली जाते ही जिया तड़पने लगी।


कुछ पल बाद उसकी चूत पेशाब की पिचकारी मारने लगी। उत्तेजना में उसका मूत निकल गया।


लेकिन अब उससे रुका नहीं जा रहा था। वह अब चूत में लंड डालने के लिए मिन्नतें करने लगी।


मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। जैसे ही लंड निकाला, जिया उसको मुंह में लेकर ऐसे चूसने लगी, जैसे प्यासे को आइसक्रीम मिल गई हो।


चूस चूसकर उसने लौड़े को पूरा चिकना कर दिया। अब जिया की चुदाई करने की बारी थी। मैंने लंड निकलवा दिया और उसे पीछे लिटा दिया।


मैं लौड़ा उसकी चूत पर लगाकर रगड़ने लगा। वो मस्त हो चुकी थी।


चूत को खुद ही लंड पर रगड़ कर मजा लेने लगी थी।


फिर मैंने टोपे को चूत के छेद पर सेट कर दिया, मैंने धक्का दिया और लंड फिसल गया। चूत बहुत ज्यादा चिकनी हो गई थी; ऊपर से मेरे लौड़े ने बहुत ज्यादा प्रीकम छोड़ना शुरू कर दिया था।


मैंने दोबारा से लंड को चूत के छेद पर टिकाया और धक्का दे दिया। अबकी बार लंड उसकी चूत में घुस गया। वह एकदम से चिल्ला उठी।


मैंने उसके मुंह पर हाथ रखा और शांत करने की कोशिश की। देखा तो उसकी चूत से खून निकलने लगा। वह दर्द के मारे रोने लगी थी। वह लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी।


मगर अब लंड बाहर निकालना कोई समझदारी नहीं थी। मैंने लंड डाले ही रखा।


फिर उसका दर्द कुछ कम होने लगा तो मैंने लंड चूत में चलाना शुरू किया। कुछ देर तो वो मुझे हटाती रही और गालियां देती रही।


मगर कुछ देर के बाद हॉट सुहागरात Xxx में उसको मजा आने लगा। मैंने फिर चुदाई की रफ्तार तेज कर दी। वह चुदाई में मस्त होती चली गई।


मैं भी पूरी स्पीड में उसे चोद रहा था। अब उसकी चूत आराम से लंड को पूरा अंदर ले रही थी। कुछ ही देर में मेरा कंट्रोल जवाब दे गया।


एकदम से मैंने तेज तेज धक्के लगाने शुरू किए और मैं चोदता हुआ उसकी चूत में स्खलित होता चला गया। सारा माल उसकी चूत को मैंने पिला दिया। फिर मैं हांफता हुआ उसके ऊपर लेट गया।


इस तरह से मैंने पहली बार सुहागरात पर चूत चुदाई की।


आपको मेरी हॉट सुहागरात Xxx कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना। अपने कमेंट्स में फीडबैक देना न भूलें।


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