मुझे गर्म करके दीदी ने चूत चुदवा ली

आरती रानी 11

15-07-2023

90,145

Xxx दीदी भाभी चुदाई कहानी में पढ़ें कि छुट्टियों में मैं घर आया तो मेरी दीदी का रवैया मेरे प्रति बदला हुआ दिख रहा था. दीदी ने मुझे सेक्स के लिए उकसा कर अपनी कुंवारी बुर का उद्घाटन करवाया.


दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है. आज मैं अपने साथ घटी सच्ची घटना लिख रहा हूँ.


मैं आपको अपनी इस सेक्स कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी बहन और भाभी को चोदा.


यह Xxx दीदी भाभी चुदाई कहानी तब की है, जब मैं 21 साल का था और पढ़ रहा था.


मेरे परिवार में भैया भाभी, पापा और दो बहनें पूजा और काजल ही रहते हैं. पूजा मुझसे दो साल बड़ी है वह अभी बीए फाइनल की पढ़ाई कर रही है और काजल अभी 12वीं क्लास में पढ़ती है.


यह कहानी बिहार के भागलपुर जिला मोहनपुर गांव से है, जहां मेरा परिवार रहता है. मैं पढ़ाई के लिए भागलपुर में रहता हूं और छुट्टियों में घर जाया करता हूं.


होली के छुट्टी के कारण 10 दिनों के लिए मैं घर गया था. मुझे अपने घर पहुंच कर बहुत अच्छा लगा, सब लोगों से मिला और दोस्तों से बातचीत भी हुई.


दिन भर घूमने के बाद शाम को जब घर में आया तो भाभी मुझे छेड़ने लगीं.


मेरी भाभी खुले विचार की हैं. हमारा और उनका खूब मजाक चलता रहता है. मैंने भाभी से कहा- भाभी काजल और पूजा कहां हैं?


भाभी बोलीं- वे दोनों अपनी सहेली के घर गई हैं. मैंने कुछ नहीं कहा.


तो भाभी ने मजाक करते हुए कहा- क्यों उनकी याद आ रही है क्या? मैंने हंसते हुए कहा- याद तो आपकी आ रही थी. भाभी बोलीं- सच्ची में देवर जी!


मैं बोला- हां भाभी जी, आपकी बहुत याद आ रही थी क्योंकि आप हमारा इतना ख्याल जो रखती हैं. यह कह कर मैं अपने कमरे में चला गया.


थोड़ी देर बाद पूजा और काजल घर आ गईं. पूजा ने मुझे देखते ही गले से लगा लिया. मैं भी उससे गले मिला, तो मुझे कुछ अजीब महसूस हुआ.


इस बार मैं काफी समय के बाद पूजा से मिल रहा था.


पूजा के बूब्स भी बड़े बड़े हो गए थे … जो कि मेरे सीने से दब कर मुझे अपने बड़े होने का अहसास करवा रहे थे.


शायद पूजा को भी अपने दूध रगड़वाने में मजा आ रहा था. इसी लिए उसने मुझे कसके दबा लिया था.


वो मुझसे चिपकी हुई ही बोली- कैसे हो? मैं बोला- ठीक हूं दीदी.


तभी काजल करीब आई और बोली- दीदी, अब भैया को छोड़ भी दो या पूरी रात ऐसे ही चिपकी रहोगी? तभी पूजा शर्माती हुई मेरे सीने से अलग हुई और वहां से चली गई.


अब काजल ने मुझे गले लगाया और कहा- क्या बात है भैया, आप तो काफी लंबे तगड़े हो चुके हैं. मैंने कहा- चुप कर, नहीं तो एक लगा दूंगा. अभी हट … और फालतू की बात मत बना.


तभी भाभी ने आवाज लगा दी- सब लोग आकर खाना खा लो.


हम सब नीचे आकर खाना खाने के लिए टेबल के इर्द गिर्द बैठ गए.


पूजा मुझे अजीब निगाहों से देख रही थी. मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था.


मैंने अपना पूरा ध्यान खाना खाने पर दिया और खाने के बाद अपने रूम में चला गया.


रात को मुझको सेक्स कहानी पढ़ने का बहुत शौक है. मैं अपने मोबाइल में भाई बहन की चुदाई वाली कहानी पढ़ रहा था.


तभी मुझे पेशाब लग आई और मैं अपना फोन रख कर बाथरूम में चला गया. उसी समय पूजा कमरे में आ गई और मेरा फोन उठाकर देखने लगी.


जब मैं वापस आया, तो पूजा ने जल्दी से मेरा फोन रख दिया और अनजान बनने लगी. मैं ताड़ चुका था कि यदि पूजा ने भैया को बता दिया … तो क्या होगा.


मैंने पूजा से कहा- तुम यहां क्या कर रही हो … जाओ अपने रूम में जाकर सो जाओ. पूजा बोली- नहीं, वहां पर मुझे नींद नहीं आ रही है. क्या तुम मेरे साथ रूम में सो जाओगे?


मैंने सोचा कि कहीं मना किया तो यह सबको बता देगी. तो मैंने कहा- हां, ठीक है … चलो आता हूं.


मैं पूजा के रूम में चला गया. वहां काजल भी सोई थी और एक बिस्तर खाली था. मैं जाकर उसी पर सो गया.


तभी पूजा आई और मेरे बगल में सो गई.


थोड़ी देर बाद बगल के कमरे से कुछ आवाजें आने लगीं- आहा … उह … आह. मैंने कहा- लगता है भाभी को कोई प्रॉब्लम है, चल कर देखना चाहिए हमको! पूजा बोली- अबे पागल … चुपचाप सो जा … कोई प्रॉब्लम ब्रोब्लम नहीं है.


मैंने कहा- प्रॉब्लम नहीं है तो ये क्या हो रहा है … भाभी क्यों चिल्ला रही हैं? पूजा बोली- भतीजा आने वाला है.


मैं सब समझ रहा था कि चुदाई हो रही है, लेकिन जानबूझ कर ऐसे सवाल पूछ रहा था.


मैंने बहाना बनाते हुए पूछ लिया- इसका क्या मतलब है कि भतीजा आ रहा है? चल देखते हैं. वो हंस कर बोली- चलो देखते हैं.


हम दोनों वहां से उठकर बरामदे की खिड़की के पास आए और उधर से भाभी के रूम में देखा तो आंखें फटी की फटी रह गईं.


भैया और भाभी बिल्कुल नंगे थे; भाभी को घोड़ी बनाकर भैया पीछे से पेल रहे थे. हम लोगों ने देखा तो धीरे-धीरे पूजा की सांसें तेज होने लगीं.


फिर हम दोनों ने देखा कि भैया ने भाभी की चूत से अपना लंड निकाल लिया और उनकी चूत को चाटने लगे. वो चूत चाटने के साथ साथ भाभी के मम्मों को भी दबा रहे थे.


मैंने पूछा- भैया यह क्या कर रहे हैं? पूजा बोली- यह एक खेल है … इसे खेलने में बहुत मजा आता है. तुम भी खेलोगे?


मैंने मन ही मन कामदेव को प्रणाम किया और कहा- हां दीदी खेलेंगे, पर मुझे नहीं पता कि कैसे खेला जाता है? पूजा बोली- कोई बात नहीं, मैं सिखा दूँगी तुमको!


उसी वक्त पूजा मेरा हाथ पकड़ कर मुझे छत पर ले गई और उसने अपना कमीज उतार दिया. उसके चूचे इतने बड़े थे कि उसकी ब्रा से ऊपर की ओर भागते दिख रहे थे.


पूजा ने अपने दूध दिखाते हुए कहा- चलो जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल दो. मैं जब तक सीढ़ियों का दरवाजा बंद करके आती हूँ. उसने छत पर आने वाला दरवाजा बंद कर दिया.


मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और पूजा की ब्रा को खोल दिया. उसकी 36 की चूचियां हवा में फुदकने लगीं. उसके गुब्बारे बिल्कुल टाइट थे और तने हुए थे. उसकी गांड बिल्कुल तोप की तरह उठी हुई थी.


तभी पूजा ने अपना हाथ मेरे अंडर वियर में डाला और मेरा लंड निकाल लिया.


वह लंड देख कर बोली- अबे साले, इतना बड़ा हो गया है तेरा और तू कुछ जानता ही नहीं है? सच सच बता अभी तक कितनी लड़कियों को चुदाई का सुख दिया है? मैंने कहा- अभी किसी को नहीं दिया, तेरे लिए खुद को बचा कर रखा था.


पूजा ने वाह कहते हुए कहा- अब मेरी चूत की पूजा करो. मैंने कहा- बिल्कुल चिंता मत करो, अब तुम जन्नत की सैर करोगी.


मैंने पूजा को जमीन पर लिटाया और उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.


पूजा की चूत बिल्कुल गुलाबी थी और उस पर छोटे-छोटे बाल थे.


कुछ मिनट तक चूत चाटने के बाद पूजा ने मेरे मुँह में पानी छोड़ दिया. मैंने पूरा उसका पानी पी लिया और पूजा को अपने पास खींच लिया.


वह जब तक कुछ समझ पाती, मैंने अपना औजार उसके मुँह में दे दिया और आगे पीछे करने लगा.


दस मिनट के बाद मेरा गाढ़ा माल उसके मुँह में गिर गया और उसने पी लिया. फिर मैंने सीधे लेट कर उसको अपने सामने लिटाया और उसके मम्मों को दबाने लगा.


वो मस्त होने लगी. कुछ देर बाद फिर से उत्तेजना बढ़ने लगी. अब मैंने उसके दोनों पैरों को हवा में ऊपर किया और उसकी चूत पर थूक लगाकर औजार रखकर जोरदार धक्का मारा.


पर मेरा लंड फिसल गया. पूजा अभी कुंवारी थी … इसलिए उसका छेद छोटा था. मैं समझ रहा था कि ये चुदक्कड़ हो चुकी है इसीलिए इसके दूध 36 के हो गए हैं.


अब जब ये समझ में आ गया था कि ये सील पैक माल है तो मैंने दो-तीन बार में चूत में लंड को सैट करके धक्का लगाया. बड़ी मुश्किल में मेरे लौड़े का सुपारा उसकी चूत की फांकों को फैलाता हुआ अन्दर चला गया.


वह चिल्लाने लगी. तो मैंने झट से उसके मुँह पर हाथ लगा कर उसे चुप रहने को कहा. वह दबी हुई आवाज में दर्द से कराहती हुई लंड निकाल लेने की कह रही थी.


थोड़ी देर तक मैं यूं ही रुक रहा और उसके जिस्म को सहलाता रहा, उसके एक दूध को मुँह से चूसता रहा.


कुछ ही बाद में वह शांत हो गई और मैंने धीरे धीरे शॉट लगाना शुरू कर दिया.


पूजा अब भी दबी हुई आवाज में तड़फ रही थी. वह बोल रही थी कि छोड़ दो प्लीज … मैं मर जाऊंगी. उसकी चूत से खून निकल रहा था.


कुछ देर बाद वो गांड हिलाने लगी तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसकी चूत में से रस आने लगा था.


रस की चिकनाई पाकर मेरा लंबा लंड पूरी तरह से उसकी चूत में अन्दर बाहर होने लगा था. अब वह मजा ले रही थी और ‘आह … उफ … आह …’ करती हुई कामुक सिसकारियां ले रही थी.


उसकी इन कामुक आवाजों से मेरी मस्ती बढ़ती जा रही थी. मैं अपनी बहन को किसी सड़क छाप रांड की तरह चोदने लगा था.


लगभग 15 मिनट की लगातार चुदाई के दौरान पूजा की चूत से पच पच की आवाजें आने लगीं और वो जवाबी धक्के देने लगी थी. उसे सेक्स का पूरा मजा आने लगा था.


कुछ देर बाद वो ढीली पड़ गई तो मैंने देखा कि पूजा झड़ चुकी थी. मैंने उससे पूछा, तो वो हाथ के इशारे से मुझसे रुकने को कहने लगी.


मैंने लौड़े को चूत से निकाल कर उसको पीछे घुमा दिया. वह समझी कि मैंने उसकी बात समझ कर चुदाई रोक दी है.


मगर मेरे दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. वह घूमी तो मैंने उसकी टांग उठा कर उसकी गांड में अपना लंड सैट करते हुए जोर से धक्का लगा दिया.


मेरा लंड फिसलता हुआ उसकी गांड में घुस गया. उसी के साथ मैंने अपने दोनों हाथों को भी काम पर लगा दिया था.


एक हाथ से उसका मुँह बंद कर रखा था और दूसरे हाथ से उसकी कमर को अपने लौड़े से चिपका कर रखा था.


वह चिल्लाने को हुई और छटपटा उठी मगर मेरी पकड़ मजबूत थी वो कुछ न कर सकी.


मैंने उसकी गांड मारना चालू कर दी. कुछ देर बाद पूजा मेरे लौड़े से अपनी गांड चुदाई के खूब मजे लेने लगी थी.


इस तरह से हम दोनों ने उस रात में दो बार चुदाई की और सो गए. जब हम दोनों सुबह उठे तो पूजा ठीक से चल नहीं पा रही थी.


मैंने पूजा से कहा- कोई बात नहीं, आज तुम कहीं मत जाना. मैं भाभी से बोल दूंगा कि तुम्हारी तबीयत खराब है.


फिर मैं मेडिकल स्टोर पर गया और वहां से दर्द की गोली लाकर पूजा को दे दी. दोपहर तक पूजा बिल्कुल ठीक हो गई.


अब मेरे और पूजा के बीच बिल्कुल पहले की तरह नहीं था, हमारा नजरिया बदल चुका था.


दोपहर बाद काजल कॉलेज से घर आई और बोली- दीदी, आज तुम कॉलेज क्यों नहीं गईं? पूजा ने कहा- आज मन नहीं कर रहा था, तबीयत भी खराब थी.


काजल ने कहा- दीदी तुम रात में कमरे में भी नहीं थीं … मैं एक बार जगी थी! अब पूजा चौंक गई और बोली- ऐसी कोई बात नहीं है. मैं बाथरूम में गई होऊंगी.


काजल ने कहा- अब तुम मेरे साथ चलो. पूजा ने कहा- कहां जाना है? काजल बोली- अरे दीदी होली आने वाली है, कुछ शॉपिंग नहीं करोगी? पूजा ने कहा- हां, वो तो करना है. चलो चलती हूँ.


काजल और पूजा दोनों शॉपिंग के लिए चली गईं.


मैंने भाभी से बात की- भाभी रात को आप क्या कर रही थीं? भाभी बोलीं- रात की तो बात ही मत पूछिए, आपके भैया बिल्कुल कोई काम के नहीं हैं. शुरू होने से पहले ही बंद हो जाते हैं.


मैंने कहा- अच्छा ऐसा है तो आप मुझको मौका देकर देखिए. भाभी बोली- अभी तुम्हारे ऊपर दो जिम्मेदारियां हैं.


मैं चौंक गया. भाभी ने कहा- मैं सब जानती हूं कल तुमने पूजा को छत पर पेल दिया था. पूजा ने मुझे सब बता दिया है. वह डर गई थी कि कहीं वह पेट से तो नहीं हो जाएगी. वो तो मैंने उसे दवा दे दी है, अब खतरे की कोई बात नहीं है.


मैं भाभी से नजरें चुराने लगा. तभी भाभी ने मुझे एक पैकेट दिया और कहा- यह लो देवर जी, इसे कंडोम कहते हैं. अन्दर पेलते समय इसका इस्तेमाल करना … और आप डरिए मत. यह सब मेरी और पूजा की योजना से ही हुआ है. आज आपको एक और मस्त माल मिलने वाली है. आपकी छोटी बहन काजल के नीबू भी रसीले हो गए हैं … चख लीजिएगा.


यह सुनते हुए मैंने भाभी को पकड़ लिया और कहा- अभी तो आपकी मुसम्मियां चूसने की बारी है.


भाभी ने कहा- नहीं, कोई आ जाएगा … छोड़ दो मुझे … अच्छा पहले दरवाजा तो बंद कीजिए.


मैंने झट से दरवाजा बंद कर दिया और भाभी की साड़ी निकाल कर उनकी चूत को उंगलियों से सहलाने लगा. भाभी गर्म होने लगीं.


तभी मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया और भाभी ने मेरा लंड चाटने लगीं.


कुछ देर के बाद भाभी बोलीं- देवर जी, आज पीछे का स्वाद ही मिलेगा. आगे पान चबाया जा रहा है.


मैंने उनकी माहवारी की बात को समझते हुए कहा- कोई बात नहीं भाभी, आज छोटी लाइन पर इंजिन दौड़ा लूँगा.


तब मैंने भाभी की गांड में अपना लंड सैट किया और जोर जोर से आगे पीछे करने लगा.


भाभी चिल्ला रही थीं तो मैंने उनके मुँह पर हाथ रख दिया. करीब 20 मिनट के बाद भाभी बोलीं- आप तो अपने भैया से ज्यादा ताकतवर हो, पूरा पीस कर रख दिया.


मैं हँसता हुआ बाथरूम में चला गया.


शाम को हम सब लोगों ने खाना खा लिया और सोने के लिए अपने कमरे में गए.


आज काजल जागी हुई थी. मैं उठा और उसके करीब आकर उससे जानबूझ कर बोला- पूजा, मैं छत पर हूँ. आ जा … मस्ती करते हैं.


काजल ने अपनी आवाज को पूजा की आवाज बनाते हुए कहा कि नहीं काजल जाग जाएगी.


मैंने कहा- यदि वो जाग जाएगी तो उसे भी चोद दूंगा. वो भी मचल रही है. इतना सुनते ही काजल ने अपनी चादर हटा दी और मेरे हाथ को खींच कर मुझे अपने ऊपर गिरा लिया.


वो बोली- काजल जाग आई है भइया … चोद दीजिए.


तो प्रिय पाठको, अब काजल के साथ चुदाई की कहानी को अगली बार में लिख कर आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा. आपको मेरी Xxx दीदी भाभी चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.


लेखक की पिछली कहानी थी: पापा ने चोद कर माल बना दिया


Family Sex Stories

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ