पड़ोसी चाचा से चूत चुदवा कर सील तुड़वाई

टीना बॉस

02-06-2024

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Xxx बुर सेक्स कहानी में मैं जवान हुई तो मेरी सहेलियां सेक्स की बातें करती थी. कुछ तो चुद भी चुकी थी. मेरी अन्तर्वासना भी जोश लेने लगी थी. मेरे पड़ोस के चाचा ने मेरी जवानी का पहला भोग लगाया.


दोस्तो, मेरा नाम अनिका है और मैं यू पी के एक गांव से हूँ. मेरी उम्र 19 साल है.


मैं एक सामान्य परिवार से हूँ और बहुत ही सेक्सी हूँ. मेरा फिगर 32-28-34 का है.


अपने जिस्म की बात करूं तो मैं थोड़ी गदरायी हुई हूँ और इसी वजह से मैं और भी ज़्यादा सेक्सी लगती हूँ.


मैं जब भी चलती हूँ तो मेरी गांड पूरी मटकती हुई हिलती है जिससे देखने वालों के लंड कड़क हो जाते हैं.


आज मैं आपके साथ अपनी एक Xxx बुर सेक्स कहानी साझा कर रही हूँ.


उस समय मैं स्कूल में पढ़ती थी और मेरी कुछ सहेलियां भी थीं. हम सारी सहेलियों में चुदाई को लेकर बहुत ज्यादा चर्चा होती थी.


मेरी सहेलियों में से तीन लड़कियां तो चुद भी चुकी थीं. वे तीनों अब खुल कर चुदाई का आनन्द लेती थीं.


उनकी बातों से मेरे जिस्म में भी अब जवानी की आग जलने लगी थी.


उनकी बातों से ही मुझे यह मालूम पड़ा था कि पहली बार की चुदाई में बहुत दर्द होता है लेकिन अगर कोई अनुभवी लड़का चोदता है, तो चूत आसानी से खुल जाती है.


मैं उनकी बातें सुन कर घर आकर अपनी चूत में उंगली करती और पानी निकाल कर सो जाती.


हमारे पड़ोस में मेरे एक चाचा थे, जिनकी उम्र 30-32 साल थी. वे अक्सर हमारे घर आया जाया करते थे और मैं भी उनके घर चली जाती थी.


चाचा जी अक्सर मुझे घूरते थे. मैं भी जवान होने लगी थी और अब मर्दों की नजरों को समझने लगी थी.


मैंने महसूस किया कि वे चाचा अब मुझे पहले से ज़्यादा घूरने लगे थे और अक्सर किसी ना किसी बहाने से मुझे टच कर देते थे. लेकिन मैं उनकी हरकतों को हमेशा नजरअंदाज कर देती थी.


एक दिन चाचा हमारे घर आए. उस दिन मैं घर पर अकेली थी.


मैं चाचा के लिए पानी लेकर आई और जैसे ही मैंने झुक कर उनको पानी दिया मेरे ढीले गले वाले टॉप से मेरे बूब्स उनको दिख गए. वे मेरे मम्मों को घूर कर देखने लगे.


मैं उनके पास बैठ गई और हम दोनों बात करने लगे. मुझसे बात करते करते वे मेरी पर्सनल लाइफ के बारे में पूछने लगे.


चाचा बोले- और सुनाओ तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड के क्या हाल चाल हैं? मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैं बोली- मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है ही नहीं.


चाचा बोले- ऐसा कैसे हो सकता है कि एक जवान लड़की का ब्वॉयफ्रेंड ना हो! मैं बोली- सच में चाचू … कोई नहीं है!


चाचू- मैं नहीं मानता. मैं बोली- आपको ऐसा क्यों लगता है कि मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है?


चाचू बोले- प्रॉमिस कर कि बुरा नहीं मानेगी! मैं प्रॉमिस करती हुई बोली- नहीं मानूँगी!


वे बोले- तेरे जिस्म में इतना चेंज जो हो गया, नॉर्मली किसी लड़की में इतना चेंज नहीं आता.


मैं उनकी बात सुनकर अपनी चूत में उंगली करने वाली बात और साथ में खुद अपने हाथ से अपने दूध मसलने की बात याद करने लगी.


वे मेरी चूचियों को देखते हुए बोले- सेक्स करने से बॉडी में जल्दी चेंज आ जाता है.


चाचू मेरे अकेलेपन का पूरा फायदा उठा रहे थे. मुझसे सेक्स की बातें करते हुए वे मेरी जवानी को अपनी कामुक आंखों से ही चोद रहे थे.


तभी मैंने देखा कि उनका लंड पैंट में तन कर खड़ा होने लगा था. मुझे उनके लंड का आकार उनकी पैंट में साफ दिखाई दे रहा था.


उनके लंड को देख कर मेरे अन्दर भी हवस पैदा होनी शुरू हो गई थी.


फिर वे उठ कर मेरे पास आए और मेरे होंठों को अपनी तरफ करके मुझे किस कर दी. साथ ही वे मेरी कमर को सहलाने लगे.


चाचा बोले- बहुत दिनों से देख रहा हूँ कि तुम पहले से ज़्यादा सेक्सी हो रही हो.


मैं उनको मना करने लगी और बोली- ये सब ग़लत है. लेकिन चाचू बोले- कोई ग़लत नहीं है … तुम एक लड़की हो और मैं एक लड़का. एक लड़का ओर लड़की सेक्स ही करते हैं.


ऐसा कहते ही उन्होंने मुझे दोबारा किस कर दिया. अब मैं भी उनका साथ देने की सोचने लगी.


तभी उन्होंने मेरी गर्दन को किस किया और मेरे होंठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे. अब मैं भी उनका साथ देने लगी और हम दोनों ज़ोर ज़ोर से किस करने लगे.


मुझे भी अब सेक्स चढ़ने लगा था और मैं अपने हाथों से सोफ़े को नोचने लगी थी. साथ ही मैं चाचू के होंठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.


कुछ ही पलों बाद चाचू ने मेरे टॉप को उतार दिया और मुझे ब्रा में देख कर बोले- क्या सेक्सी जिस्म है तेरा! यह कह कर उन्होंने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे मम्मों को दबाने लगे, किस करने लगे.


कभी वे मेरी चूची को दबा देते और कभी मेरे निपल्स को मुँह में लेकर चूसने लगते. मुझे भी अब मजा आने लगा.


काफ़ी देर मेरी चूचियों को चूसने के बाद उन्होंने मेरी पैंट का बटन खोल दिया और मेरी ज़िप भी नीचे कर दी.


वे मेरी पैंट निकालने लगे. मैंने भी उनका साथ देते हुए अपनी गांड को उठा कर अपनी पैंट निकलवा दी.


वह मेरे पूरे बदन को चूमने लगे और मैं मादक सिसकारियां लेने लगी.


फिर चाचा का हाथ पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर आ गया. उनका हाथ लगते ही मेरी चूत में झुरझुरी सी उठने लगी.


उन्होंने मेरी पैंटी को उतार दिया और मेरी चूत को सहलाने लगे. मेरी चूत पर हल्की हल्की सी झांटें भी थीं.


उन्होंने मेरी चूत को सहलाते हुए अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल दी और उसे अन्दर बाहर करने लगे.


मुझे अपनी चूत से पानी निकलता हुआ महसूस हुआ और मेरी चूत चिपचिपी सी हो गई थी. चाचू की उंगली की स्पीड भी तेज हो गई थी और मेरी चूत में आग सी जल उठी. मैं चाचू को नोचने लगी.


कुछ ही देर में मेरी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया और मैं झड़ गई. मैं झड़ कर एकदम निढाल हो गई.


चाचू ने अब मेरी चूत में मुँह लगा दिया और वे उसको चाटने लगे. उनकी जीभ मेरी चूत के पानी को सपड़ सपड़ की आवाज़ के साथ चाट रही थी.


मुझे झड़ी हुई चूत में उनकी मुलायम और खुरदरी जीभ से चूत चटवाने में बड़ा मजा आने लगा था. मैंने अपनी टांगें और ज्यादा फैला दीं.


चाचा जी से बहुत देर तक चूत चटवाने के बाद मुझमें फिर से उत्तेजना होने लगी और मैं अपनी गांड को उठा उठा कर अपनी चूत चटवाने लगी.


मैंने देखा कि चाचू का लंड उनकी पैंट में तन्नाया हुआ था.


मैंने उठ कर चाचू को किस किया और उनके लंड को पकड़ लिया. चाचू भी समझ गए कि मैं गर्म हूँ ओर खुल भी गयी हूँ. फिर चाचू ने अपनी पैंट उतार कर फेंक दी और अपने सारे कपड़े उतार दिए.


वे बस अंडरवियर में थे जिसमें उनका तना हुआ लंड साफ नज़र आ रहा था. मैं चाचू के लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाने लगी.


जल्द ही मैंने उनका अंडरवियर नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया. उनका 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा काला लंड मेरी आंखों के सामने था.


मैं उनके लंड को सहलाने लगी.


तभी चाचू ने मुझसे लंड चूसने को बोला. मैंने मना कर दिया.


फिर वे बोले- लंड चूसने में बहुत मजा आता है. तभी मुझे अपनी सहेली की बात भी याद आ गई. वह भी यही बोलती थी कि लंड चूसने का मजा ही अलग है.


मैं बोली- चाचू, अगर मुझे अच्छा नहीं लगा तो मैं इसे मुँह से बाहर निकाल दूँगी!


इतना कहते ही मैंने उनके लंड का टोपा मुँह में ले लिया. मुझे गंदी सी स्मेल आई और मैंने उनका लंड बाहर निकाल दिया.


मैं सोचने लगी कि चाचू ने भी तो मेरी Xxx बुर चाटी है. अब मैं फिर से चाचू का लंड मुँह में लेने लगी.


धीरे धीरे मैं मजे से लंड की चूसने लगी. कुछ ही मिनट तक लंड चूसने के बाद चाचा ने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत पर लंड रगड़ने लगे.


उनका लंड मेरी गीली चूत पर लगते ही मुझे बहुत मजा आया लेकिन मुझे डर भी लग रहा था. मैं बोली- चाचू प्लीज़ आराम से डालना … मेरा फर्स्ट टाइम है.


चाचू बोले- तू आज से पहले किसी से नहीं चुदी? मैंने मना कर दिया.


मैं बोली- चाचा नहीं, आप ही आज मेरी सील तोड़ोगे. चाचू ने मुझे तेल लाने का कहा.


मैं नंगी ही किचन से तेल ले आई और चाचू को देकर बेड पर लेट गई.


चाचू ने मेरी चूत पर तेल डाला और फिर अपने लंड पर तेल लगा लिया. अब उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर सैट कर दिया.


वे जैसे ही मुझे किस करने को झुके … उनके लंड का टोपा मेरी चूत में चला गया, जिससे मुझे दर्द हुआ. वे मुझे किस करने लगे.


थोड़ी देर वे ऐसे ही किस करते रहे और तभी उन्होंने एक ज़ोर का धक्का मारा. उनका आधा लंड मेरी चूत में चला गया.


मुझे बहुत दर्द हुआ. मैं छटपटाने लगी. लेकिन उनकी पकड़ के आगे मैं नाकाम थी.


ऊपर से उन्होंने मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था ताकि मेरी आवाज़ ना निकले.


मेरी आंखों से आंसू आने लगे.


वह कुछ पल बाद बोले- बस, जो दर्द होना था … हो गया अब पूरी उम्र मजा आएगा. मुझे भी Xxx बुर सेक्स में अब दर्द कम होने लगा था.


उन्होंने तभी एक और ज़ोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया. मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चिल्लाने लगी- आई मांआअ आहह बाहर निकाल लो याररर.


मेरी चूत फट गई थी और मैं छटपटाने लगी, चिल्लाने लगी. मुझसे रहा न गया और मैंने चाचा को गाली देती हुई बोली- साले बाहर निकाल इसको भोसड़ी के … मुझे नहीं चुदवाना तेरे से … बाहर निकाल … प्लीज़! लेकिन वे कहां मानने वाला था!


कुछ देर बाद मैं भूल गई कि चाचा से चुद रही हूँ … बस कराहती हुई बोली- मुझे नहीं पता था तुम्हारा लंड इतना बड़ा है और मुझे इतना दर्द होगा … मैं तुमसे कभी नहीं चुदती. वे बोले- मेरी रानी अब मुझसे ज़्यादा मज़ा तुझे आएगा … और तू रोज मेरे लंड से चुदवाने आएगी.


एक मिनट बाद उन्होंने अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया. मेरी चूत में जलन सी होने लगी.


वे आराम आराम से अपना लंड में चूत में अन्दर बाहर कर रहे थे. कुछ 5 मिनट बाद मुझे दर्द कम हुआ और मैं बोली- यारर सॉरी चाचू मैंने आपको गाली दी.


वे बोले- तेरे मुँह से गाली अच्छी लगती है. मैं हंसने लगी और बोली- अच्छा अब आराम आराम से करते रहो.


थोड़ी देर में मेरा दर्द भी कम हो गया. मैं भी अब अपनी गांड उठा कर उनका साथ देने लगी.


मुझे भी हल्के दर्द के साथ जवानी का मजा आ रहा था.


उन्होंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. दर्द के साथ साथ मुझे मजा भी आने लगा और मैं अपनी गांड को उठा कर चुदवाने लगी.


थोड़ी देर बाद मैं झड़ गई. मेरी चूत के पानी से उनका लंड और भी चिकना हो गया. उसी वजह से तेजी से अन्दर बाहर होने लगा.


मेरा दर्द अब पूरी तरह से खत्म हो चुका था. मैं भी अब मादक सिसकारियों के साथ जवानी के असली मज़े ले रही थी.


कुछ मिनट बाद मैं दोबारा झड़ने वाली थी. मैं बोली- चाचू आह और ज़ोर से चोदो … फाड़ दो आज मेरी चूत … आह!


बस मैं इतना कहते ही झड़ गई. मैं बेड पर आगे हुई और चाचू का लंड मेरी चूत से बाहर निकल गया.


वे फिर से मेरी Xxx बुर चाटने लगे और थोड़ी देर बाद मेरे अन्दर फिर से चुदास चढ़ गई. चाचू ने मुझे अपनी ओर खींच लिया.


मैं बोली- चाचू, मुझे एक दूसरी पोज़िशन भी पसंद है, जिसमें लड़की खुद अपने हाथों से लंड को चूत पर सैट करती है.


चाचू समझ गए और वे बेड पर लेट गए. मैं उनके ऊपर बैठ गई और उनके लंड को अपनी चूत पर सैट कर लिया.


धीरे से मैं लंड पर बैठ गई. मुझे दर्द हुआ, तो मैं ऐसे ही बैठी रही.


थोड़ी देर मैं जब मेरा दर्द कम हुआ, तो मैं अपनी गांड उठा उठा कर उनके लंड पर पटकने लगी. कमरे से ठप ठप की आवाज़ गूंजने लगी.


कुछ मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और मुझे अपनी चूत में गर्म गर्म रस का अहसास हुआ.


मैं चाचू को देख कर बोली- अन्दर ही छोड़ दिया? वे हंसने लगे.


फिर हम दोनों ने चुदाई का एक दौर और किया. उसके बाद हम दोनों नंगे ही लेट गए.


चाचू अपने घर चले गए और मेरी हालत खराब कर गए. मुझसे चला भी नहीं जा रहा था.


शाम को घर वाले वापस आए. मेरी मम्मी मेरी चाल को देख कर बोलीं- क्या हुआ? मैंने बाथरूम में गिरने का बहाना बना दिया.


अब जब भी मुझे मौका मिलता, चाचू से चुद जाती. आपको मेरी Xxx बुर सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर लिखें. [email protected]


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