शादी में मॉम को लंड की गर्मी दी- 1

श्रुति राज

06-08-2024

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मॅाम सन एडल्ट स्टोरीज में एक बेटे की नजर उसकी अकेली मॅाम के बदन पर थी क्योंकि उसके पापा बाहर रहते थे. उसकी माँ भी अपने बेटे की मंशा जानती थी और उसे बढ़ावा देती थी.


फ्रेंड्स, मेरा नाम राज है और मैं 20 साल का हूँ. मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है. मैं अभी कॉलेज में पढ़ता हूँ.


मेरी फैमिली में 4 लोग हैं. मैं, मेरी दीदी सोनिया, मॉम आरती और मेरे पापा सुमित (57 साल) हैं. पापा अपनी जॉब के सिलसिले में बाहर रहते हैं और कभी कभार ही घर आ पाते हैं. वे साल में एक या दो बार ही घर आ पाते हैं.


जब भी वे घर आते हैं, उस दिन पूरी रात मॉम की चीखें और कामुक सिसकारियों की आवाज़ घर में गूँजती है. उनकी मदभरी आवाजों को सुनकर मैं और मेरी दीदी समझ जाती हैं कि क्या चल रहा है. मैं और मेरी दीदी आपस में एक दूसरे से सब तरह की बातें साझा कर लेते हैं.


यह मां बेटे का सेक्स कहानी मेरी और मेरी मॉम के बीच की है और हमारे बीच का यह रिश्ता सितंबर 2022 से चल रहा है. यह मॅाम सन एडल्ट स्टोरीज एक सच्ची घटना है.


अब पापा का रूटीन कुछ और ज्यादा बदल गया है, वे 2 या 3 साल में कुछ दिन के लिए ही आ पाते हैं. जब पापा घर पर नहीं होते हैं, तो मॉम चुप-चुप सी ही रहती हैं क्योंकि उनको उनके विवाहित जीवन का सुख नहीं मिल पाता है.


मेरी मॉम की फिगर 36-30-38 की है और उनके दूध एकदम कसे हुए हैं. मैंने देखा है कि उनके स्तनों का रंग एकदम दूधिया है और निप्पल किशमिशी रंग के हैं.


मॉम अपने शरीर की साफ सफाई का बहुत ख्याल रखती हैं. वैक्सिंग तो उनको हर महीने करवानी ही होती है.


उनके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल और होंठों पर एक तिल किसी का भी मन मोह लेगी. उनकी पैंटी भी एकदम मस्त होती है.


वे साड़ी एकदम चुस्त पहनती हैं, जिस वजह से उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी पैंटी की लाइन साफ दिखाई देती है.


मेरी मॉम घर में साड़ी ही पहनती हैं. वे साड़ी अपनी नाभि से थोड़ा नीचे ही पहनती हैं, जिसे देख कर मैं मुठ मारने पर मजबूर हो जाता हूँ. कभी कभी मेरी मॉम कुर्ती और लैंगिंग्स भी पहनती हैं जिसमें से उनकी पैंटी का आकार साफ साफ दिखाई देता है.


तब तक मैंने उनकी चूत ढंग से नहीं देखी थी लेकिन कभी कभी उनकी चूत की झलक दिख जाती थी. जब वे पौंछा लगाती हैं या घर के अन्य काम करती हैं, जैसे कपड़े धोते हुए … तब उनकी चूत की पंखुड़ियां दिखने लगती हैं.


उनकी चूत की फांकें किसी गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लाल दिखाई देती हैं. बिल्कुल ऐसी, जैसे किसी ने स्ट्रॉबेरी कलर की टॉपिंग उनकी चूत पर मल दी हो.


मॉम की चूत का रंग आम चूतों की तरह काला नहीं है, उनकी चूत एकदम गोरी है. बिल्कुल उनके शरीर की तरह.


उनका लेज़र हेयर रिडक्शन ट्रीटमेंट यानि झांट व अन्य बाल का स्थाई रूप से सफाई वाला कार्यक्रम भी चल रहा है.


यही हाल मेरी दीदी सोनिया का है, उनका भी यही ट्रीटमेंट चल रहा है.


मेरी दीदी भी मॉम पर ही गई हैं, गोरा बदन, पतली कमर एकदम शोला बदन.


मेरी दीदी की उम्र 24 साल की है, वह भी अभी आर्ट्स कॉलेज में स्टडी कर रही हैं.


मैं अपनी मॉम से बहुत प्यार करता हूँ और वे भी मुझसे बहुत प्यार करती हैं. वे मुझे दीदी से थोड़ा ज़्यादा चाहती हैं. लेकिन उनकी केमिस्ट्री दीदी के साथ ज़्यादा अच्छी बैठती है. चूंकि वे दोनों महिलाएं हैं और मैं एक मर्द हूँ.


तब भी दीदी मुझसे बहुत ज़्यादा दोस्ताना होकर बात करती हैं और मेरा बहुत ख्याल भी रखती हैं.


मैं हमेशा अपनी मॉम के साथ शरारतें करता रहता हूँ. इसी बहाने कभी कभार मैं उनके स्तन, उनकी गांड और उनकी बॉडी को छूने व महसूस करने की कोशिश करता रहता हूँ … साथ ही उनके शरीर की खुशबू लेने का मौका भी मिल जाता है, तो छोड़ता नहीं हूँ.


जैसे मैं कभी मॉम की गोद में सिर रखकर उनकी नाभि को किस करने लगता हूँ और उनकी गोद में लेटे लेटे ही उनकी चूत की खुशबू लेने लगता हूँ. जब कभी मॉम किचन में होती हैं, तो उन्हें पीछे से हग कर लेने में मैं एक मिनट की भी देरी नहीं करता हूँ.


वे भी मुझे कभी नहीं रोकती हैं.


कभी कभी मॉम को गाल पर किस करना या उनके होंठों पर किस कर देना भी आम बात है. मेरी मॉम बचपन से ही मेरे होंठों पर किस करती आ रही हैं तो यह सब स्वाभाविक ही लगता है. इसी बहाने से मैं मॉम की गांड को भी टच कर लेता हूँ.


मुझे पता नहीं था कि मॉम को यह सब किस तरह से महसूस होता था. लेकिन हां, कभी कभी वे गुस्सा ज़रूर हो जाती थीं और कभी कभी हमारे बीच छोटी मोटी लड़ाई भी हो जाती थी.


फिर मुझे ही मॉम को मनाना पड़ता था.


मेरी ये सारी हरकतें मेरी दीदी नोटिस कर रही थीं, यह बात मुझे नहीं मालूम थी.


एक दिन जब मैं घर पहुंचा तो उस वक्त मेरी मॉम पौंछा लगा रही थीं. उस वक्त मॉम की साड़ी घुटनों तक थी और वे झुक कर अपना काम बिंदास कर रही थीं. उस तरह से झुके होने से उनके मम्मों की घाटी भी मस्त दिखाई दे रही थी.


मैं उनके सामने ही सोफ़े पर बैठ गया और अपना फोन चलाने का नाटक करने लगा. दरअसल मैंने मॉम की गोरी गोरी चूत को देखने को कोशिश कर रहा था. हालांकि मॉम ने भी मुझे नोटिस कर लिया था लेकिन वे कुछ नहीं बोलीं.


उसी दरमियान ये सब मेरी दीदी भी नोटिस कर रही थीं. तभी अचानक से मेरी दीदी उसी टाइम मेरे पास आईं और मुझे खींच कर अपने रूम में ले गईं.


उस दिन दीदी ने दो तीन थप्पड़ मार दिए. दीदी बोलीं- सोनू तुझे शर्म भी नहीं आती है क्या? तुझे पता भी है कि तू क्या कर रहा था? वे हमारी मॉम हैं और तू उनके साथ ऐसी हरकतें कर रहा था? मैं तुझे बहुत टाइम से नोटिस कर रही थी. मुझे लगा कि तू अभी छोटा है, अभी छोड़ो … लेकिन तुम तो यार एकदम … छी: हो सोनू!


मैं रोते हुए बोला- सॉरी दीदी, प्लीज आप मॉम को मत बताना! दीदी- लेकिन सोनू, तू ये सब क्यों करता है … मुझे साफ-साफ बता!


मैं- दीदी सॉरी अब फिर से नहीं होगा! दीदी- मैंने जो पूछा है, वह बता!


मैं- दीदी मुझे मॉम अच्छी लगती हैं. मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूँ.


दीदी- सोनू ये लव नहीं, लस्ट है … तू बहुत बिगड़ गया है … कंट्रोल कर खुद पर! मैं- सॉरी दीदी.


दीदी मुझे चुप करवाती हुई बोलीं- देख सोनू … पापा दो साल से घर नहीं आए हैं. इस वजह से मॉम कभी कभी दुखी रहती हैं. तू यह सब तो जानता ही होगा? मैं- हां दीदी!


दीदी- तेरी हरकतों कि वजह से कभी कभी मॉम खुश हो जाती हैं, तो कभी-कभी गुस्सा भी होती हैं. मैं- दीदी मैं समझा नहीं!


दीदी- मैं चाहती हूँ कि तू ये सारी हरकतें जारी रख, इसी बहाने मॉम खुश रहेंगी. लेकिन बस लिमिट में … आख़िर कर वे मॉम है हमारी. उन्होंने हमारे लिए इतना कुछ किया है!


मैं दीदी की तरफ हैरान होकर देख रहा था कि मां बेटे का सेक्स पर दीदी के क्या विचार हैं. दीदी मुस्कान देती हुई देखने लगीं.


मैंने कहा- ठीक है दीदी. इस पर दीदी ने आंख दबा दी.


उसी दिन मेरे गांव से मेरे भाई यानि कि मेरी बड़ी मम्मी के लड़के की शादी की खबर भी आ गई. उस शादी में हमारी पूरी फैमिली को जाना था.


बड़ी मम्मी ने हमें दो दिन पहले आने का बोल दिया था.


मेरी मॉम और बड़ी मम्मी आपस में बहनों जैसा प्यार है.


बड़ी मम्मी मेरी मॉम को अपनी छोटी बहन जैसा ही मानती हैं और बहुत ख्याल भी रखती हैं.


हम दोनों ने भी गांव जाने की तैयारी शुरू कर दी और शादी के लिए शॉपिंग भी कर ली थी.


मैंने शाम को ट्रेन के टिकट भी बुक कर लिए. हम सभी को गांव के लिए दूसरे दिन सुबह निकलना था.


सुबह मॉम ने ब्रेकफास्ट बनाया और रास्ते के लिए खाना भी. हम लोग रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और ट्रेन का इंतजार कर रहे थे.


समय पर ट्रेन आ गई और हम लोग ट्रेन में बैठ गए. करीब 6 घंटे बाद हम सब अपने गांव पहुंच गए.


मेरा भाई, जिसकी शादी थी, वह हमें स्टेशन पर लेने आया था. जैसे ही हम सब अपने गांव वाले घर पर पहुंच कर सब बहुत खुश लग रहे थे.


लेकिन मेरे बड़े पापा थोड़े उदास थे कि मेरे पापा नहीं आए थे. बड़ी मम्मी ने मॉम को हग करके हम सबका स्वागत किया.


फिर हम दोनों ने खाना खाया और आपस में बातचीत करने लगे.


दीदी और मॉम का बिस्तर बड़ी मम्मी ने एक कमरे में लगवा दिया. उस टाइम गांव में बहुत ठंड पड़ रही थी.


हम दोनों ने अपने कमरे का दरवाजा लगा दिया ओर मैंने मॉम को एक टाइट हग किया क्योंकि पूरे दिन मैं मॉम से दूर था. उस टाइम मेरा लंड भी टाइट हो गया था जिसे मॉम ने नोटिस कर लिया था.


दीदी ये सब देख कर हंसने लगीं- मॉम, सोनू तो आपके बिना एक दिन भी नहीं रह सकता! मॉम ताना मारती हुई बोलीं- मैंने ही इसकी हालत खराब कर रखी है.


उनकी बात को हम दोनों भाई बहन सुनकर चुप रह गए.


फिर हम तीनों लोग सो गए क्योंकि हम बहुत थके हुए थे. सुबह जल्दी उठना भी था और शादी की तैयारियां करनी थीं.


अगले दिन शादी थी और गांव में ही एक बड़ा सा गार्डन बुक हो चुका था.


मॉम शादी की तैयारियों में व्यस्त थीं और इधर मैं उनको चोदने का प्लान बना रहा था.


मैं अपनी मॉम की हेल्प भी कर रहा था सारा काम भी मुझे ही करना था क्योंकि मेरी भाई की शादी जो थी. काम के दौरान मैं मॉम की गांड और कमर को देख रहा था.


थोड़ी देर बाद मैं काम करते करते काफ़ी थक गया था. तो मॉम बोलीं- बेटा कितना काम करेगा, थोड़ी देर आराम भी कर ले. तू कमरे में जा, मैं तेरे लिए कॉफी लेकर आती हूँ.


फिर मैं अपने काम खत्म करके अपने कमरे में आ गया. जल्द ही मैं फ्रेश हो गया क्योंकि मुझे अब फ़ंक्शन में जाना था.


शाम के आठ बज गए थे तो मैं अपने कपड़े ढूंढ रहा था. मुझे जीन्स तो मिल गई थी, पर शर्ट नहीं मिल रही थी.


इतने में मॉम रूम में आईं और वे बोलीं- क्या हुआ? मैं- मुझे मेरी शर्ट नहीं मिल रही है.


मॉम- तुम कॉफी पियो … तब तक मैं ढूंढ देती हूँ.


मैंने कॉफी खत्म की, तब तक उनको मेरी शर्ट मिल गई. वे शर्ट के बटन खोल रही थीं.


मैं- लाइये मुझे दे दीजिए, यह मैं खुद कर लूँगा.


वे कुछ नहीं बोलीं और बटन खोलती रहीं. फिर वे मेरे करीब आईं और मुझे शर्ट पहनाने लगीं.


मैं बस उनके बदन से आ रही महक का आनन्द ले रहा था. अब वे खुद मेरी शर्ट के बटन भी लगा रही थीं.


इतने में वे मेरे इतने पास आ गई थीं कि मुझे उनके पर्फ्यूम की महक अन्दर तक मदहोश करने लगी थी. आज मॉम कुछ ज़्यादा ही हॉट लग रही थीं.


मैं- मॉम, आपका पर्फ्यूम तो काफ़ी अच्छा है! यह सुन कर वे शर्मा गईं.


वे बोलीं- पागल … तूने कितनी बार इस पर्फ्यूम की तारीफ की है लेकिन थैंक्यू … अब मुझे कपड़े चेंज करने हैं. मैं- क्यों कपड़े क्यों चेंज कर रही हो? आप तो इन कपड़ों में ही काफ़ी अच्छी लग रही हो. मॉम- नहीं रे पागल, मैं नई ड्रेस पहनूँगी.


बस अब उन्होंने मुझे ऐसे ही नॉर्मली हग करके छोड़ दिया. पर हग करते हुए मेरा लंड अब खड़ा हो गया था इसलिए मेरा हाथ खुद ब खुद उनकी कमर पर चला गया. इस पर वे कुछ नहीं बोलीं.


फिर मैं वहां से बाहर आ गया और वे अपने कपड़े चेंज करके फ़ंक्शन में आ गईं. वहां पर मेहमानों का स्वागत करने की ज़िम्मेदारी मेरी थी.


करीब दस बजे मैरिज गार्डन में मॉम ओर दीदी की एंट्री हुई. मॉम को देख कर मेरा मुँह सूख गया था और लंड भी खड़ा हो गया था.


मॉम ने बेबी पिंक कलर की साड़ी के साथ सफेद फूलों वाला स्लीवलेस और बॅकलेस ब्लाउज पहना था. इस ड्रेस में मॉम बहुत हॉट लग रही थीं. इतनी ठंड में उनके पास सिर्फ़ एक छोटी सी शॉल थी.


दीदी ने भी पिंक कलर का लहंगा पहना हुआ था.


मैं गेट पर खड़ा था. मॉम और दीदी भी करीब आ गए थे और दोनों ही मुझे देख कर हंस रही थीं.


दीदी मेरे कान में आकर बोलीं- ओए पागल, नीचे देख … अपने पप्पू को शांत करा!


बस दीदी स्माइल देती हुई चली गईं. मैं भी उन दोनों के पीछे पीछे चल दिया.


पूरे फ़ंक्शन में मैं मॉम के साथ रहा और उनके पीछे पीछे ही घूमता रहा.


मैं बार बार मॉम को ही नोटिस कर रहा था. मॉम भी मुझे नोटिस कर चुकी थीं.


तभी दीदी ने मॉम को आवाज़ दी क्योंकि बारात आ चुकी थी. मैं भी मॉम के पीछे पीछे चला गया.


मॉम के स्लीवलेस व बैकलेस ब्लाउज को देख कर मन ही मन अपनी वासना को पंख लगा रहा था.


उनकी बाहर को निकली हुई गांड देख कर मेरा दिल मचल रहा था. मैंने सोचा क्यों ना आज चांस लिया जाए और मैंने मॉम की गांड को अपने हाथों से दबा दिया.


मॉम झटके से मेरी तरफ़ पलटीं और पूछने लगीं- क्या हुआ? मैं बहुत डर गया था लेकिन मैंने कुछ दूसरी बात शुरू कर दी, जैसे दुल्हन अच्छी लग रही है. लेकिन मॉम को वह सब महसूस हो गया था जो मैं कर रहा था.


मॉम ने मुझे हल्का सा थप्पड़ मारा और वे चली गईं. जाते हुए उन्होंने एक स्माइल भी दी.


उनकी स्माइल मुझे कुछ कर गुजरने पर मजबूर कर रही थी.


दोस्तो, मैं अपनी मॅाम सन एडल्ट स्टोरीज को अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा. आपको मेरी इस मां बेटे का सेक्स कहानी पर क्या कहना है, प्लीज मेल व कमेंट्स से जरूर बताएं. [email protected]


मां बेटे का सेक्स कहानी का अगला भाग:


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