सगी चाची संग होटल में चुदाई का मजा

ravi5

01-06-2024

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मस्त चूत का मजा मुझे दिया मेरी चाची ने. चाची जवान थी तो मैं उनकी जवानी को घूरा करता था. चाची भी मेरी नीयत समझ चुकी थी. एक रात चाची ने मुझे अपने बेडरूम में बुलाया.


फ्रेंड्स, सभी भाभियों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार और कुंवारी लड़कियों की चूत को मेरे लंड का भरपूर प्यार.


मैं रवि … मैं कानपुर से हूँ. मेरे घर में 6 लोग रहते हैं.


मैं आप लोगों के सामने अपनी सच्ची कहानी पेश कर रहा हूँ जिसमें मैंने मस्त चूत का मजा लिया.


यह सेक्स कहानी अभी कुछ ही दिन पहले की है जब मैंने और मेरी चाची ने होटल में मज़े किए थे. हुआ यूं कि एक दिन रात में मैं बाथरूम जा रहा था तो चाची के कमरे में लाइट जल रही थी.


तो मैंने सोचा कि देखूँ तो जरा कि चाची बिजली जला कर क्या कर रही हैं. मैंने खिड़की में लगे कूलर के बगल से अन्दर झांक कर देखा, तो वहां चुदाई चल रही थी.


चाची चाचा के लंड के ऊपर बैठ कर गांड उछाल रही थीं. उनके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था; उनके दूध गजब उछल रहे थे.


दोस्तो, मैंने यह दृश्य देखा तो मैं एकदम से उत्तेजित हो गया और मैंने भी अपना 7 इंच का लंड बाहर निकाल लिया. मैं चाची की चूचियों को देखता हुआ लंड हिलाने लगा.


कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया था. उधर अन्दर चाचा का काम भी फतेह हो गया था और वे दोनों लाइट बंद करके नंगे ही सो गए.


बस उस दिन से मेरा चाची को देखने आ नजरिया बदल गया और अब मेरा दिल चाची पर आ गया.


इधर मैं आपको अपनी चाची के बारे में बता देता हूँ. अभी चाची जी की उम्र 29 साल की है और मेरी 24 की है.


वे बड़ी मदमस्त आइटम हैं. उनके दूध 34 इंच के हैं और गांड 36 की है.


अब मैं रोजाना उनको बाथरूम में नहाते हुए देखने लगा. मैंने उन्हें नंगी देखने के लिए बाथरूम के जंगले से व्यवस्था बना ली थी और उनको हर तरह से देखने लगा था.


उससे मेरी वासना बढ़ने लगी और मन पक्का होने लगा कि चाची की लेनी है.


एक दिन घर में कोई नहीं था, सब लोग कहीं रिश्तेदारी में गए थे. घर मैं चाची और बहन ही थीं.


उस दिन चाची नहाने गईं तो मैं भी उन्हें जंगले के पास बने छेद से देखने चला गया.


उधर चाची ने अपने कपड़े उतारे, इधर मैंने अपना लोवर उतार दिया और लंड हिलाने लगा.


उस दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी किस्मत खुल गई. चाची ने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया पर उन्होंने कुछ कहा नहीं. वे सामान्य ही रहीं और नहा कर बाहर चली गईं.


फिर शाम को अकेले में चाची ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और पूछने लगीं- रवि तुम बाथरूम में मुझे नहाते देख रहे थे? मैं- नहीं चाची, वह मैं उधर लगा मकड़ी का जाला साफ कर रहा था, तो नज़र पहुंच गई थी.


चाची- नज़र के पैर लग गए थे क्या … जो पहुंच गई? मैं- सॉरी चाची.


चाची- और जाला, लोवर उतार कर साफ करते हो क्या? मैं नज़र नीचे किए हुए बोला- सॉरी चाची.


फिर चाची वहां से चली गईं और मेरी गांड फट गई.


शाम के खाने का समय हुआ. हम तीनों ने साथ में बैठ कर खाना खाया. पर मुझे भूख नहीं लग रही थी, गांड फटी हुई थी और मैं अपनी नज़र नीचे किए हुए बेमन से खाना खा रहा था.


जबकि चाची मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं.


फिर सब लोग अपने अपने कमरे में चले गए. पर मुझे नींद नहीं आ रही थी.


तभी रात में ग्यारह बजे चाची का मैसेज आया ‘रवि सो गया क्या?’ मैं- नहीं चाची.


चाची- सो जा, ज्यादा सोच मत … यह सब इस उम्र में होता है. मैं- ठीक है चाची … सॉरी!


चाची- अच्छा यह बता कि क्या तुमको मैं इतनी अच्छी लगती हूँ कि तूने ये भी नहीं सोचा कि कहीं तुमको देखते हुए रिया ना देख ले!


रिया मेरी बहन का नाम है.


मैं- चाची, जब आपको देख लेता हूँ, तो आगे पीछे की कुछ नहीं सोच पाता हूँ.


चाची- अच्छा, तो रोज देखता है न कूलर के बगल से? यह कह कर उन्होंने हंसने की इमोजी भेज दी.


मैं- क्या कौन … चाची, मैं कहां देखता हूँ … आज पहली बार देखा है! चाची- चल झूठे!


दोस्तो, मेरे दिमाग की बत्ती जल गई. मुझे लगा कि अब चाची चूत दे देंगी. उस दिन चाचा भी नहीं थे.


मैंने कहा- चाची, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. बस हमारे और आपके बीच में ही यह रिश्ता रहेगा! चाची ने कहा- हां, कौन सा पूरे शहर में बताना है मुझे!


मैंने ‘आई लव यू चाची …’ का मैसेज कर दिया. मगर उधर से कुछ रिप्लाई नहीं आया. लव सीन ख़त्म हो गया.


फिर दस मिनट बाद मैसेज आया- सो गया क्या? मैंने कहा- चाची आज नींद कहां आने वाली?


वे बोलीं- क्यों? मैंने कहा- यूं ही. चाची ने कहा- चलो, मेरे कमरे में आ जाओ.


मैं जब चाची के कमरे में पहुंचा तो चाची ने कहा कि दरवाजा बंद कर दो. मैंने बंद कर दिया.


वे बोलीं- अब बता कि मैं कितनी अच्छी लगती हूँ? मैंने कहा- बहुत बहुत ज्यादा. चाची- अच्छा!


फिर चाची बोलीं- अब लोवर नहीं उतारोगे क्या? मैंने कहा- बिल्कुल मेरी जान.


जान शब्द सुन कर चाची हंसी और बोलीं- अच्छा … जान … वाह वाह! फिर मैंने तुरंत उनके सर को पकड़ा और लिप किस करने लगा.


वे भी साथ देने लगीं और किस करते करते मैंने उनका हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया. उन्होंने लोवर के अन्दर हाथ डाल दिया.


मैं उनके बूब्स दबाने लगा और किस करते करते चाची को बेड पर लिटा दिया.


पर उसी समय रायता फैल गया. मेरी बहन चाची के कमरे के बाहर आ गई और दरवाजा खटखटाने लगी.


हम दोनों की गांड फट गई. मैं जल्दी से उठा और बेड के नीचे घुस गया.


चाची ने दरवाजा खोला तो वह बोली- चाची, आज मम्मी नहीं हैं, मुझे अकेले सोने में डर लग रहा है. यह कह कर वह बेड पर लेट गई.


अब मेरा हाल खराब हो गया था.


लंड तो बैठ ही गया था, पर बाहर कैसे निकलूँ … यह सोच सोच कर मेरी गांड फटने लगी थी. मैंने कुछ देर बाद चाची को मैसेज किया कि बेड के नीचे से कैसे निकलूँ?


तो वे बोलीं- अभी रुक, नीचे लेटे लेटे अभी लंड हिला ले मेरी जान! यह कह कर वे हंस दी.


दस मिनट बाद चाची ने बहन को किचन में पानी लेने भेजा. तब मैं निकला और अपने कमरे में आकर लंड हिला कर सो गया.


उसके बाद मुझे मौका नहीं मिला. बस जरा सा समय मिलने पर मैं चाची के बूब्स मसल देता और हम दोनों में किस हो जाती.


कुछ दिन बाद सब लोग वापस घर आ गए और अब वह सब भी बंद हो गया.


अब आग दोनों तरफ से लगी थी.


एक दिन चाची ने कहा- आज घर में ही रहना, कहीं साथ चलना है. मैंने कहा- ओके.


वे दोपहर में तैयार होकर मेरे पास आईं और बोलीं- रवि मेरे साथ चल … मार्केट चलना है. साथ में मम्मी थीं तो मैंने कहा- अभी?


तब मम्मी बोलीं- हां चला जा, बैंक तक जाना है .. तेरी चाची जल्दी ही वापस आ जाएगी. मैंने कहा- ठीक है.


थोड़ी देर में हम दोनों चाचा की बाइक से निकले.


आगे चल कर मैंने पूछा- कहां चलना है चाची? तो चाची बोलीं- जहां मन हो.


तो मैंने कहा- किदवई नगर की मार्केट कर लो.


वे बोलीं- मार्केट किसको जाना है यार … कहीं किसी होटल के कमरे में चलो.


बस फिर क्या था दोस्तो … मैंने तुरंत फोन से एक ओयो रूम बुक किया, जो पास ही में था. मैं वहां गया और रूम की चाभी ले ली.


जैसे ही मैं कमरे के अन्दर गया, चाची ने मुझे अपने सीने से लगा लिया और चुंबन करने लगीं.


वे बोलीं- रवि आई लव यू टू. मैंने कहा- उस दिन का जवाब आज मिला. वे मुस्कुराने लगीं और बोलीं- अकेले में मिल कर जबाव देना था.


अब वे मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा कर चूमने लगीं. मैं भी उनका साथ देने लगा.


कुछ ही देर में उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे सीने में किस करने लगीं. मेरे सीने पर निप्पलों को चूसने लगीं.


मैंने कहा- अपने पिलाओ! तो चाची ने कहा- रोका किसने है … खोल लो और पी लो.


मैंने चाची की साड़ी खोली और पेट में किस करने लगा. फिर ब्लाउज खोला और साया उतार दिया.


वे लाल ब्रा और काली पैंटी में थीं.


मैंने कहा- मैचिंग की ब्रा पैंटी पहना करो! वे बोलीं- अभी बाजार चल कर तेरी पसंद के ले लेती हूँ.


उन्होंने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मुझसे लिपट गईं.


मैंने कहा- खुद कपड़े पहनी हो और मुझे नंगा कर दिया. चाची हंसने लगीं और बोलीं- तुमको किसने रोका है … कर दो मुझे भी नंगी!


मैंने उनकी ब्रा खोली और पैंटी को भी उतार दिया.


चाची की चूत में एक भी बाल नहीं था. उन्होंने शायद आज ही चूत साफ की थी.


मैंने उनकी चूत में किस किया और पूछा- जंगल कब साफ किया?


वे बोलीं- जंगल नहीं रखती हूँ … हां घास फूस आज सुबह ही साफ की है. मैं हंस दिया.


फिर चाची ने मेरे लंड को पकड़ा और बोलीं- दूसरों के जंगल देखते हो, अपने लंड को नहीं साफ करते क्या?


सच में मेरे लंड में बहुत बाल थे. काफी दिनों से झांटों को साफ नहीं किया था.


मैंने चाची से कहा- मुझे मालूम होता कि आज ही मौका मिलने वाला है तो सुबह से ही सफाई कर लेता. अब रोज साफ रखूँगा. प्लीज अभी इसे मुँह में लो न!


वे बोलीं- पहले इसे धोकर आओ. मैंने कहा- चलो आप भी अपनी धो लेना.


हम दोनों साथ में बाथरूम में आ गए और चूत लंड को साबुन लगा कर साफ किया.


फिर उन्होंने मेरा लंड अपनी पैंटी से पौंछा और मुँह में ले लिया. वे लंड को चूसती रहीं और मैं आंखें बंद करके लंड चुसवाता रहा.


सच में बड़ा मजा आ रहा था.


चाची लंड चूसने के साथ साथ मेरे आँड भी सहला रही थीं. लंड एकदम लोहे जैसा हो गया था.


अब मैंने उन्हें चित लिटाया और उनकी चूत में अपना मुँह लगा दिया. चाची की कामुक आहें निकलने लगीं.


मैंने 5 मिनट तक उनकी चूत को जी भर कर चाटा, मस्त चूत का मजा लिया.


मैंने एक बार मुँह हटाया तो उन्होंने कहा- बस अब और सब्र नहीं होता मेरी जान … अब पेल दो. यह सुन कर मैंने कहा- ओके चाची जी मैं तो खुद लंड पेलने के लिए मरा जा रहा हूँ.


वे अपने दोनों पैर खोल कर लेट गईं और बोलीं- मरो नहीं … लो पेल कर मेरी चुदाई कर लो.


मैंने लंड सैट किया और लंड अन्दर धकेल दिया. चाची की आह निकल गई कि जरा धीरे धीरे पेलो … तेरा बहुत बड़ा है.


मैंने उनकी एक न सुनी और धकापेल करता गया.


कुछ ही देर में चाची को भी मजा आने लगा और ताबड़तोड़ चुदाई शुरू हो गई.


मैं चाची की चूत चुदाई के साथ उनके बूब्स भी चूसता रहा और उनकी बगलों में भी किस करता रहा.


अभी चुदाई हो ही रही थी कि चाची का फोन बजने लगा. वह फोन चाचा का था.


चाची ने फोन पर नंबर देख कर कहा- इस गांड के बाल को क्या दिक्कत है … भोसड़ी वाला सही से चुदने भी नहीं दे रहा है! फिर फोन उठाया.


चाचा ने कहा- घर आने में कितनी देर लगेगी! चाची बोलीं- टाइम लगेगा अभी!


चाचा बोले- बाकी की मार्केट कल कर लेना. मुझे अर्जेंट जाना है … बाइक की ज़रूरत है. चाची बोलीं- ओके.


फिर चाची ने फोन रखा और दो गाली देते हुए कहा- करो जल्दी जल्दी … चलो मेरा चूतिया ख़सम बुला रहा है. चाची ने चाचा को गाली देकर हंस दिया.


मैं जल्दी जल्दी मशीन चलाने लगा.


कुछ ही देर में मेरा रस निकलने को हुआ हुआ, तो मैंने पूछा- कहां निकालूँ? चाची बोलीं- बाहर निकालो.


आठ दस झटके देने के बाद मेरा रस निकल गया. लंड से जो पानी निकला था, चाची ने उसको होटल के कंबल से ही पौंछ कर साफ कर दिया.


हम दोनों चिपक कर लेट गए. मैंने पूछा- मज़ा आया? वे बोलीं- कम मज़ा आया. अगली बार हम दोनों कहीं बाहर चलते हैं. उधर 3-4 दिन रहेंगे और वहीं मज़े करेंगे.


मैंने पूछा- कहां चलोगी? वे बोली- बाद में बताऊंगी.


अब हम दोनों ने कपड़े पहने और बाहर आ गए.


फिर हम दोनों घर आ गए. इसके एक हफ्ते बाद हम दोनों घूमने के लिए नैनीताल गए. वहां चुदाई के मज़े किए. वह सेक्स कहानी अगली बार लिख कर बताऊंगा.


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