छोटी बहन मुझे पटाकर चुद गई

टाइगर 247

26-05-2024

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हॉट सिस्टर खेत सेक्स कहानी में मेरे ताऊ की बेटी मेरे साथ शरारत करती रहती थी. मुझे लगने लगा कि यह मेरे साथ सेक्स करना चाहती है. हुआ भी यही, वह मुझसे चुद गयी.


सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! आज मैं हकीकत में घटी एक सेक्स कहानी आपके साथ साझा कर रहा हूं.


यह हॉट सिस्टर खेत सेक्स कहानी मेरी खुद की है और आज से 5 वर्ष पहले की है. मैं मध्यप्रदेश से हूं. मेरा गांव एक छोटे से देहात में पड़ता है.


उस वक्त मेरे घर में टीवी नहीं था तो मैं अपने ताऊ के घर टीवी देखने जाया करता था. पूरा परिवार एक साथ बैठकर ही टीवी देखता था.


मेरे ताऊ की लड़की का नाम सांवरी था, वह अक्सर मेरे पास ही बैठती थी. मुझे नहीं पता था कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था.


वैसे हमारा बड़ा परिवार है, बहुत सारे लोग हैं. पर वह हमेशा मेरे पास ही बैठती थी. बीच बीच में वह मेरे अंगों को छूती भी रहती थी. कभी मेरी जांघ पर हाथ सहला देती, तो कभी च्यूँटी काट लेती.


मैं भी इसे सामान्य भाई बहन वाला मामला समझ कर नजरअंदाज कर देता.


कई बार ऐसा होने पर मैं उसको देखने लगा तो वह मुझे देख कर मुस्कुरा देती. मुझे भी कुछ कुछ समझ आने लगा था कि इसके मन में कुछ और ही चल रहा है. ऐसे ही दो महीने बीत गए.


सर्दियों का मौसम था. मैं उस वक्त खेत की रखवाली के लिए रात में खेत पर सोने के लिए जाता था और सुबह 4 बजे घर आ जाता था.


एक दिन उसकी मम्मी घर पर नहीं थीं तो सांवरी ने मुझसे कहा- खेत से वापस आने के टाइम मुझे जगा देना.


उतनी सुबह जागकर उसे हाथ की चक्की से आटा पीसना था. उस टाइम उनके घर में मशीन वाली चक्की नहीं थी.


मैंने भी मजाक में ही कह दिया- अभी सो जाओ, मैं दो घंटे बाद जगा दूंगा, फिर सारी रात चक्की चला लेना. उसने आंखें मटका कर कहा- हां अगर तुझको जगाना आता हो, तो जगा देना.


उसकी यह बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया कि जगाना आता हो इस बात का क्या मतलब हुआ. मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और खेत की तरफ चला गया.


उधर खेत में एक झोपड़ी बनी है. मैं उसके अन्दर जाकर पड़ी चारपाई को ठीक करने लगा और उसी पर लेट गया. मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं उसी बात को सोचने लगा कि उसकी बात का क्या मतलब हुआ.


क्या वह मुझसे सेक्स वाली बात कह रही थी.


यह बिन्दु जैसे ही दिमाग में आया तो एक बार को तो मैंने अपनी चचेरी बहन के साथ सेक्स की बात को सिरे से खारिज कर दिया.


पर मन बहुत चालू होता है. वह जो चाहता है उसी तरफ बार बार ले जाता है.


वही हुआ भी … मेरे दिमाग में एक एक करके उसकी हरकतें आने लगीं और अंतत: नतीजा यही निकला कि वह मेरे साथ कुछ सेक्स जैसा करना चाहती है, यह बात मन में पैठ कर गई.


एक बार बहन के साथ चुदाई वाली बात ने मन में घर किया तो बस उसकी देह की छवि मेरे मन मस्तिष्क पर छाने लगी और मुझे बंद आंखों में उसकी कामुक देह ही बार बार नजर आने लगी.


मुझे याद आने लगा कि जब वह मेरे साथ चिपक कर बैठती तो उसके दूध मेरे हाथ से लगते और उसकी जिस्म की गर्मी के अहसास से मेरे तन मन में एक अजीब सी भावना घर करने लगती थी. वह सब मुझे याद आने लगा और मेरे लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी.


सुनसान खेत में अकेले होने से हाथ भी हरकत करने लगे और मैंने लंड हिलाना शुरू कर दिया।


इसी सब में मुझे सोचते सोचते पता ही नहीं चला कि कब बारह बजने को हो गया और मुझे उसको जगाने वाली बात याद आ गई. मैंने बहुत सोचा विचार किया कि क्या होगा … क्या नहीं होगा, बस घर की तरफ चलने की सोचने लगा.


इससे पहले मैंने कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था और ना ही सेक्स की मुझे ज्यादा जानकारी थी. मैं चारपाई से खड़ा होकर घर की तरफ चल दिया. मुझे उसको दो घंटा पहले जगाना था.


उसकी बात बार बार दिमाग में चल रही थी कि जगाना आता हो जगा देना. यह सोच कर लंड खड़ा हो रहा था और अन्दर से डर लग रहा था. इसी के मारे मेरे हाथ पैर भी कांपने लगे थे.


थोड़ी ही देर में मैं उसके घर पहुंच गया. वह सोई पड़ी थी.


उसके अगल बगल में और भी बच्चे सो रहे थे लेकिन वे सब उम्र में छोटे थे.


आखिर मैंने उसके करीब जाकर उसका हाथ पकड़ा. वह तो पहले से ही जागी हुई थी.


मुझे देखती हुई बोली- कितना टाइम हुआ है? तो मैंने कहा- अभी 12 बजे हैं.


उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बाजू में लिटा लिया और बोली कि मुझे पता था- तुम आओगे, इसलिए मैं अभी तक जागी हूँ.


मैं डर के मारे कांप रहा था. वह बोली- अरे तुझे तो सर्दी लग रही है.


ऐसा कह कर वह मुझसे चिपक गई और उसने मुझे अपने कंबल से ढक लिया.


अब उसके हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे और मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे. लेकिन मैं उसकी पीठ को सहला नहीं रहा था. हां मुझे उसके दूध अपनी छाती में गड़ते हुए महसूस हो रहे थे और उसी वजह से मेरे लंड ने कड़क होना शुरू कर दिया था.


हमारे मुँह पास पास ही थे. अचानक से उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और हम दोनों चुपचाप एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.


मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा. मेरा लंड भी उसकी टांगों में टक्कर मारने लगा.


अचानक से उसने अपनी शर्ट और ब्रा दोनों निकाल कर अपने हाथ से मेरे सर को दबा कर अपने मम्मों पर रख दिया.


मैं अपनी बहन के बूब्स चूसने लगा. उसकी हल्के स्वर में आह आह निकल रही थी और उसके रसीले दूध मेरे मुँह से चूस चूस कर कड़क होने लगे थे.


वह अपने निप्पल खुद अपनी उंगलियों से पकड़ कर मेरे मुँह में देने लगी थी और मैं भी उसकी आंखों में झांकता हुआ उसके निप्पल को किसी आम की तरह चूसने लगा था. हम दोनों की वासना अपने चरम पर पहुंचने लगी थी.


दस मिनट तक मैंने उसके दोनों दूध पिए. अब तक उसने मेरे कपड़े उतार दिए और अपने भी सारे कपड़े हटा दिए.


अब हम दोनों ही बिना कपड़ों के थे.


तभी उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सैट करके मेरी कमर को अपनी ओर खींच कर मुझे इशारा दे दिया.


मैंने लंड पेल दिया. उसकी दत्ती बंध गई लेकिन वह मुझे भींचे रही.


मैं भी दर्द से तड़फ रहा था लेकिन लंड चूत में ना जाने कौन सा रिश्ता होता है कि दर्द सहने की क्षमता आ जाती है.


उस वक्त मेरा लंड मुश्किल से दो इंच ही अन्दर गया होगा और अति उत्तेजना के कारण मेरा पानी निकल गया.


मैं शर्म के मारे खड़ा होकर अपने कपड़े पहनने लगा और कुछ ही मिनट में घर से निकल कर खेत पर चला गया.


यह पूरा दौर करीब एक घंटे का रहा होगा. उस दौरान हम दोनों ने आपस में कोई बात नहीं की थी.


मैं लगभग भागते हुए खेत में गया और अपनी चारपाई पर जाकर लेट गया.


मैं जोर जोर से हांफ रहा था. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ.


इतनी जल्दी लंड क्यों झड़ गया था, यह मेरे लिए एक डराने वाली बात थी कि क्या मैं नपुंसक हूँ … क्या मुझसे चूत देर तक नहीं चोदी जा सकती है! ये कुछ सवाल मेरे दिमाग में घुमड़ने लगे थे.


उधर मैं एक बीड़ी का बंडल रखता था, तो मैंने बाहर आकर एक बीड़ी सुलगाई और धुआं उड़ाता हुआ सोचने लगा.


इस वक्त मुझे उसके मम्मों का रसीलापन बहुत याद आ रहा था और उसके अंगूर जितने निप्पल बार बार मेरे अन्दर हलचल मचा रहे थे, जिस वजह से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.


अब लंड खड़ा हुआ तो मुझे बड़ा गुस्सा आया कि साला उस समय तो देर तक चला नहीं … अब खड़ा होने से क्या फायदा. फिर मैं पानी पीकर वापस खटिया पर लेट गया और लंड सहलाने लगा.


अभी करीब 25 मिनट हुए होंगे कि सांवरी मेरे पास पहुंच गई और मेरे ऊपर चढ़ कर लेट गई.


मैंने उससे कहा- तू यहां क्यों आई है? किसी ने देख लिया तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी! वह बोली- मैं हर मुश्किल को सहन कर लूंगी, पर मुझे तुझसे दूर नहीं रहा जाता है. हम दोनों आपस में बात करने लगे.


मैं उससे कहने लगा- मैं डालते ही क्यों झड़ गया था … फिल्मों में तो ऐसा नहीं होता है! वह हंसी और बोली- तूने ऐसी फिल्में देखी हैं क्या?


मैंने कहा- हां, एक दोस्त के बड़े वाले मोबाइल में चुदाई देखी थी. वह हंसती हुई कहने लगी- मुझे भी देखने का मन है। किसी दिन मुझे भी दिखा दे.


मैंने कहा- हां दिखा दूंगा. पर क्या उसमें जो देखेगी, मेरे साथ करेगी? वह बोली- हाँ… हो सका तो हम दोनों वैसे करके देखेंगे.


इसी तरह की बातें चलती रहीं और कुछ ही देर में हम दोनों वापस खेत सेक्स में लग गए.


उसके दोनों दूध चूस कर मैंने उसे गर्म किया और उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया. इस बार कोई डर नहीं था और आवाज भी खुल कर निकाल सकते थे.


काफी देर तक लंड चूत का खेल चला. मेरी हॉट बहन भी मस्त होकर चुदवा रही थी.


उस रात मैंने 4 बार हॉट सिस्टर की चुदाई की और वह सुबह 4 बजे घर चली गई. मैं सो गया.


दूसरे दिन जब हम मिले, तो ना ही उसने मुझसे नजर मिलाई … ना बात की. मुझे बहुत बुरा लगा.


उस दिन मैं ताऊ के घर टीवी देखने भी नहीं गया. सीधा खेत पर जाकर सो गया.


मुझे नींद तो नहीं आ रही थी, मैं बस उसी के ख्यालों में ही खोया था और लेटा हुआ था.


रात को सवा बारह बजे वह खेत पर ही पहुंच गई. मेरे साथ सोकर मुझसे लिपट गई और प्यार करने लगी.


मैंने कहा- झूठा प्यार मत कर. दिन में तो मेरी तरफ नजर भी नहीं की! वह बोली- मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी तुझसे नजर मिलाने की. तुम भी तो टीवी देखने नहीं आए थे, तुझे क्या हुआ था?


इसी तरह की हमारा प्यार चलता रहा और सेक्स चालू हो गया.


दोस्तो, ये प्यार, हॉट सिस्टर खेत सेक्स 6 साल तक चला. इस बीच वह दो बार प्रेग्नेंट भी हो गई, पर मैंने टैबलेट लाकर उसे खिला दी.


उसके बाद उसकी शादी हो गई. उसकी शादी के बाद कई बार मैंने फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन उसने बात नहीं की.


कई बार हम मिले भी, लेकिन अकेले नहीं … और उसने मेरी तरफ देखा भी नहीं.


हमारे प्यार का पता उसकी मौसी और उसकी छोटी बहन को भी था तो मैंने कई बार उनके द्वारा बात करने की कोशिश की. लेकिन उसने आज तक मुझसे बात नहीं की.


मैं आज भी उसे उतना ही प्यार करता हूं और क्या पता मुझे कभी मिलेगी या नहीं. अब और मुझे कुछ लिखना नहीं हो रहा है. बस उसकी याद सता रही है. पता नहीं उसे मेरी याद आती भी होगी या नहीं!


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