गांड बची पर चूत फट गयी- 2

अंकिता सिंह 3

09-09-2024

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हॉट सिस सेक्स कहानी में मेरे भाई ने मुझे अपने यारों के साथ नंगी पकड़ लिया था. तो घर वालों से बचने के लिए मैंने अपने भाई को ही अपना जिस्म परोस दिया और भाई से चुद गयी.


यहाँ कहानी सुनें.


दोस्तो, मैं अंकिता आपको अपनी देसी भाई बहन सेक्स कहानी में एक बार पुनः मजा देने के लिए हाजिर हूँ.


कहानी के पहले भाग मेरी चूत लंड मांग रही थी में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे भैया ने मुझे प्रकाश के साथ चुदते हुए नंगी हालत में पकड़ लिया था और उन्होंने मुझे अलग ले जाकर चोद भी दिया था.


अब आगे हॉट सिस सेक्स कहानी:


तकरीबन एक घंटा के बाद वे दोनों मर्द आए. वे दोनों बहुत खुश दिख रहे थे.


मैंने पूछा- सपना कहां है? भैया के दोस्त ने मुझे कामुक नजरों से देखते हुए कहा- वह बाथरूम में है, अभी आ रही है!


तो भैया ने पूछा- उसे क्या हुआ? भैया के दोस्त ने कहा- होना क्या था, वह सही है. मुझे तो आज जन्नत मिल गयी यार … मज़ा आ गया.


मैं अपने भैया के दोस्त को कामभाव से देख रही थी. उसकी नजरों में भी मेरे लिए सेक्स दिख रहा था.


हालांकि अभी भैया यह बात सहन नहीं कर पाते कि उनकी सगी बहन को उनका दोस्त चोदे. इसलिए मैंने भैया के दोस्त की तरफ से अपनी नजरें हटा लीं.


फिर सपना आई. उसकी हालत ठीक नहीं दिख रही थी.


मैंने उसे अपने पास बिठाया और इशारे से पूछा कि क्या हुआ?


सपना ने धीमी आवाज में मुझे बताया- आज मेरी चूत और गांड एक साथ मारी गयी. उन दोनों ने दो दो बार भूखे शेरों की तरह मेरी चूत गांड बजाई.


प्रकाश भी मेरी तरफ वासना से देख रहा था शायद उसका लंड अभी भी गोली की मस्ती में खड़ा था.


उन दोनों को शायद मालूम नहीं पड़ा था कि हम दोनों भाई बहन ने भी सेक्स किया है.


भैया ने अपने दोस्त को बाहर तक छोड़ा और कहा- तुम यह सब यहीं पर भूल जाना और किसी को कुछ नहीं बताना! वह बोला- हां ठीक है किसी को नहीं बताऊंगा.


फिर भैया ने प्रकाश से कहा- प्रकाश तुम सपना को घर छोड़ देना, हम दोनों जा रहे हैं.


अब हम भाई बहन घर की ओर निकले तो भैया ने बोला- अब तुम बाहर नहीं जाना और दुबारा इनसे नहीं मिलना, नहीं तो मैं घर पर सब बता दूंगा. इस पर मैंने उन्हें हां बोल दिया.


मुझे मालूम था कि भैया मुझसे बड़े हैं और मुझे डराने के लिए ऐसा बोल रहे हैं. असलियत में तो मैं भी उनके लिए कह सकती थी कि भैया ने मुझे चोदा है.


फिर भैया बोले- आज रात को तैयार रहना … छत पर तुम्हारी लूँगा. मैं हंस दी.


भैया भी हंस कर बोले- असली मज़ा रात को आएगा. आज मैं तेरी चूत को फाड़ दूंगा … क्योंकि बहुत दिनों से मुझे चूत चोदने नहीं मिली.


मैंने भी हंस कर उनका लंड सहला दिया. अब हम दोनों घर आ गए.


घर में किसी को कुछ नहीं समझ आया कि क्या हुआ है. हम दोनों बिल्कुल सामान्य तरीके से रात को खाना खा पी कर फारिग हो गए.


भैया आज छत पर सोने के लिए आ गए. उन्होंने भाभी को बोल दिया था कि मैं छत पर सोने जा रहा हूँ.


मैंने भी बहाने से मम्मी को बोल दिया कि मैं भी आज भैया के साथ छत पर ही सोऊंगी!


हमारे घर की छत के आजू बाजू में किसी भी घर की छत इतनी ऊंची नहीं थी … उस वजह से खुली छत पर चुदाई का मजा बेफिक्री से लिया जा सकता था.


हम दोनों ने बिस्तर बिछाए और छत पर आने वाले जीने का दरवाजा बंद कर दिया.


भैया ने मुझसे कहा- तुम अब मेरे साथ लेट जाओ. मैं हंसकर तुरंत उनके पास में आकर लेट गई.


भैया ने ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत मुझे अपनी बांहों में ले लिया और मेरे गुलाबी होंठों को किस करने लगे.


मुझे अपनी बांहों में कस कर उन्होंने जकड़ लिया था. मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी.


कुछ देर बाद एक हाथ से वे मेरे बूब्स को मसलने लगे थे. जिस वजह से मैं गर्म होकर जोश में आकर सिसकारियां लेने लगी थी.


अब मैं खुद से उनको किस कर रही थी.


हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.


करीब दस मिनट के बाद भैया ने मेरी कमीज़ को उतार दिया और वे मुझे बिना ब्रा के देखने लगे.


मैं लजा गई और अपने हाथों से अपने दूध छिपाती हुई भैया से नजरें चुराने लगी.


भैया ने मेरी सलवार के नाड़े को भी ढीला कर दिया और उसे उतार दिया.


मैंने ब्रा पैंटी कुछ नहीं पहना था तो मैं अपने भैया के सामने पूरी नंगी हो गई थी.


वे बोले- तुम मेरे कपड़े उतारो. मैंने उनका पजामा और टी-शर्ट उतार दिया.


वे नंगे हो गए थे और अपना लंड सहलाने लगे थे. मैंने उनके लंड को देखा तो उन्हें किस करना शुरू कर दिया.


उन्होंने एक हाथ से अपनी चड्डी की तरफ इशारा किया तो मैंने उनकी चड्डी को उतार दिया.


अब भैया मेरी गर्म चूत पर अपना हाथ फेरने लगे. मैं मचल उठी और मैंने अपने हाथ को बढ़ा कर उनके लंड को पकड़ लिया.


भैया ने मुझे अपनी बांहों में खींच लिया और हम दोनों एक दूसरे को दोबारा किस करने लगे.


तब भैया मेरे बूब्स को मसलने लगे.


कुछ ही देर बाद मेरी सांसें तेज होने लगी थीं. मैं और भैया पूरे जोश में आ गए थे.


फिर भैया ने मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया जिस वजह से मैं चुदास से कसमसाने लगी.


भैया मेरे नर्म मुलायम पेट पर किस करने लगे और वे निरंतर मेरी चूत की तरफ सरकने लगे.


कुछ देर बाद मैं खुद से अपने भैया का सर पकड़कर अपनी प्यासी कामुक चूत की तरफ धकेलने लगी.


भाई समझ गए थे कि मैं अब उनसे अपनी चूत को चटवाना चाहती हूँ. वे भी धीरे धीरे अपना मुँह मेरी चूत के पास ले आए और मेरी चूत को चूमने लगे.


मैं तो समझो पागल हो गई थी और बिल्कुल बेसब्र होकर भैया का सर पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ रही थी.


भैया की कामुक आवाज़ें भी आने लगी थीं. वे चूत चाटते हुए गाली देने लगे थे- आह मेरी कुतिया बहनिया … साली रंडी … आज तेरी चूत का भोसड़ा बना कर छोड़ूँगा … तुझे नंगी करके सड़क पर चुदवा दूंगा आह बहन की लौड़ी मादरचोदी … आह्ह सीई ईईई मस्त चूत है तेरी उफ्फ!


साथ ही मैं भैया से अपनी चूत चटवाती हुई अपने होंठों पर अपनी जीभ घुमा रही थी. मेरे भैया ने अब अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया और चूत के दाने को सहलाने लगे.


इस वजह से मैं बिल्कुल मदहोश होकर अपनी आखें बंद करके अपने कूल्हों को ऊपर करने लगी थी. उन्होंने अब अपनी दो उंगलियों को चूत में डाल दिया था और हिलाने लगे.


भैया मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगे और उन्होंने देखा कि मेरी गांड अभी भी वर्जिन है, तो वे खुश हो गए.


उन्होंने कहा- इसकी सील तो मैं ही तोड़ूँगा! मैं कुछ नहीं बोली.


भैया ने मेरा सर पकड़ा और मेरे मुँह में लंड पेल दिया. उन्होंने मेरे मुँह को ही चूत समझ लिया था और मुँह में ही धक्के मारना शुरू कर दिया.


क्या लंड था भैया का … खूब मोटा और लम्बा! जब भी मेरे गले से टकराता, मेरी सांसें रुक सी जाती थीं.


कुछ देर यही हुआ, फिर वे लंड मेरे मुँह में डालकर तेजी से घिसने लगे. मैं औकक औकक आक करने लगी और लंड को चूसने लगी.


करीब दस मिनट के बाद मेरे मुँह में धमाका हुआ और मेरा मुँह उनके वीर्य से भर गया.


उन्होंने कहा- निगल जाओ! मैं अपने भैया का वीर्य निगल गयी.


उन्होंने नशीली आँखों से मुझे देखते हुए कहा- मेरे लंड को पूरा चाट कर साफ कर दो. मैंने वैसा ही किया.


थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझसे कहा- मेरे लंड को फिर से मुँह में लो और खड़ा करो. मैं अपने भाई के लंड को चूसने लगी.


थोड़ी देर में भैया का लंड वापस तन चुका था. मेरी चूत भी गीली थी और पानी जांघों तक आ रहा था.


भैया मुझ पर टूट पड़े. वे मेरे एक निप्पल को उंगलियों में लेकर सहलाने लगे और दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगे.


कुछ ही देर में मैं लंबी लंबी सांसें लेने लगी. उन्होंने मेरे मम्मों के क्लीवेज को चूमा और नीचे आने लगे.


गहरी गोल नाभि, सपाट पेट ऐसा … जैसे मय का प्याला रखने की टेबल हो. मेरी प्याली नुमा नाभि में भैया अपनी जीभ डालकर चाटने लगे और उन्होंने मेरी नाभि को चूमते हुए अपने होंठों में दबा लिया. भैया धीरे-धीरे मेरे पेट और चूचियों को सहलाने लगे और मैं आहें भरने लगी.


जैसे ही भैया ने अपना लंड मेरी चूत में पेला, उन्होंने मुझे एकदम से भींच लिया. हम दोनों की आह निकल गयी.


कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैं अपने भैया के लंड पर ऊपर नीचे होने लगी. मेरी चूचियां उनकी छाती से रगड़ खा रही थीं.


कुछ देर तक मैं भैया के लंड पर बैठी रही और अपनी कमर हिलाती रही. वह मेरे हिलते हुए कबूतर पकड़कर दबाने लगे.


तो मैं एकदम बेकाबू सी होने लगी- आ … ह… जा…न … दबाओ … निचोड़ दो इन्हें!


यह सुनकर मेरे भैया ने हॉट सिस सेक्स की स्पीड बढ़ा दी. अब उन्होंने मुझे कमर से पकड़ कर रोका और अपने ऊपर लेटा कर घूम गए


मेरे भैया का पूरा लंड चूत में अन्दर तक बिना किसी रुकावट के जाने लगा था. मैं भी बहुत खुश होकर अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर भैया से अपनी चुदाई करवा रही थी.


मैंने उससे कहा- आप अपने मुँह से कोई भी आवाज नहीं निकालना! किसी ने सुन लिया तो गड़बड़ हो जाएगी.


अब वे भी अपना मुँह बन्द करके मुझे धकापेल पेल रहे थे.


मैं भी अपने होंठों पर अपनी जीभ को घुमा घुमाकर अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी.


करीब 15 मिनट के बाद मैंने भैया को ज़ोर से अपनी बांहों में पकड़कर कस लिया और वह तुरंत समझ गए कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया है.


लेकिन वह अभी भी धक्के लगा रहे थे और उनका लंड हर एक धक्के से मेरी चूत के अन्दर बच्चेदानी तक जा रहा था.


फिर उन्होंने मेरी टांगें अपने कंधों पर फंसाईं और मेरे ऊपर उठक बैठक करने लगे.


मेरा बदन दोहरा हो गया और मैं कराहने लगी- आहह आऊ … धीरे-धीरे दर्द हो रहा है … आहह मर गई आइइइ आहह!


कोई 15 मिनट चोदने के बाद उन्होंने लंड बाहर खींचा और मेरे मम्मों के बीच में फंसाकर घिसने लगे. थोड़ी देर बाद मैंने मुँह खोल दिया और उन्होंने लंड मेरे मुँह में पेल दिया.


इसी तरह वे लगातार मुझे बीस मिनट तक चोदते रहे और उन्होंने अपना पानी मेरे बूब्स पर निकाल दिया.


मैंने भैया से कहा- इतनी अच्छी चुदाई मेरी कभी नहीं हुई! भैया ने कहा- अब जब तक मैं हूँ, तुझे किसी के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.


मेरे मन में तो आया कि आपके दोस्त का लंड भी एक बार चख लेती … पर मैं चुप रही.


रात को भैया ने मुझे एक बार और अच्छे से चोदा. फिर सुबह हुई तो मैं सामान्य रुटीन में अपना काम करने लगी.


दोस्तो, आपको यह हॉट सिस सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं. अगली बार मैं आपको सुनाऊंगी कि किस तरह से मेरी गांड फटी और भैया के दोस्त का लंड मेरी चूत में गया. [email protected]


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