पहली बार में ही सगे भाई से चुदी

अश्विनी लोखंडे

26-10-2023

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भाई ने चोदा सगी बहन को अपने ही घर में! एक लड़के ने बहन को प्रोपोज किया तो भाई ने बहना को मना कर दिया. लेकिन रात में सोती हुई बहन को छूने लगा.


मेरा नाम अश्विनी है, मेरी उम्र अभी 22 साल की है. मैं सोलापुर के एक छोटे से गांव में रहती हूँ.


हमारे घर में 4 लोग हैं. मैं, मेरे पापा मम्मी और बड़ा भाई.


मेरे पापा खेतों में काम करते हैं. मेरी माँ एक छोटी सी सरकारी नौकरी करती हैं. वे आंगनवाड़ी में हैं और छोटे बच्चों को खाना बनाकर खिलाती हैं.


मैं फिलहाल एमबीए कर रही हूं, जो बारामती में कॉलेज है, उससे कर रही हूँ.


ये कहानी मेरी और मेरे बड़े भाई की है जिसमें मेरे भाई ने चोदा मुझे … अपनी सगी बहन को!


दोस्तो, ये कोई काल्पनिक घटना नहीं है. मेरे साथ जो हुआ था, मैं वही बताने जा रही हूं. उम्मीद है आपको मेरी सच्ची कहानी पसंद आएगी.


मेरी हाईट 5 फुट 3 इंच है. मेरे बूब्स 32D, कमर 30 की है और मेरी गांड 34 इंच की है. मैं जब बाहर जाती हूं तो अच्छे अच्छों का पानी निकाल देती हूँ.


जब मैं कॉलेज के फर्स्ट ईयर में थी, तब मैं एक लड़के को पसंद करने लगी थी और वह भी मुझे बहुत पसंद करता था.


मैं और मेरा भाई पहले से ही दोस्त की तरह रहते आए थे, तो मैंने अपने भाई को बता दिया था कि मुझे एक लड़के ने प्रपोज किया है. मुझे क्या करना चाहिए?


तो भाई ने कहा- उससे ना बोल दे, उसे मना कर दे. भाई बहुत गुस्सा भी हुआ था.


जब भाई ने मना किया तो मेरा तो मानो दिल टूट चुका था क्योंकि मैं उस लड़के को काफी पसंद करने लगी थी.


जब भाई का गुस्सा कुछ ठंडा हुआ तो मैंने भाई से पूछा- तुम मना करने के लिए क्यों बोल रहे हो? तो भाई बताने लगा- तुझे पता नहीं है क्या कि लड़के किसी लड़की को अपनी जीएफ बनाने के बाद उसके साथ क्या क्या करते हैं?


मुझे ये सब पता नहीं था, तो उसने मुझे चुदाई के बारे में बताया कि लौंडिया सैट करने के बाद अधिकतर लड़के चोद-चाद कर छोड़ देते हैं.


भाई के मुँह से मुझे ये सब सुनने में बहुत गंदा लगा.


जब मेरे भाई ने सब कुछ साफ साफ बताया तो मैंने भाई से बोला कि ओके मैं ये सब नहीं करूंगी.


एक दिन घर पर कोई भी नहीं था. मम्मी पापा 4 दिन के लिए किसी रिश्तेदार के यहाँ शादी में गए हुए थे. घर पर सिर्फ भाई और मैं ही थे.


मैं तो मम्मी पापा के साथ कॉलेज की वजह से नहीं जा पायी. और भाई की आदत है कि वह ज्यादातर घर से बाहर नहीं निकलना पसंद ही नहीं करता है. बस घर पर रह कर अपनी पढ़ाई करता है या अपने किसी दोस्त के साथ बैठ कर बातें करने में लग जाता है.


साथ ही उसे मम्मी पापा के साथ जाना पसंद नहीं है.


उस दिन मैं सारे दिन कॉलेज में थी और भाई की बातों को ही सोच रही थी. उसने बताया था कि लड़का लड़की प्यार में क्या क्या करते हैं.


मैंने वह सब अपनी एक पक्की सहेली को बताया तो वह बोली- हां, ये सच है. अब मुझे उसके मुँह से भी सुनने में झटका सा लगा.


उसका ब्वॉयफ्रेंड भी था तो उससे ही पूछा- क्या तू भी वह सब करती है? उसने कुछ नहीं कहा और मेरे पास से उठ कर चली गई.


उस दिन कॉलेज में पूरे दिन दिमाग में यही सब चलता रहा.


फिर जब घर आयी तो नहाने चली गयी.


उस दिन पहली बार मैंने अपनी चूत में उंगली की. तो मुझे बहुत मजा आया.


नहाने के बाद कपड़े बदले, फिर खाना बनाया.


तब तक घर पर भाई भी नहीं था; वह अपने दोस्तों के साथ कहीं गया था.


जब वह घर आया तो उसने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ था. फिर हम दोनों ने खाना खाया और इधर उधर की बातें करने लगे.


उस वक्त मैंने भाई से पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? भाई बोला- नहीं है.


मैंने पूछा- क्यों नहीं है? उसने कहा- मुझे कोई तुम्हारी जैसी मिली नहीं!


उसके मुँह से ये सुन कर मुझे कुछ अजीब सा लगा. मैंने भाई से पूछा- मुझमें ऐसा क्या है … जो तुम्हें कोई और पसंद नहीं आया? तब भाई बोला- तुझे पाने वाला बहुत खुशकिस्मत वाला होगा.


भाई मेरी बहुत तारीफ कर रहा था, ये सुन कर मुझे अच्छा लग रहा था.


हमारा घर दो रूम वाला है, जिसमें एक में किचन है और एक में हम सब सोते हैं. उसमें एक बेड है … उस पर मम्मी पापा सोते हैं और नीचे मैं और भाई सोते हैं.


अब मम्मी पापा नहीं थे तो बेड पर सोने के लिए मेरी और भाई की मीठी वाली बहस हो रही थी. भाई बोला- हम दोनों ही साथ में बेड पर सोते हैं.


यह बोल कर भाई ने बहस खत्म की और मुझे भी ये बात ठीक लगी. मेरी सहेली प्रणाली ने सेक्स के बारे में बताया था, वही दिमाग में चल रहा था.


फिर मैं सोने लगी.


रात को मुझको अपने पेट पर कुछ हलचल का अहसास हुआ. तो मैंने थोड़ी सी आंख खोल कर देखा, तो भाई मेरे पेट हाथ फेर रहा था.


मुझे अच्छा लग रहा था तो मैंने भाई को रोका नहीं. मैं सोने का नाटक करती हुई पड़ी रही.


जब मेरी ओर से कोई हलचल नहीं देखी तो भाई ने मेरी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर किया और मेरी नाभि को चाटने लगा.


मेरी तो उस समय हालत बहुत खराब होने लगी थी.


फिर उसने मेरी टी-शर्ट को गले तक लाकर छोड़ दिया और मेरी गुलाबी कलर की ब्रा के ऊपर हाथ रख दिया.


वह हल्के हाथ से मेरे दूध दबाने लगा. मुझे बेहद लज्जत मिल रही थी और ऐसा लग रहा था कि ये मुट्ठी में भर कर मेरे दूध मसल दे.


मगर मैं इस बात से डर रही थी कि कहीं कुछ गलत न हो जाए. कुछ समय तक नाभि चाटने के बाद वह मेरे बूब्स को दबाने लगा. अब मुझे अच्छा लग रहा था.


तभी भाई ने मेरी तरफ देखा, तो उसे मेरे चेहरे पर थोड़ी मुस्कान सी दिखी.


वह समझ गया कि मैं जाग रही हूँ और सोने का नाटक कर रही हूँ. पर मेरी आंखें बंद थीं.


अचानक से उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करना चालू कर दिया.


मुझे ये कुछ अजीब सा लगा और मैंने अपने भाई को धक्का दे दिया.


मैं भाई से बोली- हम दोनों भाई बहन हैं और ये सब गलत है. भाई बोला- जब मैं बूब्स दबा रहा था, तब क्यों नहीं रोका? अब तुझे भाई बहन का रिश्ता दिख रहा है?


मैंने भाई से कहा- गलत है, भाई मत करो. वह बहुत मिन्नतें करने लगा- सिर्फ एक बार, फिर कभी नहीं करेंगे.


मैंने मन में सोचा कि मजा तो मुझे भी आ रहा था क्या फर्क पड़ता है कि लौड़ा किसी का भी हो.


तब भी मैंने कड़क भाव से कहा- अच्छा सिर्फ एक बार … और सिर्फ ऊपर से. मैं कपड़े नहीं निकालूंगी. मेरा भाई मान गया.


भाई ने किस करना चालू किया. उसने पूरी जीभ मेरे मुँह में ठेल दी और अन्दर घुमाने लगा.


मुझे काफी अच्छा लग रहा था. मैं भी किस करने में उसका साथ देने लगी.


उसने मुझे कुछ मिनट किस किया और नीचे आकर मेरे गले को चाटने लगा. अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.


मेरी सांसें तेज होती जा रही थीं. मैं भी पूरे मन से उसका साथ देने लगी थी.


अब मुझे लग रहा था कि ये मुझे पूरी नंगी करके चोद दे.


मुझे बीच बीच में महसूस हो रहा था कि उसका लंड कड़क हो रहा है और वह मेरी दोनों जाँघों के बीच में चुभने लगा था. मैं उसे रोकना चाह रही थी, पर रोक नहीं पा रही थीं … मुझे भी अच्छा लग रहा था.


उसने तभी एक झटके से मेरी टी-शर्ट को निकाल दिया. अब मैं सिर्फ ब्रा में थी. वह कभी किस कर रहा था तो कभी ब्रा के ऊपर से मेरे एक दूध को मुँह में ले रहा था, तो कभी पेट या नाभि चाटने में लग जा रहा था.


फिर उसने मेरी शॉर्ट्स नीचे कर दी. मैं अब सिर्फ गुलाबी रंग की ब्रा और नीले रंग की पैंटी में रह गई थी. मुझे बहुत शर्म आ रही थी.


अब भाई ने भी खुद के कपड़े निकाल दिए और चड्डी में मेरे ऊपर आ गया.


वह मुझे किस करने लगा. उसने मेरी ब्रा को भी निकाल दिया और बूब्स को मुँह में लेने लगा.


मैं तो मानो सातवें आसमान पर पहुंच गई थी. वह इतने प्यार से मेरे बूब्स पी रहा था कि मैं कुछ कह ही न पाई कि ये मत करो.


फिर उसने मेरी पैंटी में हाथ डाल दिया और ज़ोर से मेरी चूत में उंगली डाल दी. मेरे मुँह से एक तेज आहह हह निकल गयी.


फिर उसने पैंटी भी निकाल दी और चूत के बालों को बीच से हटा कर छेद देखने लगा.


उसने कहा- मैंने गुलाबी रंग की ऐसी चूत कभी नहीं देखी. उस समय मुझे बहुत शर्म आ रही थी.


भाई ने अपनी चड्डी भी निकाल दी. मैंने भाई का लंड देखा … तो बहुत डर लगा क्योंकि उसका लंड काफी बड़ा लग रहा था.


मैंने अपने जीव में पहली बार किसी लड़के का लंड देखा था.


मैं भाई से बोली- इतना बड़ा लिंग? तो भाई बोला- लिंग नहीं, इसे लंड कहते हैं. मुझे लंड बोलने में शर्म आ रही थी.


भाई बोला- लंड मुँह में लेकर देख … और अच्छा लगेगा. मैंने तो सीधे से ना बोल दिया.


उसने न जाने कितना जोर दिया कि मुँह में लेकर देखो. फिर भी मैंने अपने मुँह में लंड नहीं लिया, उसे साफ मना कर दिया.


उसने भी कुछ नहीं कहा और मुझे किस करते हुए चूत में उंगली करने लगा.


फिर वह मेरी चूत को अपने मुँह से चाटने लगा. भाई ने चूत चाट कर मुझे जन्नत का नजारा दिखा दिया.


मैं आखें बंद करके आहह हह आहहह कर रही थी. भाई ने मेरी चूत के अन्दर इतनी ज्यादा आग लगा दी थी कि क्या कहूँ. मैं पहली बार अपनी चूत चटवा रही थी. मुँह से सिर्फ आहह आहह निकल रही थी.


वह अपनी जीभ को जोर जोर से अन्दर तक डालने की कोशिश कर रहा था.


फिर पानी निकलने लगा और भाई मेरी चूत के पानी को पी गया. उसने फिर से मेरे होंठों को किस किया तो उसके मुँह से मेरे मुँह में कुछ नमकीन जैसा आ गया.


मुझे अच्छा नहीं लगा. मैंने उससे पूछा- ऐसा क्यों लग रहा नमकीन सा?


उसने बोला- तेरी चूत का पानी है. मैं कुछ नहीं बोली.


भाई ने कहा- एक तकिया दे. मैंने उसे दे दिया.


उसने मेरी कमर के नीचे तकिया लगाया और बोला- थोड़ा दर्द होगा, सहन कर लेना. मैं भी बोली- हां ठीक है.


उसने मेरे पैरों को फैला दिया और लंड डालने के लिए सैट कर दिया.


पहले उसने मुझे एक किस किया, फिर चूत में लंड सैट किया और अन्दर डालने लगा.


पहली बार तो उसका लौड़ा मेरी चूत से फिसल गया क्योंकि मुझे दर्द हुआ. मैं थोड़ा पीछे को हटी.


भाई ने फिर से लंड सैट किया और थोड़ा जोर से धक्का लगा दिया. इस बार उसका लंड थोड़ा सा अन्दर घुस गया.


आह भयंकर दर्द हुआ … मैं तो मानो मर ही गयी थी. मेरी सांसें अटक गयी थीं.


काफी दर्द हो रहा था, मेरी आंखों से आंसू आने लगे. मैंने भाई से कहा- मुझे कुछ नहीं करना आह मुझे छोड़ दो.


पर अब वह कहां कुछ सुनने वाला था. उसने मुझे किस करना चालू किया, बूब्स दबाने लगा.


मुझे थोड़ा अच्छा लगा.


उसने एक और धक्का दे दिया तो ऐसा लगा मानो मेरे अन्दर एक गर्म किया हुआ लोहे का रॉड अन्दर घुसेड़ दिया गया हो.


वह भी अभी आधा ही गया था. फिर उसने किस करते वक्त पूरा लंड अन्दर डाल दिया. मुझे बहुत दर्द हो रहा था.


यह देख कर भाई रूक गया. वह कभी किस करने लगता तो कभी बूब्स दबा रहा था.


मैं उससे छूटने की कोशिश कर रही थी. पर मेरी सब कोशिशें नाकाम थीं.


भाई बोला- अश्विनी अब दर्द नहीं होगा. पर उसे क्या पता कि मुझे कितना दर्द हो रहा था. उसका लंड मेरे बच्चेदानी को टच हो रहा था.


मेरे मुँह से आहहह आहहह निकल रही थी. पर एक बात थी कुछ देर बाद मुझे बहुत मीठा सा मजा आने लगा था.


उसने स्पीड बढ़ा दी तो मैं बोली- भाई, थोड़ा धीरे धीरे करो.


भाई बहुत तेज स्पीड से अपने लंड को मेरी चूत में अन्दर बाहर कर रहा था. मैं आहह आहह आह कर रही थी.


उसे चोदते हुए दस मिनट हो चुके थे. भाई ने चोदा तो मेरा पानी छूटने लगा.


फिर भी भाई का काम नहीं हुआ था. वह तेजी से लौड़े को आगे पीछे कर रहा था.


मैं वैसे ही निढाल पड़ी उसके लंड को अपने चूत में चलता हुआ महसूस कर रही थी. कुछ समय बाद मैं वापस गर्म हो गई.


अब मेरी मदमस्त आवाजों से भाई और कामुक हो गया. सगी बहन की चूत में उसके लंड के झटके और तेज होने लगे थे.


मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर उसका साथ देने लगी.


भाई ने पूछा- कैसा लग रहा है? मैंने कहा- बहुत मजा आ रहा है! आह चोदो अपनी बहन को … आहहह बन जाओ बहन चोद.


तभी भाई बोला- हां बहन चोद तो बन ही गया हूँ मेरी बहना. अभी तो शुरूआत हुई है. देखती जा, कैसे मैं तेरी चूत का भोसड़ा बनाने वाला हूँ.


यह सुन कर मेरे अन्दर और जोश आ गया और मैं और तेज आहहह ओहहह करने लगी थी.


अब उसका पानी निकलने वाला था तो वह बोला- जल्दी बोल अश्विनी, कहां निकाल दूँ पानी? मैं बोली- भाई, आज पहली बार चूत चुदी है … तो अन्दर ही छोड़ दो.


उसने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ाई और मेरे अन्दर रस छोड़ने लगा. मेरी चूत में कुछ लावा जैसे गर्म गर्म अन्दर आया, ऐसा महसूस हुआ.


वह कटी हुई डाल सा मेरे ऊपर गिर गया और सो गया. मैंने भी उसे बांहों में कस लिया.


थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही लिपटे पड़े रहे और अपनी सांसों को काबू करते रहे.


फिर भाई ने मेरी चूत से लंड निकाला और बगल में होकर मुझसे चिपक कर लेट गया.


हम दोनों प्यार भरी बातें करने लगे.


मैंने उससे पूछा- तुम तो चुदाई के लिए बड़ा खराब खराब कह रहे थे. इसमें तो बड़ा मजा आया है! वह हंस कर बोला- हां, मगर तेरी पहली चुदाई मैं करना चाहता था.


हम दोनों हंसने लगे.


उसके बाद मेरे भाई ने मुझे एक बार और चोदा उसके बाद हम दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए.


सुबह मुझसे उठा भी नहीं जा रहा था, तो मैंने भाई से बोला.


उसने मुझे गोदी में उठाया और बाथरूम में लेकर गया.


बाद में भाई बाहर से नाश्ता और कुछ दवाएं लाया और उसने मेरी चूत की तेल से मालिश की. भाई मेरी चूत सहलाता हुआ बोला- इससे आराम मिलेगा.


पहली बार की चुदाई में मेरी तो पूरी चूत सूज चुकी थी.


अब अगली कहानी में मैं बताऊंगी कि भाई ने कैसे मेरी गांड मारी और मुझसे अपना लंड चटवाया. मैं अपने भाई की कैसे रंडी बन गई.


आशा करती हूँ कि आपको यह कहानी जिसमें भाई ने चोदा सगी बहन को … पसंद आयी होगी. आप मुझे ईमेल से जरूर बताएं. [email protected]


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