भाभी की चूत 12 साल बाद भी कुंवारी

सनी साइलेंट

15-07-2024

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Xxx देसी भाभी स्टोरी में मेरे कर्मचारी की बीवी को बच्चा नहीं हो रहा था. वे मुझसे बड़ी थी तो मैं उन्हें भाभी कहता था. उन्होंने मुझे बच्चे के लिए सेक्स के लिए कहा.


दोस्तो, मेरा नाम सनी है. मेरा कद सवा पांच फुट का ही है लेकिन हथियार पूरे 6 इंच का भरा पूरा है.


यह Xxx देसी भाभी स्टोरी मेरी और मेरी दुकान पर काम करने वाले एक भैया की पत्नी की है. तब मैं 22 साल का था और जिस भाभी के साथ मस्ती की थी, वे तब 30 साल की थीं. भाभी का नाम दीपा (बदला हुआ नाम) था.


मेरी दुकान पर काम करते हुए भैया को लगभग 35 साल से ज्यादा हो गए थे. उनकी उम्र उस वक्त 43 साल की थी. मतलब जब वे छोटी उम्र के थे, तभी से हमारे यहां काम करते आ रहे थे.


उस वक्त बाल श्रम अपराध नहीं था इसीलिए वे हमारे यहां काम कर रहे थे.


भैया की शादी को 12 साल हो गए थे और उनको अब तक कोई बच्चा नहीं हो पाया था. उन्होंने अपना इलाज हर जगह करवाया पर हर जगह से निराशा हाथ लगी.


भाभी की छोटी बहन की भी शादी भैया के छोटे चचेरे भाई से हुई थी. तब भाभी और उनकी बहन, दोनों ने शायद कसम ली थी कि पहले बच्चा बड़ी वाली करेंगी, तब जाकर छोटी बहन बच्चा पैदा करेगी.


उधर बच्चे को लेकर दोनों घरों में झगड़े होने चालू हो गए. बाद में भाभी की छोटी बहन की सास ने समझा बुझा कर उसे बच्चे के लिए मना लिया.


उसके बाद भाभी की छोटी बहन आज एक बच्चे की मां भी बन गई. उसके माँ बन जाने के बाद से दीपा भाभी अपसेट रहने लगीं और वह डिप्रेशन में जाने लगीं.


लोहड़ी के दिन मैं उनके घर की तरफ पूजा में गया था. तब दीपा भाभी ने सारी बातें मुझसे साझा कीं.


बाद में जाते वक्त उन्होंने मुझे वैष्णोदेवी का और लोहड़ी का प्रसाद दोनों दिए और साथ में यह भी बता दिया कि न्यू ईयर पर वे लोग वैष्णोदेवी घूमने गए थे.


भाभी को मैंने प्रसाद के लिए थैंक्स बोला और दिलासा देते हुए उन्हें अपना नंबर दे दिया. मैंने कहा- कोई भी बात हो, आप मुझसे शेयर कर सकती हो. अब भाभी मुझसे रोजाना बात करने लगीं.


फिर 14 फरवरी को उन्होंने विश किया. उस दिन वेलेंटाइन डे होता है और वे उस दिन मुझे विश कर रही थीं. इसका मतलब शायद यही था कि वे मुझसे प्यार करने लगी थीं.


मैंने भी कुछ इस तरह से बात की कि उन्हें अच्छा लगा और वे मुझसे और भी ज्यादा खुलने लगीं. तब मैंने भी उनकी प्यार की नदिया की धारा को अपनी तरफ बहने दिया.


अब वे मुझसे कुछ ज्यादा ही अंतरंग हो चुकी थीं. इसी के साथ वे अपने डिप्रेशन से भी बाहर आ गई थीं और मन ही मन मुझसे प्यार करने लगी थीं.


अपने डिप्रेशन वाली बात को लेकर उन्होंने यह सब मुझे बाद में खुद बताया था.


एक दिन मुझे छुट्टी वाले दिन बाजार जाना था. उस रात को काम खत्म करके भइया गाड़ी अपने घर ले गए जो मेरे घर से कुछ ही मिनट की दूरी पर था.


मुझे चाबी लेने उनके घर जाना पड़ा.


उस दिन जब मैं उनके घर पर गाड़ी की चाबी लेने गया तो मालूम चला कि भइया छुट्टी की वजह से अपनी मम्मी के साथ किसी काम से बाहर गए हुए थे. घर में उस वक्त अकेली भाभी ही थीं.


मुझे मजबूरी में उनके घर जाना पड़ा था. मैंने उनके घर पर जाकर कुंडी खटखटाई तो भाभी बाहर आ गईं.


मुझे देखते ही वे बोलीं- आज मेरी याद आ ही गई! मैं बोला- भाभी, मुझे गाड़ी की चाबी चाहिए.


वे मुझे वहां बैठने की कह कर अन्दर चली गईं. मैं उनके घर को देख रहा था.


इतने में बाहर आकर बोलीं- मुझे चाबी नहीं मिल रही! मैं- एक बार अच्छे से भैया के सामान में चैक करो.


भाभी- एक काम करो, भैया को कॉल करके तुम खुद पूछ लो, मुझे नहाने जाना है. मैं- ठीक है.


मैंने भैया को कॉल किया. तब भैया ने कहा कि चाबी उनके पास ही गलती से आ गई है.


जब मैंने उनसे पूछा कि आप कितनी देर में आएंगे? तब उन्होंने बताया कि वे रात को 11 बजे से पहले नहीं आ सकते.


मैं अब बाजार नहीं जा सकता था और वहीं भाभी नहाने चली गई थीं.


मैंने आवाज देकर पूछा- भाभी आपको कितनी देर लगेगी? भाभी- क्यों तुम्हारी बात नहीं हुई क्या भैया से? मैं- बात तो हो गई और उनको टाइम लगेगा आने में … उन्हें रात के 11 बजेंगे. भाभी- हां वह तो मुझे पता है. आप चाबी की बताओ कि क्या कहा! आपको मिली या नहीं? मैं- नहीं.


भाभी- तो आप एक काम करो … अपनी चाबी चैक करो अपने लॉक के लिए! मैं- मतलब?


भाभी- दो मिनट रुको, मैं अभी आकर सब मतलब बता देती हूं.


मैं इतना तो समझ गया था कि भाभी डबल मीनिंग भाषा बोल रही हैं.


इतने में भाभी बाहर आ गईं. वे तौलिया लपेट कर बाहर आ गई थीं.


भाभी- मेरे साथ आओ. वे मुझे अपने कमरे में पकड़ कर ले गईं.


दोस्तो, अब वक्त आ गया है कि मैं आपको उनका साइज बता दूं.


दीपा भाभी की फिगर 34-28-36 का है. उस वक्त वे तौलिया में बड़ी कयामत लग रही थीं.


मैं तो उन्हें सिर्फ तौलिया में एकदम नंगी सी हालत में देखते ही पागल हो गया था.


उस दिन मेरे मन में पहली बार उनके लिए गलत विचार आने लगे थे. मन कर रहा था कि भाभी को वहीं दबोच कर चोद दूँ.


भाभी मुझे घूर कर देखने लगीं और बोलीं- क्या हुआ अब बताओ? मैं- भाभी, भैया ने पूरा काम बिगाड़ दिया.


भाभी- मैं बना दूँ? मैं- भाभी क्या कहना चाहती हो, ढंग से कहो!


भाभी- मुझे तुम चाहिए हो. मैं- भाभी आप कैसी बात कर रही हो? मैंने उनसे ऐसे ही कहा था.


भाभी तौलिया में खड़ी खड़ी ही रोने लगीं और कहने लगीं- सब मर्द एक जैसे होते हैं … औरतों की फीलिंग नहीं समझते हैं.


वे रोती हुई मुझे हल्के हल्के से घूंसे भी मारने लगी थीं.


मैं- भाभी आई एम सॉरी, मुझे आप पर चिल्लाना नहीं चाहिए था.


इस दौरान उनके कोमल कोमल हाथ मेरे हाथों में आ गए थे और मेरे ऊपर उस वक्त चुदाई का पूरा नशा चढ़ गया था.


सामने मस्त भाभी खुद से चुदने का ऑफर दे रही थीं और मैं उन्हें शराफत का पाठ पढ़ा रहा था.


भाभी का मन देख कर अब मुझे एक शरारत सूझी. मैंने जानबूझ कर उनके हाथ पीछे करने की कोशिश में उनका तौलिया निकाल दिया. अब वे मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ आ गई थीं.


वे शर्माने की एक्टिंग करने लगीं. मैं वहां से जाने लगा तो भाभी ने मुझे रोकते हुए कहा- सनी, मुझे तुम्हारी मदद चाहिए.


भाभी ने मेरे हाथ अपने हाथों में लिए और अपने मम्मों पर रख दिए. मुझसे भी सब्र नहीं हुआ और मैंने उनके आमों को दबा दिया.


भाभी की आह निकल गई और भाभी ने मुझे सीधा धक्का दे दिया. मैं झटके से बेड पर जा गिरा.


भाभी ने मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिए और मुझे बताने लगीं- आपके भैया मैं बिल्कुल भी जान नहीं है. उनका खड़ा ही नहीं होता है. बहुत कोशिशों के बाद यदि कुछ हुआ भी, तो उतनी देर में तो एक घंटा लग जाता है. उसके बाद सिर्फ दो मिनट की फुच्छ फुच्छ में पानी निकल जाता है.


मैं उनके मुँह से यह सब एकदम खुला सुनकर काफी चुदास से भर गया था.


भाभी ने मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए कहा- तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो. जब से मैं शादी करके आई हूं, तब से मैंने तुमको बड़े होते हुए देखा है और आज तुम इतने बड़े हो गए हो कि मैं तुम पर अपना हक जताना चाहती हूँ.


मैं- भाभी, क्या ये सब ठीक है? हालांकि मन में चाहता तो मैं भी यही था … पर अभी कुछ ड्रामा चोदना जरूरी लग रहा था.


भाभी रोती हुई मेरे ऊपर से उतर गईं और कहने लगीं- मैं क्या करूं सनी, तुम्हारे भैया से मुझे सुख नहीं मिलता और मेरी सास, सास कम जेलर ज्यादा हैं. वे मुझे कहीं जाने भी नहीं देती हैं. मैं किसके पास जाऊं, शायद कुदरत को भी यही मंजूर है कि आज तुम यहां आए हो. तुम अगर नहीं चाहते कि मैं मां बनूं, तो तुम जा सकते हो.


मैं- भाभी उठो, मैं आपको वह सब कुछ दूंगा … जो भैया आपको नहीं दे पाए.


मैंने भाभी को उठाया और भाभी ने मुझे गले से लगा लिया. फिर मुझे धक्का देते हुए वे किस करने लगीं. मैं भी उन्हें किस कर रहा था.


हमारी किस 5 मिनट तक चली. फिर उसी बीच मैंने पीछे से अपना हाथ उनकी पैंटी में डाल दिया.


ठंड के मौसम के कारण मेरे हाथ ठंडे थे. गर्म चूतड़ों पर ठंडे हाथ लगने से भाभी एकदम से होश में आ गईं और अपनी ब्रा उतारने लगीं.


मैंने उन्हें रोका और कहा- आप कुछ मत करो. वे मुस्कुरा दीं और मैंने उनकी ब्रा उतारी.


आह क्या दूध थे … एकदम फक्क सफेद और उन पर ब्राउन कलर के निप्पल. मैंने झट से अपना मुँह निप्पल पर लगा दिया और चूसने लगा.


भाभी आह आह करने लगीं और मेरे सर पर हाथ रख कर मुझे अपने मम्मों में दबाने लगीं.


मेरा मन तो उनके मम्मों को छोड़ने का हो ही नहीं रहा था.


कुछ देर बाद भाभी ने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मुझसे अलग होकर 69 में आ गईं.


मैं भी उनकी चूत में मुँह घुसेड़ कर चूसने लगा और भाभी मेरे हथियार को चूसने लगीं.


अगले दो ही मिनट में भाभी ने पानी छोड़ दिया, मैं उनकी मलाई को पी गया.


भाभी एक बार को निढाल हो गईं, झड़ने के बाद वह बेहोश सी हो गई … उन्हें तो जैसे शराब का नशा सा चढ़ गया था.


वे मेरे लंड से मुँह हटा कर लेट गई थीं. पर अभी मेरा नहीं हुआ था तो मैंने उठकर चित कर दिया और उनके मुँह को ही चोदना चालू कर दिया.


भाभी की पैंटी अभी भी उनकी टांगों में फंसी थी. मैंने पैंटी उतारी.


क्या तो मस्त गुलाबी चूत थी, उस पर छोटे छोटे सुनहरे बाल उगे हुए थे.


भाभी सोती हुई बहुत प्यारी लग रही थीं.


मैंने उनकी नग्न अवस्था में 2-3 फोटो ले लीं और फोन का कैमरा ऑन करके रख दिया जिससे सब रिकॉर्ड हो जाए.


यह मेरी पहली चुदाई थी और मैं इसे यादगार बनाना चाहता था.


मैंने अपना लंड भाभी की चूतत पर रख कर ठेल दिया. पर पहली बार में लंड फिसल गया.


मैंने दुबारा से छेद पर लंड लगाया और धक्का दिया.


अभी मेरे लंड का सुपारा अन्दर गया ही था कि भाभी जो मदहोश थीं, वे एकदम से चिल्ला दीं.


मैंने तुरंत अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और उन्हें चुप होने के लिए कहा.


भाभी कहने लगीं- सनी, प्लीज थोड़ा आराम से … इनका पतला और छोटा है. मैंने कभी इतना मोटा और बड़ा लंड नहीं लिया है. मैंने भी भाभी की बात समझते हुए धक्का दे दिया.


इस बार मेरा लंड दो इंच और अन्दर गया होगा कि भाभी रोने लगीं. भाभी- सनी प्लीज … बाहर निकाल लो, मैं मर जाऊंगी.


मुझे लंड पर कुछ गीला गीला सा लगा. मैंने हाथ लगा कर देखा तो वह भाभी की चूत से खून निकल आया था.


मैं समझ गया कि भाभी आज भी कुंवारी हैं. भाभी की आज तक असली चुदाई हुई ही नहीं.


तीस साल की उम्र में भी उनकी कुंवारी चूत थी यह देख कर मैं हैरान था. जबकि उनकी शादी को 12 साल हो गए थे.


भाभी गिड़गिड़ाने लगीं, रहम की भीख माँगने लगी कि निकाल ले.


मैं दो मिनट तक उसी पोजीशन में पड़ा रहा और उन्हें चूमता सहलाता रहा.


जब भाभी शांत हुईं तो मैंने एक और धक्का दिया जिसकी वजह से भाभी ने मेरे होंठों पर जोर से काट लिया. मेरे होंठों से खून निकलने लगा.


भाभी- सनी रुक जा … मैं और नहीं झेल सकती. मैं- भाभी आपको थोड़ी देर और दर्द होगा, फिर अच्छा लगने लगेगा. भाभी- तू पहले बाहर निकाल ले, मैं नहीं झेल सकती.


मैंने एक मिनट रुक कर फिर से धक्का लगाना चालू किया. भाभी रोती हुई गिड़गिड़ा रही थीं कि रहने दो. पर मुझे मजा आ रहा था.


पाँच मिनट बाद भाभी भी मेरा साथ देने लगी थीं. कुछ 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया.


इस बीच भाभी दो बार झड़ गई थीं.


चुदाई के बाद हम दोनों की आंख लग गई.


जब आंख खुली तो 4 बज गए थे. शाम हो गई थी.


मैंने देखा कि बेड पर बहुत सारा खून है, तो मैं बेडशीट हटाने लगा.


भाभी भी चादर खिंचने से हिलीं और उन्हें दर्द हुआ तो वे भी उठ गईं.


उन्हें बहुत दर्द हो रहा था और उठा नहीं जा रहा था. मैंने उनके लिए पानी गर्म किया और उनकी दवा वाली दराज से पेनकिलर ढूंढ के ले आया.


फिर मैंने ही भाभी को गर्म पानी से साफ किया और उनकी चूत की सिकाई की. भाभी की चूत सूज गई थी और उनसे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था.


मैंने भाभी को गोद में उठाया और वापस बिस्तर पर ले गया.


ठंड की वजह से रजाई में भी भाभी को ठंड लग रही थी और साथ में दर्द भी हो रहा था.


मैंने उनकी चूत पर बोरोलीन लगाई और उनके साथ चिपक कर लेट गया.


भाभी की तबियत खराब ना हो इसलिए मैं उन्हें अपने शरीर से गर्मी दे रहा था.


अब मुझे भूख लग रही थी तो मैंने बाहर से खाना ऑर्डर कर दिया.


बाद में मैंने भाभी को खाना खिलाया और साथ में आराम किया.


फिर 7 बजे मैं जब जाने लगा तो भाभी ने रोक लिया. वे चल नहीं पा रही थीं तो उन्होंने मुझसे रुकने के लिए कहा.


मैंने भी सोचा कि भैया के आने से पहले चला जाऊंगा और रुक गया.


अब भाभी मेरी गोद में सो रही थीं, मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से बूब्स दबाना चालू कर दिए. उन्हें भी मजा आने लगा.


कुछ ही देर में भाभी पुनः गर्म हो गई थीं तो उन्होंने एक राउंड और करने को कहा.


मैंने मना कर दिया क्योंकि उनकी चूत से बहुत खून निकल चुका था.


जैसे तैसे मैंने भाभी को रोका, फिर भी एक राउंड ओरल सेक्स का हो गया.


भाभी की चूत में काफी सूजन आ गई थी तो मैंने उनकी अलमारी से पैड निकाल कर उन्हें दिया.


रात 10 बजे तक भाभी काफी ठीक हो चुकी थीं अब मैं वहां से निकल गया. भाभी और मेरी व्हाट्सैप पर बात चल रही थी.


उन्होंने बताया कि भैया 11.30 बजे घर आ गए थे. सर्दी के कारण भाभी सोने का नाटक करने लगी थीं तो भैया भी बिना सर्दी दूर किए सो गए.


अगले दिन भाभी लंगड़ाती हुई दुकान पर आईं. वे भैया का खाना लेकर आई थीं.


मैंने भैया को दुकान पर रुकने की बोल कर भाभी को इशारा किया कि नीचे गोदाम में आ जाएं. वे वहां आ गईं.


मैं भाभी के साथ सेक्स करना चाहता था. पर भाभी की चूत अभी भी सूजी हुई थी.


तीन दिन बाद भाभी ने भैया के साथ भी सेक्स किया और वे अगले मौके का इंतजार करने लगीं.


भाभी ने भैया और उनकी सास का भी प्लान फिक्स कर दिया था. अब वे इस हफ्ते अपने घर पर अकेली रहने वाली थीं.


Xxx देसी भाभी की चूत सच में बहुत टाइट और छोटी थी. उम्र के हिसाब से उनकी चूत 18 साल की लड़की की चूत जैसी लगती थी.


जैसे ही भाभी अकेली हुईं, मैं उनके घर आ गया. पूरा दिन मैं और भाभी सेक्स करते रहे.


इस बार मैंने भाभी की गांड भी मारनी चाही पर भाभी ने मुझे नहीं मारने दी.


हम दोनों का सेक्स 3 महीने लगातार चला. कभी वे मेरे घर आ जातीं, तो कभी गोदाम में, तो कभी मैं उनके घर पर!


लगातार चुदाई के बाद भाभी प्रेग्नेंट हो गईं और उनके गर्भ से जुड़वां बेटों ने जन्म लिया.


भाभी की डिलीवरी भी ऑपरेशन से हुई थी जिस वजह से उनकी चूत आज भी टाइट है और हमारा ये रिश्ता आज भी चल रहा है.


भैया को आज तक कुछ नहीं पता है. वे अभी भी अपने जुड़वां बच्चों को पैदा करने में अपने मरियल लंड को जिम्मेदार मानते हैं.


तो दोस्तो, शादीशुदा भाभी की कुंवारी चूत की Xxx देसी भाभी स्टोरी आपको कैसी लगी? प्लीज बताएं. [email protected]


Bhabhi Sex

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