भाभी का मादक जिस्म चोदने को मिल गया

हरी राम

28-08-2022

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नंगी भाभी चोदी मैंने … वे मेरे भाई की दूसरी बीवी थी. शायद भाई उनको संतुष्ट नहीं कर पाते थे तो मेरे दो बार के प्रयास में मैं भाभी की चुदाई में सफल हो गया.


मेरा नाम रवि है. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला मेरी उम्र 44 साल है. हम दो भाई हैं. पांच बहनें हैं हमारी. भैया हम सब से बड़े हैं, दूसरे बेटे के लिए मेरे माँ बाप ने पांच लड़कियां पैदा कर ली. इसी लिए भाई साब और मेरी उम्र में इतना फर्क है.


आज बड़े भैया की उम्र लगभग 64 साल है और मेरी भाभी की उम्र लगभग 53 साल है.


भैया भाभी की उम्र में अंतर इसलिए है क्योंकि भैया की ये दूसरी शादी है. उनकी पहली वाइफ की मृत्यु हो गई थी.


मेरी दूसरी भाभी भरे पूरे शरीर वाली महिला हैं. उनका स्वभाव बहुत बढ़िया है.


ये बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पढ़ रहा था. उस समय मेरी उम्र करीब 19 साल थी.


उन दिनों गांव में रामलीला चल रही थी. मैं रामलीला देखने गया था.


जब रात को मैं रामलीला देख कर वापस आया और अपने कमरे में सोने जा रहा था. तब भाभी के कमरे की खिड़की खुली हुई थी. मैंने खिड़की से झांक कर देखा तो भाभी सो रही थीं और उनकी साड़ी कमर के ऊपर आ चुकी थी.


जैसे ही मेरी निगाह भाभी की जांघों पर पड़ी तो मेरी तो सिट्टी पिट्टी गुम हो गई. मैंने अपनी जिंदगी में आज पहली बार किसी औरत को अधनंगी हालत में देखा था.


मैं वापस भाभी के रूम की तरफ बढ़ गया.


उनके कमरे का दरवाजा लॉक नहीं था, कुछ खुला सा था. मैं दरवाजा खोल कर रूम के अन्दर चला गया.


मुझ पर जैसे वासना का भूत सवार हो गया था. मैंने भाभी के रूम की लाइट बंद कर दी और भाभी की तरफ देखा. भाभी गहरी नींद में थीं.


अब मैं भाभी के करीब आया और उनकी दोनों जांघों को देखा. दोनों जांघें फैली हुई थीं और झांटों से भरी चूत दिख रही थी.


मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया. मेरा लंड टाइट हो चुका था.


मैं धीरे से बिस्तर पर चढ़ गया और भाभी की फैली हुई जांघों के बीच आ गया. मैंने अपना लंड उनकी चूत की फांकों में टच किया तो लंड फड़ाफड़ाने लगा. मैं लंड चूत में डालने का का प्रयास करने लगा.


जैसे ही मेरा थोड़ा सा लंड भाभी की चूत में गया, भाभी एकदम से जाग गईं.


वो हड़बड़ा कर बोलीं- कौन? मैंने कहा- भाभी, मैं हूँ.


भाभी ने उठने का प्रयास करते हुए कहा- यह क्या कर रहे हो? मैंने उन्हें दबाते हुए कहा- भाभी, बस एक बार एक बार कर लेने दो, जिंदगी में दोबारा कभी नहीं कहूँगा.


भाभी ने कहा- नहीं, मुझे छोड़ो, ये सब गलत है. मैंने भाभी से बहुत रिक्वेस्ट की लेकिन भाभी नहीं मानी.


वो गुस्से में आकर बोलीं- तुम छोड़ रहे हो कि मैं मां जी को बुलाऊं? मेरी हालत खराब हो गई थी, मैं भाभी को छोड़कर अपने रूम में आ गया और सोने की कोशिश करने लगा.


लेकिन नींद नहीं आ रही थी. साला डर भी लग रहा था कि कहीं भाभी ने मां को बता दिया तो न जाने क्या होगा.


फिर न जाने कब नींद आ गई और मैं सो गया.


मैं सुबह उठा तो रात की बात फिर से याद आ गई. मैं सुबह सुबह ही उठ कर मामा के घर चला गया. मामा के घर से मैं 3 दिन के बाद वापस आया.


यहां का माहौल सब ठीक था. अब मुझे थोड़ी राहत हुई.


भाभी मुझसे बात नहीं कर रही थीं.


मैं शाम को क्रिकेट खेलने चला गया. क्रिकेट खेल कर मैं लगभग 8 बजे घर आया, मां और भाभी खाना खा चुकी थीं और उस दिन घर में मैं, मां और भाभी ही थीं. भैया कोलकाता गए थे, पिताजी भी उनके साथ वहीं थे.


भाभी ने मुझे खाना दिया और कुछ बोली नहीं. मैं चुपचाप खाना खाकर सोने चला गया.


मुझे नींद नहीं आ रही थी, बार बार भाभी की संगमरमर सी जांघें और चूत की तस्वीर सामने आ जा रही थी.


मेरे मन में बार बार आ रही थी और मैं सिर्फ एक ही बात सोच रहा था कि भाभी ने कुछ कहा क्यों नहीं. क्या इसका मतलब यह है कि भाभी का भी मन है.


लगभग एक घंटे तक मैं इसी सोच में लगा रहा. रात के लगभग 11 बज चुके थे. मुझसे रहा नहीं गया और मैं भाभी के कमरे की तरफ चल दिया.


भाभी के कमरे की लाइट बंद थी. मैंने दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया. मैं भाभी के बिस्तर की ओर गया. भाभी सो रही थीं.


मैंने अपना हाथ उनकी चूचियों पर रखा और एक को हल्का सा दबाया.


भाभी जाग गईं और मेरा हाथ पकड़ कर हटाती हुई बोलीं- आप मान क्यों नहीं रहे हो? मैंने कहा- भाभी एक बार करने दो. भाभी ने कहा- नहीं, एक बार भी नहीं. आप खुद सोचो कि अगर कहीं बच्चा रुक गया तो मेरी बड़ी बदनामी होगी. आप क्या चाहते हो, मेरी बदनामी हो जाए?


मैं एक पल के लिए शांत हो गया. मैंने उनकी बहुत मनुहार की लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी. मैं थक हार कर अपने कमरे में चला गया.


आज एक बात यह अच्छी हुई थी कि भाभी नाराज नहीं हुई थीं. उन्हें शायद मेरे साथ चुदाई में परहेज नहीं था लेकिन वो अपनी इज्जत को लेकर डर रही थीं.


लगभग दस मिनट बाद भाभी खुद चल कर मेरे कमरे में आईं और मेरे बिस्तर पर बैठ गईं.


वो बोलीं- देखो रवि, तुम मुझसे 9 साल छोटे हो और अपनी उम्र से बड़ी उम्र की औरत के साथ यह सब करने से कमजोरी आ जाती है. तुम खराब हो जाओगे. मैंने कहा- भाभी बस एक बार मान जाओ न … मैं जिंदगी में कभी दोबारा नहीं कहूँगा. भाभी ने कुछ नहीं बोला.


मैंने उन्हें चुप देखा तो भाभी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. मैं सोच रहा था कि भाभी हाथ हटा लेंगी लेकिन भाभी ने अपना हाथ नहीं हटाया.


इससे मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गई. मैं उठ कर बैठ गया और भाभी के गालों को सहलाने लगा.


उनकी सांसें तेज होने लगीं, तो मैं उनकी चूचियों को सहलाने लगा.


भाभी ने अभी तक अपना हाथ मेरे लंड से नहीं हटाया था. अब वो मेरे लंड को पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगी थीं.


कुछ ही देर बाद भाभी ने धक्का दिया और मुझे बिस्तर पर गिरा दिया. मेरे लेटते ही भाभी मेरे ऊपर लेट गईं और हम दोनों में चूमाचाटी होने लगी.


दोनों तरफ से वासना की आंधी चलने लगी, तो न जाने कब हम दोनों के कपड़े उतरते चले गए और हम दोनों पूरे नंगे हो गए.


मैंने भाभी को अपने नीचे लिटाया और उनकी चूत में लंड सैट करने लगा.


भाभी की चूत में आग लग गई थी तो उन्होंने खुद अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में लगा दिया.


मैंने उसी समय एक शॉट मारा तो लंड चूत में घुसता चला गया.


भाभी की मादक आह निकल गई और वो मेरा साथ देने लगीं. अब हम दोनों सेक्स करने लगे.


लगभग 15 मिनट के बाद मैंने भाभी की चूत में ही पानी छोड़ दिया. हम दोनों थक कर चूर हो गए थे. इसलिए उसी तरह पड़े रहे.


फिर भाभी ने कहा- तुम्हारी इच्छा पूर्ति हो गई … अब कभी मत कहना. वो अपने कपड़े पहन कर चली गईं.


मैं भी जांघिया पहन कर सो गया. सुबह उठकर तैयार होकर मैं कॉलेज चला गया.


शाम को 4:00 बजे कॉलेज से वापस आया, तो भाभी काफी खुश लग रही थीं. उन्होंने मुझे खाना परोस दिया.


मैंने पूछा- भाभी आपने खाना खा लिया है? भाभी ने कहा- हां.


मैंने कहा- मेरे साथ भी थोड़ा सा खाना खा लो. भाभी ने हंस कर कहा- ऐसे नहीं खाऊंगी.


वो मेरे साथ मज़ाक करने लगीं. मैंने कहा- फिर कैसे खाओगी? उन्होंने कहा- जैसे तुम्हारे भैया खिलाते हैं. उस तरह से खिलाओ तो खा लूंगी.


मैं बोला- भैया कैसे खिलाते हैं? भाभी बोलीं- गोदी में बैठा कर. मैं बोला- ठीक है आ जाओ.


मैंने भाभी को पकड़ कर अपनी गोदी में बिठा लिया. भाभी मेरी गोद में बैठी रहीं और मैं उन्हें खाना खिलाते हुए उनके साथ मस्ती करने लगा.


मैं भाभी की चूचियां दबाने लगा. भाभी ने कहा कि छोड़ो कोई देख लेगा.


मैंने बोला- भाभी घर में कोई नहीं है … मां भी मन्दिर गई हैं. आपको गोदी में बैठा देख कर भी तो कोई कुछ कह सकता है, तो गुब्बारे से खेलने में कोई क्या कहेगा.


भाभी हंसती हुई मना कर रही थीं. ये मैं समझ रहा था कि भाभी का मूड बन गया है. मैंने कहा- कमरे में चलें क्या? भाभी- किस लिए?


मैंने कहा- एक बार फिर से जोरा-जोरी हो जाए. भाभी ने कहा- नहीं अब नहीं.


मैंने बोला- भाभी आपका मन है तो मान जाइए ना. भाभी कुछ नहीं बोलीं.


मैंने कहा- ठीक है एक बार अपने मम्मों का रस पी लेने दो. भाभी ने सर हिला कर कहा- ठीक है, जल्दी जल्दी पी लो. कहीं मां जी आ गईं तो दिक्कत हो जाएगी.


मैं भाभी के ब्लाउज को खोल कर उनके मम्मों से खेलने लगा, एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.


भाभी ने मेरा सहयोग देना चालू कर दिया. उनकी मादक आवाजें मेरा जोश बढ़ाने लगीं.


थोड़ी देर के बाद भाभी मुझे चूमने लगीं और उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी. लगभग दस मिनट तक हम सब यही करते रहे.


मैंने उनकी चूत पर हाथ फेर कर कहा- भाभी ये भी खोलो. वो बोलीं- क्यों?


मैं कहा- नीचे किस करना है. भाभी बोलीं- अब तुम बढ़ रहे हो.


वो उठीं और रसोई में चली गईं. मैं भी खाना खाकर क्रिकेट खेलने चला गया. शाम को वापस आया.


खाना खाने के बाद मैं इस फिराक में रहा कि भाभी को चोदने का मौका कैसे मिले.


आज मम्मी और भाभी कुछ बना रही थीं तो कोई गुंजाइश नहीं दिख रही थी. मैं खाना खाकर भाभी को आंख मारता हुआ अपने रूम में चला गया.


मुझे नींद नहीं आ रही थी. लगभग साढ़े दस बजे मैं उठा और भाभी के रूम में आ गया.


भाभी जाग रही थीं. मैं उन्हें पकड़ कर किस करने लगा.


भाभी ने कहा- तुम अपने कमरे में जाओ, अभी थोड़ी देर बाद मैं वहीं आ जाऊंगी. मैं अपने रूम में आ गया.


लगभग दस मिनट बाद भाभी मेरे रूम में आईं और कमरे की कुंडी लगा कर मेरे सीने से चिपक गईं.


हम दोनों में सेक्स चालू हो गया. भाभी ने उस रात खुल कर मस्ती की और हम दोनों ने पूरी रात में चुदाई का मजा लिया. वो पूरी नंगी होकर मेरे साथ पड़ी रहीं, मैंने नंगी भाभी चोदी.


सुबह 4:00 बजे तक हम दोनों ने 2-3 बार सेक्स किया और भाभी अपने कमरे में चली गईं.


अब हमारा यह रोज का काम हो गया. मैंने अक्सर अपनी नंगी भाभी चोदी! खाना खा लेने के बाद हम सेक्स का खेल खेलना चालू कर देते थे.


आज आज इन बातों को लगभग 25 साल हो गए हैं. आज भी हमारे बीच जिस्मानी रिश्ते हैं.


भाभी कहती हैं- रवि, मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए … बस जब तक मैं जिंदा रहूं तब तक तुम मुझे इसी तरह से प्यार करते रहना.


अब भाभी से सेक्स में ज्यादा बनता नहीं है, लेकिन मैं उनकी चूत में लंड पेले बिना नहीं रहता हूँ.


दोस्तो, आज भी हम हफ्ते में दो बार सेक्स कर लेते हैं.


इसी बीच मेरी शादी भी हो गई थी. मेरी बीवी से मुझे चार बच्चे हैं. भाभी के पास भी 5 बच्चे हैं. उनके बच्चों की शादी हो गई है और उनकी बहुएं भी आ गई हैं.


लेकिन मुझे एक बात अभी तक समझ में नहीं आई है कि पूरी जिंदगी भाभी ने दो मर्दों के बीच में निकाल दिया था. क्या भाभी हद से ज़्यादा कामुक थीं … आख़िर ऐसा क्या हुआ था कि भाभी मुझसे सैट हो गई थीं.


क्या मेरे भैया में कुछ कमी थी या उन्हें भैया के साथ चुदाई के मौके कम मिल पाते थे.


मेरे और भाभी के अवैध संबंध के बारे में तीन व्यक्तियों को मालूम है. मेरी मां को, उनकी मम्मी को और उनकी छोटी बहन को.


एक बार उनकी मम्मी ने रात में हम दोनों को सेक्स करते हुए देख लिया था.


मैंने भाभी से कहा भी था- भाभी आपकी मम्मी ने देख लिया है. अब तो बहुत बुरा होगा. उन्होंने कहा कि तुम टेन्शन मत लो, कुछ नहीं होगा. मैं अपनी मां को समझा लूंगी.


फिर बाद में मैंने पूछा कि आपने अपनी मां से क्या कहा? एक बार तो भाभी ने नहीं बताया. फिर उन्होंने कहा कि मां मेरा पति मुझसे उम्र में दस साल बड़ा है. आज मैं 40 की हो गई हूँ और वह 50 के हो गए हैं. मैं कहां जाऊं.


इस तरह से भाभी ने अपनी मां, बहन और मेरी मां को समझा लिया था.


दोस्तो, मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि हम दोनों में वास्तव में प्यार ही है या हवस थी.


आज हमारे रिश्ते को 25 साल हो गए हैं. मेरा भी उनसे मन नहीं भरा और उनका भी दिल मुझसे नहीं भर रहा है. आप सुझाव दीजिए कि मैं क्या समझूं कि भाभी के पांचों बच्चे मेरे ही हैं या भैया के हैं. भाभी ने मुझे इस सम्बन्ध में बताने से साफ़ मना कर दिया है.


आपको मेरी और मेरी नंगी भाभी चोदी कहानी कैसी लगी. प्लीज़ मेल करके बताएं. [email protected]


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