पड़ोस वाली भाभी की मालिश के बहाने चुदाई

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30-08-2024

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इंडियन पॉर्न सेक्स कहानी में मैंने अपने पड़ोस वाली सेक्सी भाभी की चुत का मजा लिया। वे भी मेरे साथ सेक्स करने को बेचैन थी। मालिश के बहाने मैंने उनको नंगी किया।


दोस्तो, कैसे हैं आप सब! मेरा नाम रॉबिन है. आज काफी दिनों के बाद में अपनी एक नई सेक्स कहानी आपके सामने लेकर आया हूं.


आप सभी जानते हैं कि सेक्स करना हर किसी को बहुत अच्छा लगता है, वैसे ही मुझे भी बहुत अच्छा लगता है.


मुझे किसी लड़की या भाभी की बॉडी मसाज करना बहुत अच्छा लगता है और मेरे हाथों में कुछ ऐसी कला है कि मैं नस नाड़ियों को उधर ही दबाता हूँ, जिधर दबाने से सबसे ज्यादा आराम मिलता है.


इंडियन पॉर्न सेक्स कहानी में हुआ यूं के मेरे घर के बराबर में एक परिवार रहने आया था. उसमें भैया भाभी और उनका एक दो साल का बच्चा था.


मैं कुछ ज्यादा ही बोलता रहता हूं इसलिए मेरा उन लोगों से जल्दी मिलना-जुलना हो गया. किसी भी नए आदमी को नई जगह पर जरूरतें तो होती ही हैं, इसलिए भाभी मुझसे बात करने लगी थीं.


थोड़े दिनों बाद ही भैया भाभी का हमारे घर में भी आना जाना हो गया था क्योंकि उनका बच्चा दो साल का था तो वह अक्सर मेरे साथ खेलने आ जाया करता था. बस बच्चे के मेरे साथ खेलने आने से भाभी का भी हमारे घर में आना जाना भी होने लगा था और अब तो वे दिन में दो तीन बार मेरे घर आ जाती थीं.


धीरे-धीरे मैं भाभी के साथ कुछ ज्यादा ही बात करने लगा और उनके साथ थोड़ा खुल भी गया. भाभी भी मेरे साथ थोड़ी हंसी मजाक करने लगी थीं.


इसी दरमियान कई बार ऐसा हुआ है कि मैं बात करते करते उनसे कुछ भी बोल देता था और भाभी हंस देती थीं.


ऐसे ही एक दिन भाभी ने मुझसे पूछा- तुमको क्या क्या अच्छा लगता है? मतलब सबसे ज्यादा किस चीज में मन लगता है? मैंने कहा- पहली बात तो यह कि मुझे बातें करना बहुत पसंद हैं और दूसरी बात यह कि मैं मसाज बहुत अच्छी कर लेता हूँ.


वे बोलीं- बहुत अच्छी मसाज कर लेते हो, इसका क्या मतलब है? तो मैंने उन्हें बताया- मुझे बॉडी मसाज करना बहुत अच्छा लगता भी है और न जाने कैसे मेरे हाथों को नेचुरली यह पता होता है कि बॉडी के किस पार्ट को दबाने से हमें नई स्फूर्ति मिलती है और काफी अच्छा लगता है!


यह सुनकर भाभी कहने लगीं- अच्छा … तो तुम केवल लड़कों की बॉडी मसाज करते हो या लड़कियों की भी करते हो! तो मैंने कहा- मैं किसी की भी मसाज कर सकता हूँ लेकिन मुझे औरतों की बॉडी मसाज करना ज्यादा अच्छा लगता है क्योंकि उसमें मुझे अन्दर से सबसे ज्यादा अच्छा लगता है. औरतों के जिस्म को अच्छे से दबाने से उन्हें भी अच्छा लगता है और एक तरह से उन्हें नई ऊर्जा मिलती है … और अगर काम बन गया तो थोड़ा बहुत मस्ती वाला काम भी निकल जाता है.


मेरी इस बात पर भाभी बस हंस दीं और बिना कुछ बोले हुए चली गईं.


दो दिन बाद मेरे घर के सब लोग शादी में गए हुए थे लेकिन मैं अपने काम के सिलसिले में नहीं जा पाया था.


मेरी मम्मी ने खाने का सारा प्रबंध करने के लिए भाभी को ही बोल दिया था.


भाभी सुबह के समय नाश्ता लेकर आईं और बोलने लगीं- आज मेरी कमर में दर्द हो रहा है तो क्या तुम मेरी मालिश कर दोगे? मैंने भाभी से कहा- हां भाभी, यह तो मेरे बाएं हाथ का काम है. पहले आप अपने काम से फ्री हो जाओ, फिर मुझे बुला लेना. मैं आपके घर आकर आराम से मालिश कर दूंगा.


भाभी कहने लगीं- हां ठीक है. और आज देख भी लूँगी कि तुम्हारे हाथों में कितना जादू है. मैं 11:00 बजे तक घर के सारे काम निपटा लेती हूं. फिर मैं ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी. मैंने कहा- एक नमूना कहें तो अभी दिखा देता हूँ!


यह कह कर मैंने उनके कंधे की एक नस को हल्के से दबा दिया. भाभी को काफी अच्छा लगा और वे कहने लगीं- आह … बिल्कुल सही जगह दबाया है!


मैंने कहा- यह तो एक नस दबाई है. अभी आपके हाथ पैरों में जितनी गांठें बन गई हैं, उन्हें भी मालिश से खोलूँगा तो आप मेरी मुरीद हो जाएंगी. वे मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं और हंस कर बोलीं- कहीं ऐसा न हो जाए कि मैं तुम्हारे जादू की आदी हो जाऊं!


हम दोनों हंस दिए. भाभी चली गईं.


फिर वे 11:00 बजे के करीब मेरे कमरे में आ गईं. उस समय भाभी ने लाल सूट पहना हुआ था. उस ड्रेस में वह बहुत ही गजब माल लग रही थीं.


उनकी चुस्त कुर्ती के गहरे गले से उनके मम्मों की गोलाई अलग ही दिखाई दे रही थीं. भाभी का फिगर 34-30-36 का था, जो मैंने बाद में नापा था.


उनके आने के बाद मैंने भाभी से लेटने के लिए बोला. भाभी बेड पर पेट के बल लेट गईं.


उनके कुर्ते को मैंने कमर से उठाकर मालिश करनी शुरू कर दी.


उनकी रीढ़ की हड्डी के एक एक जोड़ को मैंने अपने हाथों के जादू से सहलाया तो भाभी अह अह कर उठीं. उन्हें सच में बहुत अच्छा लग रहा था.


कुछ देर तक पीठ की मालिश करने के बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी, तेल से मालिश करूंगा तो आपको और भी अच्छा लगेगा. पर तेल से सूट खराब हो जाएगा. यदि आपको ऐतराज न हो तो आप इसे उतार दो.


भाभी ने बिना एक पल की देर किए अपना शर्ट उतार दिया. वे बोलने लगीं- तुमको मेरे पैरों की भी मालिश करनी पड़ेगी.


मैंने कहा- हां ठीक है, फिर आप पूरा सूट उतार दो. फिर मैं आपकी अच्छे से मालिश कर दूंगा. यह सुनकर वे खुश हो गई जिससे मुझे भी समझ में आ गया था कि भाभी मूड में हैं.


उन्होंने अपनी सलवार और कुर्ती को उतार दिया और वे ब्रा पैंटी में मेरे सामने औंधी लेट गई.


उन्हें इस रूप में देख कर मेरी हालत खराब हो गई और यह पक्का हो गया कि भाभी मुझसे बेपर्दा हुई हैं तो इसका मतलब वे मेरे साथ सेक्स करने के लिए राजी हैं.


फिर मैंने सोचा कि मखमली माल मेरे सामने चुदने को तैयार है तो मैं भी तसल्ली से भाभी के जिस्म का रसपान करूँ.


अब मैं भाभी की मालिश करने लगा। और वे मस्ती से आह आह करती हुई मेरे हाथों के जादू की भूरि भूरि प्रशंसा कर रही थीं- आह मजा आ गया यार … तेरे हाथ में तो जादू है … बिल्कुल उसी जगह हाथ लगाते हो जिधर दर्द होता है!


उनकी मदभरी आवाज सुनकर और कामुक बदन सहला कर मेरे लोअर में ही मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया. भाभी ने मुंडी घुमा कर शायद मेरे लौड़े की अकड़न को देख लिया.


मेरे हाथ भाभी के दोनों बूब्स के बाजू में उनके बदन की मालिश कर रहे थे तो भाभी की भी गर्मी बढ़ती जा रही थी. उनके अन्दर तो शायद पहले ही वासना ने जन्म ले लिया था और अब उनसे रुकना बर्दाश्त ही नहीं हो रहा था.


मैंने भाभी की पीठ से नीचे सरकते हुए उनकी गांड पर हाथ फेरना चालू कर दिया था. भाभी आह आह कर रही थीं.


मैंने भाभी से कहा- भाभी, और ज्यादा मजा लेना है? वे हंस दीं और बोलीं- हां … सच में आज तो पूरा मजा लेना है.


मैंने कहा- फिर तो आप अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दो, वर्ना तेल लगने से दोनों कपड़े खराब हो जाएंगे. भाभी ने इठला कर कहा- अब तुम ही करो जो करना है … बस मुझे पूरा मजा आना चाहिए.


मैं भाभी की इंडियन पॉर्न सेक्स की भाषा को समझा और उसी पल उन्हें चोदने के लिए तत्पर हो गया. मुझे उनकी तरफ से हरी झंडी मिलने का इंतजार था. मैं भाभी के साथ जो भी काम करना चाहता था, वह उनकी इच्छा से ही करना चाहता था.


उसके बाद मैंने भाभी की ब्रा और पैंटी उतार दी और उनकी नंगी देह की मसाज करने लगा.


धीरे-धीरे मसाज करते हुए मैं भाभी की जांघों की मसाज करने लगा और कभी-कभी उनकी टांगों के जोड़ पर हाथ ले जाकर उनकी लिसलीसाती चूत को भी हाथ लगा देता था.


मेरा हाथ लगते ही भाभी की आह निकल जाती थी. कुछ देर के बाद मैंने भाभी से कहा कि अब आप सीधी लेट जाओ, आगे भी मजा दे देता हूँ!


भाभी बुदबुदाती हुई बोलीं- मैं तो कब से सीधी होने के लिए मरी जा रही थी.


वे झटके से सीधी हुईं और अपनी दोनों टांगें खोल कर चूत फैला कर दिखाने लगीं. मैंने एक नजर उनकी नम चूत को देखा और उस पर डिजाइन में कटी हुई झांटों का आकार देखने लगा.


फिर अपने लौड़े को हाथ से सहला कर ठीक किया और बिना कुछ कहे मैं उनके मम्मों की मसाज करने लगा.


वे आह आह करती हुई मेरी आंखों में देखने लगीं. हम दोनों की आंखों में चुदाई के लिए एक मूक सहमति बन चुकी थी.


मेरा लंड लोअर में कड़क होकर भाभी के पेट से टच हो रहा था.


उनके दोनों चूचों की मसाज करते करते मैंने अपना मुँह आगे किया और उनके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया.


उसी के साथ मैंने नीचे हाथ ले जाकर उनकी नंगी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी.


जब मैं उनकी चूत में उंगली कर रहा था तो भाभी से बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरे लौड़े को लोअर के ऊपर से ही पकड़ लिया. उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होंठों से होंठ लगा कर मुझे किस करने लगीं.


भाभी कहने लगीं- तुमको अब जो भी करना है, अपने लंड से करो.


मैं तो खुद इसी इंतजार में था कि कब भाभी चुदाई के लिए बोलें और कब मैं उनकी चूत की चुदाई शुरू कर दूँ!


भाभी ने अभी तक मेरा लंड नहीं देखा था इसलिए वे बेहद मचल रही थीं.


उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर लोअर से बाहर निकाला तो मैंने लोअर हटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.


उन्होंने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में लगा लिया और सुपारे से चूत की फांक को घिसने लगीं.


मैंने कहा- भाभी, पहले चूत तो चाटने दो! वे बोलने लगीं- बाद में चाट लेना … पहले अपने लंड से मेरी चूत की चुदाई करो ना!


उन्होंने जैसे ही मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर आगे पीछे किया तो वे बोलीं- तेरा तो एकदम तन कर खड़ा हुआ है, ऐसा तो तेरे भैया का भी नहीं रहता. मैंने कुछ नहीं कहा और बस लंड का सुपारा चूत से घिसने लगा.


कुछ ही पल बाद उन्होंने मुझसे झटका मारने के लिए बोला. जैसे ही मैंने झटका मारा, मेरा लंड भाभी की चूत में घुसता चला गया.


भाभी की एकदम से आह निकल गई और उन्होंने मेरी कमर को पकड़ लिया.


वे बोलने लगीं- धीरे पेलो न! जबकि मैं भाभी की चूत में झटके पर झटके मारता जा रहा था. साथ में उन्हें किस भी कर रहा था.


चूत में लंड सटासट चल रहा था और मैं उनके ऊपर झुक कर उनके दोनों चूचों को बारी बारी से अपने होंठों में दबा कर चूस रहा था.


सच में भाभी की चुदाई में इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि पूछो मत!


थोड़ी देर बाद मैंने भाभी से कहा- अब घोड़ी बन जाओ! भाभी ने कहा- क्यों? मैंने कहा- मैं घोड़ी बनाकर आपको चोदना चाहता हूँ.


भाभी ने कहा- नहीं, तुम मेरी गांड मार लोगे? मैंने कहा- मैं तब तक गांड नहीं मारूंगा, जब तक आप नहीं कहेंगी! आज तो बस आपकी दो इंची वाली मुनिया मारूँगा. लेकिन भाभी चूत चुदाई का सही मजा तो अलग अलग तरह के आसन में चोदने में आता है. घोड़ी बन कर चुदवाने से आपको और भी मजा आएगा.


भाभी अब घोड़ी बन गईं और मैंने उनकी चूत में लंड घुसा दिया.


थोड़ी देर बाद भाभी बोलने लगीं- बस कर … अब मैं थक गई हूँ. मुझे सीधी हो जाने दो.


भाभी कमर के बल लेट गईं और मैंने फिर से अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया. उसके दस मिनट बाद भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और कहने लगीं कि मैं झड़ने वाली हूं.


उस समय भाभी भी नीचे से झटके मार रही थीं और ऊपर से मैं झटके मार रहा था. भाभी और मेरा साथ साथ बह निकला.


स्खलने के बाद हम दोनों चिपक कर अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे.


अब भाभी ने मुझे कसकर किस किया और कहने लगीं- सच में तुम मस्त चोदते हो … अब जब भी मर्जी हो, तुम मेरी चूत चोद लेना … मैं मना नहीं करूंगी … और हां मेरी मालिश भी कर दिया करो. मुझे मालिश करवा कर बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.


मैंने कहा- अभी तो 69 का मन है! वे हंस दीं और कुछ देर के आराम के बाद हम दोनों 69 में मजा लेने लगे और कुछ देर बाद फिर से धुआंधार चुदाई चालू हो गई.


उस दिन दो बार चुदवा कर भाभी अपने घर चली गईं. उसके बाद तो भाभी और मेरी चुदाई की गाड़ी चल पड़ी.


आपको देसी भाभी इंडियन पॉर्न सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे अपनी सुझाव जरूर भेजें ताकि मैं अपनी अगली सेक्स कहानी और भी मस्त लिख सकूं. [email protected]


Bhabhi Sex

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