भाई की साली से प्यार में क्या क्या किया- 4

लव सिंह1

16-09-2024

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भाभी फक Xxx स्टोरी में मैंने अपने भाई को उनकी ही पत्नी से सेक्स का अलग मजा दिलवाया. भाभी ने मेरे कहने पर भाई से खुल कर चुदाई करवाई. तो भाई ने मुझे क्या दिया?


कहानी के तीसरे भाग भाभी को चोद कर क्षमता साबित की में आपने पढ़ा कि मैंने भाभी की चूत चुदाई करके उन्हें पूरा मजा दिया तो वे अपनी बहन की शादी मेरे साथ करवाने को राजी हो गयी. मैंने फों करके यह बात अपने भाई को बता दी.


अब आगे भाभी फक Xxx स्टोरी:


रूचि- क्या जीजा जी सच में मेरी चुदाई करेंगे? मैं हंसते हुए- शायद! रूचि मेरे सीने पे सर रख मुझे मुक्का मारते हुए- मुझे नहीं चुदाना … मुझे तो सिर्फ तुमसे ही चुदना है। मैं- ठीक है।


रात को भाभी ने खाना बनाया. मैंने दोनों बहनों की आपस में बात कराने की कोशिश की। लेकिन दोनों ने बात नहीं की।


मैं अपने कमरे में सोने जाने लगा तो भाभी ने मुझे इशारे से मना करने लगी। रूचि चली गई।


मैं किचन में भाभी के पास गया- क्या हुआ? मैं रोज सोफे पे सोऊं? मेरी पीठ दर्द करने लगी है। भाभी- तो क्या उसके साथ सोने का मन है? तुम दोनों कुछ करने लगे तो? मैं- क्या बोल रही हो, हमारा रिश्ता वैसा नहीं है।


भाभी- मुझे मत सिखाओ, मैं सब समझती हूं। मैं- आपको जो समझना है समझो, पर यह बताओ कि मैं कहा सोऊं? भाभी- मेरे साथ सो जाओ।


मैं भाभी के साथ सो गया।


भाभी- अंशु, आज जो तुमने मेरे साथ किया, उसके बारे में किसी को बताना मत! मैं- आपको मजा नहीं आया क्या? भाभी शरमा कर- हां मजा तो आया।


मैं- फिर मजा लेना है। भाभी फिर शरमा जाती हैं।


मैं- अगर मजा लेना है तो मुझे रिझाओ, वही सब करो जो मैंने आपको बताया था। भाभी शर्माते हुए- नहीं, मैं नहीं करूंगी मुझे शर्म आती है।


मैंने उनकी तरफ अपनी पीठ घुमा ली- ठीक है, फिर शर्म करती रहो और तड़पती रहो और सारा इल्जाम दूसरों पर थोप दो। मैं तो 1 साल बाद रूचि से शादी कर लूंगा और खूब मजे करेंगे हम दोनों!


भाभी कुछ देर चुप रही, फिर मेरे ऊपर अपना हाथ रख दिया।


मैं कुछ नहीं बोला.


अब भाभी मेरी पीठ पर उंगलियां फिराने लगी, मेरी पीठ से चिपक मेरी कमर पर एक टांग रख दी. फिर वे मेरे सीने पर नाखून गड़ाते हुए मेरे पीठ पर शर्ट के ऊपर से चूमने लगी।


अब वे मेरे चेहरे के सामने आ लेट गई और मेरे चेहरे पर उंगलियां फिराने लगी।


भाभी मुझे किस करने लगी, उन्होंने मेरा शर्ट खोल दिया और मेरे सीने को चूमने लगी.


फिर भाभी ने अपना ब्लाउज खोला, मेरा हाथ अपनी कमर पर रख और मेरा चेहरा अपनी चूचियों पर लगा दिया.


मैं उनके सीने को चूमने लगा और उनकी गांड दबाने लगा।


अब उन्होंने मेरा शर्ट उतार दिया. फिर पैंट भी उतार दी और मेरे ऊपर चढ़ मुझे किस करने लगी. मैंने उनकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उनकी ब्रा खोल दी।


उन्होंने अपनी साड़ी पेटीकोट उतारी और सिर्फ पैन्टी में आ गई. मैंने उनकी पैन्टी के ऊपर से चूत को सहला दिया और हाथ हटा दिया।


उन्होंने पैंटी उतार दी फिर मेरा चड्डी उतार मेरे लन्ड को हाथ में पकड़ लिया।


भाभी- अब तो डाल दो, मैंने अच्छा रिझाया ना? मैं- पहले मेरा लन्ड चूसो। भाभी- क्या? ये भी करना होता है? मैं नहीं करूंगी। मैं- फिर सो जाओ। भाभी- ठीक है।


भाभी ने मेरे सुपारे पर जीभ फिराई. मैं उत्तेजना से सिहर गया।


मैंने पूछा- आह … कैसा लगा टेस्ट? भाभी- पता नहीं … क्या तुम्हें मजा आया? मैं- हां।


भाभी मेरा लन्ड धीरे धीरे चूसने लगी। कुछ देर बाद अब उन्हें अच्छा लगने लगा।


मैंने उन्हें ऊपर खींचा और उन्हें किस करने लगा और उनको अपने लन्ड पर बैठने बोला.


वे धीरे धीरे मेरे लन्ड पर बैठ गई. उन्हें हल्का दर्द हो रहा था फिर भी वे बर्दाश्त कर मेरे लन्ड पर उपर नीचे होने लगी। मैं उन्हें नीचे से चोदता … वे मुझे ऊपर से!


कुछ देर में वे थक गई तो उन्होंने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया. मैंने उनकी जबरदस्त चुदाई शुरु की.


20 मिनट बाद हम दोनों झड़ गए।


कुछ देर बाद वे अपने कपड़े पहनने लगी. मैंने उन्हें मना कर दिया और हम नंगे ही एक दूसरे के गले लग सो गए।


सुबह उठा तो भाभी नाश्ता बना रही थी. मेरे ऊपर उन्होंने चादर डाल दी थी।


मैं नहाकर रूचि का हाथ पकड़ भाभी के पास किचेन में ले आया और उसे सॉरी बोलने का इशारा किया। वह अपनी बहन को पीछे से पकड़ रोने लगी।


भाभी कुछ नहीं बोली. मैं बाहर आ गया. फिर दोनों बहनें आपस में गले लग खूब रोई और एक दूसरी को माफ कर दिया।


अगले दिन भाभी को पीरियड आ गए तो मैंने सोचा चलो ठीक है।


इतने दिन मैं भाभी के पास ही सोता और रात को उठ कर रूचि के पास जाकर उससे प्यार करता।


कुछ दिन बाद भईया आने वाले थे तो मैंने उन दोनों को मार्केट भेज दिया और भाभी के कमरे में 4 सीसीटीवी कैमरे लगा दिए।


आज भाई आने वाला था। लेकिन भाभी को मैंने बोल रखा था कि भाई 2 दिन बाद आएगा।


मैं- भाभी आज अच्छे से तैयार हो जाओ, आज आखरी बार अच्छे से मेरे साथ मजे कर लो. परसों भाई आ जायेगा तो तुम जानो और वो! भाभी- ठीक है।


वे नहाने बाथरूम में चली गयी।


रूचि मेरे कमरे में थी.


अब भाई भी आ गया तो मैं उसे चुपके से अपने कमरे में ले गया और उसे नहाने कहा।


लेकिन भाई आते ही बोले- क्यों साली साहिबा रेडी हो ना? रूचि शरमा जाती है। मैं- धीरे बोलो।


भाई बाथरूम में नहाने चला गया।


बाहर आकर मैंने उसे अपने कपड़े पहनने को दिए और उसे अपना परफ्यूम लगाने को दिया।


अब भाभी के कमरे में जाकर देखा तो वे साड़ी पहन रही थीं।


भाभी- दरवाजा बंद कर दो और आकर मुझे प्यार करो।


मैंने दरवाजा सिर्फ़ सटा दिया।


मैं उन्हें पीछे से पकड़ चूमते हुए उनके गर्दन पर किस करने लगा, उनके कान को चूमा, उनकी पीठ को चूमा, उनकी कमर को चूमा, उनकी गांड को साड़ी के ऊपर से ही खूब दबाया, चूमा।


अब उन्हें आगे घुमा कर मैं उनकी नाभि चूमने लगा।


फिर मैंने खड़े होकर भाभी की आंखों पर दुपट्टा बांध दिया। भाभी- ये क्या कर रहे हो?


मैंने उनके होंठों पर उंगलियां रख दी- आज कुछ मत कहो, सिर्फ मजे लो।


तब मैंने उन्हें चूमना शुरु किया, हर जगह चूमा चाटा, उनके पूरे कपड़े उतार दिए, उन्हें बेड किनारे बैठा दिया और उनकी चूत पर मुंह लगा दिया।


अब मैंने जल्दी से भाई को मैसेज भेजा- चुपके से अन्दर आ जाओ।


वह धीरे से अन्दर आ गया. मैं उसकी बीवी की चूत चाट रहा था। यह देख वह मुस्कराने लगा।


मैंने उसे अपने पास बिठाया और चुपके से अपना मुंह चूत से हटा उसका मुंह लगा दिया.


वह धीरे धीरे चूत चाटने लगा.


कुछ देर में मैं चुपके से वहाँ से निकल अपने कमरे में आ गया और अपना लैपटॉप खोल उनकी चुदाई देखने लगा।


रुचि- हटाओ ना … मुझे शर्म आती है। मैं- अरे देखो ना, तुम्हारी दीदी की चूत कितनी सुंदर है।


वह शर्मा कर मेरे सीने से लग गयी। हम उनको लाइव देख रहे थे।


भाभी- अंशु, अब डाल दो ना!


अब भाई ने अपने कपड़े उतारे और अपना खड़ा लन्ड चूत पर टिका दिया।


भाई की झांट के बाल बढ़े हुऐ थे जबकि मेरे हमेशा शेव रहते थे।


मैं- रूचि, देख अब पकड़ा जाएगा।


अब जैसे ही भाई ने लन्ड डाला, भाभी की आह निकल गयी. पूरा लन्ड जाने पर भाभी को उनकी चूत पर भाई की झांट महसूस हुई।


भाभी चौंक गयी और जल्दी से अपनी आंखों से दुपट्टा हटा दिया।


भाई को देख भाभी ने अपने आप को बेडशीट से पूरा ढक लिया और रोने लगी।


मैं जल्दी से उनके कमरे में गया. भाई चुपचाप बैठे थे।


मैंने उन्हें बाहर भेजा, वे तौलिया लपेटकर हॉल में चले गये।


मैं भाभी को उठाते हुए- क्या हुआ भाभी? कैसा लगा सरप्राईज? भाभी रोती हुई- ये क्या किया तुमने? मैं अब कैसे उनसे अपनी नजरे मिला पाऊंगी। तुमने सब बर्बाद कर दिया।


मैं- अरे भाभी, भाई कुछ नहीं बोलेगा. आप टेंशन मत लो. अभी मैं आपको उसके सामने भी चोदूंगा तो वह कुछ नहीं बोलेगा बल्कि वह खुश ही होगा। मैंने जब उसे बताया कि मैंने पहली बार आपके साथ सेक्स किया तो वह काफी खुश हुआ और बोला कि काश मैं भी वहाँ होता।


मैंने भाभी का चेहरा पकड़ा और उनके आंसू पी गया। मैं उनके होंठ चूसने लगा- अब उठो … नहीं तो मैं ही चोदने लगूंगा। मैंने उनको उठाया।


भाभी- मेरी हिम्मत नहीं हो रही उनसे नजर मिलाने की! मैं- अरे आप बेकार टेंशन ले रही हैं। आप ऐसा करो बाथरूम में जाओ, मैं उसे यहां भेजता हूं. फिर जब वह यहां आ जाएं तो आप सीधा बाहर निकल उसका लन्ड चूसने लगना। यह आपकी सबसे बड़ी चुनौती है।


भाभी को किस करके मैं बाहर आया और भाई को अन्दर जाने को कहा।


अपने बेडरूम में जाकर मैं लैपटॉप पर देखने लगा। कुछ देर भाई बैठा रहा. भाभी बाहर नहीं आई।


जब कुछ देर बाद भाभी बाहर आई तो सीधा उनके गले लग गई और रोने लगी. भाई ने उन्हें चुप कराया और चूमने लगा, उनकी आंखों को चूम उनके आंसू पी गया.


फिर मैंने भाभी को फोन किया. वे समझ गई।


अब वे घुटनों पर बैठ भाई के लन्ड को चूमने लगी। कुछ देर बाद वे अच्छे से चूसने लगी.


भाई की आंखें बंद होने लगीं. उन्होंने भाभी को उठाया और उनको बिठाकर उनकी चूत चाटने लगे. भाभी उनके बालों में हाथ फिरा रही थीं।


अब उन्होंने चुदाई शुरु की. भाभी फक Xxx स्टोरी, यानि चुदाई 30 मिनट तक चली।


इसके बाद वे दोनों एक दूसरे की बांहों में सो गए।


इधर हम दोनों भी शुरू हो गए थे. पहले हमने किस किया.


फिर मैंने उसकी चूत चाटी और उसने मेरे लन्ड को सहला सहला कर झड़ा दिया।


रात को हम सब खाने के टेबल पर बैठे थे. सब खुश थे।


भाई- तूने मेरी बीवी चोद ली. अब अपनी बीवी को कब चुदवा रहे हो मुझसे? भाभी- कौन है उसकी बीवी? कुछ पता है यहां क्या खेल चल रहा है? भाई- कोई भी हो … मैं तो चोदूंगा।


भाभी- ये दोनों कबूतर एक दूसरे को दाना खिला रहे हैं। भाई हंसते हुए- ओहो, रूचि जी आप हैं. फिर तो दो रिश्ते हुए हमारे … अब तो दोनों तरफ से लूंगा। रुचि चिढ़ाते हुए- एक ही बात कितनी बार बोलोगे जीजू! मैं तो नहीं दूंगी। भाई- देखते हैं साली साहिबा, आपकी कमर तो मैं ही ढीली करुंगा।


सभी हंसने लगते हैं और सोने चले जाते हैं।


कुछ दिन ऐसे ही निकल गए. वे दोनों सेक्स करते रहे और हम दोनों यूं ही एक दूसरे के शरीर को होंठ और हाथ से मजा देते रहे।


कुछ दिन बाद भाई ने अकेले में मुझे बताया- मैं तुम्हारी भाभी को थ्रीसम सर्प्राइज देना चाहता हूं. तुम दिन में कमरे में आ जाना. जब मैं फोन करुंगा।


अब दोपहर में उसने मिस कॉल दिया. मैं उसके कमरे में गया. उसने भाभी को नंगी करके अपने ऊपर लेटा रखा था उनकी चूत में लन्ड डाला हुआ था। उनकी गांड दरवाजे की तरफ थी।


मैं उनके पास जा लेटा, उनकी पीठ पर किस करने लगा।


भाभी- तुम यहां क्या कर रहे हो? भाई- मैंने उसे बुलाया है तुम्हारे लिए सरप्राइज़ है।


वे मुझे किस करने लगी और भाई के लन्ड पर कूदने लगी. मैंने उनकी चूचियां पकड़ ली और चूसने लगा।


भाई- तुम्हारे लिए हमारी तरफ से इसकी गांड गिफ्ट है. चलो शुरू हो जाओ।


भाभी- हां मैं भी सोच रही थी तुम्हें कुछ देने की! तुमने हमारी नीरस जिन्दगी में रस भर दिया। मैं- ये गिफ्ट तो ठीक है. लेकिन मुझे एक दो चाचू बोलने वाले बच्चे चाहियें।


भाभी- ठीक है तुम्हारी शादी के बाद तुम्हें ये गिफ्ट भी मिल जाएगा।


मैं उनकी गांड सहलाने लगा, उनको चाटने चूसने लगा.


एक उंगली मैंने भाभी की गांड में डाली तो भाभी छटपटा गई। मैं उसी उंगली को आगे पीछे करने लगा।


कुछ देर में उन्हें अच्छा लगने लगा तो मैंने तेल लेकर उनकी गांड और अपने लन्ड को पूरा गीला कर दिया. अब मैंने सुपारा भाभी की गांड में घुसा दिया.


वे सिहर उठी- आह आह!


मैंने धीरे धीरे कर आधा लन्ड अन्दर कर दिया. वे चिल्ला उठी, उनकी आंखों से आंसू आ गये। भाई उन्हें चुप कराने लगा।


मैं अब आधे लन्ड को ही अंदर बाहर करने लगा. कुछ देर में वे नोर्मल हो गई तो मैंने पूरा लन्ड घुसा दिया.


वे चिल्ला उठी, रोने लगी.


अब मैंने कुछ देर उनके पीठ को चूमा चाटा. और जब वे शान्त हुईं तो मैं धीरे धीरे चोदने लगा.


फिर भाई ने उनकी चूत में लन्ड घुसा दिया. भाभी हम दोनों के बीच पिस रहे थीं।


25 मिनट बाद भाई उनकी चूत में और मैं उनकी गांड में झड़ गया।


रात को उनको दर्द से बुखार आ गया।


मैंने भाभी के पूरे शरीर पर मालिश कर दी और दवा दी. तो वे ठीक हो गईं।


अगले साल मेरी और रुचि की शादी हो गई गांव वाले घर पर!


वहाँ मैंने सुहागरात पर उसका घूंघट उठाया, उसे किस किया. वह सिसकारी भरने लगी।


फिर उसके संतरे जैसे चूचे चूसे, उसके पेट को चूसा, उसकी चूत चाटी.


उसके बाद धीरे से मैंने उसकी चूत में लन्ड डाल दिया. वह चीख पड़ी।


कुछ धक्कों में मैंने अपना पूरा लन्ड उसकी चूत में उतार दिया.


उसकी चूत से खून निकलने लगा. वह रोने लगी. मैंने उसे चुप कराया और धीरे धीरे चोदने लगा.


वह सिसकारियां भरने लगी. 30 मिनट की चुदाई में वह 2 बार झड़ी.


फिर मैं भी उसके अन्दर झड़ गया. उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा।


कुछ दिन बाद हम चारों शहर के मकान में आ गए।


आते ही भाई- क्यों साली साहिबा, अब तो शादी हो गई. अब तो दोगी ना? रुचि हंसती हुई- नहीं दूंगी जीजू! क्यों मुंह से लार टपका रहे हो. मैंने कसम खा रखी है कि मैं अपने पति के सिवा किसी से नहीं करूंगी।


भाई- ओहो, साली साहिबा आपने तो खड़े लन्ड पर धोखा दे दिया। हम सभी हंसने लगे।


रुचि मेरे तरफ देखते हुए- उदास ना हो जीजा, मैं तुमसे अपनी बुर चटवाऊंगी। मेरे बुरचट्टा जीजा, मेरी बुर चाटोगे ना? भाई- इतने में तो मैं तर जाऊंगा।


तभी रुचि वहीं सोफे पर अपनी टांगें फैला कर बैठ गयी- आओ मेरे बुरचट्टा जीजा … अपने भाई की बीवी की बुर चाटो।


भाई नीचे बैठ गया और उसकी पैन्टी पर मुंह लगा दिया. उसकी पैन्टी को अपने दांतों से पकड़ कर भीने निकाल दिया और उसकी चूत चाटने लगा।


मैं भी भाभी को रुचि के बगल में बिठा उनकी चूत चाटने लगा।


कुछ देर बाद दोनों झड़ गई।


अब मैं रुचि की और भाई भाभी की चुदाई करने लगे।


अभी तक तो ऐसे ही हम सभी हंसी खुशी रह रहे हैं।


भाभी फक Xxx स्टोरी पूरी पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आप अपना अमूल्य फीडबैक जरूर दें और अपने ग्रुप में शेयर करें। धन्यवाद। [email protected]


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