कामवाली आंटी की मस्त चुत चुदाई

जीत कुमार

29-05-2024

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Xxx मेड फक कहानी में मैं मुठ मार के गुजरा करता था. हमारी काम वाली आंटी को पता चल गया, उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा. तो मैंने आंटी को ही मदद करने को कहा.


दोस्तो, मेरा नाम जीत है. मैं यूपी का रहने वाला हूं. मेरी उम्र अभी 25 साल है, हाइट 5 फुट 7 इंच है और मेरा लौड़े का साइज 6 इंच है.


यह Xxx मेड फक कहानी एकदम सच्ची है.


यह बात एक साल पहले की है.


हमारे घर पर एक काम वाली आंटी काम करने आती थीं. उन आंटी का नाम कोमल था. उनका रंग सांवला था. आंटी थोड़ी मोटी भी थीं, लेकिन बहुत ही सेक्सी फिगर की थीं.


एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था तो हम दोनों हस्तमैथुन की बात करने लगे.


बातचीत के दौरान उसने कहा- मैं तो लंड पर कंडोम पहन कर मुठ मारता हूँ और वैसे ही अपने लौड़े को कंडोम पहनाए हुए ही सो जाता हूँ. मैंने कहा- इसमें क्या खास बात है?


वह बोला- खास-वास कुछ नहीं है, बस उस वक्त जो नशा चढ़ता है ना तो लगता है कि कौन लंड धोने जाए … बस ऐसे ही पड़े रहो. बिस्तर के कपड़े भी खराब नहीं होते और मजा भी पूरा आआ है. तू कैसे मुठ मारता है?


मैंने कहा- मैं तो मुठ मार कर टिश्यू पेपर से लंड पौंछ लेता हूँ. वह कुछ नहीं बोला.


फिर उसने कहा- अरे यार, मुझे तो डॉटिड कंडोम में हाथ चलाने में मजा आता है. उसकी यह बात सुनकर मुझे भी लगा कि एक बार तो कंडोम लगा कर देखना चाहिए कि कैसा लगता है.


कुछ देर बात करने के बाद उस दोस्त ने मुझे अपने पास से एक कंडोम का पैकेट दे दिया और कहा- ट्राई करके देख. मैंने भी वह कंडोम का पैकेट अपनी जेब में रख लिया.


मैं शाम को अपने घर आया तो मैंने सोचा कि मैं इस कंडोम को यूज कर लेता हूँ. मेरा कमरा अलग था तो अपने कमरे में गया और दरवाजा बंद कर दिया.


मैंने अपने कपड़े उतार दिए और अपने लौड़े पर कंडोम चढ़ाने लगा. पर लंड तो ढीला था तो मैंने सोचा कि पहले इसको कड़क करता हूँ.


मैंने अपने लौड़े पर थूक लगा कर हिलाना शुरू कर दिया.


कुछ देर बाद मेरा लंड सख्त हो गया. अब मैंने कंडोम का रैपर फाड़ा और उसे अपने लौड़े पर चढ़ा दिया.


उसके बाद मैंने कुछ देर तक मुठ मारी और झड़ गया. सच में बड़ा मजा आया. न साला हाथ धोना पड़ा और ना लंड.


फिर मैं बिना कंडोम निकाले यूं ही ही सो गया. बड़ी गहरी नींद आई.


सुबह सुबह कोमल आंटी की आवाज आई- जीत बेटा दरवाजा खोलो. मैं एकदम से हड़बड़ा कर उठा और अपने लंड को देख कर मैंने कहा- हां आंटी, बस अभी आया … आप एक मिनट रुको.


मैंने झट से लंड से कंडोम निकाला और बेड के गद्दे के नीचे घुसा दिया. फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोल दिया.


कोमल आंटी ने कहा- 8 बज रहे हैं … उठना नहीं था क्या? कोमल आंटी मुझसे थोड़ा फ्रेंडली थीं तो मैंने कहा- आपके ही उठाने का इंतजार कर रहा था. वे हंसने लगीं.


फिर मैं फ्रेश होने चला गया.


जब मैं अपने कमरे में आया तो देखा कि साला कंडोम तो आधा ही गद्दे के नीचे घुसा हुआ है और कोमल आंटी भी उसी के सामने पौंछा लगा रही हैं.


मैंने जैसे ही कंडोम को अन्दर घुसाने की कोशिश की, आंटी ने मुझे देख लिया.


आंटी मुझसे बोली- यह कंडोम यहां क्या कर रहा है? जैसा कि मैंने आपको बताया कि कोमल आंटी मुझसे थोड़ा फ्रेंडली थीं.


तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा- कुछ नहीं आंटी, यह गलती से रह गया था. आंटी ने कहा- इसे तो तुरंत ही फेंक देना चाहिए था ना!


मेरी जगह कोई और होता तो शायद तुरंत उनकी बात को पकड़ लेता कि वे क्या कहना चाहती हैं. लेकिन मैंने कहा- आंटी यह तो अभी निकाला है, इसलिए मैंने यहीं रख दिया था.


आंटी आश्चर्य से बोलीं- क्या तूने यह अभी यूज़ किया है? मैंने कहा- नहीं, यूज़ तो रात को किया था … पर इसे लगा कर ही सो गया था. अब निकाल कर रखा था.


वह बोलीं- छी: तेरे कच्छे में तो बास भी भर गई होगी! मैंने कहा- अरे ऐसे कैसे कच्छे में बास भर गई होगी? चाहे तो आप सूंघ लो.


आंटी हंसने लगीं और बोलीं- किसी को लेकर भी आया था … या अपने हाथ से ही काम चलाया था? मैंने कहा- ऐसी किस्मत कहां है मेरी, जो कोई मेरे साथ सेक्स करे!


कोमल आंटी ने कहा- दिखने में तो इतने हैंडसम हो, फिर भी तुझे हाथ से काम चलाना पड़ रहा है! मैंने कहा- क्या करूँ आंटी … आप भी तो मेरे लिए कुछ नहीं सोचतीं.


यह सुनकर आंटी ने मेरे हाथ से एकदम कंडोम छीन लिया और बोलीं- जीत, ज्यादा मत बोला करो … मैं तुम्हारी आंटी हूँ … तुम्हारे पास मेरे लायक लंड भी नहीं होगा. मैंने उनके मुँह से लंड शब्द सुना तो समझ गया कि आंटी लंड के नीचे आने को राजी हैं.


मैंने कहा- बड़े छोटे से कुछ नहीं होता आंटी … लंबी रेस का घोड़ा होना चाहिए.


तभी आंटी ने कंडोम को सीधा किया और हैरानी से बोलीं- क्या तुम्हारा इतना बड़ा है या तुमने इसे खींच कर लंबा कर दिया? यह कह कर वे हंसने लगीं.


इतनी सेक्सी बात सुनते सुनते मेरा लंड खड़ा हो गया था.


मैंने आंटी का हाथ अपने लौड़े पर रखा और कहा- खुद ही देख लो आंटी … मेरा हथियार आपकी फटी हुई चुत को मजा दे सकता है! आंटी ने एकदम से लौड़े से हाथ हटाया और बोलीं- हट बदतमीज, कोई देख लेगा.


अब मुझ पर अपना काबू नहीं रहा. मैंने आंटी की एक चूची पकड़ कर भींच दी. आंटी ‘आउच.’ कह कर उचक गईं.


मैंने आंटी से कहा- आंटी, मुझे अब आपके साथ सब कुछ करना है. वे बोलीं- कोई आ जाएगा, अभी मुझे जाने दो … मैं जा रही हूं. आंटी मुझसे छूट कर चली गईं.


मैंने आंटी के जाने के बाद उनकी चूचियों का अहसास करते हुए मुठ मार ली.


मैं समझ गया था कि आंटी को लंड के नीचे लाना कोई बड़ी बात नहीं है. साली चुत चुदवाने के कुछ पैसे ही तो लेगी.


उस दिन आंटी चली गईं. उसके बाद से जब भी आंटी मेरे कमरे में आतीं, मैं उनके ब्लाउज में सौ का नोट फंसा देता कि आंटी एक बार चूसने दो ना.


आंटी हँसती हुई मुझसे अपने दूध दबवा लेतीं और कभी कभी मैं उनके ब्लाउज को उठा कर निप्पल चूस भी लेता. हर बार आंटी को सौ का नोट मिलता तो वे और ज्यादा प्यार से चूचे दबवा लेतीं.


कभी कभी मैं उनकी टांगों के बीच में भी हाथ डाल कर उनसे चुत चुदवाने की बात कर लेता तो वे कुछ नहीं कहतीं. कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा.


एक दिन घर के सभी लोग एक फंक्शन में दो दिन के लिए गए हुए थे. मैं नहीं गया था. मैंने सोच लिया था कि आज आंटी की लेना ही है.


शाम को आंटी आईं और बोलीं- सभी लोग कहां पर हैं? मैंने कहा- वे सभी एक-दो दिन के लिए एक रिश्तेदार के यहां गए हैं.


आंटी मुस्कुराने लगीं. मैंने कहा- यहां पर सिर्फ आप और मैं ही रह गए हैं.


वे बोलीं- तो क्या करूँ? मैंने लंड सहला कर कहा- आंटी, आज आप कुछ नहीं करोगी. आज मैं आपकी चुत चुदाई करूंगा.


आंटी ने हँसते हुए झाड़ू लगाना शुरू कर दिया. मैंने उनकी गांड को देखा तो मेरा लंड मचलने लगा था. पीछे से उनकी गांड मुझे मदहोश कर रही थी.


मैंने एकदम से आंटी को पीछे से पकड़ लिया और उनके मोटे मोटे चूचे दबाने लगा. कोमल आंटी ने कहा- जीत, यह तुम क्या कर रहे हो … ऐसा मत करो.


मैंने आंटी को बेड पर गिरा लिया और कोमल आंटी की चूची दबाते हुए उनके होंठों चूसने लगा. आंटी ने भी मेरे लौड़े को अपने मुलायम हाथों से भींच लिया.


कुछ 5 मिनट तक हम ऐसे ही करते रहे. आंटी ने मेरे कपड़े निकाल दिए. तो मैंने भी आंटी की साड़ी और ब्लाउज निकाल दिए.


आंटी जितनी मोटी थीं, उतनी ही बिल्कुल टाइट चूचियां थीं. उनकी ब्रा सफेद रंग की ओर कच्छी नीले रंग की थी.


आंटी मेरे लौड़े को पकड़ कर हिलाती हुई बोलीं- आगे को आ जाओ. उन्होंने मेरे लौड़े को अपने मुँह में भर लिया. अब आंटी मेरे लौड़े को चूस रही थीं.


तभी मैंने आंटी की ब्रा उतार दी. आंटी के निप्पल काले थे. मैं उनके निप्पल दबाने लगा.


आंटी को मेरा लंड को चूसते चूसते 15 मिनट हो गए थे. तब आंटी ने कहा- अब तुम मेरी चाटो.


मैं आंटी की किस करते-करते नीचे आ गया. मैंने आंटी की पैंटी निकाल दी.


आंटी की चूत पर काली झांटें थीं. मैंने अपनी उंगली से आंटी की चूत खोली और चूत में उंगली डाल दी. फिर जीभ से चाटने लगा.


आंटी ने मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा लिया. मैं अपनी उंगली जोर-जोर से अन्दर बाहर कर रहा था.


आंटी की चूत पूरी तरह से गीली थी. वे सिसकारियां भरने लगीं- उई आ अम्म चाट जीत चाट मेरे भोसड़े को. उनकी झांटें मेरे चेहरे पर लग रही थीं.


अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने आंटी से कहा- आंटी, अपने पैर चौड़े कर लो. आंटी ने अपने पैर चौड़े कर लिए.


फिर मैंने अपना सख्त लौड़ा उनकी चूत पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया तो मेरा लंड अन्दर घुस गया. आंटी अपनी दोनों आंखें बंद करके अपनी चूची दबाने लगीं.


मैं तेज तेज धक्के मारता हुआ आंटी की चूत चोदने लगा. मैंने आंटी से कहा- आंटी, आप मेरे लौड़े के ऊपर आ जाओ.


मैं बेड पर लेट गया. अब आंटी ने मेरे लौड़े को अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर नीचे होने लगीं.


आंटी थोड़ी मोटी थीं तो वे कुछ ही देर में थक गईं. वे बोलीं- मुझसे नहीं हो पा रहा, अब तुम करो.


मैंने आंटी को घोड़ी बना लिया. आंटी की झांटें बहुत बड़ी थीं इसलिए चूत खोल कर अपना लंड पूरा एक ही बार में डाल दिया.


आंटी- उई आह थोड़ा आराम से करो. मैंने जैसे ही धक्के देने चालू किए, आंटी के चूतड़ मेरी जांघों पर लगने लगे थे.


Xxx मेड फक करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं झड़ने वाला था तो मैंने लौड़े को गर्म चूत से बाहर निकाला और आंटी की गांड से कमर तक अपने माल की बूंदें गिरा दीं.


फिर हम दोनों शान्त हो गए. मैं आंटी के ऊपर ऐसे ही लेट गया.


आंटी बोलीं- मैं इतने दिनों से काम कर रही हूं, ये काम तो तुझे पहले ही कर देना चाहिए था! मैंने कहा- आंटी कोई बात नहीं, अब से तो शुरू हो गया!


उसके बाद मैंने कहा- आज आप यहीं रुक जाओ. रात भर चुदाई का मजा लेंगे. वे कुछ देर सोचने के बाद राजी हो गईं।


उन्होंने अपने घर फोन कर दिया कि आज रात वे मेरे घर रुकेंगी.


बस फिर क्या था … मैं और आंटी ने सारी रात चुदाई का मजा लिया. मैंने आंटी की चुत की झांटें साफ कीं और जबरदस्त चुदाई की.


दोस्तो, यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है. आपको कैसी लगी प्लीज बताएं.


मेरी अभी कुछ सेक्स कहानी और भी हैं जो एकदम सच्ची हैं. उनको मैं Xxx मेड फक कहानी पर आपके कमेंट्स पढ़ने के बाद लिखूँगा. [email protected]


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