ऑन्टी ने समझाया बायो का कठिन चैप्टर- 1

ऋषि पूनम

18-09-2024

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रिप्रोडक्शन इन ह्यूमन वाला चैप्टर मुझे समझ नहीं आया तो मकान मालकिन ने मेरी मदद की. एक कामुक तलाकशुदा ऑन्टी ने मुझे पढ़ाने के बहाने अपने वासना भरे खेल का साधन बनाया।


दोस्तो, मेरा नाम ऋषि है।


साइट पर यह मेरी पहली कहानी है।


बात तब की है जब मैं कक्षा 12 की परीक्षा तीसरी बार लिख रहा था। मेरी उम्र 20 वर्ष थी। हालांकि मेरी कद काठी किसी 25-26 साल के गबरू जवान जैसी थी। गांव का छोरा, घी दूध खाकर बनाया बदन, हाइट 5’11”


मैं शहर में एक मकान में पेइंग गेस्ट की तरह रह रहा था एक तलाकशुदा ऑन्टी के यहां!


पापा मुझे डॉक्टर बनाना चाहते हैं. घर में पैसे की कमी नहीं है. मैं फेल हुए जा रहा हूँ, वे पढ़ाये जा रहे हैं।


चलिए कहानी पर आते हैं.


जिन ऑन्टी के यहां मैं PG पर रह रहा हूँ उनका नाम पूनम है, उनकी उम्र लगभग 45 साल होगी।


ऑन्टी के फिगर की बात करूँ तो मैं नहीं कहूँगा 36 के उरोज 28 कमर और 36 के कूल्हे। सब झूठ है.


45 साल की खेली खाई आंटियां को फिगर होता है MILF पोर्न स्टार जैसा। जैसे Alura Jenson, Kendra Lust, Lisa Ann ये जो नाम बताए हैं, इनको गूगल करना!


चलो अपनी देसी पोर्न स्टार मतलब पूनम ऑन्टी की बात करते हैं.


बात करते उनके बड़े बड़े दूधों की … भाई 48 साइज ब्रा कप साइज 34H अगर दूध निकालें तो एक बार में 4 लीटर निकाल लो। मतलब बस पीने के लिए ही बने हैं। कमर 38 की और कूल्हे 44 के! आये हाय … मतलब चाटने जाओ तो सारा थूक खत्म हो जाये।


तो दोस्तो, ऐसी काम देवी पूनम दिन रात जिसके सामने हो … उसे पढ़ना है। आप सोचो कि पढ़ाई हो सकती है क्या?


लेकिन इतनी कामुक औरत मेरे सामने थी. पर अपनी तो बायो से फटी पड़ी थी। हर बार फेल … लाख जतन किये … सब मिट्टी!


यह तो बात हुई सेक्सी पूनम ऑन्टी की।


अब आते है सेक्स कहानी पर कि कैसे इस अप्सरा के अमूल्य खजाने के दर्शन मुझे हुए।


एक दिन अपने कमरे में बहुत जोर जोर रट्टा मार कर मैं पढ़ रहा था। और पढ़ते पढ़ते मैं जोर जोर से रोने लगा।


मेरा रोना सुनकर ऑन्टी दौड़ती हुई मेरे रूम के तरफ आयी।


पूनम ऑन्टी- क्या हुआ ऋषि? क्यों रो रहा है? घर की याद आ रही है क्या?


मैं- नहीं ऑन्टी, मुझे लगता है मैं कभी 12वीं पास नहीं कर पाऊंगा. और न ही डॉक्टर बन पाऊँगा।


पूनम ऑन्टी- ऐसा क्यों सोचता है तू? इतनी मेहनत करता है तो जरूर पास होगा। मैं- कहाँ से पास होऊंगा ऑन्टी? ये चैप्टर पिछले दो साल से समझने की कोशिश कर रहा हूँ, समझ ही नहीं आता। स्कूल की मैडम भी नहीं पढ़ाती, बोलती है खुद से पढ़ लो।


पूनम ऑन्टी- कौन सा चैप्टर? ला मैं देखूं! मेरा भी 12वीं में बायो सब्जेक्ट था। मैं- सच ऑन्टी!


मेरी आँखों में चमक आ गई कि अब मैं पास हो जाऊंगा।


मैं बोला- ये ऑन्टी ‘मानव में प्रजनन … रिप्रोडक्शन इन ह्यूमन’


रिप्रोडक्शन इन ह्यूमन और मानव प्रजनन सुनते ही पूनम ऑन्टी के चेहरे पर कातिलाना मुस्कान आ गई और आंखों में चमक और वासना।


ऑन्टी बोली- अरे पगले, ये स्कूल वाली मैडम कैसे पढ़ा सकती है स्कूल में? यह प्रैक्टिल चैप्टर है. प्रैक्टिल से ही समझ आएगा। तू बिल्कुल चिंता न कर, मैं तुझे एक्सपर्ट कर दूंगी।


वे आगे बोली- अच्छा सुन … यह प्रैक्टिल चैप्टर है तो कुछ प्रैक्टिकल का सामान लगेगा, मेडिकल से ले आना, मैं लिख कर दूंगी।


मैंने सोचा पढ़ाई का सामान स्टेशनरी पर मिलता है, मेडिकल स्टोर क्यों? लेकिन मुझे पास होना था। मैंने कहा- ठीक है ऑन्टी, लिस्ट दे दीजिए।


पूनम ऑन्टी ने एक लिस्ट बनाकर दे दी और कहा- ये स्टोर वाले को दे देना और कहना ये दे दो. खोल कर नहीं देखना।


लिस्ट लेकर मैं मेडिकल स्टोर पर पहुंचा और लिस्ट उसे दे दी।


लिस्ट में कंडोम के पैकेट, सेक्स की गोलियां और गर्भ निरोधक गोलियां थी। ये सब मुझे बाद में पता चला।


तो दोस्तो, इस तरह से पूनम ऑन्टी ने अपना जाल फेंक दिया था और पढ़ाने के बहाने वे एक लड़के को मर्द बनाने जा रही थी।


सारा सामान लाकर मैंने पूनम ऑन्टी को दे दिया.


ऑन्टी बोली- ठीक है. अब जाकर तू आराम कर! और देख अच्छे से सो लेना क्योंकि हमें रात को बहुत देर तक पढ़ना पड़ेगा. मैंने कहा- ठीक है ऑन्टी! इतना कहकर मैं अपने कमरे में चला गया और ऑन्टी ने मुझे रात को 10:00 बजे उनके कमरे में आने को बोला।


बहरहाल रात को 10:00 बजे मैं ऑन्टी के कमरे में पहुंच गया.


ऑन्टी ने गुलाबी रंग की चमकती हुई नाइट गाउन पहनी हुई थी।


इस तरह के कपड़ों में पहले मैंने ऑन्टी को कभी नहीं देखा था। मैंने भी उस समय लोवर टी शर्ट पहना हुआ था.


तब मैंने ऑन्टी को नमस्ते कहा और सोफे पर जाकर बैठ गया और अपनी किताब खोल ली.


पूनम ऑन्टी ने मुझसे कहा- इससे पहले कि मैं तुम्हें यह चैप्टर पढ़ाऊँ, तुम्हें एक वादा करना होगा! मैंने कहा- क्या ऑन्टी? उन्होंने कहा- यह बात तुम्हारे और मेरे बीच रहेगी; तुम किसी को बताओगे नहीं!


मुझे सुनकर थोड़ा अजीब लगा कि ऑन्टी पढ़ा रही हैं तो ऐसा क्यों बोल रही हैं. परंतु मैंने कहा- ठीक है, मैं किसी से नहीं कहूंगा।


ऑन्टी ने मुझसे कहा- मानव प्रजनन को समझने से पहले हमें मानव के कुछ अंगों के बारे में पढ़ना पड़ेगा जो मानव प्रजनन में बहुत सहायक होते हैं. और इनको पढ़ाते वक्त तुम्हें थोड़ी सी शर्म आएगी. लेकिन शर्माना नहीं है क्योंकि शरमाओगे तो तुम चीजें समझ नहीं पाओगे. मैंने कहा- ठीक है।


ऑन्टी ने कहा- मानव प्रजनन के लिए औरत और मर्द की कुछ विशेष अंग जब आपस में मिलते हैं तो उस क्रिया से नए मानव का निर्माण होता है और इसे ही मानव प्रजनन कहते हैं. जो अंग इसमें इस्तेमाल होते हैं उन्हें योनि और लिंग कहते हैं.


यह कहकर ऑन्टी ने मुझे पहले पेज पर बने मानव लिंग की तस्वीर दिखाई- गौर से देखो, इसे लिंग कहते हैं. और यह पुरुष का सेक्स अंग होता है. ऑन्टी के मुंह से सेक्स शब्द सुनकर मेरे सारे शरीर में झुनझुनी सी दौड़ गई. मैंने कहा- ठीक है.


ऑन्टी ने कहा- ये जो चित्र किताबों में होते हैं, इन सभी से इतने अच्छे से समझ नहीं आती. तो मैं तुम्हें जो कुछ भी समझाऊं कि वह प्रैक्टिकल से समझा दूंगी. और अब मैं जो तुम्हें कहने वाली हूं, उसको ध्यान से सुनो और करो।


उन्होंने मुझसे कहा- ऋषि, सामने मेरे सामने आकर खड़े हो जाओ। मैं जाकर ऑन्टी के सामने खड़ा हो गया.


ऑन्टी ने कहा- अब अपनी लोवर और अंडरवियर को नीचे करो!


इतना सुनते ही मेरे हाथ पैर सुन्न पड़ गए क्योंकि आज से पहले मैंने शौच के अलावा कभी इस तरीके से अपने कपड़े नहीं उतारे थे।


मैं ऑन्टी की तरफ देखता रहा और मैंने कपड़े नहीं उतारे.


ऑन्टी ने मुझसे फिर से कहा- जल्दी करो ऋषि! और आगे भी पढ़ना है! मैंने कहा- ऑन्टी, पर यह कैसे?


“देखो ऋषि, मैंने तुमसे पहले ही कहा था कि यह चैप्टर प्रैक्टिकली करना पड़ेगा. सिर्फ किताबों को देखकर, उनके चित्र देखकर तुम्हें यह चीज समझ नहीं आएगी। अब जल्दी से अपने नीचे के कपड़े उतारो. और नहीं तो जाओ यहां से! मैं तुम्हें नहीं पढ़ा सकती।


ऑन्टी का यह कहना था और मैं उदास हो गया. मैंने कहा- नहीं नहीं ऑन्टी, मुझे पास होना है किसी भी कीमत पर पास होना है.


और इससे पहले कि मैं अपना लोअर नीचे करता … ऑन्टी ने एक ही झटके में मेरा लोवर और मेरी अंडरवियर दोनों नीचे खींच दी और मैं उनके सामने एकदम नंगा हो गया।


मेरा सोया हुआ लन्ड भी करीब 4 इंच का दिखाई दे रहा था. इसे देखकर पूनम ऑन्टी की आंखें चमक उठी और उन्हें अपनी प्यास बुझती हुई नजर आने लगी।


उन्होंने मेरे लिंग को एकदम से पकड़ा और बोली- देखो, इसे मानव लिंग कहते हैं. और यह औरत की योनि में प्रवेश करता है तो उससे प्रजनन होता है।


वे आगे बोली- इसे देसी भाषा में जानते हो क्या कहते हैं? तो मैंने कहा- नहीं ऑन्टी! उन्होंने कहा- हम इसे लंड, लौड़ा कहते हैं.


“क्या बोलते हैं?” उन्होंने मुझसे दोहराने के लिए कहा. मैंने बोला- ऑन्टी लंड या लौड़ा बोलते हैं.


पूनम ऑन्टी- बिल्कुल ठीक! अब इसके नीचे तरफ तुम देख रहे हो जो दो गोलियां लटक रही हैं, इन्हें टेस्टीकल्स कहा जाता है जिसके अंदर से एक पदार्थ भरा होता है जिससे कि औरत बच्चे को जन्म देने में सफल होती है. बोलो समझ आया? मैंने हां में सर हिला दिया।


वे बोली- मानव लिंग में जब तनाव या उत्तेजना होती है तभी यह योनि में प्रवेश कर सकता है योनि का दूसरा नाम चूत होता है।


“बोलो मेरे साथ … क्या होता है?” तो मैंने कहा- जी चूत होता है! “बिल्कुल ठीक … तो जब लन्ड चूत के अंदर जाए, उसके पहले इसे खड़ा करना होता है यानि कि उत्तेजित अवस्था में लाना होता है.


और इतना कहकर ऑन्टी ने अपने कोमल कोमल हाथ मेरे लन्ड पर फिरना शुरू कर दिए जिससे मेरा 4 इंच का लंड 5 इंच फिर 6 इंच और बढ़ते बढ़ते साढ़े 6 इंच का हो गया … लाल चमकदार! जिसे देखकर ऑन्टी की मुस्कान बढ़ गयी.


उत्सुकतावश मैंने ऑन्टी से पूछा- ऑन्टी, अचानक से यह मेरे इसको क्या हो गया है? ऐसे बड़ा क्यों हो रहा है?


पूनम ऑन्टी- साफ-साफ बोलो किसको क्या हो रहा है? मैं- यह यह लिंक को लिंग …


पूनम ऑन्टी- नहीं … मैंने क्या बताया था? मैं- जी यह मेरे लन्ड को क्या हो रहा है? अचानक से बड़ा क्यों हो रहा है आपके छूने से? और आपके छूने से मेरे पूरे शरीर में करेंट सा क्यों लग रहा है? पूनम ऑन्टी ने कहा- ऋषि, इसे उत्तेजना कहते हैं. और दो लोगों के बीच में यौन क्रिया करने के लिए या सेक्स करने के लिए उत्तेजना बहुत जरूरी होती है।


इतना कहकर ऑन्टी ने मेरे लन्ड को फिर से सहलाना शुरु कर दिया. और सहलाने की देर थी कि एकदम से मैंने पिचकारी। मेरे लन्ड की धार उनकी उस गुलाबी मैक्सी पर जा गिरी।


पहले तो ऑन्टी ने गुस्से से देखा और मैं रोने लगा- ऑन्टी जी, यह क्या हो गया? मैंने आपको गंदा कर दिया. मैंने यह जानबूझकर नहीं किया है। तो पूनम ऑन्टी ने कहा- कोई बात नहीं बेटा. उत्तेजना में ऐसा हो जाता है. एक काम करो, अभी तुम जाओ, इसको साफ करो. आगे की पढ़ाई हम कल करेंगे.


और इतना कहकर ऑन्टी ने मुझे भेज दिया.


आज जो हुआ … यह मेरे लिए बिल्कुल नया अनुभव था. यह मेरे लिए अनोखा था. आज से पहले ऐसा मेरे साथ कभी नहीं हुआ था और आपकी तरह मैं भी उत्सुकता में था कि आगे क्या होने वाला है … और कैसे यह बायो का चैप्टर मनोरंजन का चैप्टर बनने वाला है।


अगले रात ठीक 10 बजे मैं फिर हाथ में किताबें, दिमाग में कई सवाल और पैंट में एक अजीब सी झुरझुरी लेकर पूनम ऑन्टी के यहां पहुंच गया।


आज उनकी नाइटी लाल थी और लबों पर सुर्ख लिपस्टिक, खुले बाल परफ्यूम की खुशबू और चेहरे पर मुस्कान!


आज जब उन्हें देखा तो लगा कि पहली बार देखा है. उनके शरीर का हर अंग उतार चढ़ाव मुझे उत्तेजित कर रहा था। मेरा मन हुआ कि अभी आंटी को बाहों में भर लूं।


और इस बीच मेरे लन्ड महाशय कब खड़े होकर पूनम ऑन्टी को सलामी देने लगे, पता ही नहीं चला।


उन्होंने नीचे देखा और हंसने लगी। मैं शर्मा कर बोला- ऑन्टी … वो उत्तेजना! ऑन्टी ने कहा- अंदर आओ, बैठो. और पूछा- ठीक हो? “जी ऑन्टी!” मैंने कहा।


पूनम ऑन्टी- ऋषि, आज तो मैंने छुआ भी नहीं … फिर ये उत्तेजना क्यों? लन्ड में तनाव क्यों? मैं- पता नहीं ऑन्टी!


पूनम ऑन्टी- देखो सच बताओ, यह पढ़ाई का हिस्सा है. समझे! मैं- जी वो जी … वो आपको देखकर! पूनम ऑन्टी- मुझे तो रोज देखते हो. आज अलग क्या है? मुझमें क्या देखा तुमने? मैं- आपकी नाईटी के ऊपर ये उठा उठा सा कुछ है न … वो देखकर!


पूनम ऑन्टी- अच्छा जी, मेरे मम्मे देखकर खड़ा हो गया तेरा!


फिर वे बोली- आज तुझे स्त्री के अंगों के बारे में ही बताना है। जा सामने बैठ जा!


मैं सामने बैठा और ऑन्टी ने नाईटी के ऊपर से ही बताया कि दूध स्तन या मम्मे कहलाते हैं. और ये सेक्स के समय उत्तेजना के लिए और बाद में बच्चे को दूध पिलाने के काम आते हैं।


अब मेरे अंदर का मर्द जागने लगा था और ऑन्टी मुझे एक कामुक औरत दिखाई दे रही थी।


मैंने कहा- ऑन्टी ऐसे समझ नहीं आ रहा कपड़ों के ऊपर से! पूनम ऑन्टी- शैतान बच्चा … रुक!


वे शायद इस पल का इंतजार कर रही थी। उन्होंने एक पल में नाईटी उतार फैंकी।


आंटी ने अंदर सिर्फ पैंटी पहनी थी।


नाईटी के हटते ही उनके 48 इंच के दूध मेरे सामने थे। एकदम सफेद और उनके बीचों बीच भूरे निप्पल।


आह … मैं बस देखता रह गया।


मेरी बेताबी देखकर वे बोली- क्या हुआ? क्या सिर्फ देखेगा? यह प्रैक्टिकल क्लास है. सब छूना है, महसूस करना है. चल आ छूकर देख!


उनका इतना कहते ही मैं उठा और उनके करीब आ कर खड़ा हो गया। पूनम ऑन्टी के इतना करीब आज पहली बार आया था।


मेरी झिझक देखकर उन्होंने मेरे एक हाथ को अपने मम्मे पर रख दिया। वो एहसास वो टच … मुझे जन्नत में ले गया।


मैं धीरे धीरे उनके मम्मे सहलाने लगा। मैंने देखा पूनम ऑन्टी की आंखें बंद हो चुकी थी और वे तेज तेज सांसें ले रहीं थीं। उनके मम्मे ऊपर नीचे हो रहे थे।


अचानक से उन्होंने मेरा सर अपने मम्मों के बीच दबा दिया और बोली- जैसे मैंने लन्ड सहला कर तुझे उत्तेजित किया था, मेरे दूदू पीकर तू मुझे उत्तेजित कर! मैं बारी बारी उनको दोनों दूदू पीने लगा। लग रहा था कि यह चैप्टर कभी खत्म न हो।


तो दोस्तो, मैं ऑन्टी के मम्मे देख चुका था और ऑन्टी मेरा लन्ड अब सिर्फ बाकी था प्रजनन!


आगे इंतजार कीजिए रिप्रोडक्शन इन ह्यूमन कहानी के अगले भाग का! तब तक आप अभी तक की कहानी पर अपने कमेंट्स लिखिए. नमस्कार।


रिप्रोडक्शन इन ह्यूमन कहानी का अगला भाग:


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