मेरी मम्मी को पड़ोसी भैया ने चोद दिया- 2

राहुल बिस्वास

02-09-2024

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माँ सेक्स की गरम कहानी में मेरे पड़ोस के एक भैया ने मुझे आंटी की ब्लू फिल्म दिखाकर उकसा कर मुझसे मेरी मम्मी की कपड़े बदलते, चूत में उंगली करती की वीडियो बनवाई.


फ्रेंड्स, मैं सुजय आपको अपनी मम्मी की चुदाई की कहानी सुना रहा था. कहानी के पहले भाग पड़ोसी भैया के साथ ब्लू फिल्म देखी में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे पड़ोस में रहने वाले राहुल भैया ने मुझे वापस अपने साथ ब्लू फिल्म देखने के लिए पटा लिया था और मुझे खुद भी उनके साथ मजा आने लगा था।


अब आगे माँ सेक्स की गरम कहानी:


कुछ देर बाद भैया ने कहा- सुजय एक बात बोलूँ, बुरा मत मानना क्योंकि मैं सिर्फ बात कर रहा हूँ और तू भी समझता है कि सिर्फ बात करने में क्या जाता है! मैं- ओके बोलो भैया! भैया- सुजय तूने कभी अपनी मम्मी को नंगी देखा है?


मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या जवाब दूँ क्योंकि मैंने कई बार मम्मी को ऊपर से नंगी देखा था. ऐसा मैंने उनको ब्रा और ब्लाउज पहनते देखा था. उस समय वे बिना ब्रा पहने अपने मम्मों को एकदम खुला छोड़ देती थीं और पूरे इत्मीनान से ब्रा के हुक को पहले आगे की तरफ से लगाती थीं, फिर उसे पीछे घुमा कर उसे अपने मम्मों पर चढ़ाती थीं. उसके बाद ब्लाउज पहनती थीं.


मैंने कुछ सोचते हुए कहा- हां भैया, देखा है. मगर मैंने उन्हें पूरी नंगी नहीं देखा है. सिर्फ़ उनकी चूचियां देखी हैं. जब वे ब्लाउज पहन रही होती थीं.


भैया- सच में तूने अपनी मम्मी की चूचियां देखी हैं. बता ना यार … कैसी है तेरी मम्मी की चूचियां? मैं- काफ़ी बड़ी हैं भैया … और उनके निप्पल काले रंग के हैं.


भैया- वाहह यार … वैसे वह कितने नंबर की ब्रा पहनती हैं? मैं- भैया आज से पहले मैंने कभी ऐसा नहीं देखा है. उनकी ब्रा का साइज़ तो मुझे पता ही नहीं है.


भैया- यार, बाथरूम में तो उनकी ब्रा और पैंटी टंगी रहती होगी. वहां से देख लेना. अपनी मम्मी की चूचियां देखकर क्या तेरा लंड कभी खड़ा नहीं हुआ?


मैं थोड़े गुस्से से बोला- भैया मैंने कहा ना … मैंने आज तक उन्हें ऐसी नज़र से नहीं देखा है. भैया- अरे यार, मैं कौन सा तुझे उनकी चुदाई करने को कह रहा हूँ. तू बस देखकर भी तो मज़ा ले सकता है. कभी अपनी मम्मी की उतरी हुई पैंटी सूंघ कर देखना कि तेरा लंड कैसे खड़ा हो जाता है.


मैं चुप रहा और अब खुद भी भैया की बातों से मज़ा लेने लगा था. मुझे भी अब मम्मी को नंगी देखने का मन कर रहा था.


भैया- वैसे तू तो रोज चुदाई देखा कर, जब तू खुद अपनी मम्मी की चुदाई देख सकता … ब्लू फिल्म देखने में क्या मज़ा है!


भैया की बातें सुनकर मैं घर आ गया और जब मम्मी मेरे सामने आईं तब मेरी नज़रें मम्मी की चूचियों और गांड पर थीं.


उनकी चूचियां और गांड देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं जल्दी से बाथरूम में गया और वहां अपना लंड निकाल कर मुट्ठी मारने लगा.


तभी मुझे भैया की ब्रा और पैंटी वाली बात याद आ गयी. मैंने देखा कि मम्मी की ब्रा और पैंटी वहीं कपड़ों में दबी हुई थी.


मैंने मम्मी की पैंटी उठाई. वह नीले रंग की वी-शेप वाली पैंटी थी. मैंने उसे अन्दर से देखा, तो वह चूत वाले हिस्से से सफेद सफेद सी थी.


तभी मैंने उसे अपनी नाक में लगा लिया. एक बहुत तेज महक मेरी नाक में आई, जो मम्मी की चूत और पेशाब की महक थी.


मेरा लंड झटके मारने लगा. मैं मम्मी की पैंटी सूंघता रहा और मुट्ठी मारता रहा. कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया.


मुझे इतना अच्छा आज से पहले कभी नहीं लगा था.


मैंने मम्मी की पैंटी की कुछ फोटो ले लीं और बाहर आ गया.


आज मेरा लंड बैठ ही नहीं रहा था. जैसे ही मम्मी सामने आतीं, मेरा लंड खड़ा हुआ जा रहा था.


रात को पापा आ गए. हम सबने खाना खाया, फिर अपने अपने कमरे में आ गए.


कुछ देर बाद मैं मम्मी पापा के कमरे के पास गया जहां कूलर लगा था. वहां से अन्दर देखने लगा.


वे दोनों बातें कर रहे थे. कुछ देर बाद दोनों सो गए.


मैं भी कमरे में आकर सो गया. सुबह उठा तो पापा जा चुके थे और मम्मी काम कर रही थीं.


फिर वे काम करके नहाने चली गईं.


मम्मी नहा कर आईं तो उनके बाहर आते ही मैं बाथरूम में चला गया.


वहां मम्मी की दो पैंटी सूख रही थीं. मैं उनकी पैंटी को उतार कर लंड पर रगड़ने लगा.


थोड़ी देर बाद मुझसे रहा नहीं गया और मेरा पानी निकल गया.


फिर मैंने नहा कर बाहर आकर नाश्ता किया और पढ़ने बैठ गया.


दोपहर होते ही मम्मी ने खाना दिया और मैं खाना खाकर भैया के पास चला गया.


भैया- और कैसा है हीरो. कल कुछ देखा या नहीं?


मैं- अरे कहां भैया, कल मैंने जब मम्मी पापा के कमरे में देखा तो दोनों लेटे हुए थे. कुछ देर बाद वे दोनों सो गए, पापा ने कुछ किया ही नहीं!


भैया- धत तेरी की … यार अगर तेरे पापा की जगह मैं होता, तो कम से कम 3 बार तेरी मम्मी की चुदाई करता. सुबह तक तो वे चल भी नहीं पातीं. मैं- भैया, आप मम्मी को इतना पसंद करते हो?


भैया- देख सुजय तू बुरा मत मानना. मगर मैं तेरी मम्मी का दीवाना हूँ. यार तेरी मम्मी का भरा बदन बाहर से ही देख लेता हूँ न … तो मेरा लंड बैठ ही नहीं पाता है. मैं- हा हा हा … आप तो मम्मी के लिए पागल हो गए हो!


भैया- अरे यार, तेरे मम्मी है ही ऐसी सेक्सी हॉट माल … मैं तो बस उनके बारे में ही सोचता रहता हूँ. अब मुझे भी भैया की बातों से मज़ा आने लगा था.


मैं- पूछो मत भैया, मेरी मम्मी तो एकदम हॉट हैं … उनकी बड़ी बड़ी चूचियां तो ब्रा में समा भी नहीं पाती होंगी. भैया- यार सुजय, तू किसी तरह मुझे भी अपनी मम्मी की जवानी दिखा दे, तो जो तू बोलेगा, मैं वह करूँगा!


मैं- भैया मैं कोशिश करूँगा. कल जब सुबह वह कपड़े पहनेंगी, तो मैं चुपके से उनकी पिक क्लिक कर लूँगा.


भैया- वैसे एक बात कहूँ. मुझे लगता है तेरी मम्मी को भी चुदाई की ज़रूरत है. मैं- भैया आपको ऐसा क्यों लग रहा है?


भैया- अरे यार मेरा तजुर्बा है. मुझे लगता है. तेरी मम्मी पक्का उंगली करके अपनी आग निकालती होंगी. क्योंकि तेरे पापा उनकी चुदाई नहीं करते हैं. मैं- अरे भैया, अभी मैंने तो एक ही दिन देखा है. हो सकता है कल ना किया हो. मगर आज वह ज़रूर चुदाई करेंगे.


भैया- सुजय, तू अभी छोटा है. मैं तेरी मम्मी को देखता हूँ, तो ऐसा लगता है कि उनके अन्दर की आग शांत नहीं हुई है. इसीलिए वे ज्यादा खुश नहीं दिखती हैं. वैसे जब वह नहाने जाती हैं. तब तुम देखना, वे अपनी चूत में उंगली करती होंगी.


मैं- मैं ज़रूर देखूँगा भैया, वैसे भी जबसे आपने मम्मी की बातें करना शुरू किया है. मेरा लंड बैठने का नाम ही नहीं लेता है. भैया- बेटा ये तो शुरुआत है. सोच जो दूध तूने बचपन में चूसे थे, वे तुझे अब चूसने को मिल जाएं … तो तेरा क्या हाल होगा?


मैं- भैया आप ऐसी बातें करके मेरा लंड खड़ा कर देते हो. वैसे मेरा तो मन करता है कि मैं पूरे दिन मम्मी की चूचियां पीता रहूँ. भैया- यार, मुझे भी अपनी मम्मी की जवानी दिखा देना. मैं देख कर ही मुट्ठी मार लूँगा.


फिर इसी तरह की बकचोदी के बाद मैं अपने घर वापस आ गया और मम्मी के कमरे में बैठ कर टीवी देखने लगा.


मम्मी मेरे बगल में लेटी हुई थीं. उन्होंने एक मैक्सी पहन रखी थी.


मैं अपना मोबाइल चला रहा था.


कुछ देर बाद उन्होंने मुझे टीवी बंद करने को कह दिया. मैं टीवी बंद करके उनके साथ ही लेट गया.


कुछ देर बाद जब मम्मी ने करवट ली तो उनकी गांड मेरी तरफ आ गयी.


मम्मी की मैक्सी उनकी गांड में घुसी हुई थी. मैंने उनकी गांड की कुछ फोटो ले लीं. मम्मी की मोटी गांड देखकर मैं लंड सहलाने लगा.


फिर मैं कमरे से बाहर आ गया. सारा दिन मम्मी की याद में निकल गया.


रात को खाना खाने के बाद मैं फिर से मम्मी पापा की चुदाई देखने गया.


आज मुझे कुछ हाथ लगा, पापा सीधा लेट कर मम्मी से लंड चुसवा रहे थे.


थोड़ी देर बाद मम्मी पापा के लंड के ऊपर बैठ गईं और ऊपर नीचे होने लगीं. दो मिनट बाद शायद पापा के लंड का पानी निकल गया और पापा मम्मी को साइड हटा कर सो गए.


मम्मी बाजू में लेट कर अपनी उंगली को चूत में डाल कर अन्दर बाहर करने लगीं.


थोड़ी देर बाद वे भी अपनी चूत का पानी साफ करके सो गईं.


अब मुझे ये पता चल गया था कि पापा मम्मी को खुश नहीं कर पाते हैं इसलिए वे उंगली से काम चलाती हैं.


उसके बाद मैं अपने कमरे में आकर सो गया. अगली सुबह मैं जल्दी उठ गया और पापा के जाते ही मम्मी के कमरे में आ गया.


मैं टीवी चालू करके देखने लगा. मैंने अपने मोबाइल की वीडियो रिकॉर्डिंग चालू कर ली.


कुछ देर बाद मम्मी पेटीकोट में आ गईं.


मम्मी का गीला बदन चमक रहा था और उनका पेटीकोट भी कई जगह से गीला था.


मैंने मोबाइल ऐसे पकड़ा था जिससे उन्हें शक ना हो कि मैं उनकी वीडियो बना रहा हूँ. मम्मी ने जैसे ही अपना पेटीकोट नीचे किया, उनकी नग्न चूचियां दिखने लगीं.


मम्मी ने आज एक काली ब्रा पहनी, जिसमें वह बहुत सेक्सी दिख रही थीं. मैंने उनकी पूरी वीडियो बना ली.


फिर दोपहर होते ही मैं भैया के पास आ गया और मैंने उन्हें वह वीडियो दिखा दी.


मम्मी की गदराई जवानी देखकर तो भैया की आंखें बड़ी हो गईं और बोलती बंद हो गयी. उनका लंड कच्छे में खड़ा साफ दिख रहा था.


भैया- यार सुजय, बुरा मत मानना. मगर आज मैं तेरी मम्मी को देखकर ही मुट्ठी मारूँगा. ऐसे गदराया बदन देखकर भी अगर किसी का लंड खड़ा ना हो, तो वह नामर्द ही है.


यह कह कर भैया ने मेरे सामने अपना कच्छा निकाल दिया और मम्मी की वीडियो चला दी.


वे वीडियो देखकर अपना लंड हिलाने लगे. मगर आज थोड़ी ही देर में उनका पानी निकल गया.


भैया के पानी की धार बड़ी दूर तक गयी और उनके लंड ने काफ़ी पानी निकाला था.


मैं- भैया, आज तो आपका पानी बहुत जल्दी निकल गया? भैया- यार सुजय … तेरी मम्मी की चूचियां कितनी बड़ी बड़ी हैं … और बिल्कुल गोल गोल हैं. इसे देखकर मैं कंट्रोल ही नहीं कर पाया. तूने तो बचपन में बहुत चूसी होंगी!


मैं- हां भैया, बचपन में तो चूसी ही होंगी. मगर मेरा मन तो अब ज्यादा चूसने का करता है. ऐसी बातों से भैया का लंड दुबारा से फिर खड़ा होने लगा था.


भैया- ये देख सुजय, तेरी मम्मी की चूचियां देखकर फिर से खड़ा हो गया. सोच यार … जब तेरी मम्मी की चूचियां इतनी अच्छी हैं, तो उनकी चूत कितनी अच्छी होगी. यार प्लीज़ एक बार मुझे अपनी मम्मी की चूत दिखा दे.


मैं- भैया मम्मी की चूत तो मैंने भी नहीं देखी है. मगर मैं कोशिश करूँगा कि आपको चूत दिखा दूँ. भैया- वैसे यार देखकर लगता है कि काफ़ी फूली हुई चूत होगी तेरी मम्मी की. वैसे कल तेरे पापा ने चुदाई की या नहीं?


मैं- हां भैया, बस 2 मिनट ही चोदा पापा ने मम्मी को … फिर मम्मी अपनी चूत में उंगली करके सो गईं.


भैया- देखा, मैंने कहा था ना कि तेरे पापा, तेरी मम्मी की चुदाई ठीक से नहीं करते हैं तेरी मम्मी बाथरूम में पक्का अपनी चूत में उंगली करती होंगी. तूने बाथरूम में देखा या नहीं?


मैं- नहीं भैया, वह तो मैं भूल ही गया. मगर कल ज़रूर देखूँगा. भैया- वैसे तुझे देखने में कोई परेशानी भी नहीं होगी. सीढ़ियों के पास ही बाथरूम है और बाथरूम के ऊपर जो छोटी खिड़की है न … वहां से तू अन्दर का सारा नजारा बड़े आराम से देख सकता है.


मैं- भैया आपको कैसे पता कि वहां एक छोटी सी खिड़की है? भैया- यार, तू भूल रहा है. तेरे बर्थडे पर मैं तेरे घर गया था. तब मैं बाथरूम भी गया था, वहां देखा था. वहीं से मम्मी पर नज़र रख … अगर तेरी किस्मत अच्छी निकली, तो तेरी मम्मी ज़रूर चूत में उंगली करती दिखाई दे जाएंगी.


मैं- वैसे भैया हो सकता है कि वह अपने कमरे में उंगली करती हों. जैसे रात को की थी!


भैया- यार, कहीं भी कर सकती हैं. बस तू अच्छे से नज़र रख. बाकी तुझे खुद पता चल जाएगा. वैसे मैं कुछ दिन के लिए अपने गांव जा रहा हूँ. जब वापस आऊंगा, तब तू बताना कि क्या क्या हुआ? लेकिन जब रात को तेरी मम्मी उंगली कर रही थीं, तो तूने तब वीडियो क्यों नहीं बनाया?


मैं- भैया वहां कमरे में ज्यादा लाइट नहीं थी ना … इसलिए.


भैया से बात करके मैं अपने घर आ गया और मम्मी पर नज़र रखने लगा.


आज रात को कुछ नहीं हुआ. पापा मम्मी सो गए और मैं अपने कमरे में आकर सो गया.


मगर मैं जानता था कि अगली सुबह मुझे मम्मी की चूत और गांड दिखने वाली है.


सुबह जब मम्मी नहाने गईं, तो मैं जल्दी से सीढ़ियों के पास आ गया और छुप कर अन्दर देखने लगा.


मम्मी ने अपना ब्लाउज खोला, फिर अपनी काली ब्रा निकाल दी. उनकी चूचियां हवा में झूल रही थीं.


उसके बाद मम्मी ने अपना पेटीकोट निकाल दिया. अब मम्मी सिर्फ़ काली पैंटी में खड़ी थीं.


मम्मी की गांड उस वी-शेप काली पैंटी में समा नहीं रही थी. फिर मम्मी ने अपनी पैंटी भी निकाल दी.


अब मुझे मम्मी की मोटी गांड दिखने लगी और मैं अपना लंड सहलाने लगा. जब मम्मी पलटीं, तब मैं अलग हो गया.


मगर मैं फिर से देखने लगा.


मम्मी की फूली हुई चूत की लाइन मुझे दिखाई दे रही थी. चूत के ऊपर थोड़े थोड़े बाल थे.


फिर मम्मी नीचे बैठ गईं और अपने ऊपर पानी डालने लगीं.


उन्होंने साबुन लगाया और साबुन लगाते हुए कई बार उन्होंने अपनी चूत पर हाथ भी मारा.


कुछ देर नहाने के बाद मम्मी ने पेटीकोट से खुद का शरीर पौंछ लिया और एक पैंटी पहन ली. फिर नया पेटीकोट पहन कर उसे अपने मम्मों तक चढ़ा कर बाँध लिया.


मैं जल्दी से कमरे में आ गया. कुछ ही देर बाद मम्मी भी आ गईं.


उन्होंने मेरे सामने ब्रा और ब्लाउज पहना. अब हम दोनों ने नाश्ता किया.


सारा दिन ऐसे ही निकल गया. उस रात को भी पापा ने चुदाई नहीं की.


मुझे लगा कि पापा मम्मी को हफ्ते में एक बार ही चोदते होंगे वह भी दो मिनट के लिए.


इस तरह से मुझे मम्मी और पापा को देखते हुए पूरे 5 दिन हो गए थे. पापा ने चुदाई नहीं की थी.


दूसरी तरफ मैं रोज बाथरूम में मम्मी को नंगी देखता था.


मम्मी हमेशा साबुन लगाती हुई अपनी चूत को मसलती थीं. मगर अभी तक मैंने उन्हें उंगली करते हुए नहीं देखा था.


फिर एक रात मुझे माँ सेक्स का वह दृश्य दिख गया जिसे देखने के लिए मैं मरा जा रहा था.


रात को मम्मी पापा के सोने के बाद मैं अपने कमरे में आ गया. मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैं मोबाइल में गेम खेल रहा था.


तभी बाहर मुझे किसी के चलने की आवाज़ आई. मैंने हल्के से दरवाजा खोला और बाहर देखने लगा. मुझे कोई दिखाई नहीं दिया.


फिर मैं मम्मी पापा के कमरे के पास आ गया. मैंने देखा कि अन्दर पापा सो रहे हैं और मम्मी बिस्तर पर नहीं थीं.


मैं जल्दी से बाथरूम की तरफ गया. मगर बाथरूम खाली था.


अब मैं दबे पांव छत पर गया. वहां मैंने देखा कि मम्मी दीवार के सहारे बैठी थीं. वे ऐसी जगह बैठी थीं, जिधर से उन्हें कोई देख नहीं सकता था. इतनी देर रात को तो वैसे भी कोई छत पर नहीं होता है.


मम्मी की मैक्सी घुटनों के ऊपर थी और वे जल्दी जल्दी अपनी चूत को रगड़ रही थीं. उनका एक हाथ उनकी चूचियों पर था जिनको वे दबा रही थीं.


मैंने उनकी वीडियो बनानी शुरू कर दी. मम्मी ने अपनी चूत को शांत करने के लिए घर की सबसे सेफ जगह चुनी थी.


मम्मी अपनी चूत और चूचियों को मसल रही थीं और मैं वहीं आड़ में खड़ा होकर यह सब देख रहा था.


कुछ देर बाद ही मम्मी शांत हो गईं. उन्होंने खुद की मैक्सी ठीक की और वहां से उठने लगीं.


मम्मी जैसे ही नीचे आने लगीं, तब तक मैं अपने कमरे में आ चुका था. मैं मम्मी की वीडियो देखता रहा और लंड सहलाता रहा.


कुछ देर बाद मैं मुट्ठी मार कर सो गया.


दोस्तो, मैंने यह जान लिया था कि मेरी मम्मी प्यासी हैं. अब सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको अपने पड़ोस वाले राहुल भैया की मम्मी से चुदाई किस तरह से हुई, वह लिखूँगा.


आप मुझे कमेंट्स करके जरूर बताएं कि आपको माँ सेक्स की गरम कहानी कैसी लग रही है. [email protected]


माँ सेक्स की गरम कहानी का अगला भाग:


अन्तर्वासना

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