पत्नी की बेरुखी से मेरे कदम डगमगा गए

विकास अग्रवाल

25-08-2022

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फेसबुक फ्रेंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि बच्चा होने के बाद मेरी पत्नी सेक्स से विरक्त हो गयी थी. ऐसे में मैंने सेक्स के लिए फेसबुक पर एक लड़की से दोस्ती की.


नमस्कार दोस्तो. मैं विकास अग्रवाल छत्तीसगढ़ से हूँ. अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली लेकिन सच्ची सेक्स कहानी है फेसबुक फ्रेंड सेक्स की!


वैसे तो मैं शादीशुदा आदमी हूँ. मेरे और मेरी पत्नी के बीच शादी के दो साल तक सब कुछ अच्छा चलता रहा. मेरी पत्नी सेक्स में बहुत रूचि लेती थी.


फिर जब हम दोनों को बेटा प्राप्त हुआ, तब हमारी ज़िन्दगी और भी ज्यादा ख़ुशी से गुजरने लगी.


पर अब एक फर्क आ गया था. पहला बच्चा होने के बाद मेरी पत्नी का ध्यान सेक्स से बिल्कुल खत्म हो गया था.


जिसके कारण हम दोनों के बीच आए दिन बहस होने लगी थी. मेरी बीवी ने तो मुझे बाहर मुँह मारने तक के लिए कह दिया.


मैंने भी बीवी की बात सुनकर फेसबुक पर एक फेक आईडी बना ली और अपने लिए माल की तलाश करने लगा. फेसबुक पर मेरी कई लड़कियों से बात हुई मगर इसमें बहुत सी आईडी मेरी आईडी की तरह फर्जी थीं.


ऐसे ही बहुत दिन बीत गए. एक दिन मैंने मैसेंजर से एक आईडी को देखा और उसे हैलो लिख कर भेज दिया.


ये आईडी कोई संजना के नाम से थी.


दो दिन के बाद मैंने उसी आईडी से हैलो का जवाब हैलो से पाया.


मैं और संजना बहुत बात करने लगे.


बातों बातों में मेरे और संजना के मोबाइल नंबर भी एक्सचेंज हो गए. शुरू शुरू में मुझे लगा था कि ये आईडी फर्जी है पर ये आईडी सही थी.


फोन नंबर एक्सचेंज होने के बाद हम दोनों ने पहली बार फोन पर बात की. मैं तो संजना की आवाज़ सुनकर ही खो गया.


मैंने संजना से उसकी फोटो मांगी पर संजना ने नहीं दी.


तब मैंने उससे वीडियो कॉल पर बात करने के लिए भी बोला. पर संजना वीडियो काल पर बात करना नहीं चाहती थी. पर फोन पर बात करने में संजना को कोई प्रॉब्लम नहीं थी.


मैं अब तक अपनी कई फोटो संजना को भेज चुका था. धीरे धीरे मैंने संजना को सब सच बता दिया कि मैं शादीशुदा हूँ.


हमारी बात लगभग 2014 में चालू हुई थी. संजना से बात करते करते मुझे लगभग 6 महीने से ज्यादा हो चुके थे. संजना को अब मुझ पर पूरी तरह से भरोसा हो चुका था.


मैंने एक बार फिर से संजना से अपनी फोटो भेजने के लिए बोला. लगभग 6 महीने के प्रयास के बाद संजना ने अपनी फोटो मुझे भेजी.


संजना की फोटो देख कर मैं उस पर मोहित हो गया. मैंने उससे कहा- तुम बहुत ही सुंदर हो. मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ. वो हंसने लगी और मुझे धन्यवाद कहा.


मैंने संजना से कहा- वीडियो कॉल पर बात करो. वो बोली- ठीक है.


पहली बार मैंने और संजना ने वीडियो कॉल पर बात की. मैं संजना को देखता रहा.


मैंने देखा कि संजना बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी पर कुछ मायूस दिखती थी. उसके मन में शायद कुछ डर था.


फिर हम दोनों के बीच इतनी ज्यादा मधुरता बढ़ गई कि संजना मुझे चौबीसों घंटे बात करने को रेडी रहती थी.


एक दिन मैंने संजना को अपने प्यार का इजहार कर दिया. मैंने संजना को आई लव यू लिख कर व्हाट्सएप पर भेज दिया.


संजना ने मेरा भेजा हुआ मैसेज देख लिया पर कुछ रिप्लाई नहीं दिया. मुझे लगा हमारी दोस्ती भी अब खत्म.


थोड़ी देर बाद संजना का वीडियो कॉल आया. हम दोनों बात करने लगे.


अब मैंने संजना को वीडियो कॉल में आई लव यू बोला. संजना सिर्फ मुस्कुराने लगी, पर वो बोली कुछ नहीं.


मैंने संजना से मिलने के लिए बोला तो संजना ने हां कह दिया.


संजना बिहार से थी. उसका पूरा नाम संजना सिन्हा था. वो बिहारी थी और बिल्कुल शांत स्वभाव की थी. संजना बिहार में अपने शहर में मुझसे नहीं मिलना चाहती थी.


मैंने संजना के कहने पर उसकी टिकट बुक कर दी. अब हमारा मिलन रायपुर में होने वाला था.


वो दिन 15 अगस्त 2014 का था, जब संजना दिन में रायपुर पहुंचने वाली थी.


मैं भी सुबह से रायपुर पहुंच गया और संजना की ट्रेन के आने का इन्तजार करने लगा. सही समय से संजना की ट्रेन रायपुर स्टेशन पर आ गयी.


संजना जैसे ही बाहर आई मैं उसको देखने में खो गया.


संजना ने नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी, हाथों में मेहंदी भी लगी थी और उसने अपनी कलाईयों में चूड़ियां पहनी हुई थीं. वो नई नवेली दुल्हन सी दिख रही थी.


मैं संजना के पास गया और उसको गले से लगाने के लिए अपनी बांहें पसार दीं. उसने अपना सामान नीचे रखा और वो भी खुल कर मेरे गले से लग गई.


फिर मैंने संजना का सामान उठा लिया और उसका हाथ पकड़ कर बाहर ले आया. हम दोनों एक ऑटो में बैठ गए.


मैंने संजना से पूछा- होटल में एक रूम लेना है या अलग अलग? संजना ने कहा- जैसा आपको ठीक लगे.


मैंने संजना से उसका आधार कार्ड ले लिया और रायपुर के एक 5 स्टार होटल में चले गए. होटल में मैंने एक ही रूम लिया और दोनों का आधार कार्ड दे दिया.


हमने अपना रिश्ता पति पत्नी का बताया. होटल के रिसेप्शनिस्ट ने हमें हनीमून रूम दे दिया और वेटर हम दोनों का सामान रूम में ले जाने लगा.


मैंने रूम में आने के बाद वेटर को टिप दिया और डू नॉट डिस्टर्ब का बोर्ड लगाने के लिए बोल दिया.


अब मैं और संजना रूम में पहली बार अकेले थे.


मैंने उसको एक गोल्ड की रिंग दी. तो संजना ने हाथ में अंगूठी लेने की जगह अपनी उंगली मेरी तरफ बढ़ा दी.


मैंने उसकी अनामिका उंगली में अंगूठी पहना दी और उसका हाथ चूम कर आई लव यू बोला.


संजना ने आज पहली बार आई लव यू टू बोला और मेरी बांहों में आ गयी.


संजना बोली- मुझे आपसे कुछ कहना है जो बात मैं आपसे फोन में कह नहीं पाई थी. मैंने संजना को बांहों में लेकर बेड में बैठा दिया.


संजना ने कहा- आप बहुत अच्छे हो और आज तक आपने मुझसे कोई भी गलत बात नहीं की, इसलिए मैं भी आपको चाहने लगी हूँ. पर जो बात मैंने आपको नहीं बता पाई, वो मैं आज बोलना चाहती हूँ. उसने बताया कि वो भी शादीशुदा है, पर उसका तलाक हो चुका है क्योंकि उसका पति नपुंसक था.


मैं उसके पति के नपुंसक होने की बात सुनकर खुश हो गया था.


संजना- मैंने आज तक आप से सिर्फ बात की थी, आपको समझा और अपना तलाक करवा कर हमेशा के लिए आपके पास आ गई हूँ. अब आपकी मर्जी है कि मुझे अपनाओ या नहीं, पर मैं आपसे बहुत प्यार करने लगी हूँ.


इसके बाद संजना ने अपने बैग से अपने तलाक के पेपर मेरी तरफ बढ़ा दिए. उसमें सब कुछ वही लिखा था जो संजना ने कहा था.


संजना ने कहा- अगर आप मुझे अपनी दूसरी बीवी बना सकते हैं तो बना लीजिए. मैं कभी भी आपके और आपकी पहली पत्नी के बीच नहीं आऊंगी. मैंने किसी की परवाह न करते हुए संजना से कहा- ठीक है जान, आज से तुम मेरी बीवी हो. मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है.


वो खुश हो गई. फिर मैंने आगे कहा- अब मैं समझ सका हूँ कि तुम इतनी उदास क्यों रहती थी. तुम ये सब मुझे पहले भी बता सकती थी.


वो कुछ नहीं बोली. मैंने संजना से वादा किया कि मैं उसे अपनी बीवी का दर्जा जरूर दूंगा.


अब मैंने अपनी फेसबुक फ्रेंड के दोनों हाथों को पकड़ लिया और उसको अपने पास लाकर उसके होंठों को अपने होंठों से जोड़ कर उसे चूमने लगा. संजना भी मुझे चूमने लगी.


संजना और मेरा ये पहला चुम्बन बहुत लम्बा चला. हम दोनों एक दूसरे में खो गए. हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए अपनी जीभें एक दूसरे के मुँह में घुसाने लगे.


संजना की आंखें वासना से लाल हो चुकी थीं. मैं संजना के गालों, आंखों, माथे को चूमते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा.


संजना कामुक सिसकारी लेने लगी और आह आह करने लगी. उसने अपने दोनों हाथों से मेरे हाथों को जोर से पकड़ लिया.


मैंने कहा- जान, क्या हम दोनों एक दूसरे में समा सकते हैं. संजना ने कहा- जैसे आप बोलो जान … मुझे सब मंजूर है.


अब मैं उसकी साड़ी खोलने लगा, जल्दी ही संजना ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने आ गई और शर्माने लगी. मैंने उसको पकड़ लिया और चूमने लगा.


फिर मैंने उसका ब्लाउज भी खोल दिया. संजना ने काले रंग की छोटी सी सिल्की ब्रा पहनी थी जो उसके खूबसूरत मम्मों को छुपाने की कोशिश कर रही थी.


मैंने संजना की ब्रा को भी खोल कर उसे उसके जिस्म से अलग कर दिया. वो ऊपर से नंगी हो गई थी. बड़े ही लाजवाब स्तन थे उसके.


मैंने संजना का पेटीकोट के नाड़े को भी खोल दिया. उसका पेटीकोट भी उसके जिस्म का साथ छोड़ गया.


अब संजना सिर्फ पैंटी में मेरे सामने थी. वो आंखें बंद करके शर्मा रही थी. उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो चुके थे.


मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए, बस अंडरवियर रहने दिया.


संजना का जिस्म 32-28-34 का साइज़ था. उसके दूध एकदम सुडौल भरे और तने हुए थे, चूचियों के निप्पल एकदम गहरे भूरे रंग के थे.


मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आगे बढ़ कर उसके एक निप्पल को अपने मुँह में ले लिया, साथ ही दूसरे निप्पल को हाथ से मसलने लगा.


संजना मस्त होने लगी थी; वो आह आह कर रही थी और आई लव यू जान बोल रही थी.


कुछ देर बाद मैंने संजना के दूसरे दूध का निप्पल मुँह में ले लिया और पहले वाले को दबाने मसलने लगा. मैं कभी कभी संजना के निप्पल को अपने दांतों से काट भी लेता.


संजना आह आह करती और अपने हाथों को मेरे बालो में लगातार फेरती जा रही थी. अब मैं संजना के मम्मों को चूमते हुए नीचे आ गया और उसके पेट को चूमने लगा.


संजना ने जोर से बेड के चादर को पकड़ लिया. मैंने संजना की पैंटी को पकड़ लिया जो पूरी गीली हो गई थी.


संजना की काले रंग की पूरी पैंटी उसकी चूत के रस से भीग चुकी थी. मैंने संजना की पैंटी को निकाल दिया. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी.


संजना का जिस्म बहुत मादक था. मैंने एक पल उसे निहारा और उसकी चूत को चूमने लगा.


संजना को मानो करेंट सा लगने लगा और वो जोर जोर से सिसकारी लेने लगी.


मैंने उसकी चूत की दोनों फांकों को अपने हाथों से फैलाया और अपनी जीभ को चूत के अन्दर बाहर करके उसे चोदने लगा. संजना आह आह करती हुई बोली- जान, मुझे भी आपका लंड चूसना है.


मैं संजना की चूत को चूमता हुआ 69 की पोजीशन में आ गया. संजना ने मेरी अंडरवियर निकल दी और वो मेरे 6 इंच लम्बे और 2.5 इंच मोटे खड़े लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.


मैं संजना की चूत को जोर जोर से चूमने लगा और वो मेरे लंड की खाल को ऊपर नीचे करके अपनी जीभ से चाटने लगी.


संजना का जिस्म कुछ ही देर में अकड़ने लगा. वो आह आह करने लगी.


संजना बोली- आंह जान … अब मैं झड़ने वाली हूँ. अपना मुँह हटा लो.


पर मैं उसकी चूत को चाटता रहा. संजना मेरे मुँह में झड़ गयी और मैं उसकी चूत से निकले पानी को चाट चाट कर पूरा पी गया और उसकी चूत को फिर से चाट कर गर्म करने लगा.


संजना भी दुबारा से मेरे खड़े लंड को चूमने चूसने लगी. संजना बोली- जान, अब मुझे अपना बना लो … हमेशा के लिए मेरे अन्दर समा जाओ. अब मुझसे सहन नहीं होता.


मैं उठ कर उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूमने लगा.


मैंने संजना को आई लव यू कहा. संजना ने आई लव यू टू कह कर मुझे अपनी बांहों में भर कर चूम लिया.


मैंने अपने लंड को पकड़ कर संजना की चूत के ऊपर रख कर दबाब दिया. संजना की चूत गीली थी इसलिए मेरा लंड फिसल गया.


मैंने फिर से संजना की चूत की फांकों को फैलाया और अपने लंड को चूत में फंसा दिया. संजना भी अब अपनी पहली चुदाई के लिए तैयार थी.


मैंने धीरे धीरे संजना की चूत में दबाब बनान शुरू किया. मेरा लंड संजना की चूत की फैलाते हुए अपना रास्ता बनाने लगा.


इस तरह से मैंने अपना आधा लंड संजना की चूत में घुसा दिया और रुक गया. उसके चेहरे में दिख रहे दर्द का पता चल रहा था.


मैं संजना की चूचियों को दबाने लगा और चूमने मसलने लगा ताकि उसका ध्यान चूत के दर्द से हट जाए.


लगभग एक मिनट के बाद संजना अपनी गांड हिलाने लगी. मैं अपने आधे घुसे लंड को अन्दर बाहर करके संजना की चूत चोदने लगा.


वो भी अपनी गांड उठा उठा कर नीचे से मेरा साथ देने लगी. उसी समय मैंने जोर का झटका मार कर अपने पूरे लंड को संजना की चूत में गहराई में घुसा दिया.


संजना आह करके सिहरने लगी. उसकी चूत से मुझे गर्म गर्म सा महसूस हुआ.


मैंने देखा तो संजना की चूत से खून आ रहा था. मैंने रुकना ठीक नहीं समझा और जोर जोर से संजना की चूत को चोदने लगा.


संजना नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लंड को अन्दर ले रही थी. कुछ देर की धकापेल चुदाई के बाद मैं भी अब झड़ने वाला हो गया था.


मैंने संजना से कहा तो वो बोली- जान अन्दर ही झड़ जाओ, मैं भी आपके साथ झड़ने वाली हूँ और आपको पूरा महसूस करना चाहती हूँ. मैं पूरे जोर से और तेज़ी से संजना को चोदने लगा.


‘आंह मैं आ रहा हूँ जान …’ कहते हुए मैंने अपनी पिचकारी संजना की चूत में चला दी. संजना भी मेरे साथ साथ झड़ गयी.


दोस्तो, ऐसे मेरा और संजना का प्रथम मिलन हुआ.


आगे क्या हुआ, यह जानने के लिए मेरे साथ बने रहें. कुछ गलती हो गई हो, तो माफ़ करना. [email protected]


फेसबुक फ्रेंड सेक्स कहानी का अगला भाग:


अन्तर्वासना

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